हरियाणा के सिरसा जिले से विधायक गोकुल सेतिया ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में एक नई याचिका दायर की है। विधायक ने अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की है। मंगलवार को जस्टिस त्रिभुवन दहिया की कोर्ट में याचिका पर सुनवाई हुई, जिसकी अगली तारीख 30 जनवरी 2025 तय की गई है। कर्मचारी को बंधक बनाकर की थी मारपीट यह मामला जनवरी 2023 का है, जब शहर थाना पुलिस ने विधायक सेतिया पर नगर परिषद के एक कर्मचारी को बंधक बनाने, मारपीट करने और जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज किया था। शिकायतकर्ता राजेश कुमार, जो नगर परिषद में चपरासी के पद पर कार्यरत हैं, ने आरोप लगाया था कि 11 जनवरी को दोपहर तीन बजे विधायक अपने साथियों के साथ कार्यालय में आए और उन पर फाइल का काम करने का दबाव बनाया। प्राइवेट पार्ट पर भी हमला राजेश के मुताबिक विधायक के साथी उन्हें जबरन एक कमरे में ले गए, जहां उनके साथ मारपीट की गई। एक व्यक्ति ने उनके प्राइवेट पार्ट पर भी हमला किया। उनकी चीख-पुकार सुनकर अन्य कर्मचारियों ने उन्हें बचाया। घटना के बाद पुलिस ने विधायक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। पुलिस ने एससी एसटी एक्ट हटाया गिरफ्तारी से बचने के लिए विधायक सेतिया ने सिरसा सत्र न्यायालय में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी, जिसे खारिज कर दिया गया। हालांकि बाद में उन्हें हाईकोर्ट से राहत मिली। महत्वपूर्ण बात यह है कि मामले में पुलिस ने एससी/एसटी एक्ट की धारा को पहले ही हटा दिया है। हरियाणा के सिरसा जिले से विधायक गोकुल सेतिया ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में एक नई याचिका दायर की है। विधायक ने अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की है। मंगलवार को जस्टिस त्रिभुवन दहिया की कोर्ट में याचिका पर सुनवाई हुई, जिसकी अगली तारीख 30 जनवरी 2025 तय की गई है। कर्मचारी को बंधक बनाकर की थी मारपीट यह मामला जनवरी 2023 का है, जब शहर थाना पुलिस ने विधायक सेतिया पर नगर परिषद के एक कर्मचारी को बंधक बनाने, मारपीट करने और जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज किया था। शिकायतकर्ता राजेश कुमार, जो नगर परिषद में चपरासी के पद पर कार्यरत हैं, ने आरोप लगाया था कि 11 जनवरी को दोपहर तीन बजे विधायक अपने साथियों के साथ कार्यालय में आए और उन पर फाइल का काम करने का दबाव बनाया। प्राइवेट पार्ट पर भी हमला राजेश के मुताबिक विधायक के साथी उन्हें जबरन एक कमरे में ले गए, जहां उनके साथ मारपीट की गई। एक व्यक्ति ने उनके प्राइवेट पार्ट पर भी हमला किया। उनकी चीख-पुकार सुनकर अन्य कर्मचारियों ने उन्हें बचाया। घटना के बाद पुलिस ने विधायक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। पुलिस ने एससी एसटी एक्ट हटाया गिरफ्तारी से बचने के लिए विधायक सेतिया ने सिरसा सत्र न्यायालय में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी, जिसे खारिज कर दिया गया। हालांकि बाद में उन्हें हाईकोर्ट से राहत मिली। महत्वपूर्ण बात यह है कि मामले में पुलिस ने एससी/एसटी एक्ट की धारा को पहले ही हटा दिया है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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