हरियाणा के सोनीपत में एक परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। महिला के पति की तो पहले ही मौत हो गई थी, अब उसका इकलौता बेटा भी एक्सीडेंट के बाद कोमा में चला गया है। बेटा पढ़ाई लिखाई के साथ खेल में भी भाग ले रहा था। गोहाना सिटी पुलिस ने हादसे के 5 महीने बाद कार ड्राइवर पर केस दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। गोहाना क्षेत्र के गांव मुंडलाना की रहने वाली शीला ने पुलिस को बताया कि उसके पति राकेश की मौत हो चुकी है। वह मेहनत मजदूरी का काम करके अपने परिवार का पालन पोषण कर रही है। उसका इकलौता बेटा सन्नी 18 साल का है, एक बेटी है जो कि 16 साल की है। उसके दोनों बच्चे पढ़ रहे हैं। उसका बेटा सन्नी पढाई के साथ साथ खेल मे भी काफी अच्छा है। गोहाना स्टेडियम में खेल कर लौट रहा था शीला ने बताया कि 19 जुलाई को उसका बेटा सन्नी अपने दोस्त विजय के साथ अपनी मोटरसाइकिल पर गोहाना स्टेडियम मे खेलने के लिये गया था। सन्नी व उसका दोस्त विजय घर पर वापस आ रहे थे तो होली फैमिली स्कूल गोहाना के सामने उनकी मोटरसाइकिल काे एक कार ने टक्कर मार दी। इसमें सन्नी व विजय को काफी चोटें लगी। दोनों को किसी ने इलाज के लिए BPS मेडिकल कॉलेज खानपुर में दाखिल करवा दिया था। रोहतक PGI में चला इलाज, नहीं आया होश महिला ने बताया कि एक्सीडेंट में लगी चोटों के कारण उसका बेटा कोमा में चला गया। उसे खानपुर से रोहतक पीजीआई रेफर कर दिया गया। वे अपने बेटे के इलाज में व्यस्त थे। इस कारण हादसे को लेकर पुलिस को कोई शिकायत नहीं दी गई थी। अब उसके बेटे को पीजीआई रोहतक से घर भेज दिया गया है। वह अभी भी कोमा में है। वह जिंदगी की जंग लड़ रहा है। हादसे के पांच महीने बाद भी उसे होश नहीं आया है। पुलिस ने पांच माह बार दर्ज किया केस गोहाना कोर्ट कॉम्प्लेक्स पुलिस चौकी के ASI संदीप कुमार के अनुसार, मुंडलाना गांव की शीला ने बेटे के एक्सीडेंट को लेकर शिकायत दी है। पुलिस ने कार ड्राइवर के खिलाफ धारा 125(A),281 BNS में केस दर्ज कर लिया है। पुलिस मामले में आगे की छानबीन का रही है। हरियाणा के सोनीपत में एक परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। महिला के पति की तो पहले ही मौत हो गई थी, अब उसका इकलौता बेटा भी एक्सीडेंट के बाद कोमा में चला गया है। बेटा पढ़ाई लिखाई के साथ खेल में भी भाग ले रहा था। गोहाना सिटी पुलिस ने हादसे के 5 महीने बाद कार ड्राइवर पर केस दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। गोहाना क्षेत्र के गांव मुंडलाना की रहने वाली शीला ने पुलिस को बताया कि उसके पति राकेश की मौत हो चुकी है। वह मेहनत मजदूरी का काम करके अपने परिवार का पालन पोषण कर रही है। उसका इकलौता बेटा सन्नी 18 साल का है, एक बेटी है जो कि 16 साल की है। उसके दोनों बच्चे पढ़ रहे हैं। उसका बेटा सन्नी पढाई के साथ साथ खेल मे भी काफी अच्छा है। गोहाना स्टेडियम में खेल कर लौट रहा था शीला ने बताया कि 19 जुलाई को उसका बेटा सन्नी अपने दोस्त विजय के साथ अपनी मोटरसाइकिल पर गोहाना स्टेडियम मे खेलने के लिये गया था। सन्नी व उसका दोस्त विजय घर पर वापस आ रहे थे तो होली फैमिली स्कूल गोहाना के सामने उनकी मोटरसाइकिल काे एक कार ने टक्कर मार दी। इसमें सन्नी व विजय को काफी चोटें लगी। दोनों को किसी ने इलाज के लिए BPS मेडिकल कॉलेज खानपुर में दाखिल करवा दिया था। रोहतक PGI में चला इलाज, नहीं आया होश महिला ने बताया कि एक्सीडेंट में लगी चोटों के कारण उसका बेटा कोमा में चला गया। उसे खानपुर से रोहतक पीजीआई रेफर कर दिया गया। वे अपने बेटे के इलाज में व्यस्त थे। इस कारण हादसे को लेकर पुलिस को कोई शिकायत नहीं दी गई थी। अब उसके बेटे को पीजीआई रोहतक से घर भेज दिया गया है। वह अभी भी कोमा में है। वह जिंदगी की जंग लड़ रहा है। हादसे के पांच महीने बाद भी उसे होश नहीं आया है। पुलिस ने पांच माह बार दर्ज किया केस गोहाना कोर्ट कॉम्प्लेक्स पुलिस चौकी के ASI संदीप कुमार के अनुसार, मुंडलाना गांव की शीला ने बेटे के एक्सीडेंट को लेकर शिकायत दी है। पुलिस ने कार ड्राइवर के खिलाफ धारा 125(A),281 BNS में केस दर्ज कर लिया है। पुलिस मामले में आगे की छानबीन का रही है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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विनेश फोगाट आज लौटेंगी:भारत आने से पहले कहा- मेरे अंदर लड़ाई-कुश्ती हमेशा रहेगी, रातभर वजन कम करने की कोशिश की
विनेश फोगाट आज लौटेंगी:भारत आने से पहले कहा- मेरे अंदर लड़ाई-कुश्ती हमेशा रहेगी, रातभर वजन कम करने की कोशिश की पेरिस ओलिंपिक में कुश्ती के फाइनल मुकाबले से पहले 100 ग्राम वजन ज्यादा होने पर डिसक्वालीफाई हुईं विनेश फोगाट आज भारत लौटेंगी। दिल्ली एयरपोर्ट पर काफी संख्या में लोग विनेश का स्वागत करने के लिए पहुंचेंगे। इसके अलावा दिल्ली एयरपोर्ट से उनके पैतृक गांव बलाली (चरखी दादरी जिला) तक करीब 125 किलोमीटर के रास्ते में जगह-जगह स्वागत होगा। गांव के खेल स्टेडियम में भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया है। इससे पहले विनेश फोगाट ने पेरिस ओलिंपिक से अयोग्य होने के बाद पहली प्रतिक्रिया दी। उन्होंने 3 पेज का लेटर लिखा। विनेश ने कहा, ‘जो पेरिस में हुआ अगर वो न होता तो मैं ओलिंपिक 2032 तक खेलती, क्योंकि मेरे अंदर लड़ने की भावना और कुश्ती हमेशा रहेगी। मुझे नहीं पता कि भविष्य क्या है और मेरे लिए सफर में आगे क्या होगा, लेकिन एक बात पक्की है कि मैं हमेशा उस बात के लिए लड़ती रहूंगी, जो मुझे सही लगती है।’ उन्होंने कहा, ‘कहने को काफी कुछ है, लेकिन शब्द कभी पर्याप्त नहीं होंगे। हो सकता है कि जब समय सही हो मैं इस पर दोबारा बात करूं।’ ‘मैंने रातभर वजन कम करने की कोशिश की। करीब साढ़े पांच घंटे तक कड़ी मेहनत की, लेकिन अपने वजन को अपनी वेट कैटेगरी 50 kg पर नहीं ला सकी।’ मेरा भाग्य भी साथ नहीं था। ये हमेशा मिसिंग रहेगा।’ 7 पॉइंट्स में विनेश की बातें… पिता का सपना पूरा किया
जब मैं छोटी थी, तब मुझे ओलिंपिक्स के बारे में जानकारी नहीं थी। मैं भी हर छोटी बच्ची की तरह लंबे बाल रखना चाहती थी। फोन को हाथ में लेकर घूमना चाहती थी। मेरे पिता एक सामान्य बस ड्राइवर थे। वे अपनी बेटी को हवाई जहाज में उड़ते हुए देखना चाहते थे। मैंने अपने पिता का सपना पूरा कर दिया। जब भी वे मुझसे इसका जिक्र करते हैं तो मैं हंस देती हूं।’ पति सोमवीर ने हर कदम पर दिया साथ
तमाम मुश्किलों के बावजूद मेरे परिवार ने भगवान पर भरोसा रखा। हमें यह यकीन है कि जो भगवान ने हमारे लिए सोचा होगा, वह अच्छा ही सोचा होगा। मेरी मां हमेशा कहती हैं कि भगवान कभी अच्छे लोगों के जीवन में बुरी चीजें नहीं आने देते हैं। मुझे इस बात पर तब और ज्यादा यकीन हो गया, जब मैं अपने पति सोमवीर के साथ जीवन के रास्ते पर आगे बढ़ी। सोमवीर ने मेरा हर सफर में साथ दिया है।’ मुझे पता था कि सोमवीर मेरे साथ खड़ा है
सोमवीर, जो कि मेरे पति, जीवनसाथी और जीवन भर के लिए सबसे अच्छे दोस्त हैं। यह कहना कि जब हमने किसी चुनौती का सामना किया, तो हम बराबर के भागीदार थे, गलत होगा, क्योंकि उन्होंने हर कदम पर बलिदान दिया और मेरी कठिनाइयों को उठाया, हमेशा मेरी रक्षा की। उन्होंने मेरी यात्रा को अपने सफर से ऊपर रखा और अत्यंत निष्ठा, समर्पण और ईमानदारी के साथ अपना सहयोग प्रदान किया। यदि वह नहीं होता, तो मैं यहां रहने, अपनी लड़ाई जारी रखने और प्रत्येक दिन का सामना करने की कल्पना नहीं कर सकती थी। यह केवल इसलिए संभव है, क्योंकि मैं जानती हूं कि वह मेरे साथ खड़ा है, मेरे पीछे है और जरूरत पड़ने पर मेरे सामने खड़ा है और हमेशा मेरी रक्षा कर रहा है। मां चाहती थी कि उसके सभी बच्चे खुश रहें
मेरी मां जो अपने जीवन की कठिनाइयों पर एक पूरी कहानी लिख सकती थीं, उन्होंने केवल यह सपना देखा था कि उनके सभी बच्चे एक दिन उनसे बेहतर जीवन जिएंगे। स्वतंत्र होना और उनके बच्चों का अपने पैरों पर खड़ा होना उनके लिए एक सपना था। उनकी इच्छाएं और सपने मेरे पिता से कहीं अधिक सरल थे। लेकिन मेरे पिता हमें छोड़कर चले गए और मैं बस उनके विचार और प्लेन में उड़ान भरने की यादों के साथ रही। मैं तब उनके अर्थ को लेकर असमंजस में थी, लेकिन फिर भी उस सपने को अपने पास रखा। मां ने हक के लिए लड़ना सिखाया
मेरी मां का सपना अब और दूर हो गया था, क्योंकि मेरे पिता की मृत्यु के कुछ महीने बाद उन्हें स्टेज तीन कैंसर का पता चला था। यहां तीन बच्चों की यात्रा शुरू हुई, जो अपनी अकेली मां का समर्थन करने के लिए अपना बचपन खो देते हैं। जल्द ही मेरे लंबे बाल, मोबाइल फोन के सपने धूमिल हो गए, क्योंकि मैंने जीवन की वास्तविकता का सामना किया और अस्तित्व की दौड़ में शामिल हो गई। लेकिन संघर्ष ने मुझे काफी कुछ सिखाया। मेरी मां का संघर्ष, कभी हार ना मानने का व्यवहार और लड़ने की क्षमता, जैसी मैं आज हूं। उन्होंने मुझे उस चीज के लिए लड़ना सिखाया, जो मेरा हक है। जब मैं साहस के बारे में सोचती हूं तो उनके बारे में सोचती हूं और यही साहस है जो मुझे परिणाम के बारे में सोचे बिना हर लड़ाई लड़ने में मदद करता है। पिछले 2 साल में मेरे साथ काफी कुछ हुआ
मेरी यात्रा ने मुझे बहुत सारे लोगों से मिलने का मौका दिया है, जिनमें से ज्यादातर अच्छे और कुछ बुरे निकले। पिछले डेढ़-दो साल में, मैट के अंदर और बाहर बहुत कुछ हुआ है। मेरी जिंदगी ने कई मोड़ लिए और ऐसा लगा जैसे उससे बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं है, लेकिन मेरे आस-पास के जो लोग थे, उनमें ईमानदारी थी, मेरे प्रति सद्भावना थी और व्यापक समर्थन था। ये लोग और मुझ पर उनका विश्वास इतना मजबूत था कि मैं आगे बढ़ी और पिछले 2 वर्षों से इन चुनौतियों से निपट सकी। विनेश ने सपोर्ट स्टॉफ और डॉ. पारदीवाला का आभार
मैट पर मेरी यात्रा के दौरान पिछले 2 साल से मेरे सपोर्ट स्टॉफ ने बड़ा योगदान दिया है। डॉ. दिनशॉ पारदीवाला भारतीय खेलों में नया नाम नहीं है। मेरे लिए और मुझे लगता है कि कई अन्य भारतीय एथलीटों के लिए, वे सिर्फ एक डॉक्टर नहीं है, बल्कि भगवान द्वारा भेजे गए एक देवदूत हैं। जब चोटों का सामना करने के बाद मैंने खुद पर विश्वास करना बंद कर दिया था, तो यह उनका विश्वास, काम और मुझ पर भरोसा ही था, जिसने मुझे फिर से अपने पैरों पर खड़ा कर दिया। अपने काम और भारतीय खेलों के प्रति उनका समर्पण और ईमानदारी ऐसी चीज है, जिस पर भगवान को भी संदेह नहीं होगा। मैं उनके और उनकी पूरी टीम के काम और समर्पण के लिए हमेशा आभारी हूं। उनका पेरिस में होना सभी एथलीट के लिए उपहार है। सरकार भी सिल्वर मेडलिस्ट के बराबर मान-सम्मान देगी
पेरिस ओलिंपिक में भले ही विनेश फोगाट मेडल से वंचित रह गई हो, लेकिन प्रदेश सरकार ने उन्हें सिल्वर मेडलिस्ट के बराबर सुविधाएं व धनराशि देने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने पिछले दिनों X (सोशल मीडिया) पर लिखा था, ‘हमारी बहादुर बेटी विनेश फोगाट ने जबरदस्त प्रदर्शन कर पेरिस ओलिंपिक के फाइनल में प्रवेश किया था। किन्हीं कारणों से बेशक वह फाइनल न खेल पाई हो, लेकिन वह हमारे लिए चैंपियन है। हमारी सरकार ने फैसला किया है कि विनेश का स्वागत एक मेडलिस्ट की तरह किया जाएगा। हरियाणा सरकार जो सिल्वर मेडल जीतने वाले खिलाड़ी को सम्मान देती है, वह विनेश फोगाट को दिया जाएगा। हमें आप पर गर्व है विनेश।’ बलाली से इन पहलवानों ने दिलाई अंतरराष्ट्रीय पहचान
बलाली गांव चरखी दादरी जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर है। इस गांव की पहलवानों ने इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विशेष पहचान दिलाई है। रेसलर विनेश फोगाट के अलावा गीता, बबीता, संगीता, रीतू फोगाट और नेहा सांगवान ने पहलवानी में अनेक मेडल अपने नाम किए हैं। विनेश फोगाट मामले में अब तक क्या हुआ, सिलसिलेवार ढंग से पढ़ें… 1. ओलिंपिक के फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला रेसलर विनेश फोगाट ने 50 किग्रा वेट कैटेगरी में मंगलवार को 3 मैच खेले। प्री-क्वार्टर फाइनल में उन्होंने टोक्यो ओलिंपिक की चैंपियन यूई सुसाकी को हरा दिया। क्वार्टर फाइनल में उन्होंने यूक्रेन और सेमीफाइनल में क्यूबा की रेसलर को पटखनी दी। विनेश फाइनल में पहुंचने वालीं पहली ही भारतीय महिला रेसलर बनीं थीं। सेमीफाइनल तक 3 मैच खेलने के बाद उन्हें प्रोटीन और एनर्जी के लिए खाना खिलाया गया, जिससे उनका वजन 52.700 किग्रा तक बढ़ गया। 2. विनेश का वजन 2.7 किलो ज्यादा था भारतीय ओलिंपिक टीम के डॉक्टर डॉक्टर दिनशॉ पारदीवाला के मुताबिक विनेश का वेट वापस 50KG पर लाने के लिए टीम के पास सिर्फ 12 घंटे थे। विनेश पूरी रात नहीं सोईं और वजन को तय कैटेगरी में लाने के लिए जॉगिंग, स्किपिंग और साइकिलिंग जैसी एक्सरसाइज करती रहीं। विनेश ने अपने बाल और नाखून तक काट दिए थे। उनके कपड़े भी छोटे कर दिए गए थे। 3. वजन घटाने को सिर्फ 15 मिनट मिले, 100 ग्राम ज्यादा था बुधवार सुबह दोबारा से विनेश के वजन की जांच की गई। इसके बाद नियमानुसार सिर्फ 15 मिनट मिले, लेकिन इतने कम समय में विनेश का वजन घटाकर 50KG तक नहीं लाया जा सका। लास्ट में जब वेट किया गया तो विनेश का वजन तय सीमा से 100 ग्राम अधिक निकला। ओलिंपिक कमेटी के फैसले के बाद विनेश की तबीयत बिगड़ गई। उन्हें अस्पताल भर्ती करवाया। 4. डिस्क्वालिफिकेशन के खिलाफ अपील भी की विनेश ने संन्यास के ऐलान से पहले बुधवार रात अपने डिस्क्वालिफिकेशन के खिलाफ अपील दायर की है। उन्होंने कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स से मांग की कि उन्हें संयुक्त रूप से सिल्वर मेडल दिया जाए। विनेश ने पहले फाइनल खेलने की मांग भी की थी। फिर उन्होंने अपील बदली और अब संयुक्त रूप से सिल्वर दिए जाने की मांग की। 5. विनेश ने लिया संन्यास, सोशल मीडिया पर डाली पोस्ट विनेश ने गुरुवार सुबह कुश्ती से संन्यास लेने का ऐलान कर दिया। उन्होंने गुरुवार सुबह 5.17 बजे सोशल मीडिया (X) पर इसका ऐलान किया। विनेश ने 5 लाइनों की पोस्ट में लिखा- “मां कुश्ती मेरे से जीत गई, मैं हार गई। माफ करना आपका सपना, मेरी हिम्मत सब टूट चुके। इससे ज्यादा ताकत नहीं रही अब। अलविदा कुश्ती 2001-2024, आप सबकी हमेशा ऋणी रहूंगी। …माफी।” 6. 14 अगस्त को अपील खारिज हुई 14 अगस्त को कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स ने विनेश फोगाट की याचिका खारिज कर दी थी। विनेश फोगाट ने याचिका लगाकर सिल्वर मेडल की मांग की थी।
हरियाणा में 8.3 डिग्री पहुंचा पारा:7 जिलों में धुंध का अलर्ट; कई जिलों में विजिबिलिटी 0 हुई, 13 जिलों की हवा खराब, स्कूल बंद हुए
हरियाणा में 8.3 डिग्री पहुंचा पारा:7 जिलों में धुंध का अलर्ट; कई जिलों में विजिबिलिटी 0 हुई, 13 जिलों की हवा खराब, स्कूल बंद हुए हरियाणा में अब ठंड और गहराने लगी है। सूबे के कई जिलों में रात का पारा 10 से नीचे पहुंच गया है। हिसार के बालसमंद में न्यूनतम तापमान 8.3 डिग्री दर्ज किया गया। करनाल और भिवानी में तापमान 9.6 डिग्री रहा, जबकि सोनीपत में 9.1, महेंद्रगढ़ में 9.5 डिग्री तापमान रहा । रात के तापमान में औसतन 2.8 डिग्री की कमी दर्ज की गई है। कुरुक्षेत्र और सोनीपत में रात का पारा 4.4 डिग्री तक कम हुआ है। मौसम विभाग ने 23 नवंबर तक कई जिलों में गहरी से गहरी धुंध का यलो अलर्ट जारी किया है। इनमें अंबाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, कैथल, करनाल, सोनीपत और पानीपत शामिल हैं। जबकि फतेहाबाद, हिसार और जींद में 21 से 23 नवंबर तक गहरी धुंध का यलो अलर्ट जारी हुआ है। इधर गहरी धुंध ने लोगों को मंगलवार को भी परेशान किया। अंबाला में विजिबिलिटी जीरो तक पहुंच गई। 13 जिलों के बंद हुए स्कूल वहीं धुंध और बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए राज्य के 13 जिलों में 12 वीं और एक जिले में 5 वीं कक्षा तक की छुट्टियां प्रशासन ने घोषित कर दी हैं। हरियाणा में प्रदूषण के चलते एनसीआर में शामिल 14 जिलों में से 13 रोहतक, भिवानी, पानीपत, जींद, चरखी दादरी, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, पलवल, सोनीपत, नूंह, फरीदाबाद, गुरुग्राम झज्जर में 12 वीं और करनाल में 5 वीं तक स्कूल बंद किए हैं। इन जिलों में ऑनलाइन कक्षा लगेंगी। वहीं गुरुग्राम-फरीदाबाद में 50 % कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम करने की एडवाइजरी जारी की गई है। 