हिमाचल प्रदेश के पूर्व सीएम व नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने प्रदेश सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है। जयराम ठाकुर ने दावा किया है कि प्रदेश की सुक्खू सरकार टॉयलेट टैक्स के बाद ” खेल- खिलाड़ी टैक्स योजना ” लेकर आई है। जिसके तहत खेल और खिलाड़ियों के ऊपर टैक्स लगा रही है। सरकार की तरफ़ से प्रदेश के लोगों पर हर दिन किसी न किसी तरह का टैक्स लादा जा रहा है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सीएम सुक्खू जनकल्याण कारी राज्य की परिभाषा भूल चुके हैं। प्रदेश के हर वर्ग को परेशान करने के बाद अब मुख्यमंत्री की सुई खेल और खिलाड़ियों पर आकर रुक गई है। उन्होंने कहा कि एक तरफ़ केंद्र की मोदी सरकार ‘खेलो इंडिया’ के तहत खेलों को प्रोत्साहित करने के लिए हर साल हजारों करोड़ का अतिरिक्त बजट खर्च कर रही है, दूसरी तरफ़ कांग्रेस की सुक्खू की सरकार हिमाचल में खेल और खिलाड़ियों पर टैक्स लगाकर उन्हें प्रदेश की आय का साधन बनाना चाह रही है। इसके पहले भी सुक्खू सरकार अंडर-12 के टूर्नामेंट के आयोजन पर भी रोक लगा चुकी है। खेलों के प्रति सरकार का यह दृष्टिकोण शर्मनाक है। खेल सामान से लेकर मैदान पर टैक्स लगा रही सरकार- जयराम नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सुक्खू सरकार द्वारा ‘खेल-खिलाड़ी टैक्स योजना’ के तहत खेल के सामान से लेकर मैदान पर टैक्स लगा रही है। कांग्रेस के ही नेता सरकार के फैसले का विरोध कर रहे हैं। सीएम सुक्खू ने उनकी बातें अनसुनी की होगी, इसीलिए ही उन्हें मीडिया में आकर अपनी बात कहनी पड़ रही है। मैदान के लिए बच्चों ने मांग रहे 10 हजार रुपए- जयराम उन्होंने आरोप लगाया कि बच्चों के ट्रायल होने हैं, तो सरकार द्वारा मैदान का दस हज़ार रुपए का किराया मांगा जा रहा है। इसके अलावा एक प्रतिष्ठित खेल प्रतियोगिता को भी सरकार द्वारा सहयोग न मिलने और खेलों के सामान व मैदान का शुल्क मांगने के कारण अन्य प्रदेश में आयोजित करवाना पड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को इस तरह से लोगों की आवाज को अनसुना नहीं करना चाहिए। खेल और खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करना चाहिए न कि खेल और खिलाड़ियों पर टैक्स लगाना चाहिए। हिमाचल प्रदेश के पूर्व सीएम व नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने प्रदेश सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है। जयराम ठाकुर ने दावा किया है कि प्रदेश की सुक्खू सरकार टॉयलेट टैक्स के बाद ” खेल- खिलाड़ी टैक्स योजना ” लेकर आई है। जिसके तहत खेल और खिलाड़ियों के ऊपर टैक्स लगा रही है। सरकार की तरफ़ से प्रदेश के लोगों पर हर दिन किसी न किसी तरह का टैक्स लादा जा रहा है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सीएम सुक्खू जनकल्याण कारी राज्य की परिभाषा भूल चुके हैं। प्रदेश के हर वर्ग को परेशान करने के बाद अब मुख्यमंत्री की सुई खेल और खिलाड़ियों पर आकर रुक गई है। उन्होंने कहा कि एक तरफ़ केंद्र की मोदी सरकार ‘खेलो इंडिया’ के तहत खेलों को प्रोत्साहित करने के लिए हर साल हजारों करोड़ का अतिरिक्त बजट खर्च कर रही है, दूसरी तरफ़ कांग्रेस की सुक्खू की सरकार हिमाचल में खेल और खिलाड़ियों पर टैक्स लगाकर उन्हें प्रदेश की आय का साधन बनाना चाह रही है। इसके पहले भी सुक्खू सरकार