शिपकिला पास आजादी के बाद पहली बार खुलेगा आज:CM सुक्खू करेंगे शुभारंभ, मिलेगा नया टूरिस्ट डेस्टिनेशन; चीन बार्डर तक जा सकेंगे पर्यटक

शिपकिला पास आजादी के बाद पहली बार खुलेगा आज:CM सुक्खू करेंगे शुभारंभ, मिलेगा नया टूरिस्ट डेस्टिनेशन; चीन बार्डर तक जा सकेंगे पर्यटक

हिमाचल का शिपकिला पास आज से पर्यटकों के लिए ओपन हो जाएगा। इसके लिए केंद्र सरकार से परमिशन मिल गई है। CM सुखविंदर सुक्खू आज (10 जून) को पर्यटकों का स्वागत कर देश को नया टूरिस्ट डेस्टिनेशन सौंपेंगे। देश की आजादी के बाद पहली बार खुल रहे शिपकिला पास तक जाने के लिए आधार कार्ड जरूरी होगा। किन्नौर के खाब में ITBP की चेक पोस्ट पर पहचान पत्र दिखाने के बाद ही आगे जाने की परमिशन मिलेगी। अभी किन्नौर तक ही पर्यटक आ पाते थे, लेकिन खाब से आगे जाने की परमिशन किसी को नहीं थी। चीन बॉर्डर तक जा सकेंगे पर्यटक यहां से 32 किलोमीटर आगे जाकर पर्यटक चीन के बॉर्डर के पास पहुंच सकेंगे और यहां से चीन को देख पाएंगे। इसके अलावा यहां से रिवर सतलुज और स्पीति नदी का संगम, नाको में बौद्ध मॉनेस्ट्री और लेक देख सकेंगे। रात में ठहरने की यहां परमिशन नहीं होगी। खाब से आगे जाने वाले पर्यटकों को सुबह जाकर शाम को लौटना होगा। यहां से वे अपनी गाड़ी या टैक्सी दोनों तरीकों से जा सकते हैं। होटल की व्यवस्था किन्नौर शहर में आकर ही मिलेगी। अभी केवल भारतीय ही जा पाएंगे, विदेशियों को परमिशन नहीं शिपकिला पास को फिलहाल इंडियन पर्यटकों के लिए ही खोला गया है। केंद्र सरकार से मिली परमिशन के अनुसार यहां विदेश के पर्यटक अभी नहीं जा सकेंगे। देश के नागरिकों को भी खाब में आधार कार्ड दिखाने के बाद ही आगे जाने की परमिशन मिलेगी। यहां बनी ITBP की पोस्ट पर आगे जाने वाले पर्यटक की पूरी जानकारी नोट होगी। 4 पॉइंट में समझें कैसे होगी शिपकिला दर्रा की यात्रा? 12 महीने नहीं हो पाएगी यात्रा: शिपकिला दर्रा की समुद्र तल से 12 हजार 893 फीट की ऊंचाई है। अधिक ऊंचाई की वजह से यह यात्रा 12 महीने नहीं हो पाएगी। खराब मौसम और सर्दियों में पर्यटक नहीं जा पाएंगे। यहां 15 नवंबर के बाद कभी भी बर्फबारी होती है और कई बार 15 अप्रैल तक जारी रहती है। चंडीगढ़ से सवा 10 घंटे लगेंगे: शिपकिला तक मोटरेबल रोड है। यहां भारत-तिब्बत रोड यानी कालका-शिमला-किन्नौर NH-05 से पहुंचा जा सकता है। चंडीगढ़ से किन्नौर के खाब की दूरी लगभग 378 किलोमीटर है और इस सफर में शिमला से लगभग सवा 10 घंटे का वक्त लगेगा। नेशनल हाईवे पर खाब लास्ट पॉइंट है। यहां से ऊपर पहाड़ पर लगभग 32 किलोमीटर का सफर करके शिपकिला दर्रा तक पहुंचा जा सकेगा। आबादी नहीं इसलिए स्टे नहीं कर पाएंगे: शिपकिला में अभी आबादी नहीं है, इसलिए अभी यहां टूरिस्ट के ठहरने के लिए होटल की व्यवस्था नहीं होगी। ऐसे में टूरिस्ट को वापस नामज्ञा, पूह, काजा या रिकांगपियो इत्यादि जगह पर आना पड़ेगा। इन शहरों से टूरिस्ट सुबह अगर शिपकिला को जाएंगे तो वह शाम को आसानी से वापस लौट सकेंगे। रोज 300 लोग ही जा पाएंगे: शुरुआत में रोजाना 250 से 300 लोगों को ही शिपकिला दर्रा पर जाने की इजाजत दी जाएगी, क्योंकि खाब से आगे सिंगल लेन रोड है। ऐसे में ज्यादा वाहन नहीं भेजे जा सकेंगे। कैसे पहुंचे शिपकिला देशभर के जो टूरिस्ट शिपकिला जाना चाहते हैं, उन्हें पहले बस-ट्रेन या फिर अपने पर्सनल व्हीकल से चंडीगढ़ या फिर शिमला पहुंचना होगा। इसके बाद एनएच-5 के रास्ते किन्नौर और फिर खाब पहुंचना होगा। यहां से लिंक रोड से शिपकिला