पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की बिल्डिंग सुखना कैचमेंट एरिया में आती है, इसलिए विस्तार या अतिरिक्त निर्माण नहीं किया जा सकता। यह बात सर्वे ऑफ इंडिया की ओर से मामले की सुनवाई के दौरान पेश की गई सर्वे रिपोर्ट में कही गई है। चंडीगढ़ प्रशासन के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि सेक्टर-4 में एमएलए हॉस्टल के पीछे हाईकोर्ट के लिए पार्किंग तैयार की जा रही है, जिसका टेंडर व वर्क अलॉट हो चुका है। पार्किंग वाली जमीन हाईकोर्ट के नाम की जा चुकी है, जहां 300 वाहनों की पार्किंग सुविधा होगी। बिल्डिंग का हुआ ड्रोन सर्वे हाईकोर्ट के आदेशों पर आईआईटी रुड़की ने 8 व 9 जून को हाईकोर्ट बिल्डिंग का ड्रोन सर्वे किया था। हाईकोर्ट जानना चाहती है कि भविष्य में इमारत का विस्तार किया जा सकता है या नहीं, क्या इमारत अतिरिक्त बोझ बर्दाश्त करने की स्थति में है या नहीं? बिल्डिंग का हैरिटेज स्टेटस भी बना रहे और जरूरत के अनुसार परिवर्तन किया जा सके। हाईकोर्ट की हैरिटेज बिल्डिंग कितना वजन झेल सकती है और वर्तमान में कितना लोड है, यह भी जानना जरूरी था। ड्रोन सर्वे की रिपोर्ट आईआईटी रुड़की ने 23 जून को पेश करनी थी, लेकिन शुक्रवार को एक बार फिर आईआईटी रुड़की की और से सर्वे रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कुछ और समय मांगा है। फिजिकल सर्वे के बाद फैसला पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने सर्वे ऑफ इंडिया की मैपिंग रिपोर्ट को दरकिनार करते हुए उन्हें फिजिकल सर्वे कर यह बताने को कहा कि हाईकोर्ट बिल्डिंग कैचमेंट एरिया में की टीम अब जल्द ही सुखना से हाईकोर्ट तक का फिजिकल सर्वे करेगी और पता लगाएगी कि हाईकोर्ट कैचमेंट एरिया में आता है या नहीं। रिपोर्ट के बाद ही तय हो पाएगा कि हाईकोर्ट की बिल्डिंग का विस्तार किया जा सकता है या नहीं। दूसरी और आईआईटी रुड़की की ड्रोन सर्वे रिपोर्ट यह तय करेगी कि बिल्डिंग अतिरिक्त बोझ बर्दाश्त कर सकती है या नहीं। सारंगपुर में हाईकोर्ट को एक्सटेंशन प्लान के लिए चंडीगढ़ प्रशसान जमीन दे चुका है अब वहां क्या बनाया जाए इसके लिए हाईकोर्ट की बिल्डिंग ब्रांच खाका तैयार कर रही है। कोर्ट ने कहा है कि उक्त विषय काफी गंभीर है क्योंकि हाईकोर्ट स्टाफ को बैठाने के लिए जगह नहीं है और प्रशासन जगह नहीं दे रहा, इसलिए इस मसले का समाधान निकालने के लिए अब हर शुक्रवार मामले में सुनवाई होगी। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की बिल्डिंग सुखना कैचमेंट एरिया में आती है, इसलिए विस्तार या अतिरिक्त निर्माण नहीं किया जा सकता। यह बात सर्वे ऑफ इंडिया की ओर से मामले की सुनवाई के दौरान पेश की गई सर्वे रिपोर्ट में कही गई है। चंडीगढ़ प्रशासन के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि सेक्टर-4 में एमएलए हॉस्टल के पीछे हाईकोर्ट के लिए पार्किंग तैयार