राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार सोलन जिले के विभिन्न विकास खण्डों की ग्राम पंचायतों में होने वाले उप निर्वाचन के दृष्टिगत आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। इस सम्बन्ध में ज़िला निर्वाचन अधिकारी (पंचायत) एवं उपायुक्त मनमोहन शर्मा द्वारा आदेश जारी किए गए हैं। इन आदेशों के अनुसार विकास खण्ड कुनिहार की ग्राम पंचायत बनोह खरड़हट्टी तथा ग्राम पंचायत पट्टा, कण्डाघाट विकास खण्ड की ग्राम पंचायत मही व नालागढ़ विकास खण्ड की ग्राम पंचायत बधोखरी में उप निर्वाचन के दृष्टिगत तुरंत प्रभाव से आदर्श आचार संहिता लागू कर दी गई है। 11, 12 व 13 सितम्बर से नामांकन अधिसूचना के अनुसार नालागढ़ विकास खण्ड की ग्राम पंचायत बधोखरी के वार्ड नम्बर 4 में वार्ड सदस्य का उप-चुनाव होना है। चुनाव के लिए नामांकन 11, 12 व 13 सितम्बर को प्रस्तुत किए जा सकेंगे। नामांकन सम्बन्धित ग्राम पंचायत कार्यालय में प्रातः 11 बजे से सायं 3 बजे तक सहायक रिटर्निंग अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किए जाएंगे। नामांकन पत्र का प्रारूप सम्बन्धित ग्राम पंचायत कार्यालय में उपलब्ध होगा। 18 सितम्बर आबंटित होंगे चुनाव चिन्ह अधिसूचना के अनुसार नामांकन पत्रों की छंटनी 16 सितम्बर को प्रातः 10 बजे से की जाएगी। 18 सितम्बर को प्रातः 10 बजे से सायं 3 बजे तक नामांकन पत्र वापस लिए जा सकेंगे। प्रतिनियुक्त अधिकारी द्वारा उम्मीदवारों को प्रतीक चिन्ह 18 सितम्बर को ही आबंटित किए जाएंगे। 29 सितम्बर को होगा मतदान निर्वाचन की स्थिति में 29 सितम्बर को सम्बन्धित ग्राम पंचायत कार्यालय में प्रातः 8 बजे से सायं 4 बजे तक मतदान होगा। मतदान सम्पूर्ण होने के पश्चात उसी दिन परिणाम घोषित किया जाएगा। राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार सोलन जिले के विभिन्न विकास खण्डों की ग्राम पंचायतों में होने वाले उप निर्वाचन के दृष्टिगत आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। इस सम्बन्ध में ज़िला निर्वाचन अधिकारी (पंचायत) एवं उपायुक्त मनमोहन शर्मा द्वारा आदेश जारी किए गए हैं। इन आदेशों के अनुसार विकास खण्ड कुनिहार की ग्राम पंचायत बनोह खरड़हट्टी तथा ग्राम पंचायत पट्टा, कण्डाघाट विकास खण्ड की ग्राम पंचायत मही व नालागढ़ विकास खण्ड की ग्राम पंचायत बधोखरी में उप निर्वाचन के दृष्टिगत तुरंत प्रभाव से आदर्श आचार संहिता लागू कर दी गई है। 11, 12 व 13 सितम्बर से नामांकन अधिसूचना के अनुसार नालागढ़ विकास खण्ड की ग्राम पंचायत बधोखरी के वार्ड नम्बर 4 में वार्ड सदस्य का उप-चुनाव होना है। चुनाव के लिए नामांकन 11, 12 व 13 सितम्बर को प्रस्तुत किए जा सकेंगे। नामांकन सम्बन्धित ग्राम पंचायत कार्यालय में प्रातः 11 बजे से सायं 3 बजे तक सहायक रिटर्निंग अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किए जाएंगे। नामांकन पत्र का प्रारूप सम्बन्धित ग्राम पंचायत कार्यालय में उपलब्ध होगा। 