महाकुंभ के वक्त आने वाले थे, ट्रेन का टिकट भी कंफर्म था। जब यहां भीड़ के वीडियो देखे, तब मन घबराने लगा। हिम्मत नहीं हुई। महाकुंभ बीतने के 8-9 दिन बाद स्नान करने पहुंची हूं। यह तो त्रिवेणी संगम है, यहां हमेशा अमृतवर्षा होती है। ये कहना है बलिया की राबड़ी देवी का। इनकी तरह हर दिन संगम नोज पर 2 से 2.5 लाख लोग स्नान के लिए पहुंच रहे। बाजार उजड़ रहा है, मेला क्षेत्र से टेंट हट चुके हैं। मगर भक्तों की कतार थम नहीं रही है। कुंभ का समापन होने के बाद कहां-कहां से लोग पहुंच रहे हैं, कुंभ के बाजार का हाल, लोग अब क्यों आ रहे हैं? इन सवालों के जवाब जानने के लिए दैनिक भास्कर ऐप की टीम महाकुंभ क्षेत्र में पहुंची। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… पहले श्रद्धालुओं की बात… वही मां गंगा, यहां स्नान करना हमेशा पुण्यकारी
पश्चिम बंगाल से आए सुशांत गोप संगम में स्नान करने के बाद दीपदान करते दिखे। भास्कर टीम ने उनसे सवाल किया- महाकुंभ तो बीत चुका है फिर अब क्यों संगम आ रहे हैं? उन्होंने कहा- सिर्फ महाकुंभ की अवधि खत्म हुई है। मां गंगा की धारा खत्म नहीं हुई है। मां गंगा हमेशा आशीर्वाद बनाए रखती हैं। हालात सामान्य हुए, तब यहां आया
संगम स्नान करने पहुंचे सुमित कुमार कहते हैं- मेरा महाकुंभ में आने का सपना था, लेकिन भीड़ की वजह से यहां नहीं पहुंच सका था। अब स्थिति नार्मल हुई तो यहां पहुंच सका हूं। मेरा मानना है कि मां गंगा में जब भी डुबकी लगाओगे, पुण्य उतना ही मिलने वाला होगा। कुछ कम ज्यादा जैसा नहीं है। संगम स्नान के पल को शब्दों में बताना मुश्किल
बंगाल के जयंत कुमार कहते हैं- बसंत पंचमी पर प्रयागराज आने का प्लान था। मगर हाईवे जाम, कई किमी पैदल यात्रा, यह सब देखकर हम लोग नहीं आए। आज यहां पहुंच सके हैं। यह पहला मौका है, जब संगम पहुंचकर गंगा स्नान कर रहा हूं। बहुत अच्छा अनुभव हो रहा है। इसको शब्दों में बताना थोड़ा मुश्किल है। आजमगढ़ से आए प्रांजल दुबे कहते हैं- मैं अपने परिवार के साथ यहां आया हूं। महाकुंभ के बाद आने का सौभाग्य मिला है। मोबाइल पर रील्स वगैरह में यहां का भव्य नजारा देखता था, लेकिन भीड़ की वजह से नहीं आ पाया था। आज आकर गंगा स्नान किया। कहां-कहां से लोग अभी भी महाकुंभ पहुंच रहे… संगम की आधी भीड़ UP की
दरअसल, महाकुंभ के 45 दिनों में 30 देशों से श्रद्धालु पहुंचे थे। मकर संक्रांति के बाद अचानक श्रद्धालुओं की भीड़ प्रयागराज में बढ़ गई। हर दिन 1 से 1.5 करोड़ लोग पहुंच रहे थे। इसकी वजह से प्रयागराज की तरफ आने वाले सभी हाईवे जाम हो गए। गाड़ियां 4-5 घंटे जाम में फंसने के बाद ही पहुंच पा रही थी। यहां आने के बाद 15 से 12 km पहले गाड़ियों को पॉर्क