विनेश फोगाट-बजरंग पूनिया दिल्ली में राहुल गांधी से मिले:कांग्रेस ने टिकट ऑफर की; विनेश को 3, बजरंग को 2 सीटों का ऑप्शन दिया

विनेश फोगाट-बजरंग पूनिया दिल्ली में राहुल गांधी से मिले:कांग्रेस ने टिकट ऑफर की; विनेश को 3, बजरंग को 2 सीटों का ऑप्शन दिया

पहलवान विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया के हरियाणा विधानसभा चुनाव लड़ने की चर्चा के बीच दोनों ने दिल्ली में राहुल गांधी से मुलाकात की। इससे दोनों के चुनाव लड़ने के संकेत मिल रहे हैं। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस दोनों पहलवानों को टिकट का ऑफर दे चुकी है। विनेश को 3 और बजरंग को 2 सीटों के ऑप्शन दिए गए हैं। हालांकि, कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया ने मंगलवार को कहा था- चुनाव लड़ने का फैसला विनेश फोगाट का होगा। इसे लेकर बुधवार को स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। पार्टी सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस की कोशिश है कि दोनों को विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाकर पहलवान आंदोलन को BJP के खिलाफ भुनाया जा सके। फिलहाल कांग्रेस को विनेश फोगाट की हां का इंतजार है। बजरंग पूनिया के चुनाव लड़ने को लेकर कांग्रेस को पॉजिटिव संकेत मिले हैं, लेकिन बात विनेश पर टिकी हुई है। विनेश को इन 3 सीटों का ऑफर
कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक विनेश फोगाट को जिन 3 सीटों का ऑफर दिया गया है, उनमें पहली 2 सीटें चरखी दादरी की दादरी और बाढड़ा है। वह इसी जिले के बलाली गांव की रहने वाली हैं। विनेश अगर दादरी से हामी भरेंगी तो उनका मुकाबला चचेरी बहन दंगल गर्ल बबीता फोगाट से हो सकता है। बबीता यहां से 2019 में BJP की टिकट पर चुनाव लड़ी थीं, लेकिन हार गईं। इस बार भी वह टिकट की दावेदार हैं। विनेश को तीसरा ऑप्शन जींद की जुलाना सीट की दी गई है। यहां विनेश फोगाट का ससुराल है। बजरंग को इन 2 सीटों का ऑफर
कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक बजरंग पूनिया को भी दो सीटों का ऑफर दिया गया है। बजरंग सोनीपत से चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं, लेकिन यहां से कांग्रेस मौजूदा विधायक सुरेंद्र पंवार को ही टिकट देना चाहती है। पंवार अभी ED केस में जेल में बंद हैं। वह चुनाव न लड़े तो उनके बेटे या बहू को टिकट मिल सकता है। कांग्रेस उनका टिकट काटकर यह संकेत नहीं देना चाहती कि मुसीबत के वक्त नेता का साथ छोड़ दिया। बजरंग ने झज्जर की बादली सीट में भी दिलचस्पी दिखाई है, लेकिन यहां से कांग्रेस मौजूदा विधायक कुलदीप वत्स का टिकट फाइनल कर चुकी है। वत्स बड़ा ब्राह्मण चेहरा हैं, इसलिए कांग्रेस उनका टिकट काटकर ब्राह्मण वोट बैंक को नाराज नहीं करना चाहती। बजरंग को कांग्रेस की तरफ से बहादुरगढ़ और भिवानी का ऑप्शन दिया गया है। ये दोनों जाट बाहुल्य सीट हैं। भूपेंद्र हुड्‌डा टिकट की पैरवी कर रहे
कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय चुनाव समिति की मीटिंग में भूपेंद्र हुड्‌डा ने विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया की टिकट की पैरवी की। हुड्‌डा ने कहा कि पहलवानों के साथ खड़े होने से हरियाणा में लोगों का समर्थन कांग्रेस के पक्ष में आएगा। केंद्रीय चुनाव समिति ने इसके लिए चर्चा के बाद हामी भर दी। हालांकि, चुनाव लड़ने या न लड़ने और सीट चुनने का फैसला विनेश और बजरंग पर छोड़ दिया है। एयरपोर्ट पर दीपेंद्र हुड्‌डा ने किया था स्वागत
पेरिस ओलिंपिक में एक दिन में 3 फाइट जीतने के बाद भी मेडल से चूकी विनेश का 17 अगस्त को भारत लौटने पर दिल्ली एयरपोर्ट से उनके गांव बलाली तक ग्रेंड वेलकम हुआ था। सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्‌डा एयरपोर्ट पर ही स्वागत करने पहुंचे और फिर उनके काफिले में भी गुरुग्राम तक चले। इसके बाद प्रदेश के अलग-अलग जिलों में बुलाकर खाप पंचायतें उनका सम्मान कर रही हैं। झज्जर, रोहतक, जींद, दादरी जिले में उनका कई जगह सम्मान भी हो चुका है। विनेश केंद्र सरकार के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन में भी शामिल हो चुकी हैं। विनेश-बजरंग ने बृजभूषण के खिलाफ धरने की अगुआई की
साल 2023 में महिला पहलवानों ने भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष (WFI) के तत्कालीन अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण के आरोप लगाए थे। बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक की अगुआई में पहलवानों ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना दिया। यह धरना करीब 140 दिन तक चला। विनेश फोगाट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम एक खुला खत लिखा था, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह मेडल लौटा देंगी। इन पुरस्कारों का मेरी जिंदगी में अब कोई मतलब नहीं रह गया है। इससे पहले पहलवान साक्षी मलिक ने खेल से संन्यास लेने की घोषणा की थी। पहलवान बजरंग पूनिया भी अपना पद्मश्री पुरस्कार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास के बाहर रख दिया था। पहलवान विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया के हरियाणा विधानसभा चुनाव लड़ने की चर्चा के बीच दोनों ने दिल्ली में राहुल गांधी से मुलाकात की। इससे दोनों के चुनाव लड़ने के संकेत मिल रहे हैं। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस दोनों पहलवानों को टिकट का ऑफर दे चुकी है। विनेश को 3 और बजरंग को 2 सीटों के ऑप्शन दिए गए हैं। हालांकि, कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया ने मंगलवार को कहा था- चुनाव लड़ने का फैसला विनेश फोगाट का होगा। इसे लेकर बुधवार को स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। पार्टी सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस की कोशिश है कि दोनों को विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाकर पहलवान आंदोलन को BJP के खिलाफ भुनाया जा सके। फिलहाल कांग्रेस को विनेश फोगाट की हां का इंतजार है। बजरंग पूनिया के चुनाव लड़ने को लेकर कांग्रेस को पॉजिटिव संकेत मिले हैं, लेकिन बात विनेश पर टिकी हुई है। विनेश को इन 3 सीटों का ऑफर
कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक विनेश फोगाट को जिन 3 सीटों का ऑफर दिया गया है, उनमें पहली 2 सीटें चरखी दादरी की दादरी और बाढड़ा है। वह इसी जिले के बलाली गांव की रहने वाली हैं। विनेश अगर दादरी से हामी भरेंगी तो उनका मुकाबला चचेरी बहन दंगल गर्ल बबीता फोगाट से हो सकता है। बबीता यहां से 2019 में BJP की टिकट पर चुनाव लड़ी थीं, लेकिन हार गईं। इस बार भी वह टिकट की दावेदार हैं। विनेश को तीसरा ऑप्शन जींद की जुलाना सीट की दी गई है। यहां विनेश फोगाट का ससुराल है। बजरंग को इन 2 सीटों का ऑफर
कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक बजरंग पूनिया को भी दो सीटों का ऑफर दिया गया है। बजरंग सोनीपत से चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं, लेकिन यहां से कांग्रेस मौजूदा विधायक सुरेंद्र पंवार को ही टिकट देना चाहती है। पंवार अभी ED केस में जेल में बंद हैं। वह चुनाव न लड़े तो उनके बेटे या बहू को टिकट मिल सकता है। कांग्रेस उनका टिकट काटकर यह संकेत नहीं देना चाहती कि मुसीबत के वक्त नेता का साथ छोड़ दिया। बजरंग ने झज्जर की बादली सीट में भी दिलचस्पी दिखाई है, लेकिन यहां से कांग्रेस मौजूदा विधायक कुलदीप वत्स का टिकट फाइनल कर चुकी है। वत्स बड़ा ब्राह्मण चेहरा हैं, इसलिए कांग्रेस उनका टिकट काटकर ब्राह्मण वोट बैंक को नाराज नहीं करना चाहती। बजरंग को कांग्रेस की तरफ से बहादुरगढ़ और भिवानी का ऑप्शन दिया गया है। ये दोनों जाट बाहुल्य सीट हैं। भूपेंद्र हुड्‌डा टिकट की पैरवी कर रहे
कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय चुनाव समिति की मीटिंग में भूपेंद्र हुड्‌डा ने विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया की टिकट की पैरवी की। हुड्‌डा ने कहा कि पहलवानों के साथ खड़े होने से हरियाणा में लोगों का समर्थन कांग्रेस के पक्ष में आएगा। केंद्रीय चुनाव समिति ने इसके लिए चर्चा के बाद हामी भर दी। हालांकि, चुनाव लड़ने या न लड़ने और सीट चुनने का फैसला विनेश और बजरंग पर छोड़ दिया है। एयरपोर्ट पर दीपेंद्र हुड्‌डा ने किया था स्वागत
पेरिस ओलिंपिक में एक दिन में 3 फाइट जीतने के बाद भी मेडल से चूकी विनेश का 17 अगस्त को भारत लौटने पर दिल्ली एयरपोर्ट से उनके गांव बलाली तक ग्रेंड वेलकम हुआ था। सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्‌डा एयरपोर्ट पर ही स्वागत करने पहुंचे और फिर उनके काफिले में भी गुरुग्राम तक चले। इसके बाद प्रदेश के अलग-अलग जिलों में बुलाकर खाप पंचायतें उनका सम्मान कर रही हैं। झज्जर, रोहतक, जींद, दादरी जिले में उनका कई जगह सम्मान भी हो चुका है। विनेश केंद्र सरकार के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन में भी शामिल हो चुकी हैं। विनेश-बजरंग ने बृजभूषण के खिलाफ धरने की अगुआई की
साल 2023 में महिला पहलवानों ने भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष (WFI) के तत्कालीन अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण के आरोप लगाए थे। बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक की अगुआई में पहलवानों ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना दिया। यह धरना करीब 140 दिन तक चला। विनेश फोगाट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम एक खुला खत लिखा था, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह मेडल लौटा देंगी। इन पुरस्कारों का मेरी जिंदगी में अब कोई मतलब नहीं रह गया है। इससे पहले पहलवान साक्षी मलिक ने खेल से संन्यास लेने की घोषणा की थी। पहलवान बजरंग पूनिया भी अपना पद्मश्री पुरस्कार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास के बाहर रख दिया था।   हरियाणा | दैनिक भास्कर