लेह से दिल्ली तक की पदयात्रा पर निकले पर्यावरणविद सोनम वांगचुक शनिवार को मंडी पहुंचे। यहां पहुंचने पर उनका और साथ आए लोगों का स्थानीय लोगों ने भव्य स्वागत किया। इस दौरान कुछ देर के लिए सोनम वांगचुक और लद्दाख के लोग मंडी में रुके। उसके बाद पदयात्रा नेरचौक की तरफ रवाना हुई। सोनम वांगचुक ने कहा कि केंद्र सरकार ने जो 5 साल पहले चुनाव के समय जनता से वादे किए हैं उन्हें पूरा करना चाहिए। लद्दाख के युवाओं और देश के युवाओं की उम्मीद पर केंद्र सरकार खरा उतरे। उन्होंने लोगों से पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में काम करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि आज यात्रा का 21वां दिन है। इस दौरान उन्होंने क्लाइमेट क्लॉक के माध्यम से लोगों को बताया कि हिमालय में किस तरह से प्रकृति से छेड़छाड़ हो रही है। जिसको अगर जल्द नहीं रोका तो फिर प्रलय के लिए भी सभी तैयार रहे। 2 अक्टूबर को यात्रा दिल्ली में संपन्न होगी
सोनम वांगचुक ने 1 सितंबर को लेह के एनडीएस मेमोरियल पार्क से लेह एपेक्स बॉडी के पदाधिकारियों के साथ 150 से ज्यादा लद्दाखी नागरिकों के साथ दिल्ली के लिए निकले हैं। इस पदयात्रा के दौरान सोनम वांगचुक और उनके साथ यात्रा कर रहे लोग एक दिन में 25 किलोमीटर का सफर कर रहे है। सोनम वांगचुक की नेतृत्व में निकली ये पदयात्रा कुछ मांगों को लेकर शुरू की गई है। जिसमें लद्दाख को राज्य बनाने, संविधान की छठी अनुसूची को लागू करने, लोकसभा की दो सीटें बनाने जैसी मांगें शामिल हैं। 2 अक्टूबर को ये यात्रा दिल्ली में संपन्न होगी। वांगचुक का कहा कि वो छठी अनुसूची में लद्दाख को शामिल करने की मांग इसलिए कर रहे हैं, ताकि स्थानीय लोगों को अपनी भूमि और सांस्कृतिक पहचान की रक्षा करने के लिए कानून बनाने का अधिकार मिल सके। बता दें कि इससे पहले वांगचुक ने अपनी मांगों को लेकर मार्च में लद्दाख को राज्य का दर्जा देने, हिमालयी पारिस्थितिकी की सुरक्षा के लिए 21 दिनों की भूख हड़ताल भी की थी। लेह से दिल्ली तक की पदयात्रा पर निकले पर्यावरणविद सोनम वांगचुक शनिवार को मंडी पहुंचे। यहां पहुंचने पर उनका और साथ आए लोगों का स्थानीय लोगों ने भव्य स्वागत किया। इस दौरान कुछ देर के लिए सोनम वांगचुक और लद्दाख के लोग मंडी में रुके। उसके बाद पदयात्रा नेरचौक की तरफ रवाना हुई। सोनम वांगचुक ने कहा कि केंद्र सरकार ने जो 5 साल पहले चुनाव के समय जनता से वादे किए हैं उन्हें पूरा करना चाहिए। लद्दाख के युवाओं और देश के युवाओं की उम्मीद पर केंद्र सरकार खरा उतरे। उन्होंने लोगों से पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में काम करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि आज यात्रा का 21वां दिन है। इस दौरान उन्होंने क्लाइमेट क्लॉक के माध्यम से लोगों को बताया कि हिमालय में किस तरह से प्रकृति से छेड़छाड़ हो रही है। जिसको अगर जल्द नहीं रोका तो फिर प्रलय के लिए भी सभी तैयार रहे। 2 अक्टूबर को यात्रा दिल्ली में संपन्न होगी
सोनम वांगचुक ने 1 सितंबर को लेह के एनडीएस मेमोरियल पार्क से लेह एपेक्स बॉडी के पदाधिकारियों के साथ 150 से ज्यादा लद्दाखी नागरिकों के साथ दिल्ली के लिए निकले हैं। इस पदयात्रा के दौरान सोनम वांगचुक और उनके साथ यात्रा कर रहे लोग एक दिन में 25 किलोमीटर का सफर कर रहे है। सोनम वांगचुक की नेतृत्व में निकली ये पदयात्रा कुछ मांगों को लेकर शुरू की गई है। जिसमें लद्दाख को राज्य बनाने, संविधान की छठी अनुसूची को लागू करने, लोकसभा की दो सीटें बनाने जैसी मांगें शामिल हैं। 2 अक्टूबर को ये यात्रा दिल्ली में संपन्न होगी। वांगचुक का कहा कि वो छठी अनुसूची में लद्दाख को शामिल करने की मांग इसलिए कर रहे हैं, ताकि स्थानीय लोगों को अपनी भूमि और सांस्कृतिक पहचान की रक्षा करने के लिए कानून बनाने का अधिकार मिल सके। बता दें कि इससे पहले वांगचुक ने अपनी मांगों को लेकर मार्च में लद्दाख को राज्य का दर्जा देने, हिमालयी पारिस्थितिकी की सुरक्षा के लिए 21 दिनों की भूख हड़ताल भी की थी। हिमाचल | दैनिक भास्कर