संभल हिंसा में सांसद बर्क पर FIR की हूबहू कॉपी:सर्वे रोकने के लिए भड़काऊ भाषण दिया; विधायक के बेटे ने सीओ पर गोली चलवाई

संभल हिंसा में सांसद बर्क पर FIR की हूबहू कॉपी:सर्वे रोकने के लिए भड़काऊ भाषण दिया; विधायक के बेटे ने सीओ पर गोली चलवाई

संभल हिंसा में सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर नामजद FIR दर्ज की गई है। पुलिस ने 7 FIR दर्ज की है। इनमें से एक एफआईआर दरोगा दीपक राठी की ओर से दर्ज कराई गई है। इसमें सांसद पर शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद भीड़ को सर्वे रोकने के लिए उकसाने का आरोप है। सांसद बर्क पर आरोप है कि उन्होंने भड़काऊ भाषण देकर भीड़ को उकसाया। जबकि रविवार को हिंसा के वक्त भीड़ में शामिल शहर विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल ने दंगाइयों को उकसाकर सीओ पर गोली चलवाई। पढ़िए FIR की पूरी कॉपी
19 नवंबर को सिविल कोर्ट के आदेश पर गठित की गई टीम जामा मस्जिद का सर्वे करने पहुंची थी। कड़ी सुरक्षा के बीच सर्वे शुरू हुआ। इसके बाद शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने सर्वे को रोकने के लिए भीड़ को भड़काऊ भाषण दिया। उन्होंने भड़काऊ और आपत्तिजनक नारे लगाए। जिससे भीड़ सर्वे के खिलाफ भड़कने लगी। रविवार को सर्वे टीम कड़ी सुरक्षा में सर्वे करने पहुंची थी। मैं वहां सुरक्षा व्यवस्था ड्यूटी में तैनात था। सुबह करीब 9 बजे अचानक से 700-800 लोगों की भीड़ सर्वे रुकवाने की नीयत से आ गई। इस भीड़ में सुहैल इकबाल पुत्र इकबाल महमूद भी शामिल थे। सुहैल इकबाल ने भीड़ से कहा कि सांसद जियाउर्रहमान बर्क भी हमारे साथ हैं, हम भी आपके साथ हैं। अपने मंसूबों को पूरा कर लो। सुहैल के इतना कहते ही भीड़ ने पुलिस पर पत्थर और गोली चलाना शुरू कर दीं। इसी बीच एक उपद्रवी ने सीओ संभल काे गोली मार दी, जो उनके पैर में लगी…..। इन धाराओं में हुई FIR सब इंस्पेक्टर दीपक राठी की ओर से संभल कोतवाली में दर्ज कराई गई FIR में सांसद जियाउर्रहमान बर्क और सुहैल इकबाल को नामजद करते हुए 700-800 अज्ञात भीड़ को शामिल किया गया है। ये FIR बीएनएस की धारा 191(2), 191(3), 190. 221,132,125,324(5),196,323(b) और सार्वजनिक संपत्ति को छति पहुंचाने की धारा 3 और 5 के अतिरिक्त 326 (f) के तहत दर्ज की गई है। एफआईआर के बाद बर्क का बयान पढ़िए
संभल हिंसा पर समाजवादी पार्टी के सांसद बर्क ने कहा, “यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है, यह एक पूर्व नियोजित घटना है। पूरे देश में मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है और आजादी के बाद ऐसी बुरी स्थिति कभी नहीं हुई। जिस तरह से पूजा स्थल अधिनियम का उल्लंघन किया जा रहा है… एक के बाद एक याचिकाएं प्रस्तुत की जा रही हैं और उसी दिन सुनवाई हो रही है और आदेश भी आ रहा है, उसी दिन डीएम और एसपी ने जाकर सर्वे किया… लोगों को नमाज़ पढ़ने से रोका गया… दूसरे सर्वे की क्या ज़रूरत