जालंधर| सीबीएसई ने साइंस एग्जीबिशन 2024-25 के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रकिया चल रही है। इसके लिए स्कूल https://cbseit.in/cb se/2024/sciex/sch_lo gin.aspx पर जाकर 10 सितंबर तक अप्लाई कर सकते हैं। छात्रों के साइंटिफिक व इनोवेटिव सोच को प्रोत्साहित किया जाएगा। इस बार का थीम साइंस एंड टेक्नोलॉजी फॉर सस्टेनेबल फ्यूचर रखा गया है। इसमें कई सब थीम फूड, हेल्थ एंड हाईजीन, ट्रांसपोर्ट एंड कम्युनिकेशन, नेचुरल फार्मिंग, डिजास्टर मैनेजमेंट, वेस्ट मैनेजमेंट, रिसोर्स मैनेजमेंट और मैथेमेटिकल मॉडलिंग और कम्प्यूटेशनल थिंकिंग आदि रखे गए हैं। इसके लिए सीबीएसई ने दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं कि प्रदर्शनी में दो कैटेगरी में छात्र भाग ले सकेंगे। सीबीएसई साइंस एग्जीबिशन (2024-25) क्षेत्रीय व राष्ट्रीय स्तर पर अक्टूबर 2024-दिसंबर 2024 तक चलेगी। जारी दिशा-निर्देश के अनुसार विज्ञान प्रदर्शनी में एक स्कूल से केवल दो टीम ही भाग ले सकती हैं। एक टीम में केवल दो बच्चे और एक मेंटर शामिल होंगे। इसमें स्टूडेंट्स को रिसर्च आधारित साइंस प्रोजेक्ट्स पेश करने होंगे। एक स्कूल अधिकतम दो टीम हिस्सा ले सकती हैं। स्टूडेंट्स को इनवेस्टीगेशन आधारित, साइंस और टेक्नोलॉजी के प्रिंसिपल आधारित और दिए गए विषयों पर आधारित समस्याओं के हल आधारित नए हल पेश करने होंगे। ज्यादा जानकारी बोर्ड की वेबसाइट से प्राप्त कर सकते हैं। पहले कैटेगरी में क्लास 6 से 8 के बच्चे भाग लेंगे। वहीं दूसरी कैटेगरी में क्लास 9 से 11वीं तक के बच्चों को शामिल किया जाएगा। जालंधर| सीबीएसई ने साइंस एग्जीबिशन 2024-25 के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रकिया चल रही है। इसके लिए स्कूल https://cbseit.in/cb se/2024/sciex/sch_lo gin.aspx पर जाकर 10 सितंबर तक अप्लाई कर सकते हैं। छात्रों के साइंटिफिक व इनोवेटिव सोच को प्रोत्साहित किया जाएगा। इस बार का थीम साइंस एंड टेक्नोलॉजी फॉर सस्टेनेबल फ्यूचर रखा गया है। इसमें कई सब थीम फूड, हेल्थ एंड हाईजीन, ट्रांसपोर्ट एंड कम्युनिकेशन, नेचुरल फार्मिंग, डिजास्टर मैनेजमेंट, वेस्ट मैनेजमेंट, रिसोर्स मैनेजमेंट और मैथेमेटिकल मॉडलिंग और कम्प्यूटेशनल थिंकिंग आदि रखे गए हैं। इसके लिए सीबीएसई ने दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं कि प्रदर्शनी में दो कैटेगरी में छात्र भाग ले सकेंगे। सीबीएसई साइंस एग्जीबिशन (2024-25) क्षेत्रीय व राष्ट्रीय स्तर पर अक्टूबर 2024-दिसंबर 2024 तक चलेगी। जारी दिशा-निर्देश के अनुसार विज्ञान प्रदर्शनी में एक स्कूल से केवल दो टीम ही भाग ले सकती हैं। एक टीम में केवल दो बच्चे और एक मेंटर शामिल होंगे। इसमें स्टूडेंट्स को रिसर्च आधारित साइंस प्रोजेक्ट्स पेश करने होंगे। एक स्कूल अधिकतम दो टीम हिस्सा ले सकती हैं। स्टूडेंट्स को इनवेस्टीगेशन आधारित, साइंस और टेक्नोलॉजी के प्रिंसिपल आधारित और दिए गए विषयों पर आधारित समस्याओं के हल आधारित नए हल पेश करने होंगे। ज्यादा जानकारी बोर्ड की वेबसाइट से प्राप्त कर सकते हैं। पहले कैटेगरी में क्लास 6 से 8 के बच्चे भाग लेंगे। वहीं दूसरी कैटेगरी में क्लास 9 से 11वीं तक के बच्चों को शामिल किया जाएगा। पंजाब | दैनिक भास्कर
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पठानकोट में फिर सता रहा बाढ़ का डर:ग्रामीण बोले- दावे झूठे, प्रशासन ने किए प्रबंध, 8 गांवों का कलस्टर बनाया
पठानकोट में फिर सता रहा बाढ़ का डर:ग्रामीण बोले- दावे झूठे, प्रशासन ने किए प्रबंध, 8 गांवों का कलस्टर बनाया पंजाब के जिला पठानकोट के बोर्डर इलाके का उज्ज दरिया जोकि बमियाल बॉर्डर से होकर गुजरता है, हर साल बाढ़ में उज्ज दरिया के बाढ़ का पानी बमियाल के आधा दर्जन गावों को अपनी लपेट में ले लेता है। जिसके कारण लोगों का काफी नुकसान होता है।
अगर पिछले वर्ष की बात करे तो बाढ़ का पानी कई गावों तक पहुंच गया था जिसके कारण जहां लोगों को जान-माल नुकसान भी उठाना पड़ा था। वहीं जहां एक तरफ मॉनसून ने अपनी दस्तक दे दी है, वहीं लोगों का कहना है कि पंजाब सरकार एवं जिला प्रशासन की ओर से इस बार भी संभावित बाढ़ से निपटने के लिए कोई पुख्ता प्रबंध नही किए। अगर जिला प्रशासन की मानें तो किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पुख्ता इंतजाम कर लिए गए हैं। पिछले साल आई भी भारी बाढ़ आपको बता दें कि, पिछले साल बारिश के सीजन में बाढ़ के पानी ने पंजाब के कई शहरों ओर गावों को प्रभावित किया था। पठानकोट के बॉर्डर इलाके में बहते उज्ज दरिया की बात की जाए तो उज्ज दरिया में भी बाढ़ के पानी ने आधा दर्शन के करीब गांव को अपनी चपेट में ले लिया था। कई परिवारों को निकाल कर सरकारी स्कूलों और अन्य सुरक्षित स्थानों पर रखा गया था। इस संबंध में जब दैनिक भास्कर टीम ने मौके पर जाकर स्थानीय लोगों राजेश सिंह, अश्वनी कुमार, सरपंच बलबीर सिंह ग्राम पंचायत दनवाल से बात की तो उन्होंने कहा कि जब बाढ़ आती है तो प्रशासन एवं लीडर लोगों का हाल पूछने आ जाते हैं, लेकिन समय रहते किसी भी तरह के पुख्ता प्रबंध नहीं किए जाते हैं। उन्होंने बताया कि पिछले साल भी हमारे लोगों का भारी नुकसान उज्ज दरिया के बाढ़ के पानी से हुआ था, जिसके बाद प्रशासन व हलके के लीडर संवेदना व्यक्त करने पहुंच गए थे। नहीं मिला किसी को भी मुआवजा उन्होंने कहा कि, हालांकि लीडरों की ओर से मुआवजा देने की बात भी कही गई, लेकिन अभी तक किसी को भी कोई मुआवजा नहीं दिया गया। सरपंच बलबीर सिंह ने बताया कि इस दरिया की लपेट में कम से कम 8 से 10 गांव आते हैं। दरिया के पास रहने वाले गुज्जर परिवारों को भी बाढ़ आने के बाद भारी कीमत चुकानी पड़ती है। सरपंच बलबीर सिंह ने कहा कि अगर मैं अकेले अपने गांव की बात करूं तो पिछले साल 200 एकड़ रकबा बाढ़ की चपेट में आने से तहस नहस हो गया था, लेकिन किसी भी सरकार या उनके नुमाइंदे ने हमारी बात नहीं पूछी। टूटी पड़ी हैं सड़कें सड़कें टूटी हुई है अन्य कई समस्याएं हैं, जिन्हे सरकार व प्रशासन की ओर से पूर्णता अनदेखा किया जाता है। सरकार और प्रशासन दावे तो बड़े बड़े करते हैं, लेकिन धरातल पर इन दावों से लोग कोसो दूर है। जबकि दूसरी तरफ सरकारी अधिकारी पुख्ता प्रबंधों की बात दोहरा रहे हैं। जब इस संबंध में एसडीएम पठानकोट सुमित मूद से बात की गई तो उन्होंने कहा कि प्रशासन की ओर से संभावित बाढ़ से निपटने के लिए पुख्ता प्रबंध कर लिए हैं। जिला प्रशासन की ओर से इस बार डिस्ट्रिक्ट फ्लड मैनेजमेंट प्लान तैयार किया गया है। जिसमें हमने उन सभी एरिया एवं गांवों को अंडरलाइन किया है, जोकि फ्लड की चपेट में आते हैं। जहां हमने सभी वीक प्वाइंटों को खंगाला है, वहीं सभी नाले एवं अन्य ड्रेन प्वाइंटों को साफ करवाया जा रहा है। 8 गावों का एक कलस्टर बनाकर वहां पर एक नोडल ऑफिसर के साथ अन्य अधिकारियो की भी ड्यूटी लगाई गई है। बाढ़ प्रभावित एरिया के पास रेत की बोरिया भरवाकर पहले ही रखवा दी है ताकि उस स्थिति में हर तरह से निपटा जा सके। इसके अलावा जिलाधीश की ओर से डिजास्टर मैनेजमेंट किट भी उपलब्ध करवाई गई है। स्वास्थ्य विभाग की बात करें तो उन्हें भी पहले से ही आगाह कर दिया गया है, जिस कारण इस बार जिला प्रशासन बाढ़ जैसी स्थिती उत्पन्न होने पर पूरी तरह से सतर्क है।

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