<p style=”text-align: justify;”><strong>MP News: </strong>पंचायत वेबसीरीज आपने देखी होगी, जिसमें भले ही आधिकारिक तौर पर मंजू देवी (नीना गुप्ता) पंचायत की प्रधान होती हैं लेकिन पंचायत का सारा काम उनके पति ही देखते हैं. एमपी के गुना जिले से भी कुछ ऐसा ही मामले सामने आया है. हालांकि यह मामला उससे भी चार कदम आगे का है. यहां दो पंचायतों को ठेके पर ही किसी और को चलाने के लिए दे दिया गया और बदले में उससे कमीशन की राशि भी तय कर दी गई.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस खबर से प्रशासन से लेकर आमजन तक हैरान है. यह मामला गुना के करोद पंचायत और दूसरी चाचौड़ा की रामनगर पंचायत का है. इस दोनों पंचायतों को सरपंच ने नियमों को ताक पर रखकर ठेके पर सौंप दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong> 5 प्रतिशत कमीशन पर तय हुई डील</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बात करें करोद पंचायत की तो एग्रीमेंट के तहत 5 प्रतिशत कमीशन पर चलाने की डील की गई और बाकायदा कागजी अनुबंध भी तैयार किया गया. पंचायत संचालन का यह ठेका पंच रणवीर कुशवाह को ठेके पर दिया गया, जिसके बदले में पंचायत के कामकाज से होने वाली आमदनी में से 5 प्रतिशत हिस्सा तय किया गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><br /><img src=”https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2025/05/21/fb28129f6214933670361177d3bb45381747826981511340_original.jpeg” /></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>चुनाव में खर्च की भी भरपाई का जिम्मा सौंंपा</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके साथ ही चुनाव में खर्च किए गए करीब 20 लाख रुपये की भरपाई की जिम्मेदारी भी रणवीर कुशवाह को सौंपी गई. जैसे ही यह मामला प्रशासन के संज्ञान में आया, तो तुरंत जांच के आदेश दिए गए. जांच में गड़बड़ी की पुष्टि होने पर केंट थाना में पंच रणवीर कुशवाह के खिलाफ फ्रॉड की धाराओं में मामला दर्ज कराया गया और सरपंच लक्ष्मी बाई को पद से हटा दिया गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><br /><img src=”https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2025/05/21/99bc710a03fe7cdbbe089e9955eaeae51747826993376340_original.jpeg” /></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>1 लाख में सरपंची का लिया ठेका</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं बात करें चाचौड़ा क्षेत्र की रामनगर पंचायत की तो सूत्रों के मुताबिक यहां की सरपंच मुन्नीबाई सहरिया को रामसेवक मीणा ने चुनाव लड़ाया था, यहां भी बाकायदा स्टांप पर एग्रीमेंट हुआ इसमें उन्होंने सालाना 1 लाख में सरपंची का ठेका ले लिया. यहां कमीशन का कोई उल्लेख नहीं है. सरपंच ने लिखा कि उनका सरपंची पर कोई अधिकार नहीं रहेगा. इस मामले में गुना की करोद पंचायत और चाचौड़ा क्षेत्र की रामनगर पंचायत की दोनों सरपंचों को हटा दिया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>खुद चुनाव नहीं लड़ सकते इसलिए दूसरों पर लगाते हैं दाव</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>गुना के डीएम किशोर कुमार ने बताया कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित पंचायत में अक्सर दबंग लोग पर्दे के पीछे से सरपंची करते हैं क्योंकि वह खुद चुनाव नहीं लड़ सकते, इसलिए आरक्षित वर्ग के किसी व्यक्ति पर दाव लगाते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>चुनाव में वही पैसा खर्च करते हैं, ऐसी पंचायत में निर्वाचित सरपंच नाम मात्र का रहता है उसे चुनाव लड़ने वाले दबंग सारे कागजात चेकबुक सील आदि अपने पास रखते हैं. सरपंच के आधार से जारी होने वाले मोबाइल नंबर का इस्तेमाल भी यही दबंग करते हैं अगर ऐसी पंचायत में फोन लगाया जाए तो उसे सरपंच नहीं बल्कि वहां का दबंग ही उठाता है. रामनगर पंचायत और करोद पंचायत में आरक्षित वर्ग की महिला सरपंच चुनी गई थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इसे भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/madhya-pradesh/mohan-yadav-cabinet-decision-indore-bhopal-ujjain-jabalpur-and-gwalior-will-develop-as-metropolitan-areas-2948038″>एमपी के इन 5 शहरों की कायापलट, कैबिनेट ने लिया बड़ा फैसला, क्या है सीएम मोहन यादव का प्लान?