पंजाब-हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर चल रहे किसान मोर्चे पर डटे एक और किसान की शुक्रवार-शनिवार की रात मौत हो गई। तबीयत बिगड़ने के बाद किसान को इलाज के लिए अस्पताल दाखिल किया गया था। जहां उनकी जान चली गई। मारे गए किसान नेता की पहचान बलविंदर सिंह (72) के तौर पर हुई है। वे मोगा के रहने वाले थे। बलविंदर सिंह तीन एकड़ जमीन का मालिक था। हाल ही में सरकार की बेरुखी और अनदेखी के चलते वे शंभू बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन का हिस्सा बने थे। बलविंदर सिंह की मौत के बाद उनका परिवार और गांववाले गहरे शोक में हैं। किसान नेताओं का कहना है कि यह बेहद दुखद और दर्दनाक स्थिति है। किसानों को अपने अपनों के शवों को कंधे पर उठाकर गांव ले जाना पड़ रहा है। बीते दिन बिगड़ी थी सेहत बलविंदर सिंह कुछ दिनों से बीमार थे। उनकी तबियत बिगड़ने पर सबसे पहले उन्हें राजपुरा ले जाया गया, जहां उनकी स्थिति गंभीर देखी गई। इसके बाद उन्हें पटियाला रेफर किया गया, और अंततः पीजीआई चंडीगढ़ ले जाया गया, जहां देर रात उनकी मृत्यु हो गई। उनकी मौत के बाद उनका शव पीजीआई में पोस्टमार्टम के लिए रखा गया है। केंद्र सरकार की अनदेखी और किसानों में बढ़ता असंतोष बलविंदर सिंह की मौत ने एक बार फिर से किसानों में सरकार के प्रति रोष और असंतोष को बढ़ा दिया है। किसान नेताओं का कहना है कि केंद्र सरकार की नीतियों और उपेक्षा के कारण किसान आंदोलन में शामिल किसानों का स्वास्थ्य और मानसिक स्थिति बुरी तरह प्रभावित हो रही है। उन्होंने केंद्र सरकार से किसानों की मांगों को जल्द से जल्द मानने का आग्रह किया है ताकि किसानों को आंदोलन के दौरान इस तरह की समस्याओं और दुखद घटनाओं का सामना न करना पड़े। पंजाब-हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर चल रहे किसान मोर्चे पर डटे एक और किसान की शुक्रवार-शनिवार की रात मौत हो गई। तबीयत बिगड़ने के बाद किसान को इलाज के लिए अस्पताल दाखिल किया गया था। जहां उनकी जान चली गई। मारे गए किसान नेता की पहचान बलविंदर सिंह (72) के तौर पर हुई है। वे मोगा के रहने वाले थे। बलविंदर सिंह तीन एकड़ जमीन का मालिक था। हाल ही में सरकार की बेरुखी और अनदेखी के चलते वे शंभू बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन का हिस्सा बने थे। बलविंदर सिंह की मौत के बाद उनका परिवार और गांववाले गहरे शोक में हैं। किसान नेताओं का कहना है कि यह बेहद दुखद और दर्दनाक स्थिति है। किसानों को अपने अपनों के शवों को कंधे पर उठाकर गांव ले जाना पड़ रहा है। बीते दिन बिगड़ी थी सेहत बलविंदर सिंह कुछ दिनों से बीमार थे। उनकी तबियत बिगड़ने पर सबसे पहले उन्हें राजपुरा ले जाया गया, जहां उनकी स्थिति गंभीर देखी गई। इसके बाद उन्हें पटियाला रेफर किया गया, और अंततः पीजीआई चंडीगढ़ ले जाया गया, जहां देर रात उनकी मृत्यु हो गई। उनकी मौत के बाद उनका शव पीजीआई में पोस्टमार्टम के लिए रखा गया है। केंद्र सरकार की अनदेखी और किसानों में बढ़ता असंतोष बलविंदर सिंह की मौत ने एक बार फिर से किसानों में सरकार के प्रति रोष और असंतोष को बढ़ा दिया है। किसान नेताओं का कहना है कि केंद्र सरकार की नीतियों और उपेक्षा के कारण किसान आंदोलन में शामिल किसानों का स्वास्थ्य और मानसिक स्थिति बुरी तरह प्रभावित हो रही है। उन्होंने केंद्र सरकार से किसानों की मांगों को जल्द से जल्द मानने का आग्रह किया है ताकि किसानों को आंदोलन के दौरान इस तरह की समस्याओं और दुखद घटनाओं का सामना न करना पड़े। पंजाब | दैनिक भास्कर