थी?” सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क का बयान – ये मस्जिद थी, है और रहेगी कयामत तक यह बयान पहले सर्वे के बाद का है। शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद मीडिया से ये बातें कही… कसूरे गम से दो आंसू बहाएं तो आफत है, और सितम सारे जमाने के भूल जाएं तो बगावत है। समझ नहीं आता, छेड़ें तो दास्तां कैसे, हंसाए तो बगावत है, रुलाएं तो बगावत है। आज मैं जामा मस्जिद के अंदर गया, जो अल्लाह का घर है। आज से नहीं, कई साल से यह मस्जिद है। यहां इबादत करने के लिए सारे मुसलमान तशरीफ लाए हैं। ये कुछ नया नहीं है। हमेशा से यहां नमाज अदा की जा रही है। आज मैं भी नमाज के लिए हाजिर हुआ हूं। मुझे मालूम पड़ा कि पुलिस प्रशासन ने यहां बहुत तैयारी कर रखी है। पता नहीं यहां इतनी पुलिस फोर्स क्यों लगा रखी है? यहां कोई जंग तो होने नहीं जा रही, नमाज ही हो रही है। हम लोग बहुत सुकून से रहते हैं। लेकिन कुछ लोग यहां का माहौल बिगाड़ना चाह रहे हैं। मैं कोर्ट के आदेश से सहमत नहीं हूं। हमें सुना नहीं गया, आदेश देने से पहले हमें सुनना चाहिए था। सर्वे करवाने की इतनी जल्दी क्या थी? पुलिस प्रशासन और चीजों में भी इतनी तेजी दिखाया करे। जो क्राइम होते हैं, जो लोगों पर झूठे केस लगाए जाते हैं, उनको रोकता तो हमें भी खुशी होती। ये चाहे 10 ड्रोन कैमरे यहां ले आएं, लेकिन ये मस्जिद थी, मस्जिद है और मस्जिद ही रहेगी कयामत तक। हम यहां सुकून को कायम रखना चाहते हैं। लेकिन आज हम सबकी जिम्मेदारी बनती है कि हम अपनी मस्जिद के लिए कानूनी लड़ाई को लड़ेंगे। ये मस्जिद कोई 5-10 साल पुरानी नहीं है। हम इस देश के मालिक हैं, नौकर गुलाम नहीं हैं। अब जानिए क्या है पूरा मामला… संभल की शाही जामा मस्जिद का मामला कोर्ट में पहुंच गया था। कैलादेवी मंदिर के महंत ऋषि राज गिरि महाराज ने 19 नवंबर को दोपहर डेढ़ बजे सिविल कोर्ट में याचिका लगाई। सिविल जज सीनियर डिवीजन आदित्य सिंह की अदालत ने ढाई घंटे में ऑर्डर कर दिया। कहा- मस्जिद का सर्वे होगा। वीडियो और फोटोग्राफी कराकर रिपोर्ट 7 दिन में दाखिल करें। अदालत ने एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त किया। उसी दिन शाम 4 बजे आदेश आने के महज 2 घंटे के भीतर शाम सवा छह बजे सर्वे के लिए टीम जामा मस्जिद पहुंच गई। डीएम राजेंद्र पैंसिया और एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई भी साथ रहे। 2 घंटे के सर्वे के बाद टीम रात करीब पौने 8 बजे बाहर आई थी। महंत ऋषि राज गिरि ने दावा किया कि शाही जामा मस्जिद श्रीहरिहर मंदिर है। मस्जिद में मंदिर के कई प्रमाण हैं। यहीं पर भगवान विष्णु के दशावतार कल्कि का अवतार होना है। शाही जामा मस्जिद सदर कोतवाली क्षेत्र के कोट पूर्वी में स्थित है। ये बयान भी पढ़िए… एसटी हसन बोले-मुश्किल में पड़ जाएंगी नस्लें मुरादाबाद के पूर्व सपा सांसद डॉ. एसटी हसन ने कहा, अगर हिंदू मुसलमान के बीच की ये सियासत बंद नहीं की गई तो आने वाली नस्लें खतरें में पड़ जाएंगी। उन्होंने