हिमाचल प्रदेश वॉलीबॉल टीम के चयन पर छिड़ा विवाद CM सुखविंदर सुक्खू तक पहुंच गया है। चयन प्रक्रिया पर सवाल उठाने वाले खिलाड़ियों ने CM सुक्खू से मुलाकात की। इस दौरान इन खिलाड़ियों ने स्टेट की वॉलीबॉल टीम के लिए चयन को लेकर कमेटी पर भेदभाव के आरोप लगाए। खिलाड़ियों का आरोप है कि चयन कमेटी ने प्रतिभा को दरकिनार किया है। कोच ने चयन कमेटी के साथ साठ गांठ करके अपने बेटे को टीम में शामिल करवाया हैं। खिलाड़ियों का कहना है राष्ट्रीय स्तर पर वॉलीबॉल कैंप में शामिल हो चुके खिलाड़ी और पिछले कई सालों से हिमाचल वॉलीबॉल टीम में खेल रहे खिलाड़ियों को भी टीम से बाहर कर दिया गया है। खिलाड़ियों ने मुख्यमंत्री से की शिकायत ट्रायल प्रकिया में बाहर हुए खिलाड़ियों ने सोमवार देर शाम सीएम से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि सीएम सुक्खू ने बड़े ध्यानपूर्वक उनकी बात सुनी और मुख्यमंत्री ने खेल विभाग के निर्देशक को तुरंत प्रभाव से जांच करने और दोबारा ट्रॉयल करवाने के निर्देश दिए। कैमरे के सामने ऑन रिकॉर्ड दोबारा ट्रायल की मांग ट्रायल से निराश खिलाड़ियों ने कैमरे के सामने ऑन रिकॉर्ड ट्रायल दोबारा करवाने की मांग की। यदि चयनित खिलाड़ी उनसे बेहतर प्रदर्शन करेंगे तो वह खुद ही बाहर हो जाएंगे और दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। इस मामले को लेकर आधा दर्जन खिलाड़ियों ने ऊना में डिप्टी सीएम से भी मुलाकात की है। सभी को दिया बराबर मौका वहीं इस मामले में पर चयन कमेठी में शामिल अर्जुन अवार्डी संजय कुमार फोगाट ने कहा कि टीम चयन में पूरी पारदर्शिता बरती गई। सबको बराबर मौका दिया गया, जो बेहतरीन खिलाड़ी थे उनका टीम में चयन हुआ है। ट्रायल में 70 लड़के व 45 लड़कियों ने हिस्सा लिया था। विभाग कर रहा मामले की जांच वहीं इस मामले पर खेल मंत्री यादवेंद्र गोमा ने कहा कि इस पर विभाग द्वारा जांच की जा रही है। अगर कुछ अनूचित पाया गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। क्या है पूरा मामला ..? बता दें कि सीनियर नैशनल वॉलीबॉल प्रतियोगिता 7 से 13 जनवरी तक जयपुर में होनी है। इसके लिए 26 व 27 दिसंबर को शिमला के इंदिरा गांधी खेल परिसर में ट्रॉयल लिए गए। इस ट्रायल में 70 लड़के और 45 के लगभग लड़कियो ने भाग लिया। इस दौरान चयन प्रक्रिया पर कुछ खिलाड़ियों ने सवाल उठाए है। एक खिलाड़ी ने तो वीडियो सोशल मीडिया में डालकर कई गंभीर आरोप लगाए। हिमाचल प्रदेश वॉलीबॉल टीम के चयन पर छिड़ा विवाद CM सुखविंदर सुक्खू तक पहुंच गया है। चयन प्रक्रिया पर सवाल उठाने वाले खिलाड़ियों ने CM सुक्खू से मुलाकात की। इस दौरान इन खिलाड़ियों ने स्टेट की वॉलीबॉल टीम के लिए चयन को लेकर कमेटी पर भेदभाव के आरोप लगाए। खिलाड़ियों का आरोप है कि चयन कमेटी ने प्रतिभा को दरकिनार किया है। कोच ने चयन कमेटी के साथ साठ गांठ करके अपने बेटे को टीम में शामिल करवाया हैं। खिलाड़ियों का कहना है राष्ट्रीय स्तर पर वॉलीबॉल कैंप में शामिल हो चुके खिलाड़ी और पिछले कई सालों से हिमाचल वॉलीबॉल टीम में खेल रहे खिलाड़ियों को भी टीम से बाहर कर दिया गया है। खिलाड़ियों ने मुख्यमंत्री से की शिकायत ट्रायल प्रकिया में बाहर हुए खिलाड़ियों ने सोमवार देर शाम सीएम से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि सीएम सुक्खू ने बड़े ध्यानपूर्वक उनकी बात सुनी और मुख्यमंत्री ने खेल विभाग के निर्देशक को तुरंत प्रभाव से जांच करने और दोबारा ट्रॉयल करवाने के निर्देश दिए। कैमरे के सामने ऑन रिकॉर्ड दोबारा ट्रायल की मांग ट्रायल से निराश खिलाड़ियों ने कैमरे के सामने ऑन रिकॉर्ड ट्रायल दोबारा करवाने की मांग की। यदि चयनित खिलाड़ी उनसे बेहतर प्रदर्शन करेंगे तो वह खुद ही बाहर हो जाएंगे और दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। इस मामले को लेकर आधा दर्जन खिलाड़ियों ने ऊना में डिप्टी सीएम से भी मुलाकात की है। सभी को दिया बराबर मौका वहीं इस मामले में पर चयन कमेठी में शामिल अर्जुन अवार्डी संजय कुमार फोगाट ने कहा कि टीम चयन में पूरी पारदर्शिता बरती गई। सबको बराबर मौका दिया गया, जो बेहतरीन खिलाड़ी थे उनका टीम में चयन हुआ है। ट्रायल में 70 लड़के व 45 लड़कियों ने हिस्सा लिया था। विभाग कर रहा मामले की जांच वहीं इस मामले पर खेल मंत्री यादवेंद्र गोमा ने कहा कि इस पर विभाग द्वारा जांच की जा रही है। अगर कुछ अनूचित पाया गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। क्या है पूरा मामला ..? बता दें कि सीनियर नैशनल वॉलीबॉल प्रतियोगिता 7 से 13 जनवरी तक जयपुर में होनी है। इसके लिए 26 व 27 दिसंबर को शिमला के इंदिरा गांधी खेल परिसर में ट्रॉयल लिए गए। इस ट्रायल में 70 लड़के और 45 के लगभग लड़कियो ने भाग लिया। इस दौरान चयन प्रक्रिया पर कुछ खिलाड़ियों ने सवाल उठाए है। एक खिलाड़ी ने तो वीडियो सोशल मीडिया में डालकर कई गंभीर आरोप लगाए। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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