18 सितम्बर आबंटित होंगे चुनाव चिन्ह अधिसूचना के अनुसार नामांकन पत्रों की छंटनी 16 सितम्बर को प्रातः 10 बजे से की जाएगी। 18 सितम्बर को प्रातः 10 बजे से सायं 3 बजे तक नामांकन पत्र वापस लिए जा सकेंगे। प्रतिनियुक्त अधिकारी द्वारा उम्मीदवारों को प्रतीक चिन्ह 18 सितम्बर को ही आबंटित किए जाएंगे। 29 सितम्बर को होगा मतदान निर्वाचन की स्थिति में 29 सितम्बर को सम्बन्धित ग्राम पंचायत कार्यालय में प्रातः 8 बजे से सायं 4 बजे तक मतदान होगा। मतदान सम्पूर्ण होने के पश्चात उसी दिन परिणाम घोषित किया जाएगा। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस होंगे तरलोक चौहान:केंद्र ने जारी की अधिसूचना; मुख्य न्यायाधीश राजीव शकधर की रिटायरमेंट के बाद संभालेंगे कार्यभार
हिमाचल हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस होंगे तरलोक चौहान:केंद्र ने जारी की अधिसूचना; मुख्य न्यायाधीश राजीव शकधर की रिटायरमेंट के बाद संभालेंगे कार्यभार हिमाचल हाईकोर्ट के जस्टिस तरलोक सिंह चौहान प्रदेश उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश होंगे। 19 अक्टूबर से न्यायाधीश तरलोक चौहान का हिमाचल हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस के तौर पर कार्यकाल शुरू होगा। केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्रालय ने इसे लेकर बुधवार को अधिसूचना जारी कर दी है। बीते 25 सितंबर को ही चीफ जस्टिस बने राजीव शकधर 18 अक्टूबर को रिटायर हो रहे हैं। इसे देखते हुए तरलोक चौहान को यह जिम्मा सौंपा गया है। पूर्व में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश सबीना के रिटायर होने पर भी जस्टिस तरलोक चौहान यह जिम्मा संभाल चुके हैं। शिमला के BCS स्कूल से की पढ़ाई हाईकोर्ट के जस्टिस तरलोक चौहान 9 जनवरी 1964 को रोहडू में जन्मे। उनकी प्रारंभिक शिक्षा शिमला के बिशप कॉटन स्कूल से हुई। इस दौरान वे स्कूल के कैप्टन भी रहे। DAV कॉलेज चंडीगढ़ से ऑनर्स के साथ स्नातक, पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ से कानून की डिग्री प्राप्त करने के बाद वर्ष 1989 में वकील बने। लाला छबील दास वरिष्ठ अधिवक्ता के प्रख्यात चैंबर में शामिल हुए। प्रदेश हाईकोर्ट में वकालत शुरू करते हुए कानून के सभी क्षेत्रों में महारत हासिल की। कई पदों पर रहे, कोर्ट मित्र भी बनाए गए राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड और राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के अलावा कई बोर्डों, निगमों, वित्तीय संस्थानों, सार्वजनिक और निजी कंपनियों, शैक्षिक संस्थानों और सहकारी समितियों व विभिन्न विभागों के कानूनी सलाहकार रहे। विभिन्न लोक अदालतों के सदस्य बने। हाइड्रो प्रोजेक्ट्स, रोपवे, पर्यावरण कानूनों के उल्लंघन, प्लास्टिक और तंबाकू उत्पादों पर प्रतिबंध, सॉलिड वेस्ट प्रबंधन परियोजनाओं के कार्यान्वयन और हिमाचल प्रदेश में सड़क निर्माण नीति के निर्धारण से संबंधित कई महत्वपूर्ण मामलों में सहयोग के लिए हाईकोर्ट द्वारा कोर्ट मित्र नियुक्त किए गए। 