श्रीनगर में शहीद हिसार के जवान का अंतिम संस्कार:3 महीने के बेटे के हाथ दी मुखाग्नि; अमर रहे के नारों से गुंजा गांव

श्रीनगर में शहीद हिसार के जवान का अंतिम संस्कार:3 महीने के बेटे के हाथ दी मुखाग्नि; अमर रहे के नारों से गुंजा गांव

हरियाणा के हिसार के गांव ढाणी कुतुबपुर निवासी जम्मू कश्मीर के श्रीनगर में टेरिटोरियम आर्मी में तैनात 24 वर्षीय सतपाल सिंह का शुक्रवार को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। सिपाही सतपाल की अंतिम यात्रा में जन सैलाब उमड़ पड़ा। ग्रामीणों ने इस मौके पर शहीद अमर रहे के नारे लगाए। सिपाही सतपाल की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। वह अपने पीछे मां बाला, पिता सुभाष, पत्नी मुनिया व 3 महीने का बेटा श्याम को छोड़कर गया है। 3 महीने के बेटे श्याम के हाथों उसके पिता सतपाल को मुखाग्नि दी गई। सतपाल सिंह टेरिटोरियम आर्मी में बतौर सिपाही के पद पर तैनात थे। सतपाल सिंह के पिता सुभाष सिंह गांव में चौकीदार हैं। सतपाल का एक बड़ा भाई है जो मजदूरी करता है। करीब 5 साल पहले सतपाल सिंह ने आर्मी जॉइन की थी। परिजनों ने बताया कि करीब डेढ़ साल पहले सतपाल की शादी हुई थी। उनका एक तीन महीने का बेटा है। अपनी पत्नी की डिलीवरी के समय सतपाल सिंह छूट्‌टी लेकर घर आया था। फिलहाल वह अपने बेटे का जलवा पूजन करवा कर करीब डेढ़ महीने पहले ही ड्यूटी पर गया था। सतपाल सिंह की मौत की सूचना मिलते ही उनका पिता सुभाष बेसुध होकर जमीन पर गिर गया। घर में मातम पसर गया। शुक्रवार को ढ़ाणी कुतुबपुर गांव में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। सतपाल की मौत की सूचना के साथ ही ग्रामीणों का उनके घर के बाहर तांता लग गया। माता-पिता व पत्नी का रो- रो कर बुरा हाल है। कॉन्स्टेबल सतपाल का एक बड़ा भाई और दो बड़ी बहनें हैं‌। सतपाल परिवार में सबसे छोटा था और दो साल पहले ही उसकी शादी हुई थी। गांव के सरपंच अजय कुमार ने बताया कि सतपाल हंसमुख स्वभाव तथा मिलनसार लड़का था और गांव के सभी छोटे बड़े सदस्यों का पूरा सम्मान करता था। सरपंच ने बताया कि सतपाल खेलकूद में बहुत ज्यादा रुचि रखता था और गांव में कबड्डी व कुश्ती सहित अन्य खेलों में भाग लेता था। हरियाणा के हिसार के गांव ढाणी कुतुबपुर निवासी जम्मू कश्मीर के श्रीनगर में टेरिटोरियम आर्मी में तैनात 24 वर्षीय सतपाल सिंह का शुक्रवार को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। सिपाही सतपाल की अंतिम यात्रा में जन सैलाब उमड़ पड़ा। ग्रामीणों ने इस मौके पर शहीद अमर रहे के नारे लगाए। सिपाही सतपाल की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। वह अपने पीछे मां बाला, पिता सुभाष, पत्नी मुनिया व 3 महीने का बेटा श्याम को छोड़कर गया है। 3 महीने के बेटे श्याम के हाथों उसके पिता सतपाल को मुखाग्नि दी गई। सतपाल सिंह टेरिटोरियम आर्मी में बतौर सिपाही के पद पर तैनात थे। सतपाल सिंह के पिता सुभाष सिंह गांव में चौकीदार हैं। सतपाल का एक बड़ा भाई है जो मजदूरी करता है। करीब 5 साल पहले सतपाल सिंह ने आर्मी जॉइन की थी। परिजनों ने बताया कि करीब डेढ़ साल पहले सतपाल की शादी हुई थी। उनका एक तीन महीने का बेटा है। अपनी पत्नी की डिलीवरी के समय सतपाल सिंह छूट्‌टी लेकर घर आया था। फिलहाल वह अपने बेटे का जलवा पूजन करवा कर करीब डेढ़ महीने पहले ही ड्यूटी पर गया था। सतपाल सिंह की मौत की सूचना मिलते ही उनका पिता सुभाष बेसुध होकर जमीन पर गिर गया। घर में मातम पसर गया। शुक्रवार को ढ़ाणी कुतुबपुर गांव में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। सतपाल की मौत की सूचना के साथ ही ग्रामीणों का उनके घर के बाहर तांता लग गया। माता-पिता व पत्नी का रो- रो कर बुरा हाल है। कॉन्स्टेबल सतपाल का एक बड़ा भाई और दो बड़ी बहनें हैं‌। सतपाल परिवार में सबसे छोटा था और दो साल पहले ही उसकी शादी हुई थी। गांव के सरपंच अजय कुमार ने बताया कि सतपाल हंसमुख स्वभाव तथा मिलनसार लड़का था और गांव के सभी छोटे बड़े सदस्यों का पूरा सम्मान करता था। सरपंच ने बताया कि सतपाल खेलकूद में बहुत ज्यादा रुचि रखता था और गांव में कबड्डी व कुश्ती सहित अन्य खेलों में भाग लेता था।   हरियाणा | दैनिक भास्कर