हरियाणा के सोनीपत में डीसी ने शुक्रवार को डिस्ट्रिक्ट लेवल रिव्यू कमेटी (डीएलआरसी) तथा डिस्ट्रिक्ट क्लियरेंस कमेटी (डीसीसी) की बैठक ली। बैठक में उन्होंने सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं के तहत चिह्नित जरूरतमंदों के ऋण आवेदनों की गंभीरता से समीक्षा की। साथ ही बैठक से गैरहाजिर रहे बैंक अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए। डीसी डा. मनोज कुमार ने बैंकों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि जरूरतमंदों को सरकार की योजनाओं के तहत ऋण देने के लिए आवेदन बैंकों में भेजे जा रहे हैं। सभी बैंकर्स इन आवेदनों पर तुरंत कार्यवाही करते हुए जरूरतमंदों को प्राथमिकता के आधार पर ऋण प्रदान करें। ताकि बैंकों की सहायता से ऋण लेकर जरूरतमंद व्यक्ति अपने जीवन स्तर को ऊंचा उठा सकें। डीसी ने लंबित फाइलों की समीक्षा देख जताई नाराजगी डीसी डा. मनोज कुमार ने आवेदनों की समीक्षा करते हुए उन बैंकर्स के प्रति कड़ी नाराजगी व्यक्त की, क्योंकि बड़ी संख्या में आवेदन लंबित मिले। उन्होंने कहा कि बिना किसी ठोस कारण के कोई भी आवेदन लंबित नहीं रहना चाहिए। कड़ी चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा कि निर्देशों की अवहेलना करने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जरूरतमंद लोगों को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से उन्हें बैंकिंग सहायता के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, ताकि उन्हें सस्ती दरों पर ऋण मिल सके। गैर हाजिर बैंकर्स पर कार्रवाई के आदेश डीसी ने बैठक में उपस्थित न होने वाले बैंकर्स डीसीओ के प्रति नाराजगी जताते हुए डीसी ने उनके खिलाफ कार्यवाही करने के निर्देश दिए। उन्होंने मुख्यमंत्री परिवार उत्थान योजना तथा स्वयं सहायता समूह योजना और स्व निधि आदि विभिन्न योजनाओं के तहत बैंकों को किये गये आवेदनों की गंभीरता से समीक्षा की। खराब प्रदर्शन पर भी होगी कार्रवाई उन्होंने कहा कि खराब प्रदर्शन करने वाले बैंकर्स के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (पीएनबी-आरसेटी) की भी समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि अधिकाधिक युवाओं को स्व-रोजगार के लिए प्रशिक्षण प्रदान करें। इसके लिए जागरूकता कैंप भी लगायें। बैठक में एलडीएम मनोज सेठी, डीडीएम हिमांशु खत्री, डीएमसी से वीपी सिंह, एचडब्ल्यूडीसी रोहिता, कृषि विभाग से रघुवेन्द्र सिंह सहित विभिन्न बैंकों के प्रतिनिधि मौजूद थे। हरियाणा के सोनीपत में डीसी ने शुक्रवार को डिस्ट्रिक्ट लेवल रिव्यू कमेटी (डीएलआरसी) तथा डिस्ट्रिक्ट क्लियरेंस कमेटी (डीसीसी) की बैठक ली। बैठक में उन्होंने सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं के तहत चिह्नित जरूरतमंदों के ऋण आवेदनों की गंभीरता से समीक्षा की। साथ ही बैठक से गैरहाजिर रहे बैंक अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए। डीसी डा. मनोज कुमार ने बैंकों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि जरूरतमंदों को सरकार की योजनाओं के तहत ऋण देने के लिए आवेदन बैंकों में भेजे जा रहे हैं। सभी बैंकर्स इन आवेदनों पर तुरंत कार्यवाही करते हुए जरूरतमंदों को प्राथमिकता के आधार पर ऋण प्रदान करें। ताकि बैंकों की सहायता से ऋण लेकर जरूरतमंद व्यक्ति अपने जीवन स्तर को ऊंचा उठा सकें। डीसी ने लंबित फाइलों की समीक्षा देख जताई नाराजगी डीसी डा. मनोज कुमार ने आवेदनों की समीक्षा करते हुए उन बैंकर्स के प्रति कड़ी नाराजगी व्यक्त की, क्योंकि बड़ी संख्या में आवेदन लंबित मिले। उन्होंने कहा कि बिना किसी ठोस कारण के कोई भी आवेदन लंबित नहीं रहना चाहिए। कड़ी चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा कि निर्देशों की अवहेलना करने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जरूरतमंद लोगों को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से उन्हें बैंकिंग सहायता के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, ताकि उन्हें सस्ती दरों पर ऋण मिल सके। गैर हाजिर बैंकर्स पर कार्रवाई के आदेश डीसी ने बैठक में उपस्थित न होने वाले बैंकर्स डीसीओ के प्रति नाराजगी जताते हुए डीसी ने उनके खिलाफ कार्यवाही करने के निर्देश दिए। उन्होंने मुख्यमंत्री परिवार उत्थान योजना तथा स्वयं सहायता समूह योजना और स्व निधि आदि विभिन्न योजनाओं के तहत बैंकों को किये गये आवेदनों की गंभीरता से समीक्षा की। खराब प्रदर्शन पर भी होगी कार्रवाई उन्होंने कहा कि खराब प्रदर्शन करने वाले बैंकर्स के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (पीएनबी-आरसेटी) की भी समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि अधिकाधिक युवाओं को स्व-रोजगार के लिए प्रशिक्षण प्रदान करें। इसके लिए जागरूकता कैंप भी लगायें। बैठक में एलडीएम मनोज सेठी, डीडीएम हिमांशु खत्री, डीएमसी से वीपी सिंह, एचडब्ल्यूडीसी रोहिता, कृषि विभाग से रघुवेन्द्र सिंह सहित विभिन्न बैंकों के प्रतिनिधि मौजूद थे। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हिसार मे युवती ने रॉन्ग साइड में दौड़ाई कार, VIDEO:स्कूटी और गाड़ी को मारी टक्कर; परिवार के 3 लोग घायल हरियाणा के हिसार के सेक्टर 14 में एक युवती ने रॉन्ग साइड (गलत दिशा) में कार चलाते हुए एक स्कूटी और दूसरी कार को टक्कर मार दी। हादसे में एक परिवार के तीन सदस्य घायल हो गए। यह पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। पुलिस ने शिकायत के बाद युवती के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। छानबीन जारी है। जानकारी अनुसार पीएलए निवासी तनीष आहुजा शाम को पौने सात बजे अपनी क्रेटा कार में दादी रामदीती और मां रिम्पी आहुजा के साथ सेक्टर 14 पार्ट-2 की तरफ जा रहे थे। जब वे सर्वेश अस्पताल के सामने पहुंचे, तभी सेक्टर 14 की तरफ से एक टोयोटा वैरिस कार तेज गति से आई। इस कार ने पहले एक स्कूटी सवार को टक्कर मारी और फिर गलत दिशा में चलते हुए तनीष की कार से टकरा गई। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि क्रेटा कार के दोनों एयरबैग खुल गए। हादसे में तनीष की दादी रामदीती के चेहरे और दाएं बाजू पर गंभीर चोटें आईं। साथ ही तनीष और उनकी मां रिम्पी आहुजा भी घायल हुए। शिकायतकर्ता तनीष के अनुसार, टक्कर मारने वाली युवती नशे में लग थी। मामले की शिकायत पर सिटी थाना पुलिस ने मंगलवार रात को आरोपी युवती के खिलाफ धारा 281, 125A और 324(2) के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