13 शहरों में हवा बेहद खराब रही हरियाणा के गुरुग्राम, फरीदाबाद, धारूहेड़ा, कैथल, दादरी और दिल्ली में मंगलवार को अधिकतम वायु गुणवत्ता सूचकांक ( AQI ) 500 तक पहुंचा। यह ‘गंभीर प्लस’ श्रेणी में आता है। वहीं, औसत एक्यूआई देश के 6 शहरों में 401 से 500 के बीच ‘ गंभीर ‘ श्रेणी में रहा। दिल्ली के अलावा हरियाणा के गुरुग्राम में 403 एक्यूआई के साथ छठे स्थान पर रहा। वहीं, 20 शहरों में एक्यूआई 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज किया गया। इनमें हरियाणा के सर्वाधिक 12 शहर हैं। वहीं सुबह 6.59 मिनट पर प्रदूषण के आंकड़ों के अनुसार सिरसा सबसे प्रदूषित रहा। यहां का एक्यूआई 521 रिकॉर्ड किया गया। दूसरे नंबर पर बहादुरगढ़ की हवा खराब रही। यहां का एक्यूआई 472 दर्ज किया गया। इन दोनों शहरों के अलावा रोहतक का 297, गुरुग्राम का 260, कैथल का 254, हिसार का 252, कुरुक्षेत्र का 223, नारनौल का 214, भिवानी का 204 और फरीदाबाद का 201 एक्यूआई रिकॉर्ड किया गया। आगे कैसा रहेगा मौसम मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अगले 5 दिन में रात का पारा 2-3 डिग्री और कम हो सकता है। आज अंबाला, कुरुक्षेत्र, कैथल, हिसार और जींद में घनी धुंध का ऑरेंज अलर्ट है। कई जिलों में यलो अलर्ट है। 22 नवंबर तक हिसार, जींद, कुरुक्षेत्र, कैथल में ऑरेंज अलर्ट है। 23 को पहाड़ों में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा। प्रदेश में बादल छा सकते हैं।
सिरसा में किसान एग्रीकल्चर स्टोर में चोरी:46 हजार रुपए, लैपटॉप व सीसीटीवी ले गए; रात को बिखरा मिला सामान
सिरसा में किसान एग्रीकल्चर स्टोर में चोरी:46 हजार रुपए, लैपटॉप व सीसीटीवी ले गए; रात को बिखरा मिला सामान हरियाणा के सिरसा के गांव ढुढियावाली बस स्टैंड के पास स्थित एक दुकान में चोरों ने वारदात को अंजाम दिया। चोर दुकान से 46 हजार रुपए, लैपटॉप, सीसीटीवी कैमरे व इनकी डीवीआर चुराकर ले गए हैं। रानियां थाना पुलिस ने दुकानदार की शिकायत पर अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। जानकारी के अनुसार ढुढियावाली निवासी रमेश कुमार की बस स्टैंड के पास किसान एग्रीकल्चर स्टोर के नाम से दुकान है। रमेश कुमार का कहना है कि सोमवार रात को वह दुकान में गया तो दुकान का ताला टूटा मिला। अंदर जाकर देखा तो सारा सामान बिखरा पड़ा था और गल्ले में से 46 हजार रुपए गायब मिले। दुकान में लैपटॉप भी रखा था वो भी गायब मिला। रमेश कुमार का कहना है कि चोर दुकान में लगे सीसीटीवी कैमरे व डीवीआर भी अपने साथ ले गए। घटना की सूचना पुलिस को देने पर पुलिस मौके पर पहुंची और मुआयना किया। पुलिस जांच अधिकारी सुनीता का कहना है कि रमेश की शिकायत पर अज्ञात लोगों पर अभियोग दर्ज किया गया है। जल्द ही चोरों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा। बता दें कि रानियां इलाके में चोरी की घटनाएं बढ़ती जा रही है। लोगों ने पुलिस से मांग किया है कि इलाके में गश्त बढ़ाई जाए।