अमृतसर | श्री अकाल तख्त साहिब के आदेशों का आधा-अधूरा पालन के आरोपों के बीच जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा कि सिंह साहिबान द्वारा पार्टी की मजबूती के लिए बनाई गई 7 मेंबरी कमेटी कायम है। लेकिन आदेशों के पालन में यदि कहीं ढिलाई हो रही है, तो वह नहीं होनी चाहिए। शनिवार को जत्थेदार ने कहा शुक्रवार को चंडीगढ़ में अकाली दल की कार्यकारिणी की बैठक के बाद पार्टी प्रवक्ता डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने बताया कि बैठक में सुखबीर बादल का इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है। सिर्फ सुखबीर बादल का इस्तीफा मंजूर किया गया है, जबकि अन्य नेताओं द्वारा दिए गए इस्तीफे पहले ही नामंजूर कर दिए गए थे। जत्थेदार ने कहा कि नए सदस्यता अभियान और नए डेलिगेट्स बनाकर प्रधान पद के चुनाव के लिए कमेटी का गठन किया गया है। यदि उसे कार्यशील नहीं बनाया गया तो इससे साफ है कि 2 दिसंबर को जारी आदेशों का पूरी तरह से पालन नहीं किया जा रहा है। वे चाहते हैं कि वर्किंग कमेटी बनी रहे। जो आदेश दिए गए हैं, उन्हें जल्द से जल्द पूरा किया जाए। अमृतसर | श्री अकाल तख्त साहिब के आदेशों का आधा-अधूरा पालन के आरोपों के बीच जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा कि सिंह साहिबान द्वारा पार्टी की मजबूती के लिए बनाई गई 7 मेंबरी कमेटी कायम है। लेकिन आदेशों के पालन में यदि कहीं ढिलाई हो रही है, तो वह नहीं होनी चाहिए। शनिवार को जत्थेदार ने कहा शुक्रवार को चंडीगढ़ में अकाली दल की कार्यकारिणी की बैठक के बाद पार्टी प्रवक्ता डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने बताया कि बैठक में सुखबीर बादल का इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है। सिर्फ सुखबीर बादल का इस्तीफा मंजूर किया गया है, जबकि अन्य नेताओं द्वारा दिए गए इस्तीफे पहले ही नामंजूर कर दिए गए थे। जत्थेदार ने कहा कि नए सदस्यता अभियान और नए डेलिगेट्स बनाकर प्रधान पद के चुनाव के लिए कमेटी का गठन किया गया है। यदि उसे कार्यशील नहीं बनाया गया तो इससे साफ है कि 2 दिसंबर को जारी आदेशों का पूरी तरह से पालन नहीं किया जा रहा है। वे चाहते हैं कि वर्किंग कमेटी बनी रहे। जो आदेश दिए गए हैं, उन्हें जल्द से जल्द पूरा किया जाए। पंजाब | दैनिक भास्कर
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राज्य मंत्री का साथी लुधियाना कोर्ट में होगा पेश:2 दिन का रिमांड खत्म, कारोबारी से फिरौती मांगी, डेटा तैयार कर रही पुलिस
राज्य मंत्री का साथी लुधियाना कोर्ट में होगा पेश:2 दिन का रिमांड खत्म, कारोबारी से फिरौती मांगी, डेटा तैयार कर रही पुलिस पंजाब के लुधियाना में केन्द्रीय राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू के साथी राजीव राजा को आज जिला पुलिस कोर्ट में पेश करेगी। राजा का पुलिस को दिन पहले रिमांड मिला था। रिमांड आज समाप्त होने के बाद उन्हें फिर से अदालत में पेश किया जाएगा। पुलिस