हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के संजौली में बढ़ते तनाव को देखते हुए, जिला प्रशासन ने शिमला शहर के संजौली क्षेत्र में कानून और शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए धारा 163 लागू कर दी है। डीसी अनुपम कश्यप ने कहा है कि संजौली क्षेत्र में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के अन्तर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए आदेश दिया गया है। उन्होंने कहा कि 11 सितंबर को सुबह 7 बजे ले लेकर रात 11:59 बजे तक लागू रहेगी। 5 लोग एक साथ नहीं हो सकेंगे इकट्ठा डीसी ने कहा कि जिले के संजौली क्षेत्र में कानून व्यवस्था कायम रखने व शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए धारा 163 लागू की गई है। उन्होंने कहा कि इस दौरान संजौली क्षेत्र में 5 या 5 से अधिक व्यक्तियों के एकत्रित होने पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध रहेगा। इसके साथ यहां पर किसी भी व्यक्ति को अग्नि अस्त्र, लाठी, बरछा, कुल्हाड़ी, साइकिल चेन, गंडासा, भाला, तलवार जैसे हथियार इत्यादि अस्त्र-शस्त्र तथा अन्य ज्वलनशील पदार्थों को लेकर चलने पर पूर्णतः प्रतिबन्ध रहेगा। उन्होंने कहा कि उक्त क्षेत्र में सामान्य जन-जीवन पूरी तरह से सामान्य रहेगा। स्कूल और सरकारी व निजी कार्यालय तथा बाजार पूरी तरह से खुला रहेंगे। उन्होंने कहा कि आम जनता को किसी भी प्रकार की परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा। क्षेत्र में कानून व्यवस्था बनाने के लिए प्रशासन सख्त कदम उठाने के लिए प्रयासरत है। धरना प्रदर्शन पर रहेगा पूर्ण प्रतिबंध उन्होंने कहा कि क्षेत्र में धारा 163 लागू रहने के दौरान बिना जिला प्रशासन की अनुमति के किसी को भी धरना प्रदर्शन, नारेबाजी, भूख हड़ताल करने की अनुमति प्रदान नहीं की जाएगी। वहीं अस्पताल, कोर्ट, शिक्षण संस्थान और और सार्वजनिक स्थानों पर लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर भी प्रतिबंध रहेगा। इस दौरान सांप्रदायिक, राष्ट्र, राज्य विरोधी भाषण नारे, दीवार लेखन, पोस्टर आदि पर भी पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाया गया है। नव बहार से लेकर संजौली तक लागू रहेगी धारा 163 डीसी शिमला ने कहा कि जारी आदेश नव बहार चौक से ढली टनल के ईस्टर्न पोर्टल, आईजीएमसी से संजौली चौक, संजौली चौक से चलौंठी, ढली (वाया संजौली चलौंठी जंक्शन) क्षेत्र में 11 सितंबर 2024 को सुबह 7 बजे से रात्रि 11.59 बजे तक जारी रहेंगे। हिन्दूवादी संगठन ने कल विशाल प्रदर्शन का किया आह्वान बता दें कि हिंदूवादी संगठनों ने आगामी कल 11 सितम्बर को 11 बजे संजौली में विशाल प्रदर्शन का आह्वान किया है। क्षेत्र में तनाव ना बड़े इसके लिए जिला प्रशासन ने तैयारी कर ली है। ऐसे में सभी की निगाहें प्रदर्शन का ऐलान करने वाले संगठनों के अगले कदम पर टिकी हुई हैं। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के संजौली में बढ़ते तनाव को देखते हुए, जिला प्रशासन ने शिमला शहर के संजौली क्षेत्र में कानून और शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए धारा 163 लागू कर दी है। डीसी अनुपम कश्यप ने कहा है कि संजौली क्षेत्र में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के अन्तर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए आदेश दिया गया है। उन्होंने कहा कि 11 सितंबर को सुबह 7 बजे ले लेकर रात 11:59 बजे तक लागू रहेगी। 