अंडर-12 के टूर्नामेंट के आयोजन पर भी रोक लगा चुकी है। खेलों के प्रति सरकार का यह दृष्टिकोण शर्मनाक है। खेल सामान से लेकर मैदान पर टैक्स लगा रही सरकार- जयराम नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सुक्खू सरकार द्वारा ‘खेल-खिलाड़ी टैक्स योजना’ के तहत खेल के सामान से लेकर मैदान पर टैक्स लगा रही है। कांग्रेस के ही नेता सरकार के फैसले का विरोध कर रहे हैं। सीएम सुक्खू ने उनकी बातें अनसुनी की होगी, इसीलिए ही उन्हें मीडिया में आकर अपनी बात कहनी पड़ रही है। मैदान के लिए बच्चों ने मांग रहे 10 हजार रुपए- जयराम उन्होंने आरोप लगाया कि बच्चों के ट्रायल होने हैं, तो सरकार द्वारा मैदान का दस हज़ार रुपए का किराया मांगा जा रहा है। इसके अलावा एक प्रतिष्ठित खेल प्रतियोगिता को भी सरकार द्वारा सहयोग न मिलने और खेलों के सामान व मैदान का शुल्क मांगने के कारण अन्य प्रदेश में आयोजित करवाना पड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को इस तरह से लोगों की आवाज को अनसुना नहीं करना चाहिए। खेल और खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करना चाहिए न कि खेल और खिलाड़ियों पर टैक्स लगाना चाहिए। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल: बद्दी का AQI 349 पहुंचा:हवा बेहद खतरनाक हुई; 5 दिन से बिगड़ रही एयर क्वालिटी, अभी सुधार के आसार नहीं
हिमाचल: बद्दी का AQI 349 पहुंचा:हवा बेहद खतरनाक हुई; 5 दिन से बिगड़ रही एयर क्वालिटी, अभी सुधार के आसार नहीं हिमाचल प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्र बद्दी की हवा जहरीली हो गई है। यहां का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 5 दिन से निरंतर बिगड़ रहा है। शनिवार सुबह 10 बजे बद्दी का AQI 349 माइक्रो ग्राम टच कर गया। इस साल हवा का यह सबसे खराब लेवल है। दिवाली के दूसरे दिन यानी 1 नवंबर को भी बद्दी का AQI 305 माइक्रो ग्राम पहुंचा था। मगर 2 नवंबर से इसमें सुधार होना शुरू हो गया और AQI 166 माइक्रो ग्राम तक गिर गया। बद्दी में 5 नवंबर तक हवा साफ रही। 6 नवंबर से दोबारा हालात बिगड़ने लगे और दिन प्रतिदिन हवा खराब होती गई और दो दिन से AQI 300 से ज्यादा चल रहा है। इन वजह से खराब हुई हवा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अधिकारियों की माने तो बद्दी की खराब हवा का सबसे बड़ा कारण यहां के उद्योग है। इसमें कुछ योगदान गाड़ियों से होने वाले प्रदूषण का भी है। इसी तरह लंबे ड्राइ स्पेल के कारण उड़ रही धूल और पड़ोसी राज्य पंजाब व हरियाणा में जलाई जा रही पराली भी इसकी एक वजह बताई जा रही है। मगर एनवायरमेंट इंजीनियर प्रदूषण में पराली का नाम मात्र योगदान मानते है, क्योंकि इन दिनों हवाएं से उत्तर से पश्चिम की ओर चलती है। बद्दी में देशभर से आए लोग करते है नौकरी औद्योगिक क्षेत्र बद्दी में हिमाचल के साथ साथ देशभर से लोग नौकरी करते हैं, जिन्हें खराब हवा के कारण रोजाना परेशानियां झेलनी पड़ रही है। खासकर अस्थमा व सांस के रोगियों को ज्यादा कठिनाई हो रही है। क्या है AQI और इसका हाई लेवल खतरा क्यों AQI एक तरह का थर्मामीटर है। थर्मामीटर तापमान मापता है, जबकि AQI प्रदूषण मापने का काम करता है। इस पैमाने के जरिए हवा में मौजूद CO (कार्बन डाइऑक्साइड ), OZONE, (ओजोन) NO2 (नाइट्रोजन डाइऑक्साइड) , PM 2.5 (पार्टिकुलेट मैटर) और PM 10 