राजा का पिछला खाका भी तैयार कर रही है। जानकारी के मुताबिक पुलिस ने राजीव राजा के फोन से कई नंबरों को शक के दायरे में रखकर उनकी जांच शुरू कर दी है। कई संदिग्ध नंबरों की सूची पुलिस ने बनाई है। उनकी कॉल डिटेल रिकॉर्ड निकलवाई है। इस केस में कई लोग पुलिस रडार पर है। पुलिस राजा के पिछले करीब 6 महीने से अधिक का डेटा इकट्ठा कर रही है। उधर, पुलिस ने कोर्ट में रिमांड लेटर में कहा है कि रंगदारी मांगने वाले 3 आरोपियों के साथ राजा के लिंक है। उनकी फोन पर बातें होती रही थीं, वो भी इस साजिश में शामिल था। रोहन ने उगला राजीव राजा का नाम सूत्रों के मुताबिक पता चला है कि रंगदारी की शिकायत की जांच करते हुए पुलिस ने पहले रकम लेने आए 2 आरोपी सरहस मौदगिल और जगजीत सिंह को पकड़ा था। उनकी सूचना पर पुलिस ने रंगदारी मांगने वाले रोहन सिंह को पकड़ा। जब रोहन से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि उसने राजीव राजा के कहने पर रंगदारी मांगी थी। इसके बाद पुलिस ने राजा को गिरफ्तार किया। कारोबारी रवीश के पास काम करता था सरहस
सरहस कारोबारी रवीश के पास 2019 से 2021 तक काम करता रहा है। वह उसके पास मार्केटिंग पर्सन के तौर पर काम करता था। उसने नौकरी छोड़ दी और रवीश को भी नुकसान पहुंचाया। उसने रवीश के ग्राहकों से सीधा संपर्क करना शुरू कर दिया था। सरहस ने अपना व्यवसाय शुरू किया था। एक दिन सरहस से रोहन ने 5 लाख की रंगदारी मांगी तो उसने कहा कि वह पैसे नहीं दे सकता, लेकिन किससे पैसे मिल सकते है इस बारे जरूर बता सकता है। यह कहकर आरोपियों ने मिलकर गिरोह बनाया है और रवीश से रंगदारी मांगी। 2022 में राजा ने कहा था, मुझे मिल रही धमकियां
नवंबर 2022 में राजीव राजा खुद मीडिया में कह रहा था कि मुझे फेसबुक मैसेंजर पर वीडियो कॉल पर जान से मारने की धमकियां मिली हैं। कॉल करने वाले ने उसे एके 47 दिखाई है। उस समय घबराए राजीव राजा अपनी पत्नी और बच्चों के साथ पुलिस कमिश्नर के दफ्तर पहुंचा और वहां शिकायत दर्ज कराने के बाद उन्होंने शहर छोड़ने का भी ऐलान कर दिया। उसने कहा था कि यह पहली बार नहीं है कि मुझे जान से मारने की धमकियां मिली हैं। वह पहले भी पुलिस से इस बारे में शिकायत कर चुका हैं। लेकिन कोई सुनवाई न होने के कारण उसे शहर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा है। ये है पूरा मामला
मॉल एन्क्लेव निवासी 37 वर्षीय कारोबारी पीड़ित रवीश गुप्ता ने पुलिस को बताया कि पिछले कुछ दिनों से उन्हें एक अंतरराष्ट्रीय नंबर से लगातार वॉट्सऐप पर कॉल और मैसेज आ रहे थे। अज्ञात कॉलर ने 30 लाख रुपए की फिरौती मांगी और धमकी दी कि ऐसा न करने पर जान से मारने सहित गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। रवीश गुप्ता की शिकायत पर त्वरित कार्रवाई करते हुए डिवीजन नंबर 8 पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 308(4) (जबरन वसूली) और 351(2) (आपराधिक धमकी) के तहत एफआईआर दर्ज की है। राजा पर विधान सभा रिटर्निंग ऑफिसर ने करवाया था पर्चा
