जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने संभल की जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान पुलिस फायरिंग में तीन मुस्लिम युवकों की मौत और हिंसा पर गहरी नाराजगी और दुख व्यक्त किया। उन्होंने इस घटना के लिए राज्य सरकार और प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि मुस्लिम युवकों की हत्या सरकार और प्रशासन की भेदभावपूर्ण नीति का नतीजा है। उन्होंने कहा-बिना मुस्लिम पक्ष को भरोसे में लिए एक खास तेजी के साथ दूसरी बार टीम सर्वें करने पहुंची। पुलिस और हिंदू पक्ष के वकीलों के साथ ऐसे लोग भी थे, जो मस्जिद के पास सड़कों पर जय श्रीराम के नारे लगा रहे थे। जिसको सुनकर मुस्लिम नौजवान घरों से निकले। आपस में टकराव हुआ। पुलिस ने हालात संभालने के बजाए मुस्लिम पक्ष पर फायरिंग की। जिससे मुस्लिम नौजवानों की मौत हुई। जमीयत उलमा ने दावा किया कि 3 से ज्यादा लोगों की मौत गोली लगाने से हुई हैं। ऐसा लगता है कि पुलिस ने फिरका परस्त लोगों के साथ मिलकर पूरी प्लानिंग के साथ इसको अंजाम दिया। जमीयत ने मांग रखी कि अपनी जिम्मेदारियां को सही तरीके से न निभाने वाले पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों पर कार्रवाई हो। साथ ही भड़काऊ नारे लगाकर उकसाने वाले लोगो क़े खिलाफ़ भी मुकदमे दर्ज किए जाए मौलाना मदनी ने कहा-जमीयत उलेमा-ए-हिंद किसी भी दल की हिंसा का समर्थन नहीं करती, लेकिन पुलिस की ये कार्रवाई न केवल अन्यायपूर्ण बल्कि भेदभावपूर्ण है, जिससे निर्दोष जानें गईं। उन्होंने कहा कि संविधान हर नागरिक को समानता, सम्मान और सुरक्षा का अधिकार देता है। अगर कोई सरकार किसी समुदाय के जीवन और संपत्ति को कमतर समझती है, तो यह संविधान और कानून का उल्लंघन है। उन्होंने कहा-मस्जिदों में मंदिर खोजने की कोशिश देश के शांति और सौहार्द के लिए खतरनाक हैं। मौजूदा घटना ने इस दृष्टिकोण को सत्यापित किया है। संभल में पहले दिन जनता ने सर्वे टीम के साथ सहयोग किया था, लेकिन आज जब टीम जा रही थी, तो उनके साथ मौजूद कुछ लोगों ने भड़काऊ नारेबाजी की, जिससे हिंसा हुई। उन्होंने सवाल किया कि पुलिस ने ऐसे लोगों को मस्जिद में जाने और उकसाने की अनुमति क्यों दी? मौलाना मदनी ने कोर्ट के तत्काल सर्वे आदेश पर भी सवाल उठाया। जिसे उन्होंने धार्मिक स्थलों की संवेदनशीलता और न्यायिक प्रणाली के खिलाफ बताया। उन्होंने कहा-संविधान धार्मिक स्थलों की 1947 की स्थिति की सुरक्षा सुनिश्चित करता है और इसे राजनीतिक उद्देश्यों के लिए बदलने का प्रयास देश की एकता के लिए खतरनाक है। उन्होंने प्रशासन से शांति और सामाजिक सद्भाव को प्राथमिकता देने की अपील की। जमीयत ने कोर्ट की निगरानी में घटना की निष्पक्ष जांच, दोषी अधिकारियों को सजा और पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने की मांग की। जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने संभल की जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान पुलिस फायरिंग में तीन मुस्लिम युवकों की मौत और हिंसा पर गहरी नाराजगी और दुख व्यक्त किया। उन्होंने इस घटना के लिए राज्य सरकार और प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि मुस्लिम युवकों की हत्या सरकार और प्रशासन की भेदभावपूर्ण नीति का नतीजा है। उन्होंने कहा-बिना मुस्लिम पक्ष को भरोसे में लिए एक खास तेजी के साथ दूसरी बार टीम सर्वें करने पहुंची। पुलिस और हिंदू पक्ष के वकीलों के साथ ऐसे लोग भी थे, जो मस्जिद के पास सड़कों पर जय श्रीराम के नारे लगा रहे थे। जिसको सुनकर मुस्लिम नौजवान घरों से निकले। आपस में टकराव हुआ। पुलिस ने हालात संभालने के बजाए मुस्लिम पक्ष पर फायरिंग की। जिससे मुस्लिम नौजवानों की मौत हुई। जमीयत उलमा ने दावा किया कि 3 से ज्यादा लोगों की मौत गोली लगाने से हुई