हरियाणा के सिरसा जिले के खंड डबवाली की उप तहसील गोरीवाला में रविवार को राजकीय कन्या माध्यमिक विद्यालय के नवनिर्मित कमरों में खालिस्तान मिशन के नारे दीवारों पर लिखे हुए मिले। उपद्रवियों ने कमरे के बरामदे में बैठकर शराब पीकर कर दहशत का माहौल बनाने के लिए तेजधार हथियार छोड़कर चलते बने। सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है। स्कूल की दीवारों पर लिखे खालिस्तानी नारे जानकारी के अनुसार उपद्रवियों द्वारा स्कूल में नील रंग, खालिस्तान के झंडे गाड़े गए। उपद्रवियों द्वारा तिरंगे झंडे को उतार कर जमीन पर फेंक दिया गया। अल सुबह जैसे ही स्कूल में कार्य कर रहे मिस्त्री ने जाकर देखा तो दीवारों पर काले रंग से खालिस्तान मिशन के नारे चार जगह पर लिखे हुए थे। उसने इसकी सूचना गांव के सरपंच को दी। गांव के सरपंच प्रतिनिधि गुरचरण सिंह ने अन्य लोगों को साथ लेकर स्कूल में पहुंचा। उसने देखा कि दीवारों पर खालिस्तान मिशन के नारे लिखे हुए थे। उसने इसकी सूचना पुलिस को दी। धारदार हथियार छोड़ गए आरोपी पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लेते हुए लिखे हुए खालिस्तान मिशन नारे लिखने के बाद उपद्रवियों ने बरामदे में बैठ कर शराब आदि का सेवन किया। शराब आदि का सेवन करने के बाद उत्तर भी इतने नशे में हो गए कि वे जाते वक्त अपने तो कापे भी वहीं पर छोड़ गए। जिसे पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया है। आरोपियों की तलाश में जुटी पुलिस चौकी प्रभारी विकास अपनी पूरी टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचकर पूरी स्थिति का जायजा लेकर मामला उच्चाधिकारियों के संज्ञान में दिया। वहीं पुलिस के एसपी और डीएसपी आदि अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर हर एंगल से जांच की जा रही है। वहीं पुलिस की अलग-अलग टीमें गठित कर खालिस्तान मिशन के नारे लिखने वालों कि जानकारी हासिल में जुट गई है। पुलिस ने लोगों की मौजूदगी में खालिस्तान मिशन लिखे नारों को दीवारों पर से मिटवा दिया है। इस घटना से ग्रामीण पूरी तरह से भयभीत हो गए हैं। हरियाणा के सिरसा जिले के खंड डबवाली की उप तहसील गोरीवाला में रविवार को राजकीय कन्या माध्यमिक विद्यालय के नवनिर्मित कमरों में खालिस्तान मिशन के नारे दीवारों पर लिखे हुए मिले। उपद्रवियों ने कमरे के बरामदे में बैठकर शराब पीकर कर दहशत का माहौल बनाने के लिए तेजधार हथियार छोड़कर चलते बने। सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है। स्कूल की दीवारों पर लिखे खालिस्तानी नारे जानकारी के अनुसार उपद्रवियों द्वारा स्कूल में नील रंग, खालिस्तान के झंडे गाड़े गए। उपद्रवियों द्वारा तिरंगे झंडे को उतार कर जमीन पर फेंक दिया गया। अल सुबह जैसे ही स्कूल में कार्य कर रहे मिस्त्री ने जाकर देखा तो दीवारों पर काले रंग से खालिस्तान मिशन के नारे चार जगह पर लिखे हुए थे। उसने इसकी सूचना गांव के सरपंच को दी। गांव के सरपंच प्रतिनिधि गुरचरण सिंह ने अन्य लोगों को साथ लेकर स्कूल में पहुंचा। उसने देखा कि दीवारों पर खालिस्तान मिशन के नारे लिखे हुए थे। उसने इसकी सूचना पुलिस को दी। धारदार हथियार छोड़ गए आरोपी पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लेते हुए लिखे हुए खालिस्तान मिशन नारे लिखने के बाद उपद्रवियों ने बरामदे में बैठ कर शराब आदि का सेवन किया। शराब आदि का सेवन करने के बाद उत्तर भी इतने नशे में हो गए कि वे जाते वक्त अपने तो कापे भी वहीं पर छोड़ गए। जिसे पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया है। आरोपियों की तलाश में जुटी पुलिस चौकी प्रभारी विकास अपनी पूरी टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचकर पूरी स्थिति का जायजा लेकर मामला उच्चाधिकारियों के संज्ञान में दिया। वहीं पुलिस के एसपी और डीएसपी आदि अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर हर एंगल से जांच की जा रही है। वहीं पुलिस की अलग-अलग टीमें गठित कर खालिस्तान मिशन के नारे लिखने वालों कि जानकारी हासिल में जुट गई है। पुलिस ने लोगों की मौजूदगी में खालिस्तान मिशन लिखे नारों को दीवारों पर से मिटवा दिया है। इस घटना से ग्रामीण पूरी तरह से भयभीत हो गए हैं। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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कश्मीर आतंकी मुठभेड़ में हरियाणा का जवान शहीद:2 साल पहले शादी, पत्नी गर्भवती, परिवार का इकलौता बेटा था लांसनायक पैरा कमांडो हरियाणा के जींद जिले में जाजनवाला गांव के जवान प्रदीप नैन जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले के मोडरगाम में आतंकवादियों से मुठभेड़ में शहीद हो गए। प्रदीप अपने परिवार में इकलौते बेटे थे। 2015 में उनका चयन सेना में हुआ था। सुरक्षाबलों के अनुसार, कश्मीर के कुलगाम में दो इलाकों में जारी मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने 4 आतंकियों को मार गिराया है। जिसमें लांस नायक प्रदीप नैन शहीद हो गए। वहीं, फ्रिसल में चल रही मुठभेड़ में एक जवान राजकुमार शहीद हो गए है।, आशंका है कि आतंकी श्री अमरनाथ यात्रा को निशाना बनाने की साजिश रच रहे थे। परिवार का इकलौता बेटा था प्रदीप शहीद प्रदीप नैन के चाचा पूर्व ब्लॉक समिति चेयरमैन प्रतिनिधि सुशील नैन ने बताया कि प्रदीप नैन अपने परिवार का इकलौता बेटा था, जो वर्ष 2015 में सेना में भर्ती हुआ था। सेना में अपनी काबिलियत के आधार पर उसका चयन पैरामिलिट्री कमांडो में हुआ। प्रदीप की शादी वर्ष 2022 में हुई थी। उसकी छोटी बहन उसकी लाडली थी। शहीद प्रदीप की पत्नी गर्भवती है। प्रदीप कहता था कि वह अपने पहले बच्चे के जन्म से पहले छुट्टी लेकर घर आ जाएगा, लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था। प्रदीप अब तिरंगे में लिपटकर घर आएगा। प्रदीप की शहादत से परिजनों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। लोग कह रहे हैं, एक तो नन्ही जान जो इस दुनिया में नहीं आई, दूसरे उसकी पत्नी, जिसकी पूरी जिंदगी बाकी है, वह किसके सहारे जिएगी। प्रदीप नैन का पार्थिव शरीर आज शाम तक पहुंच जाएगा। शहीद प्रदीप को अंतिम विदाई देने के लिए आसपास के गांवों से हजारों लोग पहुंचेंगे। देर रात तक जारी रही मुठभेड़ कुलगाम के मुद्रिगाम इलाके में दोपहर करीब 12 बजे पहली मुठभेड़ शुरू हुई। उस समय सुरक्षाबल इलाके में आतंकियों की सूचना पर तलाशी अभियान चला रहे थे। इस मुठभेड़ में पैरा कमांडो प्रदीप नैन शहीद हो गए। दूसरे घायल जवान की हालत गंभीर बनी हुई है। मुठभेड़ देर रात तक जारी रही। सीएम सैनी ने जताया शोक मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हुए पैरा कमांडो प्रदीप नैन की शहादत पर शोक जताया है। नायब सिंह सैनी ने सोशल मीडिया पर प्रदीप नैन की फोटो शेयर कर परिवार को सांत्वना दी और उनके बलिदान को अतुलनीय बताया। उन्होंने कहा कि पूरा प्रदेश और सरकार शोकाकुल परिवार के साथ है।
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उनके 2 भाई दिलबाग और सतपाल गांव में ही खेती करते हैं। कुलदीप के बड़े बेटे नवीन सेना में ड्राइवर के पद पर दिल्ली में तैनात हैं और छोटा बेटा संजय रेलवे पुलिस में अमृतसर में तैनात हैं। दोनों बेटे शादीशुदा हैं। कुलदीप की पत्नी का नाम लक्ष्मी देवी है। 2 माह पहले छुट्टी पर आए थे
ग्रामीणों ने बताया कि कुलदीप 2 माह पहले ही गांव में छुट्टी पर आए थे। कुलदीप हर वर्ष गांव में होने वाले जागरण में बढ़ चढ़कर भाग लेते था। जागरण में होने वाले खर्च में भी पूरा सहयोग करते थे। मिलनसार स्वभाव होने के कारण लोग उनको काफी चाहते थे। 6 साल बाद उनकी रिटायरमेंट होनी थी। DIG बोले- ये हमारी ड्यूटी का पार्ट
उधमपुर के DIG रईस मोहम्मद भट्ट ने कहा, ‘यह बहुत दुखद है लेकिन यह हमारी ड्यूटी का पार्ट है। यह जंगल वाला इलाका है, यहां सड़कें और नेटवर्क नहीं हैं। यहां हम कई तरह की चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। हम तकनीक और ड्रोन का इस्तेमाल कर रहे हैं और हम जल्द से जल्द खतरे को बेअसर करने की कोशिश कर रहे हैं।ऑपरेशन चल रहा है।’
गुरूग्राम में राशन डिपो पर सीएम उडनदस्ते का छापा:जांच के दौरान कम मात्रा में मिला सामान, राशन नहीं देने की हुई थी शिकायत
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