5 लोग एक साथ नहीं हो सकेंगे इकट्ठा डीसी ने कहा कि जिले के संजौली क्षेत्र में कानून व्यवस्था कायम रखने व शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए धारा 163 लागू की गई है। उन्होंने कहा कि इस दौरान संजौली क्षेत्र में 5 या 5 से अधिक व्यक्तियों के एकत्रित होने पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध रहेगा। इसके साथ यहां पर किसी भी व्यक्ति को अग्नि अस्त्र, लाठी, बरछा, कुल्हाड़ी, साइकिल चेन, गंडासा, भाला, तलवार जैसे हथियार इत्यादि अस्त्र-शस्त्र तथा अन्य ज्वलनशील पदार्थों को लेकर चलने पर पूर्णतः प्रतिबन्ध रहेगा। उन्होंने कहा कि उक्त क्षेत्र में सामान्य जन-जीवन पूरी तरह से सामान्य रहेगा। स्कूल और सरकारी व निजी कार्यालय तथा बाजार पूरी तरह से खुला रहेंगे। उन्होंने कहा कि आम जनता को किसी भी प्रकार की परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा। क्षेत्र में कानून व्यवस्था बनाने के लिए प्रशासन सख्त कदम उठाने के लिए प्रयासरत है। धरना प्रदर्शन पर रहेगा पूर्ण प्रतिबंध उन्होंने कहा कि क्षेत्र में धारा 163 लागू रहने के दौरान बिना जिला प्रशासन की अनुमति के किसी को भी धरना प्रदर्शन, नारेबाजी, भूख हड़ताल करने की अनुमति प्रदान नहीं की जाएगी। वहीं अस्पताल, कोर्ट, शिक्षण संस्थान और और सार्वजनिक स्थानों पर लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर भी प्रतिबंध रहेगा। इस दौरान सांप्रदायिक, राष्ट्र, राज्य विरोधी भाषण नारे, दीवार लेखन, पोस्टर आदि पर भी पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाया गया है। नव बहार से लेकर संजौली तक लागू रहेगी धारा 163 डीसी शिमला ने कहा कि जारी आदेश नव बहार चौक से ढली टनल के ईस्टर्न पोर्टल, आईजीएमसी से संजौली चौक, संजौली चौक से चलौंठी, ढली (वाया संजौली चलौंठी जंक्शन) क्षेत्र में 11 सितंबर 2024 को सुबह 7 बजे से रात्रि 11.59 बजे तक जारी रहेंगे। हिन्दूवादी संगठन ने कल विशाल प्रदर्शन का किया आह्वान बता दें कि हिंदूवादी संगठनों ने आगामी कल 11 सितम्बर को 11 बजे संजौली में विशाल प्रदर्शन का आह्वान किया है। क्षेत्र में तनाव ना बड़े इसके लिए जिला प्रशासन ने तैयारी कर ली है। ऐसे में सभी की निगाहें प्रदर्शन का ऐलान करने वाले संगठनों के अगले कदम पर टिकी हुई हैं। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल हाईकोर्ट CPS केस में आज सुना सकता है फैसला:6 मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्ति का मामला; 3 याचिकाएं डालकर दी चुनौती हिमाचल हाईकोर्ट आज (बुधवार को) मुख्य संसदीय सचिव (CPS) केस में अपना फैसला सुना सकता है। न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर और न्यायाधीश बिपिन चंद्र नेगी की बैंच आज अपना फैसला सुना सकती है। बता दें कि, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कांग्रेस के 6 विधायकों को CPS बना रखा है। कल्पना नाम की एक महिला के अलावा राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी BJP के 11 विधायकों और पीपल फॉर रिस्पॉन्सिबल गवर्नेंस संस्था ने CPS की नियुक्ति को असंवैधानिक बताते हुए हिमाचल हाईकोर्ट में चुनौती दे रखी है। इस केस की सुनवाई जून को पूरी हो गई है। तब अदालत ने फैसला सुरक्षित रख दिया था। इनकी याचिका पर हाईकोर्ट बीते जनवरी महीने में CPS द्वारा मंत्रियों जैसी शक्तियों का उपयोग न करने के अंतरिम आदेश सुना चुका है। इसी मामले में राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट (SC) का भी दरवाजा खटखटा चुकी है और दूसरे राज्यों के SC में चल रहे CPS केस के साथ क्लब करने का आग्रह कर चुकी है। मगर, SC ने राज्य सरकार के आग्रह को ठुकराते हुए हाईकोर्ट में ही केस सुनने के आदेश दिए हैं। ये कांग्रेसी विधायक बनाए गए CPS CM सुक्खू ने कांग्रेस पार्टी के जिन 6 विधायकों को CPS बना रखा है, उनमें रोहड़ू के MLA एमएल ब्राक्टा, कुल्लू के सुंदर सिंह ठाकुर, अर्की के संजय अवस्थी, पालमपुर के आशीष बुटेल, दून के राम कुमार चौधरी और बैजनाथ के विधायक किशोरी लाल शामिल हैं। सरकार इन्हें गाड़ी, दफ्तर, स्टाफ और मंत्रियों के समान वेतन दे रही है। मंत्रियों की लिमिट तय, इसलिए विधायकों का एडजस्टमेंट भारतीय संविधान के अनुच्छेद-164 में किए गए संशोधन के मुताबिक, किसी राज्य में उसके विधायकों की कुल संख्या के 15% से अधिक मंत्री नहीं हो सकती। हिमाचल विधानसभा में 68 MLA हैं, इसलिए यहां अधिकतम 12 मंत्री ही बन सकते हैं। संसदीय सचिवों की नियुक्ति को गैर कानूनी ठहरा चुका SC याचिका में कहा गया कि हिमाचल और असम में संसदीय सचिवों की नियुक्ति से जुड़े एक्ट एक जैसे हैं। सुप्रीम कोर्ट, असम और मणिपुर में संसदीय सचिवों की नियुक्ति से जुड़े एक्ट को गैरकानूनी ठहरा चुका है। इस बात की जानकारी होने के बावजूद हिमाचल की कांग्रेस सरकार ने अपने विधायकों की नियुक्ति बतौर CPS की। इसकी वजह से राज्य में मंत्रियों और CPS की कुल संख्या 15% से ज्यादा हो गई। इस केस की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता की अपील पर CPS बने सभी कांग्रेसी विधायकों को व्यक्तिगत तौर पर प्रतिवादी बना रखा है। हर महीने सवा 2 लाख रुपए वेतन-भत्ता हाईकोर्ट में दाखिल पिटीशन में आरोप लगाया गया कि CPS बनाए गए सभी 6 कांग्रेसी विधायक लाभ के पदों पर तैनात हैं। इन्हें हर महीने 2 लाख 20 हजार रुपए वेतन और भत्ते के रूप में मिलते हैं। यानी ये विधायक राज्य के मंत्रियों के बराबर वेतन और अन्य सुविधाओं का लाभ उठा रहे हैं। याचिका में हिमाचल संसदीय सचिव (नियुक्ति, वेतन, भत्ते, शक्तियां, विशेषाधिकार और सुविधाएं) एक्ट, 2006 को भी रद्द करने की मांग की गई। राज्य सरकार ने इसी एक्ट के तहत छह CPS तैनात कर रखे हैं।
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हिमाचल हाईकोर्ट के कंटेम्प्ट केस में सख्त आदेश:पंचायतीराज विभाग के सचिव-डायरेक्टर की सरकारी गाड़ियां जब्त की जाए, पंचायत चौकीदारों को दैनिक वेतनभोगी नहीं बनाया हिमाचल हाईकोर्ट ने न्यायालय के आदेशों की अवहेलना से जुड़े केस में पंचायती राज विभाग के सचिव और डायरेक्टर की सरकारी गाड़ियां जब्त करने के आदेश दिए है। कोर्ट के आदेशों के बाद सचिव और डायरेक्टर सरकारी गाड़ियों का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे। न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ ने कहा कि दोनों अधिकारियों के सरकारी वाहन नंबर HP-07-E- 0027 और HP-07-E-0003 को कोर्ट के आगामी आदेशों तक जब्त किया जाए। हाईकोर्ट ने यह आदेश 25 सितंबर, 2023 को पारित आदेशों की अनुपालना नहीं करने पर दिए है, जिसमें कोर्ट ने 10 वर्षो तक बतौर अंशकालिक कार्यकाल पूरा करने वाले याचिकाकर्ता पंचायत चौकीदारों को नियत तिथि से दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों में परिवर्तित करने के आदेश दिए थे। हाईकोर्ट ने इन आदेशों की अनुपालना के लिए राज्य सरकार को आठ सप्ताह का समय दिया था। कोर्ट ने इन्हें राज्य सरकार की नियमितिकरण नीति के अनुसार नियत तारीख से दैनिक वेतन भोगी बनाने को कहा था। कोर्ट का फैसला लागू नहीं होने पर प्रार्थियों ने कंटेम्प्ट पिटीशन डाली। इस पिटीशन पर कोर्ट ने फिर से पंचायती राज विभाग ने जवाब मांगा। दैनिक वेतन भोगी को कुछ साल की सेवाओं के बाद सरकार चतुर्थ श्रेणी पदों पर रेगुलर करती है। विभाग फिर बोला, रेगुलर नहीं किए जा सकते पंचायत चौकीदार कोर्ट में विभाग ने कहा कि प्रार्थियों को सरकार की नीति के अनुसार दैनिक वेतनभोगी नहीं किया जा सकता, क्योंकि वे एक स्वायत संस्था जिला परिषद के कर्मचारी हैं। इस पर कोर्ट ने कहा कि अनुपालना याचिका में अदालती आदेशों की अनुपालना सुनिश्चित की जाती है, इसलिए मुख्य मामले में दिए फैसले की समीक्षा अनुपालना याचिका में नहीं की जा सकती। कर्मचारी-पेंशनर के 10 हजार करोड़ सरकार के पास कर्मचारी व पेंशनर के वित्तीय मामलों में हिमाचल हाईकोर्ट पहले इस तरह के सख्त आदेश व टिप्पणी कर चुका है। राज्य सरकार माली वित्तीय हालात के कारण कर्मचारियों व पेंशनर को लाभ नहीं दे पा रही। कर्मचारी-पेंशनर के 10 हजार करोड़ रुपए की राशि सरकार के पास पेंडिंग है।
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