हरियाणा में अंधेरे में कराई स्टेट लेवल तीरंदाजी प्रतियोगिता:गाड़ियों की लाइट के सहारे चलाए तीर, बांटे मेडल; कोच बोले- टारगेट दिखना पर्याप्त हरियाणा के भिवानी में अंधेरे में ही राज्य स्तरीय तीरंदाजी प्रतियोगिता करा दी गई। आरोप है कि फीस के नाम पर खिलाड़ियों से मोटी रकम ली गई, लेकिन सुविधाओं के नाम पर कुछ नहीं दिया। खिलाड़ियों को गाड़ियों की लाइट में ही तीर चलाकर निशाने लगाने पड़े। यहीं नहीं, जिन टीमों या खिलाड़ियों को विजेता चुना गया, उन्हें अंधेरे में ही मेडल तक बांट दिए गए। मामला भिवानी के गांव सांगा में 12 अप्रैल को हुई 38वीं हरियाणा राज्य तीरंदाजी चैंपियनशिप का है। देर रात तक चली इस चैंपियनशिप में खेल और खिलाड़ियों के साथ हुई लापरवाही पर आयोजकों ने केवल इतना कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया कि- कुछ नहीं हुआ, सब सामान्य था। कुछ लोग चैंपियनशिप को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। जबकि चैंपियनशिप में अंधेरे में तीर चलाते खिलाड़ियों का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। अब जानिए किसने कराई प्रतियोगिता और VIDEO में क्या… हरियाणा आर्चरी एसोसिएशन ने कराई प्रतियोगिता
हरियाणा आर्चरी एसोसिएशन की ओर से लड़कों की हरियाणा राज्य स्तरीय तीरंदाजी प्रतियोगिता 10 से 12 अप्रैल तक भिवानी के गांव सांगा स्थित कश्मीरी देवी मैदान में आयोजित करवाई गई। इंडियन, रिकर्व व कंपाउंड राउंड रखे थे। इसके अलावा अंडर-10, अंडर-13, अंडर-15, जूनियर, सब जूनियर व सीनियर वर्ग की प्रतियोगिताएं करवाई गई। एंट्री फीस 300 रुपए और 1200 रुपए, 777 खिलाड़ी हुए शामिल
इस प्रतियोगिता के लिए एसोसिएशन की ओर से एंट्री फीस भी रखी गई थी। टीम के लिए एंट्री फीस 1200 रुपए और व्यक्तिगत के लिए 300 रुपए रखी। दो दिन चली इस प्रतियोगिता में प्रदेश भर से 777 खिलाड़ियों ने प्रतिभाग किया। एसोसिएशन ने खिलाड़ियों को दोपहर का खाना देने की बात कही थी जबकि रात को रुकने की व्यवस्था खिलाड़ियों को खुद ही करने के लिए कहा था। आयु अवधि भी निर्धारित की थी
इस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए आयु अवधि भी निर्धारित की गई। अंडर-10 के लिए 1 जनवरी 2015, अंडर-13 के लिए 1 जनवरी 2012, अंडर-15 के लिए 1 जनवरी 2010, सब जूनियर के लिए 1 जनवरी 2007, जूनियर के लिए खिलाड़ी का जन्म 1 जनवरी 2004 से पहले का ना हो। सीनियर वर्ग के लिए ओपन रखा गया था। व्यक्तिगत स्पर्धा में एलिमिनेशन राउंड के लिए शीर्ष 16 तीरंदाजों और टीम स्पर्धा में शीर्ष 8 टीमों के एलिमिनेशन राउंड मैचों के आयोजन की घोषणा की गई थी।
खिलाड़ियों ने अंधेरे में लगाए निशाने
इस प्रतियोगिता को जो VIDEO वायरल हो रहा है, उसमें खिलाड़ी गाड़ियों की लाइट में तीर चलाते नजर आ रहे हैं। कुछ गाड़ियों की लाइट को खिलाड़ियों की ओर रखा गया है ताकि वे रोशनी में खड़े हो सकें। खिलाड़ियों से दूर रखे टारगेट पर भी कुछ गाड़ियां खड़ी कर लाइट जला रखी हैं, ताकि वे दिखाई देते रहें। खिलाड़ियों और टारगेट के बीच में पूरी तरह अंधेरा है। इसी व्यवस्था में खिलाड़ी निशाने लगा रहे हैं। खिलाड़ियों के पीछे कुछ लोग खड़े हुए हैं, जो हाथों में मोबाइल की टॉर्च जलाकर उनकी हेल्प कर रहे हैं। यहां जानिए एसोसिएशन सचिव और कोच ने क्या कहा… एसोसिएशन के सेक्रेटरी बोले- ऐसा कुछ नहीं हुआ, VIDEO साजिश
हरियाणा आर्चरी एसोसिएशन के सेक्रेटरी राम निवासी हुड्डा ने बताया कि प्रतियोगिता समय से समाप्त हो गई थी। तीरंदाजी इवेंट शाम 5-6 बजे तक हुए थे। इसलिए गाड़ियों की लाइट में तीरंदाजी नहीं करवाई। इवेंट संबंधित दस्तावेज पूरे करने में देरी हुई होगी और वह गाड़ियों की लाइट में करवाई हो सकती है। कुछ शरारती तत्व भी एसोसिएशन में होते हैं। उनकी भी यह हरकत हो सकती है। एक-दो ऐसे भी लोग पकड़े हैं, जिन्होंने यह अपनी आय का माध्यम बनाया हुआ था। कई सालों से गलत फायदा उठाया जा रहा था। 5-6 साल से जो लोग लगे थे, उनसे आयोजन लेकर दूसरों के हाथ में दे दिया। उन्होंने छोटी-सी कमी निकालकर ऐसा किया हो सकता है। लेकिन ऐसा कुछ उनके संज्ञान में नहीं आया। कोच ने कहा- खिलाड़ियों ने की थी जिद
भिवानी के आर्चरी कोच एवं झज्जर आर्चरी एसोसिएशन के सचिव संजय सुहाग ने बताया कि इस प्रतियोगिता में पहली बार ऐसा हुआ है कि ग्राउंड में 50 टारगेट लगाए गए हों। अंधेरा होने के बाद खिलाड़ियों को अगले दिन प्रतियोगिता संपन्न करवाने के लिए कहा था। मगर, खिलाड़ियों और उनके अभिभावकों ने कहा कि रात को ही प्रतियोगिता पूरी करवाई जाए। इसलिए गाड़ी की लाइट की रोशनी टारगेट पर रखी और प्रतियोगिता करवाई। सभी की इसमें सहमति थी। कोच बोले- पहले भी कराई गई अंधेरे में प्रतियोगिता
संजय सुहाग ने आगे बताया कि पहले भी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताएं भी इस तरह अंधेरे और केवल टारगेट पर रोशनी डालकर करवाई गई हैं। तीरंदाजी प्रतियोगिता में टारगेट पर लाइट होना व साफ दिखाई देना जरूरी हाता है। यह प्रतियोगिता राष्ट्रीय स्तर की व्यवस्थाओं को ध्यान में रखकर करवाई गई थी। जो भी खिलाड़ी यहां से मेडल जीतकर गए हैं, उनको सरकार द्वारा इनाम दिया जाएगा। यहां से मिले सर्टिफिकेट आगे नेशनल लेवल की प्रतियोगिता में चयन के लिए काम आएंगे।