2022 में लुधियाना पश्चिम विधानसभा क्षेत्र के रिटर्निंग ऑफिसर के बयान के बाद एफआईआर दर्ज की गई थी। रिटर्निंग ऑफिसर ने बताया कि राजीव राजा ने वोट डालते समय मतदान केंद्र का वीडियो पोस्ट किया था, जो सोशल मीडिया पर सामने आया था। उस समय आरोपी के खिलाफ जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 126 बी, 132 और आईपीसी की धारा 188 के तहत थाना डिवीजन नंबर 5 में मामला दर्ज किया गया था। केन्द्रीय मंत्री बिट्टू CM पर साध रहे निशाना केंद्रीय राज्यमंत्री रवनीत सिंह बिट्टू, मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान पर भड़के हुए है। बिट्टू ने कहा था कि मुझे सुबह ही पता था कि लुधियाना में क्या हो रहा है। मुख्यमंत्री मान अपनी कुर्सी बचाने के लिए मेरे नजदीकियों पर मामले दर्ज करवा रहे हैं। बिट्टू ने कहा था कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी बुरी तरह हारी है। इसमें कोई शक नहीं है कि हम सभी ने मिलकर कड़ी मेहनत की है। हिम्मत है तो मेरे खिलाफ मामला दर्ज कराएं- बिट्टू बिट्टू ने कहा था कि अगर सीएम मान में हिम्मत है तो वह मेरे खिलाफ केस दर्ज करवाएं। बिट्टू ने कहा कि संसद सत्र खत्म होने के बाद मैं खुद मुख्यमंत्री मान के आवास के बाहर सरेंडर करने जाऊंगा। बिट्टू ने कहा कि राजीव राजा मेरे यूथ समय के दोस्त हैं। वह एक व्यापारी हैं। उन्हें इस केस में झूठा फंसाया गया है। राजीव राजा के परिवार से मुझे फोन आया और उन्होंने मुझे इस घटना की जानकारी दी। पुलिस ने दो अपराधियों को गिरफ्तार किया है। उनके मुंह से राजा का नाम निकलवाया गया है और उन्हें इस केस में झूठा फंसाया गया है। बिट्टू ने कहा था कि लुधियाना पुलिस ने 10 जगहों पर छापेमारी की है। पुलिस मेरे करीबियों पर छापेमारी कर रही है और युवाओं को झूठे केस में फंसा रही है। बिट्टू ने कहा था कि भगवंत सिंह मान सत्ता के नशे में चूर हैं।

तरनतारन में किसान-पुलिस के बीच धक्का-मुक्की:जम्मू कटरा एक्सप्रेस-वे के लिए जमीन पर कब्जा लेने गए थे अधिकारी, मशीनों के आगे लेटे किसान
तरनतारन में किसान-पुलिस के बीच धक्का-मुक्की:जम्मू कटरा एक्सप्रेस-वे के लिए जमीन पर कब्जा लेने गए थे अधिकारी, मशीनों के आगे लेटे किसान पंजाब में तरनतारन के रख शेख फत्ता गांव में जम्मू कटरा एक्सप्रेस-वे के लिए जमीन अधिग्रहण के मुद्दे पर किसान और प्रशासन आमने-सामने आ गए। भारी पुलिस बल की मदद से प्रशासनिक अधिकारी जमीन पर कब्जा लेने के लिए पहुंचे, लेकिन उन्हें के किसानों के विरोध का सामना करना पड़ा। भारी पुलिस बल के साथ पहुंची अधिकारियों और कर्मचारियों की टीम ने जमीन पर कब्जा लेने के लिए पोकलेन मशीनें चलाने की कोशिश की। किसानों ने मशीनों के आगे लेटकर विरोध किया। इस दौरान पुलिस और किसानों के बीच धक्का-मुक्की भी हुई। किसानों के विरोध को देखते हुए प्रशासन को अपनी मशीनें वापस बुलानी पड़ी। जबरदस्ती जमीन पर कब्जे की कोशिश इस मौके पर किसानों ने कहा पोकलेन मशीन चलाए