जाने के लिए टैक्सी हायर करनी होगी। अपने पर्सनल व्हीकल से भी लोग शिपकिला तक जा सकेंगे। इन पर्यटन स्थलों को भी देख सकेंगे टूरिस्ट शिपकिला जाने वाले टूरिस्ट खाब के साथ नाको, चांगो जैसे पर्यटन स्थलों को देख सकेंगे। खाब में सतलुज और स्पिति नदी का संगम है। नाको में मॉनेस्ट्री और लेक देख सकेंगे। किन्नौर जिला में अभी हेलि-टैक्सी की सुविधा नहीं है। हालांकि राज्य सरकार ने रिकांगपियो तक हेलि टैक्सी सेवा शुरू करने का केंद्र सरकार को प्रस्ताव जरूर भेज रखा है। 78 साल की देरी से ओपन क्यों हुआ दर्रा? 2 दशक से थी शिपकिला दर्रा खोलने की मांग
हिमाचल सरकार शिपकिला दर्रा को ओपन करने की मांग केंद्र सरकार से 2 दशक से करती आ रही थी। मई के पहले सप्ताह में केंद्र ने इसकी अनुमति दी है। इसके बाद सीएम सुक्खू आज शिपकिला में पर्यटन गतिविधियां शुरू करेंगे। इंडिया का सिल्क रूट रहा है शिपकिला दर्रा आजादी से पहले शिपकिला दर्रा के रास्ते भारत-चीन के बीच व्यापार होता था। इसे इंडिया का सिल्क रूट भी कहा जाता था। साल 2020 में कोविड के बाद इसे बंद कर दिया गया था। तब तक इस मार्ग से केवल व्यापार की ही अनुमति थी। इससे पहले शिपकिला दर्रा 1962 में भी जब चीन ने भारत पर हमला किया था, उस दौरान भी बंद किया गया। 1993 में फिर से व्यापार शुरू हो गया, लेकिन तब केवल व्यापारियों को ही यहां जाने की अनुमति थी। बॉर्डर एरिया के लोगों का पलायन भी रुकेगा
हिमाचल के रेवेन्यू मिनिस्टर एवं किन्नौर के विधायक जगत सिंह नेगी ने कहा कि इससे पर्यटकों को नया पर्यटन स्थल देखने को मिलेगा और क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियां बढ़ेंगी। उन्होंने बताया कि शिपकिला दर्रा ओपन होने से बॉर्डर एरिया के लोगों का पलायन भी रुकेगा। यह दर्रा आजादी के बाद से ही आम लोगों के लिए बंद कर दिया गया था। तस्वीरों में देखिए शिपकिला के नजारे हिमाचल का शिपकिला पास आज से पर्यटकों के लिए ओपन हो जाएगा। इसके लिए केंद्र सरकार से परमिशन मिल गई है। CM सुखविंदर सुक्खू आज (10 जून) को पर्यटकों का स्वागत कर देश को नया टूरिस्ट डेस्टिनेशन सौंपेंगे। देश की आजादी के बाद पहली बार खुल रहे शिपकिला पास तक जाने के लिए आधार कार्ड जरूरी होगा। किन्नौर के खाब में ITBP की चेक पोस्ट पर पहचान पत्र दिखाने के बाद ही आगे जाने की परमिशन मिलेगी। अभी किन्नौर तक ही पर्यटक आ पाते थे, लेकिन खाब से आगे जाने की परमिशन किसी को नहीं थी। चीन बॉर्डर तक जा सकेंगे पर्यटक यहां से 32 किलोमीटर आगे जाकर पर्यटक चीन के बॉर्डर के पास पहुंच सकेंगे और यहां से चीन को देख पाएंगे। इसके अलावा यहां से रिवर सतलुज और स्पीति नदी का संगम, नाको में बौद्ध मॉनेस्ट्री और लेक देख सकेंगे। रात में ठहरने की यहां परमिशन नहीं होगी। खाब से आगे जाने वाले पर्यटकों को सुबह जाकर शाम को लौटना होगा। यहां से वे अपनी गाड़ी या टैक्सी दोनों तरीकों से जा सकते हैं। होटल की व्यवस्था किन्नौर शहर में आकर ही मिलेगी। अभी केवल भारतीय ही जा पाएंगे, विदेशियों को परमिशन नहीं शिपकिला पास को फिलहाल इंडियन पर्यटकों के लिए ही खोला गया है। केंद्र सरकार से मिली परमिशन के अनुसार यहां विदेश के पर्यटक अभी नहीं जा सकेंगे। देश के नागरिकों को भी खाब में आधार कार्ड दिखाने के बाद ही आगे जाने की परमिशन मिलेगी। यहां बनी ITBP की पोस्ट पर आगे जाने वाले पर्यटक की पूरी जानकारी नोट होगी। 4 पॉइंट में समझें कैसे होगी शिपकिला दर्रा की यात्रा? 