यूपी में विधायक अब ‘पास’ की रंगबाजी नहीं कर पाएंगे। उनकी इस रंगबाजी पर नकेल कसने की तैयारी हो रही है। अब टोल पर विधानसभा का पास दिखाकर वाहनों का काफिला पास नहीं हो सकेगा। विधानसभा अध्यक्ष ने अप्रैल के आखिर तक पहले से जारी सभी विधानसभा पास निरस्त करने के लिए कहा है। इसकी जगह रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RF आईडी) पास जारी होंगे। नए नियम के तहत एक विधायक को बस 2 पास दिए जाएंगे। इससे आने वाले दिनों में विधायक और पूर्व विधायक के नाम पर जारी होने वाले अनगिनत पासों पर लगाम लग जाएगी। पुराने पास का क्या दुरुपयोग होता था और नए पास से विधायकों की रंगबाजी कैसे रुकेगी, पढ़िए पूरी रिपोर्ट… पहले जानिए क्या होता है विधानसभा पास?
विधानसभा पास विधायकों को दिया जाना एक तरह का पास है। इसका इस्तेमाल विधानसभा में एंट्री करने के लिए किया जाता है। इसके अलावा विधायकों को कुछ अतिरिक्त पास दिए जाते हैं। इन्हें वह उन लोगों को देते हैं, जो विधानसभा में आना चाहते हैं। अक्सर अधिकारी या पत्रकार इसी पास का इस्तेमाल कर विधानसभा में एंट्री करते हैं। इसी विधानसभा पास के दुरुपयोग को लेकर विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने चेताया है। दरअसल, इन पास का इस्तेमाल अक्सर विधानसभा में प्रवेश के लिए कम और टोल बचाने के लिए ज्यादा किया जा जाता है। अब नई व्यवस्था लागू करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष ने सभी विधायकों से सहयोग मांगा है। फिलहाल विधायक पास को लेकर क्या नियम हैं?
मौजूदा समय में विधायक को 2 पास देने और पूर्व विधायक काे 1 पास देने की व्यवस्था है। लेकिन, इसके उलट सिफारिश के आधार पर विधायकों को अनगिनत पास जारी कर दिए जाते हैं। विधानसभा सचिवालय से जुड़े एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि मामला माननीयों का होता है। वे कहीं न कहीं से सिफारिश लेकर आते हैं और पास जारी करा लेते हैं। कुछ विधायक ऐसे हैं, जिन्हें 10 या उससे ज्यादा पास जारी किए गए हैं। एक बाहुबली विधायक को तो 18 पास जारी किए गए। पढ़िए ‘विधायक पास’ के क्या-क्या फायदे विधायक पास के कई फायदे हैं, जिसकी वजह से इनकी काफी मांग रहती है। यह सार्वजनिक जगहों पर शक्ति प्रदर्शन का भी जरिया जैसा है। अधिकतम पास जारी होने का कोई नियम नहीं
विधानसभा पटल से विधायक और एमएलसी को 2-2 पास जारी किए जाते हैं। इसमें एक पास विधायक की गाड़ी के लिए और दूसरा उनके सहयोगी की गाड़ी के लिए होता है। लेकिन वरिष्ठ अधिकारियों की पैरवी पर यह संख्या बढ़ जाती है। यानी जिसका जैसा रसूख, उसे उतने पास हासिल हो जाते हैं। नए नियम के तहत अब सिर्फ 2 पास जारी होंगे
बीते विधानसभा सत्र के दौरान खुद विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने यह मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि विधायक पास का दुरुपयोग रोकने के लिए संसद की तर्ज पर अब यूपी विधानसभा में भी RF आईडी पास जारी किए जाएंगे। एक विधायक को अधिकतम 2 पास दिए जाएंगे। जहां तक टोल पर छूट की बात है, तो नेशनल हाईवे अथॉरिटी आफ इंडिया के नियमों के अनुसार विधायक छूट के दायरे में आते हैं। गाड़ी में अगर विधायक नहीं हैं, तो टोल देना पड़ेगा। हालांकि, इस नई व्यवस्था को लेकर कई विधायकों ने एतराज जताया है। उनका कहना है कि कई बार एयरपोर्ट पर हम लोगों को गाड़ी लेने के लिए आती है। ऐसे में पास वाहन का होना चाहिए, न कि विधायक का। RF आईडी से अपने आप खुल जाएंगे सचिवालय के गेट
राजधानी में सचिवालय के सभी भवनों में RF आईडी रीडर बैरियर लगे हैं। गाड़ी गेट पर जैसे ही पहुंचेगी, रीडर अपने आप आरएफ आईडी की जांच कर बैरियर ऊपर कर लेगा। यह बैरियर विधान भवन के गेट नंबर- 2, 5, 7 और 9 पर लगे हैं। इन गेट से विधान भवन में गाड़ियों का प्रवेश होता है। इसके अलावा बापू भवन, एनेक्सी भवन, योजना भवन और लोक भवन में भी RF आईडी रीडर बैरियर लगे हुए हैं। क्या होती है RF आईडी
RF आईडी यानी रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन एक ऐसी तकनीक है, जो चीजों को बिना छुए पहचानने और उनका पता लगाने के लिए रेडियो तरंगों का इस्तेमाल करती है। इसके 3 हिस्से होते हैं- टैग, रीडर और डेटाबेस। टैग एक छोटा-सा उपकरण होता है, जो कार के शीशे पर चिपका होता है। इसमें एक छोटी चिप होती है, जिसमें डाटाबेस से जानकारी फीड की जाती है। रीडर एक मशीन होती है, जो टैग में स्टोर की गई जानकारी को रीड कर अपनी प्रतिक्रिया देती है। RF आईडी से कैसे किया जाएगा कंट्रोल?