कहा कि खरबूजा छुरी के ऊपर गिरे छुरी खरबूजे के ऊपर गिरे, कटना खरबूजे को ही होता है। इसलिए मुसलमानों को संयम बरतने ही जरूरत है। हर स्थिति में नुकसान उन्हीं का होना है। संभल में रविवार सुबह कुछ अफवाहें फैलीं। जिसकी वजह से लोग भड़क गए और उन्होंने उत्तेजित होकर पथराव कर दिया। हसन ने कहा कि ये अफवाह फैली थी कि सर्वे करने वाली टीम सुबह 4 बजे मस्जिद में आई और उसने मौलाना से कुछ बदसलूकी की। हालांकि ये बात महज एक अफवाह ही निकली। एसटी हसन ने कहा कि मुसलमानों को उकसाने की कोशिशें होंगी, लेकिन उन्हें अपने ऊपर काबू रखना होगा। अगर वो बहके तो उन्हीं का नुकसान होगा। संभल हिंसा के लिए मदनी ने प्रशासन को ठहराया जिम्मेदार जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने संभल की जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान पुलिस फायरिंग में मुस्लिम युवकों की मौत और हिंसा पर गहरी नाराजगी और दुख व्यक्त किया। उन्होंने इस घटना के लिए राज्य सरकार और प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि मुस्लिम युवकों की हत्या सरकार और प्रशासन की भेदभावपूर्ण नीति का नतीजा है। उन्होंने कहा-बिना मुस्लिम पक्ष को भरोसे में लिए एक खास तेजी के साथ दूसरी बार टीम सर्वें करने पहुंची। पुलिस और हिंदू पक्ष के वकीलों के साथ ऐसे लोग भी थे, जो मस्जिद के पास सड़कों पर जय श्रीराम के नारे लगा रहे थे। जिसको सुनकर मुस्लिम नौजवान घरों से निकले। आपस में टकराव हुआ। पुलिस ने हालात संभालने के बजाए मुस्लिम पक्ष पर फायरिंग की। जिससे मुस्लिम नौजवानों की मौत हुई। संभल हिंसा में सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर नामजद FIR दर्ज की गई है। पुलिस ने 7 FIR दर्ज की है। इनमें से एक एफआईआर दरोगा दीपक राठी की ओर से दर्ज कराई गई है। इसमें सांसद पर शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद भीड़ को सर्वे रोकने के लिए उकसाने का आरोप है। सांसद बर्क पर आरोप है कि उन्होंने भड़काऊ भाषण देकर भीड़ को उकसाया। जबकि रविवार को हिंसा के वक्त भीड़ में शामिल शहर विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल ने दंगाइयों को उकसाकर सीओ पर गोली चलवाई। पढ़िए FIR की पूरी कॉपी
19 नवंबर को सिविल कोर्ट के आदेश पर गठित की गई टीम जामा मस्जिद का सर्वे करने पहुंची थी। कड़ी सुरक्षा के बीच सर्वे शुरू हुआ। इसके बाद शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने सर्वे को रोकने के लिए भीड़ को भड़काऊ भाषण दिया। उन्होंने भड़काऊ और आपत्तिजनक नारे लगाए। जिससे भीड़ सर्वे के खिलाफ भड़कने लगी। रविवार को सर्वे टीम कड़ी सुरक्षा में सर्वे करने पहुंची थी। मैं वहां सुरक्षा व्यवस्था ड्यूटी में तैनात था। सुबह करीब 9 बजे अचानक से 700-800 लोगों की भीड़ सर्वे रुकवाने की नीयत से आ गई। इस भीड़ में सुहैल इकबाल पुत्र इकबाल महमूद भी शामिल थे। सुहैल इकबाल ने भीड़ से कहा कि सांसद जियाउर्रहमान बर्क भी हमारे साथ हैं, हम भी