12 महीने नहीं हो पाएगी यात्रा: शिपकिला दर्रा की समुद्र तल से 12 हजार 893 फीट की ऊंचाई है। अधिक ऊंचाई की वजह से यह यात्रा 12 महीने नहीं हो पाएगी। खराब मौसम और सर्दियों में पर्यटक नहीं जा पाएंगे। यहां 15 नवंबर के बाद कभी भी बर्फबारी होती है और कई बार 15 अप्रैल तक जारी रहती है। चंडीगढ़ से सवा 10 घंटे लगेंगे: शिपकिला तक मोटरेबल रोड है। यहां भारत-तिब्बत रोड यानी कालका-शिमला-किन्नौर NH-05 से पहुंचा जा सकता है। चंडीगढ़ से किन्नौर के खाब की दूरी लगभग 378 किलोमीटर है और इस सफर में शिमला से लगभग सवा 10 घंटे का वक्त लगेगा। नेशनल हाईवे पर खाब लास्ट पॉइंट है। यहां से ऊपर पहाड़ पर लगभग 32 किलोमीटर का सफर करके शिपकिला दर्रा तक पहुंचा जा सकेगा। आबादी नहीं इसलिए स्टे नहीं कर पाएंगे: शिपकिला में अभी आबादी नहीं है, इसलिए अभी यहां टूरिस्ट के ठहरने के लिए होटल की व्यवस्था नहीं होगी। ऐसे में टूरिस्ट को वापस नामज्ञा, पूह, काजा या रिकांगपियो इत्यादि जगह पर आना पड़ेगा। इन शहरों से टूरिस्ट सुबह अगर शिपकिला को जाएंगे तो वह शाम को आसानी से वापस लौट सकेंगे। रोज 300 लोग ही जा पाएंगे: शुरुआत में रोजाना 250 से 300 लोगों को ही शिपकिला दर्रा पर जाने की इजाजत दी जाएगी, क्योंकि खाब से आगे सिंगल लेन रोड है। ऐसे में ज्यादा वाहन नहीं भेजे जा सकेंगे। कैसे पहुंचे शिपकिला देशभर के जो टूरिस्ट शिपकिला जाना चाहते हैं, उन्हें पहले बस-ट्रेन या फिर अपने पर्सनल व्हीकल से चंडीगढ़ या फिर शिमला पहुंचना होगा। इसके बाद एनएच-5 के रास्ते किन्नौर और फिर खाब पहुंचना होगा। यहां से लिंक रोड से शिपकिला जाने के लिए टैक्सी हायर करनी होगी। अपने पर्सनल व्हीकल से भी लोग शिपकिला तक जा सकेंगे। इन पर्यटन स्थलों को भी देख सकेंगे टूरिस्ट शिपकिला जाने वाले टूरिस्ट खाब के साथ नाको, चांगो जैसे पर्यटन स्थलों को देख सकेंगे। खाब में सतलुज और स्पिति नदी का संगम है। नाको में मॉनेस्ट्री और लेक देख सकेंगे। किन्नौर जिला में अभी हेलि-टैक्सी की सुविधा नहीं है। हालांकि राज्य सरकार ने रिकांगपियो तक हेलि टैक्सी सेवा शुरू करने का केंद्र सरकार को प्रस्ताव जरूर भेज रखा है। 78 साल की देरी से ओपन क्यों हुआ दर्रा? 2 दशक से थी शिपकिला दर्रा खोलने की मांग
हिमाचल सरकार शिपकिला दर्रा को ओपन करने की मांग केंद्र सरकार से 2 दशक से करती आ रही थी। मई के पहले सप्ताह में केंद्र ने इसकी अनुमति दी है। इसके बाद सीएम सुक्खू आज शिपकिला में पर्यटन गतिविधियां शुरू करेंगे। इंडिया का सिल्क रूट रहा है शिपकिला दर्रा आजादी से पहले शिपकिला दर्रा के रास्ते भारत-चीन के बीच व्यापार होता था। इसे इंडिया का सिल्क रूट भी कहा जाता था। साल 2020 में कोविड के बाद इसे बंद कर दिया गया था। तब तक इस मार्ग से केवल व्यापार की ही अनुमति थी। इससे पहले शिपकिला दर्रा 1962 में भी जब चीन ने भारत पर हमला किया था, उस दौरान भी बंद किया गया। 1993 में फिर से व्यापार शुरू हो गया, लेकिन तब केवल व्यापारियों को ही यहां जाने की अनुमति थी। बॉर्डर एरिया के लोगों का पलायन भी रुकेगा
हिमाचल के रेवेन्यू मिनिस्टर एवं किन्नौर के विधायक जगत सिंह नेगी ने कहा कि इससे पर्यटकों को नया पर्यटन स्थल देखने को मिलेगा और क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियां बढ़ेंगी। उन्होंने बताया कि शिपकिला दर्रा ओपन होने से बॉर्डर एरिया के लोगों का पलायन भी रुकेगा। यह दर्रा आजादी के बाद से ही आम लोगों के लिए बंद कर दिया गया था। तस्वीरों में देखिए शिपकिला के नजारे   हिमाचल | दैनिक भास्कर