की जा रही है, जिसका टेंडर व वर्क अलॉट हो चुका है। पार्किंग वाली जमीन हाईकोर्ट के नाम की जा चुकी है, जहां 300 वाहनों की पार्किंग सुविधा होगी। बिल्डिंग का हुआ ड्रोन सर्वे हाईकोर्ट के आदेशों पर आईआईटी रुड़की ने 8 व 9 जून को हाईकोर्ट बिल्डिंग का ड्रोन सर्वे किया था। हाईकोर्ट जानना चाहती है कि भविष्य में इमारत का विस्तार किया जा सकता है या नहीं, क्या इमारत अतिरिक्त बोझ बर्दाश्त करने की स्थति में है या नहीं? बिल्डिंग का हैरिटेज स्टेटस भी बना रहे और जरूरत के अनुसार परिवर्तन किया जा सके। हाईकोर्ट की हैरिटेज बिल्डिंग कितना वजन झेल सकती है और वर्तमान में कितना लोड है, यह भी जानना जरूरी था। ड्रोन सर्वे की रिपोर्ट आईआईटी रुड़की ने 23 जून को पेश करनी थी, लेकिन शुक्रवार को एक बार फिर आईआईटी रुड़की की और से सर्वे रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कुछ और समय मांगा है। फिजिकल सर्वे के बाद फैसला पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने सर्वे ऑफ इंडिया की मैपिंग रिपोर्ट को दरकिनार करते हुए उन्हें फिजिकल सर्वे कर यह बताने को कहा कि हाईकोर्ट बिल्डिंग कैचमेंट एरिया में की टीम अब जल्द ही सुखना से हाईकोर्ट तक का फिजिकल सर्वे करेगी और पता लगाएगी कि हाईकोर्ट कैचमेंट एरिया में आता है या नहीं। रिपोर्ट के बाद ही तय हो पाएगा कि हाईकोर्ट की बिल्डिंग का विस्तार किया जा सकता है या नहीं। दूसरी और आईआईटी रुड़की की ड्रोन सर्वे रिपोर्ट यह तय करेगी कि बिल्डिंग अतिरिक्त बोझ बर्दाश्त कर सकती है या नहीं। सारंगपुर में हाईकोर्ट को एक्सटेंशन प्लान के लिए चंडीगढ़ प्रशसान जमीन दे चुका है अब वहां क्या बनाया जाए इसके लिए हाईकोर्ट की बिल्डिंग ब्रांच खाका तैयार कर रही है। कोर्ट ने कहा है कि उक्त विषय काफी गंभीर है क्योंकि हाईकोर्ट स्टाफ को बैठाने के लिए जगह नहीं है और प्रशासन जगह नहीं दे रहा, इसलिए इस मसले का समाधान निकालने के लिए अब हर शुक्रवार मामले में सुनवाई होगी। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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राज्यसभा चुनाव पर भूपेंद्र हुड्डा Vs अभय चौटाला:हुड्डा बोले- नंबर नहीं, उम्मीदवार नहीं उतारेंगे; इनेलो नेता ने कहा- BJP की मदद कर रहे हरियाणा में खाली हुई एक राज्यसभा सीट के लिए विपक्षी पार्टियों के नेता आमने-सामने हो गए हैं। कांग्रेस नेता एंव पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने राज्सभा चुनाव से अपने हाथ पीछे खींच लिए हैं। उन्होंने कम विधायक होने का हवाला दिया है। वहीं हुड्डा के इस बयान पर इनेलो के प्रधान महासचिव एवं ऐलानाबाद से विधायक अभय सिंह चौटाला ने पलटवार किया है। अभय सिंह चौटाला ने कहा कि हुड्डा जब भाजपा के खिलाफ अविश्चास प्रस्ताव जब ला सकता है तो राज्यसभा में चुनाव क्यों नहीं लड़ सकता। अभय चौटाला ने कहा कि कांग्रेस को