हरियाणा में राखीगढ़ी महोत्सव आज से:यहां 9 हजार साल पुरानी हड़प्पाकालीन सभ्यता; एक साथ 60 कंकाल, महिलाओं के आभूषण मिल चुके
हरियाणा में राखीगढ़ी महोत्सव आज से:यहां 9 हजार साल पुरानी हड़प्पाकालीन सभ्यता; एक साथ 60 कंकाल, महिलाओं के आभूषण मिल चुके हरियाणा में हिसार के राखीगढ़ी में 3 दिवसीय महोत्सव आज से शुरू हो रहा है। 20 से 22 दिसंबर तक चलने वाले इस महोत्सव में लोग हजारों वर्ष पुराने मकान की दीवारें और उनके पानी की निकासी के मैनेजमेंट का सिस्टम देख सकेंगे। बता दें कि राखीगढ़ी में 9 हजार साल पुरानी हड़प्पाकालीन सभ्यता की खोज की जा चुकी है। यहां से एक साथ 60 कंकाल मिल चुके हैं। इसके अलावा महिलाओं के आभूषण से लेकर पुरानी लिपि और पानी का ड्रेनेज सिस्टम भी मिल चुका है। इससे पता चलता है कि हजारों साल पहले भी देश में एक सभ्यता ऐसी थी, जो विकसित नगर में रहती थी। अब इस जगह पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग दिल्ली की टीम लगातार काम कर रही है। टीलों ने खींचा राखीगढ़ी की तरफ ध्यान
राखीगढ़ी में ऊंचे टीले हैं, जिनका आकार मिश्र के पिरामिड जैसा है। ये 9 टीले 550 हेक्टेयर एरिया में फैले हुए हैं। इस वजह से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) का ध्यान इन पर गया। ASI ने राखीगढ़ी का सर्वे किया। राखीगढ़ी की 3 बार खुदाई में क्या-क्या मिला? पहली बार मानव कंकाल मिला
करीब 28 साल पहले ASI ने यहां खुदाई का फैसला लिया। 1997-98 में अमरेंद्र नाथ की अगुआई में राखीगढ़ी में टीले नंबर 6 और 7 की खुदाई की गई। टीले नंबर 7 से तब एक मानव कंकाल मिला था, जिसके बाद पता चला कि यहां मानव जीवन रहा है। यह कंकाल अब दिल्ली स्थित नेशनल म्यूजियम में रखा हुआ है। दूसरी बार 60 कंकाल, मानव अवशेष मिले
मानव सभ्यता की खोज के लिए राखीगढ़ी में दूसरी बार डेक्कन यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर वसंत सिंधे की अगुआई में 2013–14 में खुदाई की गई। इस यूनिवर्सिटी को खुदाई के लिए ASI ने ही रिकमेंड किया था। खुदाई की निगरानी भी ASI ने ही की थी। उन्होंने 6–7 नंबर टीले के साथ 1–2 की भी खुदाई की, जिसमें करीब 60 कंकाल मिले थे। उनमें से 8-10 कंकाल अच्छी हालत में थे। उन्हीं में से एक कंकाल का DNA लेकर जांच भी की गई। इससे यह अनुमान लगा कि यह सभ्यता करीब साढ़े 5 हजार वर्ष पुरानी है। जब कंकालों के नीचे खुदाई को आगे बढ़ाया तो वहां पर मानव के रहने की अवशेष मिले थे। जब उनकी कार्बन डेटिंग की गई तो यह अवशेष करीब 9 हजार वर्ष पुराने मिले। इसमें सूखी नदी, बर्तन, कुएं आदि मिले। तीसरी खुदाई में मकान की दीवार, ईंटें, तांबा मिले