2014 में हाईकोर्ट के स्थायी न्यायाधीश बने 23 फरवरी 2014 को हाईकोर्ट के अतिरिक्त जज के बाद 30 नवंबर 2014 को वे हाईकोर्ट के स्थायी न्यायाधीश बनाए गए। इन्होंने 5 मई 2014 से हाईकोर्ट की जुवेनाइल जस्टिस कमेटी के अध्यक्ष रहते बाल / बालिका आश्रम, हिमाचल के अस्पताल, मानसिक स्वास्थ्य और पुनर्वासन शिमला और हिमाचल प्रदेश के वृद्धाश्रम के बच्चों के कल्याण और हित के लिए कार्य किया। विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में भाग लेने के अलावा 21 फरवरी 2020 से 23 फरवरी 2020 तक “न्यायपालिका और बदलती दुनिया” विषय पर सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली में सम्मेलन का हिस्सा रहे, जिसमें वे 3 उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों में से एक सदस्य थे। 13 से 17 मई 2019 तक रोमानिया में “बच्चों के लिए देखभाल और सुरक्षा सेवाओं के सुधार” पर अंतर्राष्ट्रीय शिक्षण विनिमय कार्यक्रम का हिस्सा रहे। वे हाईकोर्ट के पहले न्यायाधीश हैं, जिन्होंने विदेशों में अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में भाग लिया है। न्यायिक अकादमी के अध्यक्ष भी रहे तरलोक चौहान 12 नवंबर 2016 से गवर्निंग काउंसिल के और हिमाचल प्रदेश नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी शिमला की कार्यकारी परिषद के सदस्य भी रहे। 18 नवंबर 2018 से 13 मार्च 2020 तक न्यायिक अकादमी के अध्यक्ष रहे। हाईकोर्ट में कंप्यूटर और ई-कोर्ट कमेटी के प्रमुख होने के कारण हाईकोर्ट के साथ-साथ अधीनस्थ न्यायालयों में कम्प्यूटरीकरण काे भी नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने का श्रेय इन्हें जाता है।
हिमाचल का ऐसा शहर,जहां आज स्वतंत्रता दिवस मनाते:लोगों के दबाव के कारण राजा को गद्दी छोड़नी पड़ी, पहली डेमोक्रेटिक सरकार बनी
हिमाचल का ऐसा शहर,जहां आज स्वतंत्रता दिवस मनाते:लोगों के दबाव के कारण राजा को गद्दी छोड़नी पड़ी, पहली डेमोक्रेटिक सरकार बनी भारत 15 अगस्त को देश का 78वां स्वतंत्रता दिवस मना चुका है। मगर हिमाचल में एक शहर ऐसा है जहां आजादी दिवस आज मनाया जा रहा है। शिमला से लगभग 33 किलोमीटर दूर ठियोग में आजादी दिवस 16 अगस्त को मनाने की परंपरा 1947 से चली आ रही है। यहां आजादी दिवस को ‘जलसा’ फेस्टिवल के तौर पर मनाया जाता है। इसके पीछे का इतिहास गौरवमयी है। नीचे इसके पीछे की पूरी वजह पढ़िए… साल 1946 में देश 360 रियासतों के राजाओं, राणाओं, नवाब और निजाम के शासन से मुक्ति के लिए लड़ रहा था। 1946 में ही ठियोग रियासत की जनता ने राजाओं की सत्ता से मुक्ति पाई। इसी साल ठियोग में देश के पहले प्रजामंडल का गठन किया गया। 16 अगस्त 1947 को लोग बासा ठियोग में राजा कर्मचंद के महल के बाहर इकट्ठे हुए। जनता के दबाव में राजा को को गद्दी छोड़नी पड़ी। देश में पहली डेमोक्रेटिक सरकार ठियोग में बनी