आपके साथ हैं। अपने मंसूबों को पूरा कर लो। सुहैल के इतना कहते ही भीड़ ने पुलिस पर पत्थर और गोली चलाना शुरू कर दीं। इसी बीच एक उपद्रवी ने सीओ संभल काे गोली मार दी, जो उनके पैर में लगी…..। इन धाराओं में हुई FIR सब इंस्पेक्टर दीपक राठी की ओर से संभल कोतवाली में दर्ज कराई गई FIR में सांसद जियाउर्रहमान बर्क और सुहैल इकबाल को नामजद करते हुए 700-800 अज्ञात भीड़ को शामिल किया गया है। ये FIR बीएनएस की धारा 191(2), 191(3), 190. 221,132,125,324(5),196,323(b) और सार्वजनिक संपत्ति को छति पहुंचाने की धारा 3 और 5 के अतिरिक्त 326 (f) के तहत दर्ज की गई है। एफआईआर के बाद बर्क का बयान पढ़िए
संभल हिंसा पर समाजवादी पार्टी के सांसद बर्क ने कहा, “यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है, यह एक पूर्व नियोजित घटना है। पूरे देश में मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है और आजादी के बाद ऐसी बुरी स्थिति कभी नहीं हुई। जिस तरह से पूजा स्थल अधिनियम का उल्लंघन किया जा रहा है… एक के बाद एक याचिकाएं प्रस्तुत की जा रही हैं और उसी दिन सुनवाई हो रही है और आदेश भी आ रहा है, उसी दिन डीएम और एसपी ने जाकर सर्वे किया… लोगों को नमाज़ पढ़ने से रोका गया… दूसरे सर्वे की क्या ज़रूरत थी?” सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क का बयान – ये मस्जिद थी, है और रहेगी कयामत तक यह बयान पहले सर्वे के बाद का है। शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद मीडिया से ये बातें कही… कसूरे गम से दो आंसू बहाएं तो आफत है, और सितम सारे जमाने के भूल जाएं तो बगावत है। समझ नहीं आता, छेड़ें तो दास्तां कैसे, हंसाए तो बगावत है, रुलाएं तो बगावत है। आज मैं जामा मस्जिद के अंदर गया, जो अल्लाह का घर है। आज से नहीं, कई साल से यह मस्जिद है। यहां इबादत करने के लिए सारे मुसलमान तशरीफ लाए हैं। ये कुछ नया नहीं है। हमेशा से यहां नमाज अदा की जा रही है। आज मैं भी नमाज के लिए हाजिर हुआ हूं। मुझे मालूम पड़ा कि पुलिस प्रशासन ने यहां बहुत तैयारी कर रखी है। पता नहीं यहां इतनी पुलिस फोर्स क्यों लगा रखी है? यहां कोई जंग तो होने नहीं जा रही, नमाज ही हो रही है। हम लोग बहुत सुकून से रहते हैं। लेकिन कुछ लोग यहां का माहौल बिगाड़ना चाह रहे हैं। मैं कोर्ट के आदेश से सहमत नहीं हूं। हमें सुना नहीं गया, आदेश देने से पहले हमें सुनना चाहिए था। सर्वे करवाने की इतनी जल्दी क्या थी? पुलिस प्रशासन और चीजों में भी इतनी तेजी दिखाया करे। जो क्राइम होते हैं, जो लोगों पर झूठे केस लगाए जाते हैं, उनको रोकता तो हमें भी खुशी होती। ये चाहे 10 ड्रोन कैमरे यहां ले आएं, लेकिन ये मस्जिद थी, मस्जिद है और मस्जिद ही रहेगी कयामत तक। हम यहां सुकून को कायम रखना चाहते हैं। लेकिन आज हम सबकी जिम्मेदारी बनती है कि हम अपनी मस्जिद के लिए कानूनी लड़ाई को लड़ेंगे। ये मस्जिद कोई 5-10 साल पुरानी नहीं है। हम इस देश के मालिक हैं, नौकर गुलाम नहीं हैं। अब