हैं। ऐसा लगता है कि पुलिस ने फिरका परस्त लोगों के साथ मिलकर पूरी प्लानिंग के साथ इसको अंजाम दिया। जमीयत ने मांग रखी कि अपनी जिम्मेदारियां को सही तरीके से न निभाने वाले पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों पर कार्रवाई हो। साथ ही भड़काऊ नारे लगाकर उकसाने वाले लोगो क़े खिलाफ़ भी मुकदमे दर्ज किए जाए मौलाना मदनी ने कहा-जमीयत उलेमा-ए-हिंद किसी भी दल की हिंसा का समर्थन नहीं करती, लेकिन पुलिस की ये कार्रवाई न केवल अन्यायपूर्ण बल्कि भेदभावपूर्ण है, जिससे निर्दोष जानें गईं। उन्होंने कहा कि संविधान हर नागरिक को समानता, सम्मान और सुरक्षा का अधिकार देता है। अगर कोई सरकार किसी समुदाय के जीवन और संपत्ति को कमतर समझती है, तो यह संविधान और कानून का उल्लंघन है। उन्होंने कहा-मस्जिदों में मंदिर खोजने की कोशिश देश के शांति और सौहार्द के लिए खतरनाक हैं। मौजूदा घटना ने इस दृष्टिकोण को सत्यापित किया है। संभल में पहले दिन जनता ने सर्वे टीम के साथ सहयोग किया था, लेकिन आज जब टीम जा रही थी, तो उनके साथ मौजूद कुछ लोगों ने भड़काऊ नारेबाजी की, जिससे हिंसा हुई। उन्होंने सवाल किया कि पुलिस ने ऐसे लोगों को मस्जिद में जाने और उकसाने की अनुमति क्यों दी? मौलाना मदनी ने कोर्ट के तत्काल सर्वे आदेश पर भी सवाल उठाया। जिसे उन्होंने धार्मिक स्थलों की संवेदनशीलता और न्यायिक प्रणाली के खिलाफ बताया। उन्होंने कहा-संविधान धार्मिक स्थलों की 1947 की स्थिति की सुरक्षा सुनिश्चित करता है और इसे राजनीतिक उद्देश्यों के लिए बदलने का प्रयास देश की एकता के लिए खतरनाक है। उन्होंने प्रशासन से शांति और सामाजिक सद्भाव को प्राथमिकता देने की अपील की। जमीयत ने कोर्ट की निगरानी में घटना की निष्पक्ष जांच, दोषी अधिकारियों को सजा और पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने की मांग की। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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Bihar Politics: अशोक चौधरी के बयान से जेडीयू में महासंग्राम! जहानाबाद में मंत्री और पूर्व सांसद आमने-सामने <p style=”text-align: justify;”><strong>Bihar Politics:</strong> जहानाबाद में बिहार विधानसभा चुनाव से पहले जेडीयू में भी रार छिड़ना तय माना जा रहा है. जेडीयू के कद्दावर नेता व मंत्री अशोक चौधरी और पूर्व सांसद जगदीश शर्मा के तेवर से लग रहा है कि जेडीयू में जल्द ही कुछ होने वाला है. अशोक चौधरी जहानाबाद में गुरुवार को कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए इशारों इशारों में पूर्व सांसद जगदीश शर्मा और उनके बेटे पूर्व विधायक राहुल शर्मा को निशाने पर लिया है. जहानाबाद लोकसभा चुनाव में हार को लेकर भी अपरोक्ष रूप से पिता-पुत्र को दोषी बता रहे थे. वहीं, पूर्व सांसद जगदीश शर्मा ने भी इशारों इशारों में जेडीयू पर तंज कसना शुरू कर दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जहानाबाद में सियासत गरमाई</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>दरअसल, बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी जहानाबाद में गुरुवार को जेडीयू कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे और इस दौरान जहानाबाद लोकसभा चुनाव में जेडीयू की हार को लेकर अपरोक्ष रूप से पूर्व सांसद जगदीश शर्मा और उनके बेटे पूर्व विधायक राहुल शर्मा को दोषी बता रहे थे. उन्होंने दोनों पर हमला बोलते हुए कहा कि पार्टी ये लोगों को चिन्हित करेगी और उन्हें आगे कभी भी पार्टी लाभ नहीं उठाने देगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इधर, पूर्व सांसद जगदीश शर्मा ने भी इशारे इशारों में जेडीयू नेतृत्व पर जमकर हमला बोला और नेतृत्व के अति पिछड़ा की हिमायती होने के दावे पर सवाल खड़े कर दिया. जहानाबाद के