राज्यसभा में उम्मीदवार खड़ा करना चाहिए और सारे विपक्ष के लोगों के साथ कांग्रेस को बात करनी चाहिए। अभय चौटाला ने कि हुड्डा नहीं चाहता कांग्रेस का प्रत्याशी जीते वह तो सीधे भाजपा की मदद करने में लगा हुआ है। हरियाणा में भाजपा के खिलाफत वाले वोट लेने की होड़ हरियाणा में सत्ता विरोधी लहर के वोट पाने की जहां कांग्रेस हर संभव कोशिश कर रही है। वहीं विपक्षी दल इनेलो कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा को भाजपा का मोहरा बताने में लगे हैं ताकि सत्ता विरोधी लहर का फायदा उनको भी मिल सके। हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में सत्ता विरोधी लहर इनेलो और जजपा में बटने के बजाय कांग्रेस को गया। इससे कांग्रेस को लोकसभा में 5 सीटें मिली। वहीं विधानसभा वाईज 42 सीटों पर बढ़त मिली। ऐसे में विपक्षी दल हुड्डा की पोल खोलने में लगे हैं। हुड्डा के चुनाव से पीछे हटने से बैठे बठाए इनेलो के हाथ मुद्दा लग गया है। हरियाणा में राज्यसभा की 5 सीटें हरियाणा में राज्यसभा की कुल 5 सीटें हैं। इन सीटों में 3 भाजपा के पास है, जबकि एक सीट पर निर्दलीय कार्तिकेय शर्मा काबिज है। भाजपा ने सुभाष बराला, रामचंद्र जांगड़ा और कृष्ण लाल पंवार को राज्यसभा भेजा है। वहीं कांग्रेस से दीपेंद्र हुड्डा राज्यसभा सांसद थे। उनके लोकसभा चुनाव जीतने के बाद यह सीट खाली हो गई है। ऐसे में भाजपा राज्यसभा सीट पाना चाहती हैं। वहीं भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने नंबर गेम का हवाला देकर अपने पांव पीछे खींच लिए हैं। ऐसे में भाजपा की राज्यसभा चुनाव की राह आसान हो गई है। हरियाणा विधानसभा में सीटों का गणित वहीं हरियाणा विधानसभा में 90 सीटें हैं। 3 फिलहाल खाली हैं। 87 में से बहुमत का आंकड़ा 44 है। भाजपा के पास इस वक्त 43 विधायक हैं। वहीं विपक्ष के पास पहले 44 विधायक थे लेकिन किरण चौधरी के भाजपा में आने से उनके पास भी अब 43 विधायक ही बचे हैं। क्या बोले अभय सिंह चौटाला इनेलो के विधायक अभय सिंह चौटाला ने कहा कि भय की राजनीति से प्रभावित भूपेंद्र हुड्डा विपक्ष को कमजोर करने एवं भाजपा को ऐसा विपक्ष देने के लिए संघर्षरत हैं जो भाजपा के इशारे पर काम कर रहे हैं। विधानसभा में चुप्पी से लेकर लोकसभा चुनावों में कमजोर प्रत्याशियों को उतारना और अब राज्यसभा सीट बाबत ऐसा फैसला भाजपा समर्पित है। प्रदेश की जनता सब जानती है की किस तरह भूपेंद्र हुड्डा ने अपने बेटे को राज्यसभा भेजा एवं उसी राज्यसभा सीट की जगह रोहतक लोकसभा के सौदे को रूपरेखा देने का काम किया जा रहा है।
हरियाणा चुनाव के बाद JJP का चेयरमैन हटाया:BJP के पार्षद अविश्वास प्रस्ताव लाए; 17 ने इसके समर्थन में वोटिंग की, कोर्ट से फैसला