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लुधियाना में जाली नोट छापने का मास्टरमाइंड गिरफ्तार:500 का नोट पकड़ा गया तो छापी 100-200 की करंसी, यूट्यूब से सीखा था बनाना
लुधियाना में जाली नोट छापने का मास्टरमाइंड गिरफ्तार:500 का नोट पकड़ा गया तो छापी 100-200 की करंसी, यूट्यूब से सीखा था बनाना लुधियाना जिला के जगराओं में जाली नोट छापने वाले मास्टरमाइंड आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी करीब पिछले 7 महीने से फरार चल रहा था, जिसे पकड़ने में पुलिस की सीआईए स्टाफ ने सफलता हासिल की है। आरोपी की पहचान हरभगवान सिंह उर्फ मिठून निवासी गांव बघेलेवाला मोगा के रूप में हुई है। पुलिस ने आरोपी को अदालत में पेश कर पूछताछ के लिए 2 दिन का रिमांड हासिल किया है। 7 महीने पहले गिरफ्तार हुआ था एक आरोपी
पुलिस का मानना है कि आरोपी से पूछताछ के दौरान कई बड़े खुलासे हो सकते हैं, इस मामले में जानकारी देते हुए सीआईए स्टाफ के एएसआई धरमिंदर सिंह ने बताया कि पुलिस ने करीब सात महीने पहले जाली नोट छाप कर आगे नोटों की सप्लाई करने वाले एक आरोपी को उस समय पकड़ा था, जब आरोपी अपने साथी के कहने पर जाली नोटों की सप्लाई करने गांव चौकीमान के बस स्टैंड पर आया था। इस से पहले कि आरोपी जाली नोट अपने ग्राहक को सप्लाई करता, पुलिस ने आरोपी को दबोच लिया। मुख्य आरोपी की तलाश में थी पुलिस
पुलिस ने इस मामले मास्टरमाइंड समेत दोनों आरोपियों पर थाना सदर में मामला दर्ज कर लिया था। आरोपियों की पहचान कुलदीप सिंह उर्फ बंगाली निवासी गांव लड़े व हरभगवान सिंह उर्फ मिठून निवासी गांव बघेलेवाला मोगा के रूप में हुई है। पुलिस ने कुलदीप सिंह को गिरफ्तार कर उससे 5800 रुपए के जाली नोट बरामद किये थे। हालांकि मास्टरमाइंड आरोपी हरभगवान सिंह पुलिस गिरफ्त से बाहर था। जिसको पुलिस ने अब गुप्त सूचना के आधार पर गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया। पहले भी जा चुके हैं जेल
जाली नोट छापने के मामले में ये आरोपी पहले भी जेल जा चुके हैं, करीब साढ़े तीन साल पहले जेल से छूटकर आने के बाद आरोपियों ने फिर से मिलकर जाली नोट छापने का धंधा शुरू कर दिया। जांच अधिकारी धरमिंदर सिंह ने बताया कि आरोपी ने पूछताछ दौरान बताया कि उस पर पहले भी जाली नोट छापने का मामला समालसर में दर्ज हुआ था। आरोपी ने बताया कि पहले उन्होंने 500 500 के नोट छापे थे लेकिन उन नोटों को हर कोई चेक करता था, जिस कारण वह पकड़े गए थे। आरोपी ने बताया कि पुरानी गलती को सुधारते हुए इस बार 200 व 100-100 के नोट छापे, क्योंकि दुकानदार सिर्फ 500 के नोट की ही जांच करते हैं। 100-200 के नोट कोई दुकानदार चेक नही करता है। इसी का फायदा उठा कर 100-200 के जाली करंसी छापे। यूट्यूब से बनाना सीखे नकली नोट
पुलिस की गिरफ्त में आरोपी ने पूछताछ दौरान बताया कि वह तो अपने साथी की सिर्फ नोट सप्लाई करने और बाजारों में नोट चलाने का काम करता है। जबकि नोट छापने का काम हरभगवान सिंह का है। उसने यूट्यूब से जाली नोट बनाने का काम सीखा था। नोटों पर कलर मैचिंग आदि का काम भी उसने धीरे धीरे कर यूट्यूब से ही सीखा था। फिलहाल पुलिस ने इस मामले के मुख्य आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया है।
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