कराया जाने लगा। इसके बाद लोग पैदल गंगा घाटों तक पहुंच रहे थे। यही वजह है कि यूपी के अलग-अलग जिलों में तमाम श्रद्धालु महाकुंभ मेला क्षेत्र में पहुंच नहीं सके। अब हर दिन 2 से 2.5 लाख श्रद्धालु ही पहुंच रहे हैं। ऐसे में हाईवे पर जाम जैसी स्थिति नहीं है। श्रद्धालुओं के बात करने के बाद साफ हुआ कि 50% भीड़ यूपी के अलग-अलग जिलों की है। महाकुंभ से पहले संगम पर हर रोज 50 हजार श्रद्धालु पहुंचते थे। 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के बाद 5 गुना श्रद्धालु आ रहे हैं। महाकुंभ को 8 दिन बीत चुके हैं। इस 8 दिनों में 18 से 20 लाख श्रद्धालु संगम स्नान करने पहुंचे हैं। लोग स्नान करने के बाद लेटे हुए हनुमानजी के दर्शन कर रहे हैं। मेला क्षेत्र में लगे बाजार में खरीदारी कर रहे हैं। अब बताते हैं बाजार का हाल… पहले 10 हजार दुकानें, अभी भी ढाई हजार लगी हुईं
महाकुंभ के दौरान 10 हजार बड़ी-छोटी दुकानें खुली थीं। मौजूदा हालात देखने के लिए हम परेड एरिया में पहुंचे। यहां महाकुंभ खत्म होने के बावजूद दुकानदार अभी भी जमे हुए दिखे। जो श्रद्धालु संगम आ रहे हैं, वह वापसी के समय इन दुकानों पर रुककर खरीदारी कर रहे हैं। यहां त्रिवेणी बाजार में अभी भी मेला लगा हुआ है। यहां पूजा और घर का सामान बेच रहे दुकानदार राजकुमार बताते हैं- 2019 के अर्द्ध कुंभ में हम लोगों ने माघी पूर्णिमा या बसंत पंचमी के बाद ही दुकान समेट ली थी। लेकिन इस बार श्रद्धालु अभी भी बड़ी संख्या में आ रहे हैं। इसलिए हम लोग यहीं पर हैं। बिजनेस अच्छा हो रहा है। स्टील और प्लास्टिक के बर्तन की दुकान चला रहे दीपक कुमार कहते हैं- महाकुंभ खत्म होने के बाद भी हम लोग यहां रुके हुए हैं। जब भीड़ थी तो उस समय कम लोग यहां पा रहे थे, लेकिन अब तो खरीदारों की भीड़ बढ़ी है। भीड़ कम होने के बाद स्नान और खरीदारी कर रहे
नैनी की रहने वाली रंजना सिंह परिवार के साथ त्रिवेणी बाजार में खरीदारी करती दिखीं। उन्होंने कहा- पूरे 45 दिन का महाकुंभ यह सोचते हुए बीत गया कि भीड़ कम होगी, तब संगम चलेंगे। पहले बाहर से आने वाले लौट जाएं.. बस इसी इंतजार में हम लोग संगम स्नान नहीं कर सके। आज मेला क्षेत्र में आई हूं और स्नान करने के बाद मेले में इन दुकानों से कुछ जरूरत की चीजों की भी खरीदारी कर रही हूं। घाटों पर पुरोहित भी डटे हुए… पुरोहित बोले- संगम हमेशा पवित्र है
संगम पर अब आ रही श्रद्धालुओं की भीड़ की वजह जानने के लिए हम तीर्थ पुरोहित पंडित अशोक झा से मिले। वह कहते हैं- संगम हमेशा पवित्र है। गंगा जितनी पवित्र महाकुंभ में थी, उतनी ही पवित्र अभी भी हैं। जो श्रद्धालु यहां आ रहे हैं, वह अभी भी यह मान रहे हैं कि यहां अमृतवर्षा हो रही है। त्रिवेणी संगम ऐसी पवित्र स्थली है, जहां लोग 12 महीने के हर दिन यहां आते हैं और स्नान-दान करते हैं। ADM महाकुंभ ने कहा- संगम नोज पर पहले जैसी तैयारी
