सिरसा में सड़क दुर्घटना के शिकार हुए सिरसा सीआईडी ब्रांच के एएसआई हरदीप सिंह के परिजनों को वीरवार दोपहर पुलिस अधीक्षक विक्रांत भूषण व एचडीएफसी बैंक अधिकारियों ने एक करोड़ रुपए का सहायता राशि का चेक भेंट किया। पुलिस अधीक्षक विक्रांत भूषण ने बताया कि जिला सिरसा की सीआईडी विंग में तैनात सहायक उप निरीक्षक हरदीप सिंह अच्छे व्यक्तित्व के धनी थे और अपनी ड्यूटी के प्रति ईमानदारी व सच्ची निष्ठा से काम करने वाले कर्मचारी थे। बता दें कि 5 नंबर 2023 को सहायक उप निरीक्षक हरदीप सिहं का ड्यूटी के दौरान रोड एक्सीडेंट में घायल हुए होने की वजह से उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई थी। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि यदि किसी पुलिस कर्मचारी की ड्यूटी के दौरान दुर्घटनाग्रस्त होने से मृत्यु हो जाती है तो एचडीएफसी बैंक की तरफ से रेमूनेशन के रूप परिवार वालों को एक करोड़ रुपए की सहायता राशि प्रदान की जाती है। पुलिस अधीक्षक विक्रांत भूषण ने मृतक सहायक उप निरीक्षक हरदीप सिंह के परिजनों से आग्रह किया की वे उनके बच्चों को बेहतर शिक्षा दिलाएं यदि भविष्य में किसी भी प्रकार की समस्याएं आती है तो पुलिस विभाग की कल्याणकारी योजनाओं के तहत उन्हें सभी सुविधाएं प्रदान की जाएगी। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि प्रत्येक पुलिस कर्मचारी का बीमा एचडीएफसी बैंक द्वारा हरियाणा पुलिस के साथ तय एक विशेष एमओयू के तहत दिया जाता है। पुलिस विभाग अपने कर्मचारियों के वेलफेयर के लिए हर संभव कदम उठा रहा है। इस अवसर पर सीआईडी विंग के डीएसपी अजय कुमार व एचडीएफसी बैंक के हेड कलस्टर रमन भाटिया, ब्रांच मैनेजर विजय हुड्डा व कारपोरेट मैनेजर रामनिवास शर्मा व परिवार के सदस्य मुख्य रूप से मौजूद रहे। सिरसा में सड़क दुर्घटना के शिकार हुए सिरसा सीआईडी ब्रांच के एएसआई हरदीप सिंह के परिजनों को वीरवार दोपहर पुलिस अधीक्षक विक्रांत भूषण व एचडीएफसी बैंक अधिकारियों ने एक करोड़ रुपए का सहायता राशि का चेक भेंट किया। पुलिस अधीक्षक विक्रांत भूषण ने बताया कि जिला सिरसा की सीआईडी विंग में तैनात सहायक उप निरीक्षक हरदीप सिंह अच्छे व्यक्तित्व के धनी थे और अपनी ड्यूटी के प्रति ईमानदारी व सच्ची निष्ठा से काम करने वाले कर्मचारी थे। बता दें कि 5 नंबर 2023 को सहायक उप निरीक्षक हरदीप सिहं का ड्यूटी के दौरान रोड एक्सीडेंट में घायल हुए होने की वजह से उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई थी। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि यदि किसी पुलिस कर्मचारी की ड्यूटी के दौरान दुर्घटनाग्रस्त होने से मृत्यु हो जाती है तो एचडीएफसी बैंक की तरफ से रेमूनेशन के रूप परिवार वालों को एक करोड़ रुपए की सहायता राशि प्रदान की जाती है। पुलिस अधीक्षक विक्रांत भूषण ने मृतक सहायक उप निरीक्षक हरदीप सिंह के परिजनों से आग्रह किया की वे उनके बच्चों को बेहतर शिक्षा दिलाएं यदि भविष्य में किसी भी प्रकार की समस्याएं आती है तो पुलिस विभाग की कल्याणकारी योजनाओं के तहत उन्हें सभी सुविधाएं प्रदान की जाएगी। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि प्रत्येक पुलिस कर्मचारी का बीमा एचडीएफसी बैंक द्वारा हरियाणा पुलिस के साथ तय एक विशेष एमओयू के तहत दिया जाता है। पुलिस विभाग अपने कर्मचारियों के वेलफेयर के लिए हर संभव कदम उठा रहा है। इस अवसर पर सीआईडी विंग के डीएसपी अजय कुमार व एचडीएफसी बैंक के हेड कलस्टर रमन भाटिया, ब्रांच मैनेजर विजय हुड्डा व कारपोरेट मैनेजर रामनिवास शर्मा व परिवार के सदस्य मुख्य रूप से मौजूद रहे। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में JJP अध्यक्ष के बिगड़े बोल:कहा- हुड्डा को सोनिया की धोती, राहुल का कुर्ता, प्रियंका की चुनरी उठानी पड़ेगी
हरियाणा में JJP अध्यक्ष के बिगड़े बोल:कहा- हुड्डा को सोनिया की धोती, राहुल का कुर्ता, प्रियंका की चुनरी उठानी पड़ेगी हरियाणा में विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही नेताओं के एक-दूसरे पर विवादित बयान सामने आने लगे हैं। बुधवार को JJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय चौटाला का एक आपत्तिजनक बयान सामने आया है, जिसमें वह पूर्व CM भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर टिप्पणी कर रहे हैं। चौटाला ने कहा है कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा हरियाणा में सरकार बनाने का दावा कर रहे हैं, लेकिन उनकी खुद की टिकट के लाले भी पड़ सकते हैं। भूपेंद्र हुड्डा को टिकट पाने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की धोती उठानी पड़ेगी, राहुल गांधी का कुर्ता पकड़ना पड़ेगा, प्रियंका गांधी की चुनरी और केसी वेणुगोपाल की चप्पल उठानी पड़ेगी। तब जाकर हुड्डा को टिकट मिल पाएगा। चौटाला ने यह बयान फतेहाबाद की एक सभा में दिया था। वह जाट धर्मशाला में JJP कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे। मौके पर पूर्व डिप्टी CM दुष्यंत चौटाला भी मौजूद थे। वहीं इस बयान पर पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि जिन लोगों का हरियाणा में अस्तित्व खत्म हो चुका है, वो हमारी क्या बात करेंगे। जनता आगामी विधानसभा चुनाव में सबक सिखा देगी। प्रदेश में यह पार्टी खत्म हो चुकी है। यहां पढ़िए चौटाला का पूरा बयान…
अजय चौटाला ने मंच से कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, ‘आज कल भूपेंद्र सिंह हुड्डा कहते फिर रहे हैं कि वह 70 सीटें जीतेंगे। मैं पूछना चाहता हूं भूपेंद्र सिंह हुड्डा से कि क्या प्रदेश आपके नाम है? यहां प्रजातंत्र है। किसी राजा का राज नहीं, जिसमें जिसे चाहो उसे कुर्सी पर बैठा दो। यह फैसला जनता करती है कि किसे चुन कर भेजना है, किसे घर भेजना है। इनकी तो अभी यह भी तसल्ली नहीं कि इन्हें टिकट मिलेगी या नहीं। इन्हें तो टिकट भी कांग्रेस हाईकमान से मांग कर लानी है। उसके लिए वह (हुड्डा) पहले सोनिया गांधी की धोती उठाएंगे, राहुल गांधी का कुर्ता पकड़ेंगे, प्रियंका गांधी की चुनरी और केसी वेणुगोपाल की चप्पल उठाएंगे। उसके बाद उन्हें टिकट मिलेगी। हमें तो हस्ताक्षर कर अपने प्रतिनिधि को टिकट दे देनी है।’ बागी विधायकों को भी खरी-खोटी सुनाई