इसके बाद 2023-24 में खुदाई का काम ASI ने अपने हाथ में ले लिया। ASI के अपर महानिदेशक डॉ. संजय कुमार मंजुल की अगुआई में खुदाई हुई तो इस टीले पर 6 हजार वर्ष पुरानी मकान की दीवार, शंख की चूड़ी, कच्ची ईंटें, तांबा, मनके, मोहरें मिल चुकी हैं। तब से लगतार यहां टीलों की खुदाई की जा रही है। ASI का अनुमान, नदी के सूखने पर हुआ नगर का अंत
राखीगढ़ी को हड़प्पाकालीन सभ्यता की सबसे बड़ी साइट माना जाता है, जो करीब 550 हेक्टेयर में फैली हुई है। यहां मिले 9 टीलों में से पुरातत्व विभाग ने अब तक 5 टीलों की जमीन को एक्वायर किया है। अब राखीगढ़ी में टीले नंबर 6 और 7 को प्रोटेक्ट करने की तैयारी है। राखीगढ़ी साइट प्राचीन सरस्वती नदी के किनारे बसी थी। सरस्वती नदी की सहायक नदी दृष्टवती यहां से बहती थी। ऐसा माना जा रहा है कि यहां बसे नगर का अंत भी नदी के सूख जाने के बाद हुआ होगा। राखीगढ़ी महोत्सव में हजारों मेहमान हेरिटेज वॉक कर सकेंगे
राखीगढ़ी के ऐतिहासिक महत्व को देश–विदेश में फैलाने के मकसद से हरियाणा सरकार यह महोत्सव करा रही है। इसका उद्घाटन पर्यटन मंत्री अरविंद शर्मा करेंगे। वहीं, समापन मुख्यमंत्री नायब सैनी करेंगे। वह यहां संग्रहालय में नवनिर्मित विश्राम गृह, हास्टल और कैफे भवन का उद्घाटन भी करेंगे। लोग टीला नंबर 1 और 3 पर हेरिटेज वॉक भी कर सकेंगे।
करनाल में आज CM सैनी करेंगे ओक्सीवन पार्क का उद्घाटन:’एक पेड़ मां के नाम’ कार्यक्रम का शुभारंभ, पर्यावरण में सुधार का उद्देश्य
करनाल में आज CM सैनी करेंगे ओक्सीवन पार्क का उद्घाटन:’एक पेड़ मां के नाम’ कार्यक्रम का शुभारंभ, पर्यावरण में सुधार का उद्देश्य हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी आज करनाल में 75वें राज्य स्तरीय वन महोत्सव में मुख्य अतिथि होंगे। कार्यक्रम का आयोजन पुरानी बादशाही नहर के पास सेक्टर-37 ग्राउंड स्थित ओक्सीवन पार्क में किया जाएगा। जहां मुख्यमंत्री ओक्सीवन पार्क का उद्घाटन करेंगे और ‘एक पेड़ मां के नाम’ कार्यक्रम का शुभारंभ कर इसे जनता को समर्पित करेंगे। कार्यक्रम का उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण और वृक्षारोपण को बढ़ावा देना है। ‘एक पेड़ मां के नाम’ पहल के तहत लोगों को अपनी माताओं के नाम पर पेड़ लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा, ताकि हरियाणा में हरित आवरण को बढ़ाया जा सके और पर्यावरण संतुलन को बेहतर बनाया जा सके। इस अवसर पर मुख्यमंत्री नायब सिंह जनता को भी संबोधित करेंगे और “पर्यावरण संरक्षण और वृक्षारोपण के महत्व से अवगत करवाएंगे। इस कार्यक्रम में राज्य के विभिन्न हिस्सों से पर्यावरण प्रेमी, सामाजिक कार्यकर्ता, और स्थानीय नागरिक बड़ी संख्या में भाग लेंगे। करनाल के सूचना एवं जन संपर्क अधिकारी ने बताया कि इस पहल के माध्यम से हरियाणा में बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण किया जाएगा और यह कार्यक्रम वन महोत्सव के इतिहास में एक मील का पत्थर साबित होगा।