पोल्यूटेंट्स की मात्रा चेक की जाती है और उसे शून्य से लेकर 500 तक रीडिंग में दर्शाया जाता है। हवा में पॉल्यूटेंट्स की मात्रा जितनी ज्यादा होगी, AQI का स्तर उतना ज्यादा होगा और जितना ज्यादा AQI, उतनी खतरनाक हवा। वैसे 200 से 300 के बीच AQI भी खराब माना जाता है, लेकिन बद्दी में यह 300 पार हो चुका है। ये आने वाली बीमारियों के खतरे का संकेत भी है। AQI खराब करने वाले धूल के इतने सूक्ष्म होते है, इन्हें आंखों से नहीं देखा जा सकता। जाने क्या है PM2.5 QJ PM10 एयर क्वालिटी अच्छी है या नहीं, ये मापने के लिए PM2.5 और PM10 का लेवल देखा जाता है। हवा में PM2.5 की संख्या 60 और PM10 की संख्या 100 से कम है, मतलब एयर क्वालिटी ठीक है। गैसोलीन, ऑयल, डीजल और लकड़ी जलाने से सबसे ज्यादा PM2.5 पैदा होते हैं। क्या होता है PM, कैसे नापा जाता है PM का अर्थ होता है पर्टिकुलेट मैटर। हवा में जो बेहद छोटे कण यानी पर्टिकुलेट मैटर की पहचान उनके आकार से होती है। 2.5 उसी पर्टिकुलेट मैटर का साइज है, जिसे माइक्रोन में मापा जाता है। ड्राइ स्पेल के कारण उड़ रही धूल प्रदेश में ज्यादातर क्षेत्रों में 38 दिन से बारिश नहीं हुई। इससे चौतरफा धूल के गुबार उड़ रहे हैं। धूल की वजह से भी हवा की गुणवत्ता खराब हो रही है। इंजीनियर बोले-नहीं जानकारी बद्दी में खराब हवा के कारण जब चीफ एनवायरमेंट इंजीनियर रीजनल ऑफिस बद्दी पीके गुप्ता से पूछे गए तो उन्होंने बताया कि उन्हें अभी AQI की जानकारी नहीं है। फाइल देखकर ही कुछ बता पाएंगे। प्रदेश के दूसरे शहरों की हवा साफ सुथरी अच्छी बात यह है कि हिमाचल प्रदेश के दूसरे शहरों की हवा साफ है। परवाणू 137, पांटवा साहिब में 119 और ऊना में 110 AQI है। वहीं शिमला में शिमला में 50, मनाली 30 और धर्मशाला में 70 है।
संजौली मस्जिद गिराने के फैसले को मुस्लिम पक्ष की चुनौती:जिला कोर्ट में सुनवाई; कमेटी के हलफनामे को गैरकानूनी बताया, कहा- वह रजिस्टर्ड नहीं
संजौली मस्जिद गिराने के फैसले को मुस्लिम पक्ष की चुनौती:जिला कोर्ट में सुनवाई; कमेटी के हलफनामे को गैरकानूनी बताया, कहा- वह रजिस्टर्ड नहीं हिमाचल की राजधानी शिमला की संजौली मस्जिद में अवैध निर्माण मामले में आज कोर्ट में सुनवाई होगी। संजौली मस्जिद केस में नगर निगम (MC) आयुक्त के फैसले को मुस्लिम पक्ष ने जिला अदालत में चुनौती दी है। इस पर आज जिला अदालत में सुनवाई होगी। मुस्लिम पक्ष से जुड़ी 3 वेलफेयर सोसाइटी ने MC आयुक्त के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका में कहा है कि MC आयुक्त कोर्ट का फैसला डिफैक्टिड है। MC आयुक्त ने यह फैसला संजौली मस्जिद कमेटी के नगर निगम को दिए हलफनामे के आधार पर दिया है। मस्जिद कमेटी के हलफनामे को बताया गैर कानूनी
सोसाइटी ने दावा किया कि मस्जिद कमेटी रजिस्टर नहीं है। ऐसे में उसके अध्यक्ष मोहम्मद लतीफ की ओर से दिया गया हलफनामा गैर कानूनी है। जिला अदालत में याचिका दायर करने वाली मुस्लिम वेलफेयर सोसाइटी पोंटा साहिब के सदस्य नजाकत अली हाशमी ने बताया है कि 3 अलग-अलग कमेटी और सोसाइटी ने जिला अदालत में नगर निगम आयुक्त के फैसले को चुनौती दी है। आयुक्त कोर्ट के फैसले को बताया डिफैक्टिड