अजय चौटाला ने कहा कि इनेलो के समय संपत सिंह को हम अपनी सीट छोड़कर बिठाते थे, लेकिन जब वह इनेलो छोड़ कांग्रेस में गए तो वहां उन्हें पूछने वाला तक नहीं बचा। वहीं, अब JJP को निशान सिंह छोड़ गए हैं। जब वह आते थे तो हम कहते थे कि आओ सरदार निशान सिंह, बैठो। अब सैलजा भी उनकी राम-राम नहीं सुनती। विधानसभा चुनाव और निकल जाएं तो उन्हें बैठने के लिए कुर्सी तक नहीं मिलेगी। उन्होंने बागी तेवर अपनाने वाले JJP विधायक व पूर्व मंत्री बबली पर भी निशाना साधा। कहा कि यह बबली-लवली भी कुछ दिनों बाद नहीं मिलेंगे। पहले ही लागू कर देनी चाहिए थीं योजनाएं
सभा में चौटाला ने प्रदेश सरकार को भी लपेटा। कहा कि सरकार अब जो घोषणाएं कर रही है, उन्हें पहले ही लागू कर देना चाहिए था। उस समय किसी ने उनकी कलम थोड़े ही पकड़ी थी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जो क्रीमीलेयर और आरक्षण संबंधी घोषणा करके गए हैं, वह तो पहले ही हो चुकी है। इसमें नया कुछ नहीं था। पूर्व CM खट्टर पर भी भड़के थे अजय चौटाला
करीब 3 महीने पहले पूर्व CM मनोहर लाल खट्टर के दुष्यंत चौटाला के खिलाफ जांच कराने के बयान पर अजय चौटाला भड़क गए थे। चौटाला ने कहा था कि मनोहर लाल खट्टर की हैसियत क्या है कि वह ये कहते हैं कि मैं जांच कराऊंगा। मुख्यमंत्री तो नायब सिंह सैनी हैं।अजय चौटाला ने कहा था कि अगर जांच होती है तो फिर खट्टर के खिलाफ भी होगी। वह लोगों को मूर्ख बना रहे।
हरियाणा में BJP की हैट्रिक के पीछे की स्ट्रैटजी:विधायकों-मंत्रियों के टिकट काटकर एंटी इनकम्बेंसी से निपटा; 23 सीटों पर चेहरे बदलने समेत 5 वजहें
हरियाणा में BJP की हैट्रिक के पीछे की स्ट्रैटजी:विधायकों-मंत्रियों के टिकट काटकर एंटी इनकम्बेंसी से निपटा; 23 सीटों पर चेहरे बदलने समेत 5 वजहें भाजपा हरियाणा के इतिहास में लगातार तीसरी बार सरकार बनाने वाली पार्टी बन गई है। पार्टी ने 2014 के 10 साल बाद, इस बार फिर से अपने बूते पूर्ण बहुमत हासिल किया है। मंगलवार को आए चुनावी नतीजों में वह राज्य की 90 विधानसभा सीटों में से 48 पर जीत दर्ज कर चुकी है। भाजपा के खिलाफ एंटी इनकम्बेंसी और सत्ता विरोधी लहर का दम भरने वाली कांग्रेस की हवा चुनावी नतीजों में निकल गई। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा की अगुआई में कांग्रेस की 2019 के मुकाबले 5 सीटें बढ़ीं, लेकिन वह बहुमत के आंकड़े तक नहीं पहुंच पाई और 37 सीटों पर सिमट गई। भाजपा की इस हैट्रिक के पीछे कई फैक्टर रहे। पार्टी ने लोगों के गुस्से से निपटने के लिए 4 मंत्रियों समेत अपने एक तिहाई MLA के टिकट काट दिए थे। 2019 में उसके जो 23 चेहरे जीत नहीं पाए थे, इस बार उनकी जगह नए लोगों को मौका दिया गया और उनमें से 12 विजयी रहे। लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के पक्ष में एकजुट रहे दलित वोटों के अंदर सेंध लगाने में भी भाजपा के रणनीतिकार कामयाब रहे। पूरे चुनाव प्रचार के दौरान उसके नेताओं ने जिस तरह कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा के प्रति सहानुभूति दिखाई और उनकी उपेक्षा का मुद्दा लगातार उठाया, उसका फायदा पार्टी को मिला। सिलसिलेवार ढंग से समझिए BJP की लगातार तीसरी जीत के 5 कारण 1. 14 विधायकों के टिकट काटे, 12 सीटें फिर से जीत लीं