ADM महाकुंभ विवेक चतुर्वेदी कहते हैं- महाकुंभ के बाद भी श्रद्धालु यहां आ रहे हैं। इससे सेक्टर-3 यानी संगम और आसपास के क्षेत्र में उसी तरह की तैयारी रहेंगी, जैसी पहले की गई थी। यानी चकर्ड प्लेट, चेंजिंग रूम, बैरिकेटिंग, लाइटिंग आदि वहां होंगी। वाहनों की पार्किंग के लिए वहीं पर अलग से स्थान तय किया जा रहा है। बाढ़ आने तक पूरी व्यवस्था वैसे ही बनी रहेगी। ———————– ये भी पढ़ें: 30 पीपा पुल, डेढ़ लाख टॉयलेट शीट का क्या होगा:नासिक कुंभ में प्रयागराज के टेंट–तंबू लगेंगे; मेले को उजाड़ने में लगेंगे 2 महीने प्रयागराज में रेत पर बसा दुनिया का सबसे बड़ा मेला अब उखड़ रहा है। 45 दिन तक चले इस महाकुंभ को 4000 एकड़ जमीन पर 3 महीने में बसाया गया था। अब इसे उजाड़ने में डेढ़ से दो महीने लगेंगे। एक लाख से ज्यादा टेंट लगाए थे। इनमें करीब 400 किलोमीटर कपड़ा लगा था। अब टेंट-तंबू उखाड़ने में 10 हजार से ज्यादा मजदूर दिन-रात जुटे हैं। महाकुंभ का सामान स्टोर करने के लिए हर विभाग ने बड़े-बड़े गोदाम बनाए हैं। (पढ़ें पूरी खबर) महाकुंभ के वक्त आने वाले थे, ट्रेन का टिकट भी कंफर्म था। जब यहां भीड़ के वीडियो देखे, तब मन घबराने लगा। हिम्मत नहीं हुई। महाकुंभ बीतने के 8-9 दिन बाद स्नान करने पहुंची हूं। यह तो त्रिवेणी संगम है, यहां हमेशा अमृतवर्षा होती है। ये कहना है बलिया की राबड़ी देवी का। इनकी तरह हर दिन संगम नोज पर 2 से 2.5 लाख लोग स्नान के लिए पहुंच रहे। बाजार उजड़ रहा है, मेला क्षेत्र से टेंट हट चुके हैं। मगर भक्तों की कतार थम नहीं रही है। कुंभ का समापन होने के बाद कहां-कहां से लोग पहुंच रहे हैं, कुंभ के बाजार का हाल, लोग अब क्यों आ रहे हैं? इन सवालों के जवाब जानने के लिए दैनिक भास्कर ऐप की टीम महाकुंभ क्षेत्र में पहुंची। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… पहले श्रद्धालुओं की बात… वही मां गंगा, यहां स्नान करना हमेशा पुण्यकारी
पश्चिम बंगाल से आए सुशांत गोप संगम में स्नान करने के बाद दीपदान करते दिखे। भास्कर टीम ने उनसे सवाल किया- महाकुंभ तो बीत चुका है फिर अब क्यों संगम आ रहे हैं? उन्होंने कहा- सिर्फ महाकुंभ की अवधि खत्म हुई है। मां गंगा की धारा खत्म नहीं हुई है। मां गंगा हमेशा आशीर्वाद बनाए रखती हैं। हालात सामान्य हुए, तब यहां आया
संगम स्नान करने पहुंचे सुमित कुमार कहते हैं- मेरा महाकुंभ में आने का सपना था, लेकिन भीड़ की वजह से यहां नहीं पहुंच सका था। अब स्थिति नार्मल हुई तो यहां पहुंच सका हूं। मेरा मानना है कि मां गंगा में जब भी डुबकी लगाओगे, पुण्य उतना ही मिलने वाला होगा। कुछ कम ज्यादा जैसा नहीं है। संगम स्नान के पल को शब्दों में बताना मुश्किल
