सुप्रीम कोर्ट से राम रहीम को राहत नहीं:पंजाब सरकार को तीन हफ्ते में दाखिल करना होगा जवाब, 18 मार्च को होगी सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट से राम रहीम को राहत नहीं:पंजाब सरकार को तीन हफ्ते में दाखिल करना होगा जवाब, 18 मार्च को होगी सुनवाई

बरगाड़ी बेअदबी मामले से जुड़े मामले की याचिका पर आज (3 फरवरी को) सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई है। पंजाब सरकार को अदालत ने जवाब दाखिल करने का तीन हफ्ते की मोहलत मिली है। हालांकि इस मामले में डेरा सच्चा सौदा, सिरसा के मुखी राम रहीम को राहत नहीं मिली है। वहीं, अब इस मामले की सुनवाई 18 मार्च को होगी। ऐसे चली आज अदालत में हुई सुनवाई जानकारी के मुताबिक पंजाब सरकार की याचिका पर गत सुनवाई पर पजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें गुरमीत राम रहीम के खिलाफ 2015 में पवित्र ग्रंथ श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामलों में ट्रायल पर रोक लगाई गई थी। इस मौके राह रहीम के वकील ने अदालत को बताया कि पंजाब राज्य ने इन मामलों की जांच के लिए सीबीआई को भेजा था। सीबीआई इनकी जांच कर रही थी, अचानक 2 साल बाद सीबीआई की सहमति वापस ले ली गई। ऐसा नहीं किया जा सकता। सीबीआई ने आगे बढ़कर क्लोजर फाइल कर दिया। वे नाखुश थे। बाद में पंजाब पुलिस ने जांच की। इस पर पंजाब सरकार के सरकारी ने कहा कि यह मुकदमेबाजी का तीसरा दौर है। उसे सीबीआई ने नहीं, बल्कि राज्य पुलिस ने आरोपी के रूप में पेश किया था। मामला उनके पास आने के बाद, उसका कोई ठिकाना नहीं है। यहां जानिए पूरा विवाद… इस विवाद के केंद्र में पंजाब में अपवित्रीकरण की कई घटनाएं हैं, जो जून 2015 में फ़रीदकोट के बुर्ज जवाहर सिंह वाला गांव में एक गुरुद्वारे से गुरु ग्रंथ साहिब की एक प्रति की चोरी से शुरू हुई थी। इसके बाद, सितंबर में, फ़रीदकोट के जवाहर सिंह वाला और बरगाड़ी गांवों में पवित्र ग्रंथ के खिलाफ़ हाथ से लिए हुए अपवित्र पोस्टर लगाए गए। उसी वर्ष अक्टूबर में, बरगाड़ी में एक गुरुद्वारे के पास पवित्र ग्रंथ के कई फटे हुए अंग (पृष्ठ) बिखरे हुए मिले। बाद में स्थिति ये बन आई कि पंजाब में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए। राज्य पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी की, जिसमें दो आंदोलनकारियों की मौत हो गई, इस दौरान पंजाब में सामाजिक और राजनीतिक अशांति और बढ़ गई। गुरु ग्रंथ साहिब की प्रति की चोरी और अपवित्रता से संबंधित तीन परस्पर जुड़े मामलों में कुल 12 लोगों को नामजद किया गया था। शिरोमणि अकाली दल और भारतीय जनता पार्टी की पिछली गठबंधन सरकार ने नवंबर में जांच सीबीआई को सौंप दी थी बरगाड़ी बेअदबी मामले से जुड़े मामले की याचिका पर आज (3 फरवरी को) सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई है। पंजाब सरकार को अदालत ने जवाब दाखिल करने का तीन हफ्ते की मोहलत मिली है। हालांकि इस मामले में डेरा सच्चा सौदा, सिरसा के मुखी राम रहीम को राहत नहीं मिली है। वहीं, अब इस मामले की सुनवाई 18 मार्च को होगी। ऐसे चली आज अदालत में हुई सुनवाई जानकारी के मुताबिक पंजाब सरकार की याचिका पर गत सुनवाई पर पजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें गुरमीत राम रहीम के खिलाफ 2015 में पवित्र ग्रंथ श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामलों में ट्रायल पर रोक लगाई गई थी। इस मौके राह रहीम के वकील ने अदालत को बताया कि पंजाब राज्य ने इन मामलों की जांच के लिए सीबीआई को भेजा था। सीबीआई इनकी जांच कर रही थी, अचानक 2 साल बाद सीबीआई की सहमति वापस ले ली गई। ऐसा नहीं किया जा सकता। सीबीआई ने आगे बढ़कर क्लोजर फाइल कर दिया। वे नाखुश थे। बाद में पंजाब पुलिस ने जांच की। इस पर पंजाब सरकार के सरकारी ने कहा कि यह मुकदमेबाजी का तीसरा दौर है। उसे सीबीआई ने नहीं, बल्कि राज्य पुलिस ने आरोपी के रूप में पेश किया था। मामला उनके पास आने के बाद, उसका कोई ठिकाना नहीं है। यहां जानिए पूरा विवाद… इस विवाद के केंद्र में पंजाब में अपवित्रीकरण की कई घटनाएं हैं, जो जून 2015 में फ़रीदकोट के बुर्ज जवाहर सिंह वाला गांव में एक गुरुद्वारे से गुरु ग्रंथ साहिब की एक प्रति की चोरी से शुरू हुई थी। इसके बाद, सितंबर में, फ़रीदकोट के जवाहर सिंह वाला और बरगाड़ी गांवों में पवित्र ग्रंथ के खिलाफ़ हाथ से लिए हुए अपवित्र पोस्टर लगाए गए। उसी वर्ष अक्टूबर में, बरगाड़ी में एक गुरुद्वारे के पास पवित्र ग्रंथ के कई फटे हुए अंग (पृष्ठ) बिखरे हुए मिले। बाद में स्थिति ये बन आई कि पंजाब में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए। राज्य पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी की, जिसमें दो आंदोलनकारियों की मौत हो गई, इस दौरान पंजाब में सामाजिक और राजनीतिक अशांति और बढ़ गई। गुरु ग्रंथ साहिब की प्रति की चोरी और अपवित्रता से संबंधित तीन परस्पर जुड़े मामलों में कुल 12 लोगों को नामजद किया गया था। शिरोमणि अकाली दल और भारतीय जनता पार्टी की पिछली गठबंधन सरकार ने नवंबर में जांच सीबीआई को सौंप दी थी   पंजाब | दैनिक भास्कर