हरियाणा चुनाव के बाद JJP का चेयरमैन हटाया:BJP के पार्षद अविश्वास प्रस्ताव लाए; 17 ने इसके समर्थन में वोटिंग की, कोर्ट से फैसला हरियाणा में विधानसभा चुनाव को बाद कैथल के जिला परिषद चेयरमैन दीपक मलिक को हटा दिया गया है। उनके खिलाफ करीब 3 महीने पहले 15 पार्षदों की ओर से अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था। आज उस प्रस्ताव की वोटिंग का रिजल्ट DC की ओर से जारी किया गया। इस रिजल्ट के अनुसार, जिले के कुल 21 पार्षदों में से 17 ने वोटिंग में हिस्सा लिया था और इन सभी 17 पार्षदों ने चेयरमैन के खिलाफ वोटिंग की थी। वहीं, चेयरमैन समेत 3 पार्षद इस वोटिंग में शामिल नहीं हुए थे।इसके अलावा 1 पार्षद को भ्रष्टाचार मामले में सस्पेंड किया गया था, जिससे वह वोट नहीं कर पाए। चेयरमैन इस मामले को कोर्ट में ले गए जहां इसके रिजल्ट पर स्टे लगा दिया गया। हालांकि, कोर्ट ने विधानसभा चुनाव के बीच में रिजल्ट घोषित करने का निर्णय सुनाया था, लेकिन आचार संहिता लगने के कारण प्रशासन ने इसे रोक लिया। आज जिला सभागार में उस अविश्वास प्रस्ताव का रिजल्ट घोषित हो गया। चेयरमैन दीपक मलिक जननायक जनता पार्टी (JJP) समर्थित थे। लोकसभा चुनाव 2024 के ठीक पहले भाजपा और JJP का हरियाणा सरकार में गठबंधन टूट जाने के बाद से कैथल में भाजपा समर्थित सभी पार्षद चेयरमैन को हटाने में लगे हुए थे। कोर्ट ने मांगा था सरकार से जवाब
इस साल जून में लोकसभा चुनाव का रिजल्ट आने के बाद JJP समर्थित चेयरमैन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाकर उसे हटाने की रणनीति बनाई गई। इसके चलते 12 जुलाई को भाजपा समर्थित 15 पार्षदों ने DC प्रशांत पंवार को अविश्वास का शपथ पत्र दिया। इसके तुरंत बाद ही DC ने सभी पार्षदों और चेयरमैन को वोटिंग के लिए नोटिस भेजा। हालांकि, जैसे ही अविश्वास प्रस्ताव लाने की जानकारी चेयरमैन को हुई, वह कोर्ट पहुंच गए। कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए वोटिंग के रिजल्ट घोषित करने पर रोक लगा दी। हालांकि, कोर्ट ने वोटिंग पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। चेयरमैन ने कोर्ट में यह ग्राउंड बनाया
चेयरमैन दीपक मलिक ने अविश्वास प्रस्ताव को संवैधानिक बताकर कोर्ट को इसकी खामियां बताईं। उनका कहना था कि अविश्वास प्रस्ताव लाने की प्रक्रिया में नियमों का पालन नहीं हुआ। DC ने अविश्वास प्रस्ताव की बैठक बुलाने के लिए जो 12 जुलाई को नोटिस जारी किया था, वह उन्हें 16 जुलाई को मिला। नोटिस के मुताबिक 19 जुलाई को वोटिंग होनी थी। इसलिए, उन्हें अपनी तैयारी के लिए केवल 3 दिन मिले। जबकि, एक्ट के अनुसार अविश्वास प्रस्ताव लाने से पहले संबंधित चेयरमैन को 7 दिन का समय देना अनिवार्य होता है। इस पर कोर्ट ने स्थानीय प्रशासन से मामले की पूरी जानकारी देने को कहा, लेकिन कोर्ट ने वोटिंग पर रोक नहीं लगाई। अब जिला प्रशासन ने इस मामले में अपना जवाब अदालत में पेश किया। कोर्ट में अविश्वास प्रस्ताव को संवैधानिक और नियमों के मुताबिक बताया गया। 17 पार्षदों ने की थी वोटिंग