बंगाल के जयंत कुमार कहते हैं- बसंत पंचमी पर प्रयागराज आने का प्लान था। मगर हाईवे जाम, कई किमी पैदल यात्रा, यह सब देखकर हम लोग नहीं आए। आज यहां पहुंच सके हैं। यह पहला मौका है, जब संगम पहुंचकर गंगा स्नान कर रहा हूं। बहुत अच्छा अनुभव हो रहा है। इसको शब्दों में बताना थोड़ा मुश्किल है। आजमगढ़ से आए प्रांजल दुबे कहते हैं- मैं अपने परिवार के साथ यहां आया हूं। महाकुंभ के बाद आने का सौभाग्य मिला है। मोबाइल पर रील्स वगैरह में यहां का भव्य नजारा देखता था, लेकिन भीड़ की वजह से नहीं आ पाया था। आज आकर गंगा स्नान किया। कहां-कहां से लोग अभी भी महाकुंभ पहुंच रहे… संगम की आधी भीड़ UP की
दरअसल, महाकुंभ के 45 दिनों में 30 देशों से श्रद्धालु पहुंचे थे। मकर संक्रांति के बाद अचानक श्रद्धालुओं की भीड़ प्रयागराज में बढ़ गई। हर दिन 1 से 1.5 करोड़ लोग पहुंच रहे थे। इसकी वजह से प्रयागराज की तरफ आने वाले सभी हाईवे जाम हो गए। गाड़ियां 4-5 घंटे जाम में फंसने के बाद ही पहुंच पा रही थी। यहां आने के बाद 15 से 12 km पहले गाड़ियों को पॉर्क कराया जाने लगा। इसके बाद लोग पैदल गंगा घाटों तक पहुंच रहे थे। यही वजह है कि यूपी के अलग-अलग जिलों में तमाम श्रद्धालु महाकुंभ मेला क्षेत्र में पहुंच नहीं सके। अब हर दिन 2 से 2.5 लाख श्रद्धालु ही पहुंच रहे हैं। ऐसे में हाईवे पर जाम जैसी स्थिति नहीं है। श्रद्धालुओं के बात करने के बाद साफ हुआ कि 50% भीड़ यूपी के अलग-अलग जिलों की है। महाकुंभ से पहले संगम पर हर रोज 50 हजार श्रद्धालु पहुंचते थे। 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के बाद 5 गुना श्रद्धालु आ रहे हैं। महाकुंभ को 8 दिन बीत चुके हैं। इस 8 दिनों में 18 से 20 लाख श्रद्धालु संगम स्नान करने पहुंचे हैं। लोग स्नान करने के बाद लेटे हुए हनुमानजी के दर्शन कर रहे हैं। मेला क्षेत्र में लगे बाजार में खरीदारी कर रहे हैं। अब बताते हैं बाजार का हाल… पहले 10 हजार दुकानें, अभी भी ढाई हजार लगी हुईं
महाकुंभ के दौरान 10 हजार बड़ी-छोटी दुकानें खुली थीं। मौजूदा हालात देखने के लिए हम परेड एरिया में पहुंचे। यहां महाकुंभ खत्म होने के बावजूद दुकानदार अभी भी जमे हुए दिखे। जो श्रद्धालु संगम आ रहे हैं, वह वापसी के समय इन दुकानों पर रुककर खरीदारी कर रहे हैं। यहां त्रिवेणी बाजार में अभी भी मेला लगा हुआ है। यहां पूजा और घर का सामान बेच रहे दुकानदार राजकुमार बताते हैं- 2019 के अर्द्ध कुंभ में हम लोगों ने माघी पूर्णिमा या बसंत पंचमी के बाद ही दुकान समेट ली थी। लेकिन इस