नजाकत अली ने दावा किया कि जिला अदालत में उनकी याचिका स्वीकार कर ली गई है। इस पर आज सुनवाई होनी है। मुस्लिम पक्ष ने जिला अदालत में दायर याचिका में अपील की है कि मामले में मुस्लिम समुदाय की भावनाएं जुड़ी हुई हैं। ऐसे में उनका पक्ष भी सुना जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि जिला अदालत में याचिका दायर करने में मुस्लिम वेलफेयर सोसायटी पोंटा साहिब, जामा मस्जिद मैनेजमेंट कमेटी बिलासपुर और अलहुदा एजुकेशनल सोसाइटी दीनक मंडी शामिल हैं। इन्होंने नगर निगम आयुक्त के फैसले को कोर्ट में चुनौती दी है। 5 अक्टूबर को आया था नगर निगम आयुक्त कोर्ट का फैसला
संजौली मस्जिद मामले में नगर निगम आयुक्त शिमला कोर्ट ने बीते 5 अक्टूबर को फैसला सुनाया था। कोर्ट ने मस्जिद की 3 अवैध मंजिल हटाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद मस्जिद कमेटी ने अवैध हिस्से को हटाने का काम भी शुरू कर दिया है। मस्जिद की एटिक को हटाने का काम लगभग पूरा हो गया है। इस बीच मुस्लिम पक्ष ने मामले को जिला अदालत में चुनौती दी है। हाईकोर्ट ने 8 सप्ताह में मामले को निपटाने के आदेश दिए
वहीं, लोकल रेजिडेंट की याचिका पर हिमाचल हाईकोर्ट ने भी इस मामले को 8 सप्ताह के भीतर निपटाने के लिए MC आयुक्त को आदेश दे रखे हैं। लोकल रेजिडेंट ने हाईकोर्ट के आग्रह किया था कि नगर निगम इस केस को जानबूझ कर लटका रहा है। 14 सालों से कोर्ट में केस चल रहा है। संजौली मस्जिद से ही पूरे प्रदेश में हुआ था विवाद
संजौली मस्जिद के कारण पूरे प्रदेश में बवाल मचा था। शिमला के बाद सोलन, मंडी, कुल्लू और सिरमौर जिला में भी जगह-जगह मस्जिद मामले में हिंदू संगठनों ने प्रदर्शन किए। उन्होंने अवैध रूप से बनी मस्जिदों को गिराने की मांग उठाई। इससे पूरे प्रदेश में माहौल तनावपूर्ण हो गया। इस बीच संजौली मस्जिद कमेटी ने खुद नगर निगम आयुक्त से मिलकर अवैध रूप से बनी ऊपर की मंजिल को हटाने की पेशकश की और कहा कि जब तक कोर्ट का फैसला नहीं आ जाता, तब तक ऊपर की 3 मंजिल सील किया जाएं। इसके बाद हिंदू संगठन शांत हुए। बीते 5 अक्टूबर को 3 मंजिल तोड़ने के लिए अंतरिम आदेश आ गया। जिसके बाद मामला शांत रहा। अब इन मंजिलों को तोड़ने का काम भी मस्जिद कमेटी ने अपने खर्चे पर शुरू कर दिया है।
चंबा में खाई में लुढ़का ट्रैक्टर:हादसे में ड्राइवर की मौत, तकनीकी खराबी के चलते गाड़ी हुई बेकाबू
चंबा में खाई में लुढ़का ट्रैक्टर:हादसे में ड्राइवर की मौत, तकनीकी खराबी के चलते गाड़ी हुई बेकाबू चंबा में एक ट्रैक्टर बेकाबू होकर खाई में लुढ़क गया, जिसमें ड्राइवर की मौके पर ही मौत हो गई। घटना की सूचना पाकर मौके पर पुलिस पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। बीती शाम 40 वर्षीय तिलक राज पुत्र भुरा राम अपना काम काम खत्म करने के उपरांत अपने घर लौटा। चुवाड़ी क्षेत्र के सिहुंता से करीब ढाई किलोमीटर की दूरी पर भलेरबासा स्थान पर उसका घर है, जहां घर की दूसरी साइड में ट्रैक्टर को खड़ा करते हैं। अचानक ट्रैक्टर में आई तकनीकी खराबी के कारण बेकाबू होकर गहरी खाई में जा लुढ़का जिससे ट्रैक्टर चालक तिलक की मौके पर ही मौत हो गई। इस बात की सूचना लोगों ने तुरंत स्थानीय पुलिस को दी, पुलिस ने मौके पर पहुंच कर शव को कब्जे में लेकर तुरंत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र समोट पहुंचा। मामले की पुष्टि करते हुए डीएसपी डलहौजी हेमंत ठाकुर ने बताया कि शव का पोस्टमॉर्टम होने के बाद परिजनों के हवाले कर दिया जाएगा। फिलहाल पुलिस आगे की कार्रवाई में जुटी हुई है।