इसी दिन ठियोग में देश की पहली डेमोक्रेटिक सरकार बनी। प्रजामंडल के प्रधानमंत्री सूरत राम प्रकाश बने। इनके साथ गृह मंत्री बुद्धिराम वर्मा, शिक्षा मंत्री सीताराम वर्मा समेत अन्य 8 अन्य ने मंत्री पद की शपथ ली। तब से ठियोग में आजादी दिवस 16 अगस्त को मनाया जा रहा है। देश के लिए बलिदान देने वालों को किया जाता है याद
इस जलसा पर्व में न केवल देश के लिए बलिदान देने वाले महान सपूतों को याद किया जाता है, बल्कि सांस्कृतिक एवं रंगारंग कार्यक्रम और विभिन्न खेलकूद का भी आयोजन होता है। यह आयोजन 15 और 16 अगस्त दो दिन चलता है। पूरी ठियोग रियासत की जनता इस पर्व के लिए ऐतिहासिक पोटेटो ग्राउंड पहुंचती है। क्षेत्र के ज्यादातर स्कूलों के बच्चे इसमें प्रस्तुतियां देते हैं। वीरभद्र सरकार ने जलसा को जिला स्तरीय का दर्जा दिया
जलसा पर्व के लिए ठियोग में हर साल 16 अगस्त की लोकल छुट्टी रहती है। पूर्व वीरभद्र सरकार ने ठियोग के इस जलसा पर्व को जिला स्तरीय का दर्जा दिया। परंपरा यह रही कि जलसा पर्व के लिए क्षेत्र के लोग हर साल नए कपड़ों की खरीददारी करते हैं। नए कपड़े पहनकर मेले में पहुंचते हैं। मेला स्थल पर अगले 15 से 20 दिन इलाके के लोग खरीदारी के लिए पहुंचते है। कहां बसा है ठियोग शहर
ठियोग कस्बा शिमला-किन्नौर नेशनल हाईवे पर बसा है। शिमला से ठियोग पहुंचने में गाड़ी में एक से डेढ़ घंटे का वक्त लगता है। यहां पहुंचने के लिए सड़क मार्ग के लिए दूसरा कोई जरिया नहीं है। पहले प्रजामंडल के PM के बेटे बोले-
जलसा पर्व को लेकर प्रजामंडल के पहले प्रधानमंत्री रहे सूरत राम प्रकाश के बेटे एवं रिटायर्ड शास्त्री जय प्रकाश ने बताया कि कहा कि देश 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ, मगर ठियोग से पहले कहीं भी न प्रजामंडल बना और न मिनिस्ट्री का गठन हुआ। 16 अगस्त 1947 को ठियोग में प्रधानमंत्री समेत 8 मंत्रियों ने पद एवं गोपनीयता की शपथ ली।
HPTDC के होटलों में 40% तक डिस्काउंट:15 जुलाई से दो महीने तक ऑफर; मिंजर मेले के दौरान तीन होटलों में नहीं मिलेगी छूट
HPTDC के होटलों में 40% तक डिस्काउंट:15 जुलाई से दो महीने तक ऑफर; मिंजर मेले के दौरान तीन होटलों में नहीं मिलेगी छूट राज्य सरकार के उपक्रम हिमाचल प्रदेश टूरिज्म डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (HPTDC) ने अपने होटलों में मानसून डिस्काउंट का ऐलान कर दिया है। समर टूरिस्ट सीजन खत्म होते ही HPTDC ने 20 से 40 प्रतिशत छूट की घोषणा की है। देशभर से हिमाचल के विभिन्न पर्यटन स्थलों पर आने के इच्छुक पर्यटक अगले दो महीने तक इस छूट का फायदा उठा सकेंगे। यह छूट 13 सितंबर 2024 तक मिलती रहेगी। इसे लेकर HPTDC ने लिखित आदेश जारी कर दिए हैं। मिंजर मेले के दौरान इन होटलों में छूट नहीं 28 जुलाई से 4 अगस्त तक चंबा में लगने वाले मिंजर मेले के दौरान चंबा के होटल इरावली, होटल चंपक और होटल गौरीकुंड भरमौर में छूट नहीं मिलेगी। इसी तरह 17 अगस्त से 15 सितंबर के बीच मणिमहेश यात्रा के दौरान भी छूट का फायदा नहीं मिलेगा। यहां देखे HPTDC के किस होटल में कितनी छूट..