</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>MP News: </strong>पंचायत वेबसीरीज आपने देखी होगी, जिसमें भले ही आधिकारिक तौर पर मंजू देवी (नीना गुप्ता) पंचायत की प्रधान होती हैं लेकिन पंचायत का सारा काम उनके पति ही देखते हैं. एमपी के गुना जिले से भी कुछ ऐसा ही मामले सामने आया है. हालांकि यह मामला उससे भी चार कदम आगे का है. यहां दो पंचायतों को ठेके पर ही किसी और को चलाने के लिए दे दिया गया और बदले में उससे कमीशन की राशि भी तय कर दी गई.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस खबर से प्रशासन से लेकर आमजन तक हैरान है. यह मामला गुना के करोद पंचायत और दूसरी चाचौड़ा की रामनगर पंचायत का है. इस दोनों पंचायतों को सरपंच ने नियमों को ताक पर रखकर ठेके पर सौंप दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong> 5 प्रतिशत कमीशन पर तय हुई डील</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बात करें करोद पंचायत की तो एग्रीमेंट के तहत 5 प्रतिशत कमीशन पर चलाने की डील की गई और बाकायदा कागजी अनुबंध भी तैयार किया गया. पंचायत संचालन का यह ठेका पंच रणवीर कुशवाह को ठेके पर दिया गया, जिसके बदले में पंचायत के कामकाज से होने वाली आमदनी में से 5 प्रतिशत हिस्सा तय किया गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><br /><img src=”https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2025/05/21/fb28129f6214933670361177d3bb45381747826981511340_original.jpeg” /></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>चुनाव में खर्च की भी भरपाई का जिम्मा सौंंपा</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके साथ ही चुनाव में खर्च किए गए करीब 20 लाख रुपये की भरपाई की जिम्मेदारी भी रणवीर कुशवाह को सौंपी गई. जैसे ही यह मामला प्रशासन के संज्ञान में आया, तो तुरंत जांच के आदेश दिए गए. जांच में गड़बड़ी की पुष्टि होने पर केंट थाना में पंच रणवीर कुशवाह के खिलाफ फ्रॉड की धाराओं में मामला दर्ज कराया गया और सरपंच लक्ष्मी बाई को पद से हटा दिया गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><br /><img src=”https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2025/05/21/99bc710a03fe7cdbbe089e9955eaeae51747826993376340_original.jpeg” /></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>1 लाख में सरपंची का लिया ठेका</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं बात करें चाचौड़ा क्षेत्र की रामनगर पंचायत की तो सूत्रों के मुताबिक यहां की सरपंच मुन्नीबाई सहरिया को रामसेवक मीणा ने चुनाव लड़ाया था, यहां भी बाकायदा स्टांप पर एग्रीमेंट हुआ इसमें उन्होंने सालाना 1 लाख में सरपंची का ठेका ले लिया. यहां कमीशन का कोई उल्लेख नहीं है. सरपंच ने लिखा कि उनका सरपंची पर कोई अधिकार नहीं रहेगा. इस मामले में गुना की करोद पंचायत और चाचौड़ा क्षेत्र की रामनगर पंचायत की दोनों सरपंचों को हटा दिया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>खुद चुनाव नहीं लड़ सकते इसलिए दूसरों पर लगाते हैं दाव</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>गुना के डीएम किशोर कुमार ने बताया कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित पंचायत में अक्सर दबंग लोग पर्दे के पीछे से सरपंची करते हैं क्योंकि वह खुद चुनाव नहीं लड़ सकते, इसलिए आरक्षित वर्ग के किसी व्यक्ति पर दाव लगाते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>चुनाव में वही पैसा खर्च करते हैं, ऐसी पंचायत में निर्वाचित सरपंच नाम मात्र का रहता है उसे चुनाव लड़ने वाले दबंग सारे कागजात चेकबुक सील आदि अपने पास रखते हैं. सरपंच के आधार से जारी होने वाले मोबाइल नंबर का इस्तेमाल भी यही दबंग करते हैं अगर ऐसी पंचायत में फोन लगाया जाए तो उसे सरपंच नहीं बल्कि वहां का दबंग ही उठाता है. रामनगर पंचायत और करोद पंचायत में आरक्षित वर्ग की महिला सरपंच चुनी गई थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इसे भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/madhya-pradesh/mohan-yadav-cabinet-decision-indore-bhopal-ujjain-jabalpur-and-gwalior-will-develop-as-metropolitan-areas-2948038″>एमपी के इन 5 शहरों की कायापलट, कैबिनेट ने लिया बड़ा फैसला, क्या है सीएम मोहन यादव का प्लान?</a></strong></p> मध्य प्रदेश VIP चीफ मुकेश सहनी बोले- ‘मेरे और तेजस्वी के नेतृत्व में…’, दिलीप जायसवाल को भी दिया जवाब
‘सरपंची पर मेरा कोई अधिकार नहीं’, ठेके पर पंचायत, बदले में कमीशन और चुनाव खर्च उठाने पर डील तय