BJP ने एंट्री इनकम्बेंसी से निपटने के लिए अपने 4 मंत्रियों समेत 14 विधायकों के टिकट काटकर उनकी सीट से नए चेहरों को मौका दिया था। यह दांव सटीक बैठा और पार्टी इनमें से 12 सीटें जीतने में कामयाब रही। दरअसल, हाईकमान यह भांप चुका था कि लोग पार्टी की नीतियों से नहीं बल्कि लोकल विधायकों-मंत्रियों से खफा हैं। जिन सीटों पर पार्टी ने चेहरे बदले, उनमें पलवल, फरीदाबाद व गुरुग्राम जैसी शहरी और बवानी खेड़ा, रानियां, अटेली, पिहोवा, सोहना व राई जैसी ग्रामीण सीट शामिल रही। पिहोवा और रतिया में पार्टी की यह रणनीति कामयाब नहीं रही। 2. सीएम समेत 3 MLA की सीट बदली, दो जीते
भाजपा हाईकमान ने सीएम नायब सिंह सैनी समेत तीन विधायकों की सीटें भी इस बार बदल दी थीं। इनमें लक्ष्मण यादव को कोसली की जगह रेवाड़ी और संजय सिंह को सोहना की जगह नूंह शिफ्ट किया गया। लक्ष्मण यादव रेवाड़ी में विजयी रहे। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को भी करनाल की जगह लाडवा शिफ्ट किया गया। उन्होंने खट्टर के इस्तीफे के बाद करनाल से उपचुनाव लड़ा था और विधायक चुने गए थे। उन्होंने लाडवा में कांग्रेस के सिटिंग MLA मेवा सिंह को हराया। नूंह सीट से संजय सिंह हार गए। 3. बीजेपी ने 23 सीटों पर चेहरे बदले, 12 पर जीत मिली
भाजपा ने 15 विधायकों के अलावा राज्य की 90 में से 23 सीटों पर नए चेहरों को मौका दिया। 2019 में यहां उसके जो नेता चुनाव हार चुके थे, उन्हें फिर से मैदान में नहीं उतारा गया। इन 23 में से 12 चेहरे विजयी रहे। इनमें करनाल से जगमोहन आनंद, समालखा से मनमोहन भड़ाना, खरखौदा (SC) से पवन खरखौदा, सोनीपत से निखिल मदान और नलवा से रणधीर सिंह पनिहार शामिल हैं। बाढड़ा से उमेद सिंह पातुवास, दादरी से सुनील सतपाल सांगवान, कोसली से अनिल यादव डहीना, फरीदाबाद NIT से सतीश फागना, तोशाम में श्रुति चौधरी, कालका से शक्तिरानी शर्मा और उचाना से देवेंद्र अत्री भी जीत गए। भाजपा चेहरे बदलने के बावजूद जिन 11 सीटों पर नहीं जीत पाई, उनमें शाहाबाद (SC), पिहोवा, रतिया (SC), कालांवली (SC), रानियां, महम, गढ़ी-सांपला-किलोई, कलानौर (SC), बहादुरगढ़, झज्जर (SC) और बेरी शामिल रही। 4. 17 SC सीटों में से 8 सीटें जीतीं
हरियाणा में 17 विधानसभा सीटें अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व हैं। इनमें अंबाला जिले की मुलाना, यमुनानगर की साढौरा, कुरुक्षेत्र की शाहाबाद, कैथल की गुहला, करनाल की नीलोखेड़ी, पानीपत की इसराना, सोनीपत की खरखौदा, जींद की नरवाना, सिरसा की कालांवाली, फतेहाबाद की रतिया, हिसार की उकलाना, भिवानी की बवानीखेड़ा, झज्जर की झज्जर, रोहतक की कलानौर, रेवाड़ी की बावल, गुरुग्राम की पटौदी और पलवल जिले की होडल सीट शामिल हैं। इनमें से बवानी-खेड़ा, पटौदी, खरखौदा, नरवाना, नीलोखड़ी, बावल, इसराना और होडल पार्टी ने जीत ली। बाकी 7 सीटें कांग्रेस ने जीतीं। 5. हुड्डा को सबसे बड़ा झटका जाटलैंड के सोनीपत में