जाने से उनकी धान की फसल बर्बाद हो गई है। वे शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे थे, लेकिन प्रशासन ने जबरदस्ती उनकी जमीनों पर कब्ज़ा करने की कोशिश की। किसानों का कहना था कि पुलिस ने उनके साथ मारपीट की और किसानों पर लाठीचार्ज किया। किसानों ने कहा कि जब तक सरकार उन्हें जमीन का उचित दाम नहीं देगी, वे किसी भी हालत में अपनी जमीन सरकार को नहीं देंगे। उधर, जब एसडीएम तरनतारन सिमरनदीप सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश पर आज कुछ जमीन पर कब्जा ले लिया गया है। एसडीएम ने कहा कि प्रशासन ने किसानों के साथ किसी तरह का धक्का नहीं किया है, किसानों ने खुद ही प्रशासन का विरोध किया है।

पंजाब में प्रोमोशन के लंबित मामलों पर आदेश जारी:सरकार सख्त, 1 महीने में निपटाने को कहा, 3 लाख कर्मचारियों से जुड़ा मामला
पंजाब में प्रोमोशन के लंबित मामलों पर आदेश जारी:सरकार सख्त, 1 महीने में निपटाने को कहा, 3 लाख कर्मचारियों से जुड़ा मामला पंजाब सरकार के विभिन्न विभागों में कर्मचारियों या अधिकारियों की पदोन्नति के सभी लंबित मामले एक महीने में पूरे कर लिए जाएंगे। इस मामले को लेकर कार्मिक विभाग सख्त हो गया है। विभाग ने इस संबंध में सभी विभागों के प्रमुखों को पत्र भेजकर प्राथमिकता के आधार पर कार्रवाई करने के आदेश जारी किए हैं। वहीं, मामलों के निपटारे के बाद उन्हें सरकार को रिपोर्ट भी देनी होगी। जालंधर उपचुनाव संपन्न होने के बाद राज्य सरकार एक्टिव मोड में आ गई है। ऐसे में अब कर्मचारियों पर फोकस हो गया है। सरकार की ओर से दिसंबर 2023 में सभी विभागों को पत्र जारी किया गया था। इसमें विभिन्न कैडर के अधिकारियों को दो महीने में पदोन्नत करने को कहा गया था। लंबित मामलों को तय समय में निपटाने के आदेश विभाग के संज्ञान में आया कि कई विभागों में कर्मचारियों की पदोन्नति से संबंधित मामले अभी भी लंबित हैं। इन्हें सीएम भगवंत मान के आदेश पर जारी किया गया था। इसके बाद अब उक्त लंबित मामलों को तय नियमों का पालन करते हुए निपटाने के आदेश जारी किए गए हैं। कोर्ट केस से बचने की कोशिश राज्य के विभिन्न सरकारी विभागों में करीब 3 लाख कर्मचारी सेवाएं दे रहे हैं। इनमें से 70 हजार अनुबंध पर और 60 हजार आउटसोर्स पर कार्यरत हैं। ऐसे में यह आदेश स्थायी कर्मचारियों पर भी लागू होगा। वहीं, समय पर पदोन्नति देने के पीछे सरकार की सोच कानूनी पेचीदगियों से खुद को बचाना है। क्योंकि पिछले दिनों मास्टर कैडर की पदोन्नति से जुड़े मामले भी हाईकोर्ट पहुंचे थे। ऐसे में वह इस मामले को निपटाने में जुटी है। 15 जुलाई से ट्रांसफर शुरू इससे पहले सरकार की तरफ से 15 जुलाई से 15 अगस्त सभी सरकारी विभागों में ट्रांसफर की प्रक्रिया शुरू करने का फैसला लिया है। विभाग ने तय किया है इस बार बार ट्रांसफर एक महीने में पूरी की जाएगी। इसके साथ ही अब 6635 ईटीटी अध्यापकों ने मांग की है उन्हें बदली का विशेष मौका दिया जाए। उन्होंने सरकार को भी पत्र भेजा है।