अभी तक मैनुअल पास जारी होता है। विधायक की ओर से एक एप्लिकेशन दी जाती है। इसमें वाहन की आरसी अटैच होती है। संबंधित पटल पर इंट्री करके मैनुअल पास जारी कर दिया जाता है। RF आईडी के बाद यह प्रक्रिया जटिल हो जाएगी। RF आईडी एक विधायक के नाम पर 2 पास जारी होने के बाद तीसरा पास जारी ही नहीं करेगी। तीसरा पास जारी कराने के लिए पहले के 2 पास में से एक को निरस्त कराना होगा और उसका टैग जमा करना होगा। ————————- ये खबर भी पढ़ें… योगी बोले- पहले के CM 12 बजे सोकर उठते थे:पिछली सरकारों ने वन डिस्ट्रिक-वन माफिया दिया सहारनपुर पहुंचे योगी ने कहा कि पिछली सरकार ने वन डिस्ट्रिक्ट वन माफिया दिया। हमने वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट दिया। हस्तशिल्पी पहले भी थे लेकिन पिछली सरकारों ने उनके लिए कुछ नहीं किया। पब्लिक तरसती रहती थी और उनके गुर्गे प्रदेश को तबाह कर देते थे। पढ़ें पूरी खबर… यूपी में विधायक अब ‘पास’ की रंगबाजी नहीं कर पाएंगे। उनकी इस रंगबाजी पर नकेल कसने की तैयारी हो रही है। अब टोल पर विधानसभा का पास दिखाकर वाहनों का काफिला पास नहीं हो सकेगा। विधानसभा अध्यक्ष ने अप्रैल के आखिर तक पहले से जारी सभी विधानसभा पास निरस्त करने के लिए कहा है। इसकी जगह रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RF आईडी) पास जारी होंगे। नए नियम के तहत एक विधायक को बस 2 पास दिए जाएंगे। इससे आने वाले दिनों में विधायक और पूर्व विधायक के नाम पर जारी होने वाले अनगिनत पासों पर लगाम लग जाएगी। पुराने पास का क्या दुरुपयोग होता था और नए पास से विधायकों की रंगबाजी कैसे रुकेगी, पढ़िए पूरी रिपोर्ट… पहले जानिए क्या होता है विधानसभा पास?
विधानसभा पास विधायकों को दिया जाना एक तरह का पास है। इसका इस्तेमाल विधानसभा में एंट्री करने के लिए किया जाता है। इसके अलावा विधायकों को कुछ अतिरिक्त पास दिए जाते हैं। इन्हें वह उन लोगों को देते हैं, जो विधानसभा में आना चाहते हैं। अक्सर अधिकारी या पत्रकार इसी पास का इस्तेमाल कर विधानसभा में एंट्री करते हैं। इसी विधानसभा पास के दुरुपयोग को लेकर विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने चेताया है। दरअसल, इन पास का इस्तेमाल अक्सर विधानसभा में प्रवेश के लिए कम और टोल बचाने के लिए ज्यादा किया जा जाता है। अब नई व्यवस्था लागू करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष ने सभी विधायकों से सहयोग मांगा है। फिलहाल विधायक पास को लेकर क्या नियम हैं?
मौजूदा समय में विधायक को 2 पास देने और पूर्व विधायक काे 1 पास देने की व्यवस्था है। लेकिन, इसके उलट सिफारिश के आधार पर विधायकों को अनगिनत पास जारी कर दिए जाते हैं। विधानसभा सचिवालय से जुड़े एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि मामला माननीयों का होता है। वे कहीं न कहीं से सिफारिश लेकर आते हैं और पास जारी करा लेते हैं। कुछ विधायक ऐसे हैं, जिन्हें 10 या उससे ज्यादा पास जारी किए गए हैं। एक बाहुबली विधायक को तो 18 पास जारी किए गए। पढ़िए ‘विधायक पास’ के क्या-क्या फायदे विधायक पास के कई फायदे हैं, जिसकी वजह से इनकी काफी मांग रहती है। यह सार्वजनिक जगहों पर शक्ति प्रदर्शन का भी जरिया जैसा है। अधिकतम पास जारी होने का कोई नियम नहीं
विधानसभा पटल से विधायक और एमएलसी को 2-2 पास जारी किए जाते हैं। इसमें एक पास विधायक की गाड़ी के लिए और दूसरा उनके सहयोगी की गाड़ी के लिए होता है। लेकिन वरिष्ठ अधिकारियों की पैरवी पर यह संख्या बढ़ जाती है। यानी जिसका जैसा रसूख, उसे उतने पास हासिल हो जाते हैं। नए नियम के तहत अब सिर्फ 2 पास जारी होंगे
बीते विधानसभा सत्र के दौरान खुद विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने यह मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि विधायक पास का दुरुपयोग रोकने के लिए संसद की तर्ज पर अब यूपी विधानसभा में भी RF आईडी पास जारी किए जाएंगे। एक विधायक को अधिकतम 2 पास दिए जाएंगे। जहां तक टोल पर छूट की बात है, तो नेशनल हाईवे अथॉरिटी आफ इंडिया के नियमों के अनुसार विधायक छूट के दायरे में आते हैं। गाड़ी में अगर विधायक नहीं हैं, तो टोल देना पड़ेगा। हालांकि, इस नई व्यवस्था को लेकर कई विधायकों ने एतराज जताया है। उनका कहना है कि कई बार एयरपोर्ट पर हम लोगों को गाड़ी लेने के लिए आती है। ऐसे में पास वाहन का होना चाहिए, न कि विधायक का। RF आईडी से अपने आप खुल जाएंगे सचिवालय के गेट
राजधानी में सचिवालय के सभी भवनों में RF आईडी रीडर बैरियर लगे हैं। गाड़ी गेट पर जैसे ही पहुंचेगी, रीडर अपने आप आरएफ आईडी की जांच कर बैरियर ऊपर कर लेगा। यह बैरियर विधान भवन के गेट नंबर- 2, 5, 7 और 9 पर लगे हैं। इन गेट से विधान भवन में गाड़ियों का प्रवेश होता है। इसके अलावा बापू भवन, एनेक्सी भवन, योजना भवन और लोक भवन में भी RF आईडी रीडर बैरियर लगे हुए हैं। क्या होती है RF आईडी
RF आईडी यानी रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन एक ऐसी तकनीक है, जो चीजों को बिना छुए पहचानने और उनका पता लगाने के लिए रेडियो तरंगों का इस्तेमाल करती है। इसके 3 हिस्से होते हैं- टैग, रीडर और डेटाबेस। टैग एक छोटा-सा उपकरण होता है, जो कार के शीशे पर चिपका होता है। इसमें एक छोटी चिप होती है, जिसमें डाटाबेस से जानकारी फीड की जाती है। रीडर एक मशीन होती है, जो टैग में स्टोर की गई जानकारी को रीड कर अपनी प्रतिक्रिया देती है। RF आईडी से कैसे किया जाएगा कंट्रोल?
अभी तक मैनुअल पास जारी होता है। विधायक की ओर से एक एप्लिकेशन दी जाती है। इसमें वाहन की आरसी अटैच होती है। संबंधित पटल पर इंट्री करके मैनुअल पास जारी कर दिया जाता है। RF आईडी के बाद यह प्रक्रिया जटिल हो जाएगी। RF आईडी एक विधायक के नाम पर 2 पास जारी होने के बाद तीसरा पास जारी ही नहीं करेगी। तीसरा पास जारी कराने के लिए पहले के 2 पास में से एक को निरस्त कराना होगा और उसका टैग जमा करना होगा। ————————- ये खबर भी पढ़ें… योगी बोले- पहले के CM 12 बजे सोकर उठते थे:पिछली सरकारों ने वन डिस्ट्रिक-वन माफिया दिया सहारनपुर पहुंचे योगी ने कहा कि पिछली सरकार ने वन डिस्ट्रिक्ट वन माफिया दिया। हमने वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट दिया। हस्तशिल्पी पहले भी थे लेकिन पिछली सरकारों ने उनके लिए कुछ नहीं किया। पब्लिक तरसती रहती थी और उनके गुर्गे प्रदेश को तबाह कर देते थे। पढ़ें पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
विधायक अब ‘पास’ की रंगबाजी नहीं कर पाएंगे:अब सिर्फ 2 पास होंगे जारी; एक बाहुबली MLA को जारी हुए हैं 18 पास