हरियाणा में कांग्रेस को सबसे बड़ा झटका जाटलैंड में आने वाले रोहतक, झज्जर व सोनीपत जिले में लगा। यह इलाका भूपेंद्र सिंह हुड्डा का गढ़ कहा जाता है। भाजपा ने इस बार सोनीपत की 6 में से 4 सीटें जीत लीं। इनमें गोहाना, खरखौदा, राई व सोनीपत शामिल हैं। गोहाना और खरखौदा सीटें तो पार्टी ने पहली बार जीतीं। 2014 व 2019 की मोदी वेव में भी कांग्रेस ने इन सीटों पर कब्जा बरकरार रखा था, लेकिन इस बार हुड्डा का यह गढ़ ढह गया। सोनीपत जिले की गन्नौर सीट पर भाजपा के बागी देवेंद्र कादियान बतौर निर्दलीय कैंडिडेट विजयी रहे। कांग्रेस सोनीपत जिले में सिर्फ बरौदा सीट जीत पाई। 5. अहीरवाल में 2014 जैसा प्रदर्शन
भाजपा ने अपने गढ़ अहीरवाल में इस बार 10 साल पुराना प्रदर्शन दोहराया। 2014 की मोदी वेव में BJP ने अहीरवाल में आने वाले रेवाड़ी, गुरुग्राम व महेंद्रगढ़ जिले की सभी 11 सीटें जीती थीं। 2019 में वह यहां 8 सीटें जीती। इस बार पार्टी 11 में से 9 सीटों पर विजयी रही। हालांकि लगातार दो बार से जीती नांगल चौधरी सीट इस बार भाजपा के हाथ से निकल गई। युवाओं से जुड़े 2 बड़े मुद्दों पर फोकस किया अग्निवीर को पेंशन वाली सरकारी नौकरी
हरियाणा ऐसा राज्य है जहां से बड़ी संख्या में युवा सेना में जाते हैं। यहां अग्निवीर के 4 साल में रिटायर होने को कांग्रेस ने मुद्दा बना लिया। BJP ने इसी मुद्दे को अपने फायदे में बदल दिया। भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में वादा कर दिया कि हर अग्निवीर को पेंशन वाली सरकारी नौकरी दी जाएगी। पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने भी रैलियों में इसका भरोसा दिलाया। कांग्रेस अपने घोषणा पत्र में ऐसा कोई ठोस वादा नहीं कर पाई। बिना पची-खर्ची सरकारी नौकरी
बीजेपी लगातार कहती रही कि पिछले 10 सालों में उन्होंने सरकारी नौकरी में पर्ची-खर्ची यानी सिफारिश और रिश्वत का सिस्टम खत्म किया है। इसके उलट कांग्रेस के उम्मीदवारों ने चुनाव के बीच ही सरकारी नौकरियों को लेकर सिफारिशी बातें कहनी शुरू कर दीं। कांग्रेस के कई कैंडिडेट्स ने तो कोटा तक फिक्स कर दिया। ऐसा वादा करने वाले नीरज शर्मा, कुलदीप शर्मा समेत कई नेता चुनाव ही हार गए। राज्य में करीब 18 से 39 साल के 94 लाख से ज्यादा वोटर हैं, जिनके बीच इसको लेकर कांग्रेस के खिलाफ गलत मैसेज गया। कांग्रेस के 28 में से 14 विधायक हारे
कांग्रेस ने अपने सभी 28 विधायकों को टिकट दिया था, लेकिन इनमें से 15 जीत नहीं पाए। हारने वालों में फरीदाबाद एनआईटी के विधायक नीरज शर्मा भी शामिल रहे। नीरज शर्मा भाजपा सरकार के खिलाफ अपने परिधान को लेकर विशेष रूप से सुर्खियों में रहे। उनके अलावा बहादुरगढ़ से राजिंदर सिंह जून, सफीदों से सुभाष गंगोली, लाडवा से मेवा सिंह, महेंद्रगढ़ से राव दान सिंह, कालका से प्रदीप चौधरी, इसराना से बलबीर वाल्मीकि, समालखा से धर्मसिंह छौक्कर, रेवाड़ी से चिरंजीव राव, गोहाना से जगबीर सिंह मलिक, खरखौदा से जयवीर सिंह, सोनीपत से सुरेंद्र पंवार और रादौर के विधायक बिशनलाल सैनी भी हार गए।
करनाल में पुलिस व लॉरेंस गैंग के गुर्गों में मुठभेड़:2 बदमाशों को लगी गोली, आरोपियों ने पहले पुलिस पर किए फायर