बार श्रद्धालु अभी भी बड़ी संख्या में आ रहे हैं। इसलिए हम लोग यहीं पर हैं। बिजनेस अच्छा हो रहा है। स्टील और प्लास्टिक के बर्तन की दुकान चला रहे दीपक कुमार कहते हैं- महाकुंभ खत्म होने के बाद भी हम लोग यहां रुके हुए हैं। जब भीड़ थी तो उस समय कम लोग यहां पा रहे थे, लेकिन अब तो खरीदारों की भीड़ बढ़ी है। भीड़ कम होने के बाद स्नान और खरीदारी कर रहे
नैनी की रहने वाली रंजना सिंह परिवार के साथ त्रिवेणी बाजार में खरीदारी करती दिखीं। उन्होंने कहा- पूरे 45 दिन का महाकुंभ यह सोचते हुए बीत गया कि भीड़ कम होगी, तब संगम चलेंगे। पहले बाहर से आने वाले लौट जाएं.. बस इसी इंतजार में हम लोग संगम स्नान नहीं कर सके। आज मेला क्षेत्र में आई हूं और स्नान करने के बाद मेले में इन दुकानों से कुछ जरूरत की चीजों की भी खरीदारी कर रही हूं। घाटों पर पुरोहित भी डटे हुए… पुरोहित बोले- संगम हमेशा पवित्र है
संगम पर अब आ रही श्रद्धालुओं की भीड़ की वजह जानने के लिए हम तीर्थ पुरोहित पंडित अशोक झा से मिले। वह कहते हैं- संगम हमेशा पवित्र है। गंगा जितनी पवित्र महाकुंभ में थी, उतनी ही पवित्र अभी भी हैं। जो श्रद्धालु यहां आ रहे हैं, वह अभी भी यह मान रहे हैं कि यहां अमृतवर्षा हो रही है। त्रिवेणी संगम ऐसी पवित्र स्थली है, जहां लोग 12 महीने के हर दिन यहां आते हैं और स्नान-दान करते हैं। ADM महाकुंभ ने कहा- संगम नोज पर पहले जैसी तैयारी
ADM महाकुंभ विवेक चतुर्वेदी कहते हैं- महाकुंभ के बाद भी श्रद्धालु यहां आ रहे हैं। इससे सेक्टर-3 यानी संगम और आसपास के क्षेत्र में उसी तरह की तैयारी रहेंगी, जैसी पहले की गई थी। यानी चकर्ड प्लेट, चेंजिंग रूम, बैरिकेटिंग, लाइटिंग आदि वहां होंगी। वाहनों की पार्किंग के लिए वहीं पर अलग से स्थान तय किया जा रहा है। बाढ़ आने तक पूरी व्यवस्था वैसे ही बनी रहेगी। ———————– ये भी पढ़ें: 30 पीपा पुल, डेढ़ लाख टॉयलेट शीट का क्या होगा:नासिक कुंभ में प्रयागराज के टेंट–तंबू लगेंगे; मेले को उजाड़ने में लगेंगे 2 महीने प्रयागराज में रेत पर बसा दुनिया का सबसे बड़ा मेला अब उखड़ रहा है। 45 दिन तक चले इस महाकुंभ को 4000 एकड़ जमीन पर 3 महीने में बसाया गया था। अब इसे उजाड़ने में डेढ़ से दो महीने लगेंगे। एक लाख से ज्यादा टेंट लगाए थे। इनमें करीब 400 किलोमीटर कपड़ा लगा था। अब टेंट-तंबू उखाड़ने में 10 हजार से ज्यादा मजदूर दिन-रात जुटे हैं। महाकुंभ का सामान स्टोर करने के लिए हर विभाग ने बड़े-बड़े गोदाम बनाए हैं। (पढ़ें पूरी खबर) उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
संगम में अब भी महाकुंभ जैसा नजारा:रोज आ रहे 2 लाख श्रद्धालु, बोले- यहां हमेशा अमृतवर्षा; मेले में ढाई हजार दुकानें