वाणावार के पहाड़ियों पर हुई भगदड़ में मारे गए 8 लोगों के आत्मा की शांति को लेकर वे सुंदर पाठ करने के बाद शासन-प्रशासन की कार्रवाई को लेकर गुस्से में थे. वाणावार भगदड़ में निर्दोष लोगों को उन्होंने फंसाने का आरोप लगाया है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जहानाबाद में जगदीश शर्मा की है पकड़ </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें कि जगदीश शर्मा जहानाबाद की घोसी सीट से सात बार और उनकी पत्नी शांति शर्मा, बेटे राहुल शर्मा भी एक-एक बार विधायक रहे हैं जबकि जगदीश शर्मा जहानाबाद लोकसभा से एक बार सांसद भी रहे हैं. विगत <a title=”लोकसभा चुनाव” href=”https://www.abplive.com/topic/lok-sabha-election-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>लोकसभा चुनाव</a> में शर्मा फैमिली ने अपने आप को अलग कर रखा था और इसका लाभ आरजेडी को मिला. आरजेडी ने जेडीयू से जहानाबाद सीट छीन ली थी. बहरहाल, मंत्री अशोक चौधरी के पूर्व सांसद जगदीश शर्मा और राहुल शर्मा पर दिए गए बयान के बाद जेडीयू मे कलह बढ़ना तय माना जा रहा है.</p>
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46 साल बाद मंदिर, कुंआ और प्रतिमाएं मिलने पर जामा मस्जिद मामले में वकील बोले- संभल तीर्थ स्थल है
46 साल बाद मंदिर, कुंआ और प्रतिमाएं मिलने पर जामा मस्जिद मामले में वकील बोले- संभल तीर्थ स्थल है <p style=”text-align: justify;”><strong>Sambhal Mandir News:</strong> उत्तर प्रदेश स्थित संभल में 46 साल बाद एक मंदिर मिलने के घटनाक्रम पर वकील विष्णुशंकर जैन ने प्रतिक्रिया दी है. वकील ने विष्णु शंकर जैन ने कहा कि ‘संभल में जिला प्रशासन ने एक मंदिर की खोज की है जो 46 वर्षों से बंद था. यह सब साबित करता है कि हमारा प्राचीन नक्शा, जिसके बारे में मैंने हमेशा कहा था कि वह मौजूद है, खोजा गया है और यह साबित करता है कि संभल एक तीर्थ स्थल है. मंदिर के आसपास के क्षेत्र में कई कुएं और अन्य मंदिर पाए जा रहे हैं जो क्षेत्र के प्राचीन नक्शे को साबित करते हैं.;</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा ’12 दिसंबर का सुप्रीम कोर्ट का आदेश यहां लागू नहीं होता क्योंकि इसमें कहा गया था कि मौजूदा मुकदमों में कोई प्रभावी आदेश पारित नहीं किया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि कोई नया मामला दर्ज नहीं किया जाएगा. मैं 12 दिसंबर के सुप्रीम कोर्ट के आदेश से संतुष्ट नहीं हूं. हमने पूजा स्थल अधिनियम की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी थी, हमें उम्मीद थी कि इस पर सुनवाई होगी, लेकिन हमें पता चला कि AIMPLB ने पूजा स्थल अधिनियम को लागू करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक आवेदन दायर किया है. जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने भी एक आवेदन दायर किया था.'</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>संभल में मिलीं तीन और मूर्तियां</strong><br />जैन ने कहा ‘हमें नहीं पता था कि उनके आवेदन पर अंतरिम आदेश तुरंत पारित किया जाएगा. मैं सुप्रीम कोर्ट के 12 दिसंबर के आदेश से संतुष्ट नहीं हूं. उस अंतरिम आदेश में अधिनियम का कार्यान्वयन रोक दिया जाना चाहिए था.'</p>
<p style=”text-align: justify;”>संभल में शिव-हनुमान मंदिर के पास स्थित कुएं से तीन मूर्तियां बरामद की गईं. मंदिर को कथित तौर पर 1978 के बाद पहली बार 14 दिसंबर को पुनः खोला गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/up-assembly-winter-session-battle-between-local-and-foreign-muslims-for-supremacy-in-sambhal-says-cm-yogi-2843509″><strong>संभल में देसी और विदेशी मुसलमानों के वर्चस्व की लड़ाई चल रही- विधानसभा में सीएम योगी का बड़ा दावा</strong></a></p>