बता दें कि 19 जुलाई को 20 में से 17 पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव को लेकर वोटिंग की थी। इनमें चेयरमैन दीपक मलिक के अलावा वार्ड 12 की पार्षद नेहा तंवर और वार्ड 18 से राकेश खानपुर नहीं पहुंचे। इस पूरी प्रक्रिया में प्रशासन की तरफ से ADC और जिला परिषद CEO जया श्रद्धा के साथ DC प्रशांत पंवार भी मौजूद थे। 15 पार्षदों ने DC को सौंपा था शपथ पत्र
चेयरमैन दीपक मलिक के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए 21 में से 15 पार्षदों ने 12 जुलाई को DC को शपथ पत्र सौंपा था। इनमें वार्ड 13 के पार्षद कर्मवीर कौल, वार्ड 3 की रुमिला ढुल, वार्ड 4 से दिलबाग सिंह, वार्ड 5 से कमलेश रानी, वार्ड 6 से अमरजीत, वार्ड 7 से कमलेश रानी, वार्ड 8 से ममता रानी, वार्ड 9 से देवेंद्र शर्मा, वार्ड 10 से सोनिया रानी, वार्ड 11 से विक्रमजीत कश्यप, वार्ड 14 से पिंकी रानी, वार्ड 15 से मनीष शर्मा फरल, वार्ड 19 से बलजीत कौर, वार्ड 20 से सुरजीत कौर और वार्ड 21 से बलवान सिंह शामिल थे। इसके बाद DC प्रशांत पंवार ने 20 पार्षदों को नोटिस जारी कर 19 जुलाई को अविश्वास प्रस्ताव की वोटिंग के लिए बुलाया। इनमें पार्षद विक्रमजीत कश्यप को नोटिस नहीं भेजा गया था, क्योंकि वह भ्रष्टाचार के मामले में सस्पेंड चल रहे हैं। इन पार्षदों ने की थी वोटिंग
वार्ड 1 से पार्षद संजीव ठाकुर, वार्ड 3 से रुमिला ढुल, वार्ड 4 से दिलबाग सिंह, वार्ड 5 से कमलेश रानी, वार्ड 6 से अमरजीत, वार्ड 7 से कमलेश रानी, वार्ड 8 से ममता रानी, वार्ड 9 से देवेंद्र शर्मा, वार्ड 10 से सोनिया रानी, वार्ड 13 से कर्मवीर कौल, वार्ड 14 से पिंकी रानी, वार्ड 15 से मनीष शर्मा फरल, वार्ड 16 रितु कुमारी, वार्ड 18 से मैनेजर कश्यप, वार्ड 19 से बलजीत कौर, वार्ड 20 से सुरजीत कौर और वार्ड 21 से पार्षद बलवान सिंह ने चेयरमैन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव में वोटिंग की।
पेहोवा पहुंचे सीएम नायब सैनी:ग्रामीणों को देखकर बीच रास्ते में रोका काफिला, समस्याएं सुनी
पेहोवा पहुंचे सीएम नायब सैनी:ग्रामीणों को देखकर बीच रास्ते में रोका काफिला, समस्याएं सुनी मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी रविवार दोपहर बाद हेलीकॉप्टर के जरिए कुरूक्षेत्र के पेहोवा पहुंचे। एसआईएस हेलीपैड से जब मुख्यमंत्री गाड़ी से कृषि मंत्री के आवास की ओर जा रहे थे, तो रास्ते में तलहेड़ी गांव में लोगों को खड़ा देखकर अपना काफिला रोक लिया और उनकी समस्याएं सनी। कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा के निवास पर गांव चनालहेड़ी पहुंचने पर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का जोरदार स्वागत किया गया। मुख्यमंत्री पेहोवा के बाद अपने विधानसभा क्षेत्र लाडवा जाएंगे। वे हेलीकॉप्टर के जरिए ही लाडवा पहुंचेगे और आईजीएन कॉलेज में हेलीपैड से गाड़ी से हलके के लोगों से मिलने जाएंगे।