करनाल में पुलिस व लॉरेंस गैंग के गुर्गों में मुठभेड़:2 बदमाशों को लगी गोली, आरोपियों ने पहले पुलिस पर किए फायर करनाल जिले के इंद्री में पुलिस और लॉरेंस गैंग के दो बदमाशों के बीच मुठभेड़ हो गई। मुठभेड़ में दोनों बदमाशों को टांग में गोली लगी है और दो पुलिस कर्मचारियों की बुलेट प्रूफ जैकेट में गोलियां लगी। गनीमत रही कि पुलिसकर्मियों को कोई हताहत नहीं हुई। मुठभेड़ की घटना के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गई। मौके पर डीएसपी सोनू नरवाल और एफएसएल की टीम पहुंच गई। पुलिस ने दोनों को अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती करवाया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। पश्चिमी यमुना नहर पर बाइक छीनने का प्रयास प्राथमिक जानकारी के अनुसार, लॉरेंस गैंग के दो शूटर्स इंद्री में पश्चिमी यमुना नहर के पास बाइक छीनने का प्रयास कर रहे थे। शायद बाइक छीनने के बाद किसी बड़ी घटना को अंजाम देने वाले थे। पुलिस बदमाशों की तलाश में थी, क्योंकि इन बदमाशों ने 4 दिन पहले इंद्री में फिरौती की डिमांड करते हुए एक घर के बाहर फायरिंग की थी। कैथल में भी इन्हीं बदमाशों ने फायरिंग की घटना को अंजाम दिया था। इसके अलावा बुटाना थाना क्षेत्र से बाइक लूटी था। पुलिस ने दी चेतावनी, बदमाशों ने की फायरिंग आज सुबह STF करनाल को दोनों गुर्गों के इंद्री नहर पर होने की सूचना मिली। जिसके बाद एसटीएफ और सीआइए-1 की टीम नहर पर पहुंच गई। बदमाशों के पास हथियार थे और उन्होंने भागने का प्रयास किया। पुलिस ने बदमाशों को सरेंडर करने के लिए भी कहा, लेकिन उन्होंने पुलिस पार्टी पर फायरिंग शुरू कर दी। जिसके बाद पुलिस की तरफ से भी फायरिंग हुई। जिसमें दो बदमाशों को गोली लगी है। दोनों को मौके पर ही दबोच लिया गया। पुलिस ने दोनों को अस्पताल भेज दिया है। घटना के बाद डीएसपी सोनू नरवाल और एसटीएफ इंचार्ज दीपेंद्र राणा मौके पर पहुंच गए। एफएसएल की टीम ने मौके से सबूत इकट्ठा किए। कौन है बदमाश दोनों बदमाश लॉरेंस गैंग के कुख्यात गैंगस्टर भानू राणा से जुड़े हुए बताए जा रहे है। जिनकी उम्र 20-22 साल के बीच है। एक बदमाश का नाम साहिल है, जो शाहाबाद का रहने वाला है और दूसरा सुमित है, जो कैथल के नैना गांव का रहने वाला है। इन दोनों ने बुटाना थाना क्षेत्र में कुछ दिन पहले एक बाइक को छीनने की भी वारदात को अंजाम दिया था। दोनों को अस्पताल में करवाया भर्ती पुलिस ने दोनों घायल बदमाशों को अस्पताल में भर्ती करा दिया है। उपचार के बाद पुलिस बदमाशों से गहनता से पूछताछ करेगी और कोर्ट में पेश कर रिमांड पर भी लेगी। ताकि अन्य घटनाओं का खुलासा हो सके, और यह पता किया जा सके कि बदमाश किस मंशा से और किसके कहने पर फायरिंग की घटना को अंजाम दे रहे थे और वे बाइक छीनने के बाद कहां पर वारदात करने वाले थे। फास्ट फूड संचालक के घर पर की थी फायरिंग STF इंचार्ज दीपेंद्र राणा ने बताया कि 4 दिन पहले इन दोनों बदमाशों ने इंद्री के फास्ट फूड संचालक चांद उप्पल के घर पर फायरिंग की थी। जिसमें मामला दर्ज कर लिया गया था और एसटीएफ और सीआईए-1 की टीम बदमाशों की तलाश में थी। दोनों बदमाश नहर किनारे किसी डकैती की योजना बना रहे थे। दोनों को मौके से दबोच लिया गया है। अस्पताल में दोनों को उपचार चल रहा है। दोनों को इलाज के बाद अदालत में पेश किया जाएगा।