जानिए क्या है पूरा मामला… संभल की शाही जामा मस्जिद का मामला कोर्ट में पहुंच गया था। कैलादेवी मंदिर के महंत ऋषि राज गिरि महाराज ने 19 नवंबर को दोपहर डेढ़ बजे सिविल कोर्ट में याचिका लगाई। सिविल जज सीनियर डिवीजन आदित्य सिंह की अदालत ने ढाई घंटे में ऑर्डर कर दिया। कहा- मस्जिद का सर्वे होगा। वीडियो और फोटोग्राफी कराकर रिपोर्ट 7 दिन में दाखिल करें। अदालत ने एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त किया। उसी दिन शाम 4 बजे आदेश आने के महज 2 घंटे के भीतर शाम सवा छह बजे सर्वे के लिए टीम जामा मस्जिद पहुंच गई। डीएम राजेंद्र पैंसिया और एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई भी साथ रहे। 2 घंटे के सर्वे के बाद टीम रात करीब पौने 8 बजे बाहर आई थी। महंत ऋषि राज गिरि ने दावा किया कि शाही जामा मस्जिद श्रीहरिहर मंदिर है। मस्जिद में मंदिर के कई प्रमाण हैं। यहीं पर भगवान विष्णु के दशावतार कल्कि का अवतार होना है। शाही जामा मस्जिद सदर कोतवाली क्षेत्र के कोट पूर्वी में स्थित है। ये बयान भी पढ़िए… एसटी हसन बोले-मुश्किल में पड़ जाएंगी नस्लें मुरादाबाद के पूर्व सपा सांसद डॉ. एसटी हसन ने कहा, अगर हिंदू मुसलमान के बीच की ये सियासत बंद नहीं की गई तो आने वाली नस्लें खतरें में पड़ जाएंगी। उन्होंने कहा कि खरबूजा छुरी के ऊपर गिरे छुरी खरबूजे के ऊपर गिरे, कटना खरबूजे को ही होता है। इसलिए मुसलमानों को संयम बरतने ही जरूरत है। हर स्थिति में नुकसान उन्हीं का होना है। संभल में रविवार सुबह कुछ अफवाहें फैलीं। जिसकी वजह से लोग भड़क गए और उन्होंने उत्तेजित होकर पथराव कर दिया। हसन ने कहा कि ये अफवाह फैली थी कि सर्वे करने वाली टीम सुबह 4 बजे मस्जिद में आई और उसने मौलाना से कुछ बदसलूकी की। हालांकि ये बात महज एक अफवाह ही निकली। एसटी हसन ने कहा कि मुसलमानों को उकसाने की कोशिशें होंगी, लेकिन उन्हें अपने ऊपर काबू रखना होगा। अगर वो बहके तो उन्हीं का नुकसान होगा। संभल हिंसा के लिए मदनी ने प्रशासन को ठहराया जिम्मेदार जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने संभल की जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान पुलिस फायरिंग में मुस्लिम युवकों की मौत और हिंसा पर गहरी नाराजगी और दुख व्यक्त किया। उन्होंने इस घटना के लिए राज्य सरकार और प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि मुस्लिम युवकों की हत्या सरकार और प्रशासन की भेदभावपूर्ण नीति का नतीजा है। उन्होंने कहा-बिना मुस्लिम पक्ष को भरोसे में लिए एक खास तेजी के साथ दूसरी बार टीम सर्वें करने पहुंची। पुलिस और हिंदू पक्ष के वकीलों के साथ ऐसे लोग भी थे, जो मस्जिद के पास सड़कों पर जय श्रीराम के नारे लगा रहे थे। जिसको सुनकर मुस्लिम नौजवान घरों से निकले। आपस में टकराव हुआ। पुलिस ने हालात संभालने के बजाए मुस्लिम पक्ष पर फायरिंग की। जिससे मुस्लिम नौजवानों की मौत हुई।   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर