सीएम से मिलेंगे कैथल संस विवि से हटाए गए शिक्षक:अपनी बहाली की सरकार से करेंगे मांग, हड़ताल के बारे में करवाएंगे अवगत

सीएम से मिलेंगे कैथल संस विवि से हटाए गए शिक्षक:अपनी बहाली की सरकार से करेंगे मांग, हड़ताल के बारे में करवाएंगे अवगत

कैथल के गांव टीम स्थित प्रदेश की एकमात्र संस्कृत यूनिवर्सिटी से हटाए गए शिक्षकों ने अब जल्द मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री से मिलने का मन बनाया है। वे मंत्रियों से मिलकर यूनिवर्सिटी में की जा रही हड़ताल के बार में अवगत करवाएंगे। साथ ही अपनी बहाली की सरकार से मांग करेंगे। हटाए गए शिक्षक डॉ. मनोज, ओमवीर, सुमन, पूनम व जसबीर सिंह का कहना है कि विवि प्रबंधन न हिंदी, लोक प्रशासन, विज्ञान और अन्य कई विषयों को मॉडर्न बताकर उनका पाठ्यक्रम बंद कर दिया है। देशभर में जितने भी संस्कृत विवि हैं। उन सब में ये विषय पढ़ाए जा रहे हैं। ऐसे में अकेले हरियाणा में ही ये विषय बंद करना न्यायोचित नहीं हैं। शिक्षकों का कहना है कि इस संबंध में वे विवि प्रबंधन से बातचीत कर चुके हैं, ले कन कोई हल नहीं निकल रहा है। वे पिछले कई-कई वर्षों से विवि में शिक्षण का कर रहे हैं। अगर उन्हें इस प्रकार के आदेश जारी कर हटाया जाता है तो वे बेराेजगार हो जाएंगे। उनका यह भी कहना है कि संस्कृत विषय संस्कृति को जानने के लिए जरूरी है, लेकिन यह रोजगार परक नहीं है। रोजगार पाने के लिए व्यवसायिक विषयों को पढ़ाना जरूरी है। वे काफी समय से इसको लेकर संघर्ष कर रहे हैं। अब जल्द ही मांग को लेकर मुख्यमंत्री से मिलेंगे। कैथल के गांव टीम स्थित प्रदेश की एकमात्र संस्कृत यूनिवर्सिटी से हटाए गए शिक्षकों ने अब जल्द मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री से मिलने का मन बनाया है। वे मंत्रियों से मिलकर यूनिवर्सिटी में की जा रही हड़ताल के बार में अवगत करवाएंगे। साथ ही अपनी बहाली की सरकार से मांग करेंगे। हटाए गए शिक्षक डॉ. मनोज, ओमवीर, सुमन, पूनम व जसबीर सिंह का कहना है कि विवि प्रबंधन न हिंदी, लोक प्रशासन, विज्ञान और अन्य कई विषयों को मॉडर्न बताकर उनका पाठ्यक्रम बंद कर दिया है। देशभर में जितने भी संस्कृत विवि हैं। उन सब में ये विषय पढ़ाए जा रहे हैं। ऐसे में अकेले हरियाणा में ही ये विषय बंद करना न्यायोचित नहीं हैं। शिक्षकों का कहना है कि इस संबंध में वे विवि प्रबंधन से बातचीत कर चुके हैं, ले कन कोई हल नहीं निकल रहा है। वे पिछले कई-कई वर्षों से विवि में शिक्षण का कर रहे हैं। अगर उन्हें इस प्रकार के आदेश जारी कर हटाया जाता है तो वे बेराेजगार हो जाएंगे। उनका यह भी कहना है कि संस्कृत विषय संस्कृति को जानने के लिए जरूरी है, लेकिन यह रोजगार परक नहीं है। रोजगार पाने के लिए व्यवसायिक विषयों को पढ़ाना जरूरी है। वे काफी समय से इसको लेकर संघर्ष कर रहे हैं। अब जल्द ही मांग को लेकर मुख्यमंत्री से मिलेंगे।   हरियाणा | दैनिक भास्कर