सांसद व जिला विकास समन्वय समिति के अध्यक्ष अशोक रावत ने नगर निगम में तैनात अपर नगर आयुक्त जगदीश यादव पर भ्रष्टाचार और ब्लैकमेलिंग के गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने डूडा का परियोजना अधिकारी रहते हुए कार्यकाल के दौरान जांच समिति को प्रभावित करने के भी आरोप लगाए हैं। सांसद ने नगर आयुक्त को भेजा पत्र
मिश्रिख सांसद अशोक रावत ने नगर आयुक्त सुधीर कुमार को पत्र लिखकर अपर नगर आयुक्त की जांच करने के लिए कहा है। सांसद ने पत्र में बताया कि डूडा के परियोजना अधिकारी रहते हुए डीएम के आदेश पर निर्माण कार्यों के लिए जांच समिति का गठन किया गया था। आरोप लगाते हुए लिखा कि सदस्य के रूप में जांच रिपोर्ट लगाने के लिए रिश्वत की मांग की गई। शासन से हुए थे जांच के आदेश
महाराजपुर में डूडा विभाग द्वारा सड़कों व लाइटिंग के 15 विकास कार्य कराए गए थे। करीब ढाई करोड़ रुपए से ये कराए गए। लेकिन मामले में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए शासन में शिकायत की गई। इस मामले को दिशा की बैठक में भी उठाया गया। इसमें डीएम ने जांच समिति गठित की थी। जिसमें एडीएम सिटी अध्यक्ष और अपर नगर आयुक्त को सदस्य के रूप में नामित किया गया था। गलत रिपोर्ट लगाने का आरोप
सांसद ने पत्र में आरोप लगाया कि जांच समिति द्वारा जांच रिपोर्ट में रुपए न मिलने पर सिग्नेचर नहीं किया। रिश्वत न मिलने पर अपर नगर आयुक्त द्वारा प्रतिशोधवश गलत रिपोर्ट लगा दी गई। सांसद ने मामले में ब्लैकमेलिंग का भी आरोप लगाया है। मामले में सांसद ने नगर आयुक्त को जांच कर कार्रवाई करने के लिए कहा है। अपर नगर आयुक्त बोले रिपोर्ट डीएम को सौंप दी है
मामले में अपर नगर आयुक्त जगदीश यादव से बात की गई तो उन्होंने बताया कि समिति और मेरी रिपोर्ट में अंतर था। इसलिए सिग्रेचर नहीं किए थे। बाकी अपनी रिपोर्ट डीएम को सौंप दी है। शासन में जो शिकायत की गई थी, वो सही थी। मेरे ऊपर लगाए गए आरोप पूरी तरह निराधार हैं। सांसद व जिला विकास समन्वय समिति के अध्यक्ष अशोक रावत ने नगर निगम में तैनात अपर नगर आयुक्त जगदीश यादव पर भ्रष्टाचार और ब्लैकमेलिंग के गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने डूडा का परियोजना अधिकारी रहते हुए कार्यकाल के दौरान जांच समिति को प्रभावित करने के भी आरोप लगाए हैं। सांसद ने नगर आयुक्त को भेजा पत्र
मिश्रिख सांसद अशोक रावत ने नगर आयुक्त सुधीर कुमार को पत्र लिखकर अपर नगर आयुक्त की जांच करने के लिए कहा है। सांसद ने पत्र में बताया कि डूडा के परियोजना अधिकारी रहते हुए डीएम के आदेश पर निर्माण कार्यों के लिए जांच समिति का गठन किया गया था। आरोप लगाते हुए लिखा कि सदस्य के रूप में जांच रिपोर्ट लगाने के लिए रिश्वत की मांग की गई। शासन से हुए थे जांच के आदेश
महाराजपुर में डूडा विभाग द्वारा सड़कों व लाइटिंग के 15 विकास कार्य कराए गए थे। करीब ढाई करोड़ रुपए से ये कराए गए। लेकिन मामले में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए शासन में शिकायत की गई। इस मामले को दिशा की बैठक में भी उठाया गया। इसमें डीएम ने जांच समिति गठित की थी। जिसमें एडीएम सिटी अध्यक्ष और अपर नगर आयुक्त को सदस्य के रूप में नामित किया गया था। गलत रिपोर्ट लगाने का आरोप
सांसद ने पत्र में आरोप लगाया कि जांच समिति द्वारा जांच रिपोर्ट में रुपए न मिलने पर सिग्नेचर नहीं किया। रिश्वत न मिलने पर अपर नगर आयुक्त द्वारा प्रतिशोधवश गलत रिपोर्ट लगा दी गई। सांसद ने मामले में ब्लैकमेलिंग का भी आरोप लगाया है। मामले में सांसद ने नगर आयुक्त को जांच कर कार्रवाई करने के लिए कहा है। अपर नगर आयुक्त बोले रिपोर्ट डीएम को सौंप दी है
मामले में अपर नगर आयुक्त जगदीश यादव से बात की गई तो उन्होंने बताया कि समिति और मेरी रिपोर्ट में अंतर था। इसलिए सिग्रेचर नहीं किए थे। बाकी अपनी रिपोर्ट डीएम को सौंप दी है। शासन में जो शिकायत की गई थी, वो सही थी। मेरे ऊपर लगाए गए आरोप पूरी तरह निराधार हैं। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
सांसद ने अपर नगर आयुक्त के खिलाफ खोला मोर्चा:जांच रिपोर्ट प्रभावित करने के लिए भ्रष्टाचार का आरोप; अपर आयुक्त बोले- रिपोर्ट भेज दी है
