स्कूल में दलित युवती की हत्या…बॉडी 700 मीटर दूर फेंकी:अयोध्या में जानवरों जैसे नोचा, पूरे शरीर पर जख्म ही जख्म; पिता का दर्द

स्कूल में दलित युवती की हत्या…बॉडी 700 मीटर दूर फेंकी:अयोध्या में जानवरों जैसे नोचा, पूरे शरीर पर जख्म ही जख्म; पिता का दर्द

मेरी बेटी को तड़पा कर मारा। वो किसी से कोई मतलब नहीं रखती थी। पता नहीं दरिंदों ने उसे जानवरों की तरह क्यों नोचा। उसके शरीर का ऐसा कोई अंग नहीं था, जहां चोट के निशान न हों। उसके साथ दरिंदगी की गई, पुलिस अगर समय से ढूंढ लेती तो मेरी बेटी जिंदा मिल जाती। वो हमसे ही ढूंढने के लिए कहती रही। ये दर्द उस पिता का है, जिसकी 22 साल की बेटी के साथ दरिंदगी की गई। घटना अयोध्या के दर्शन नगर पुलिस चौकी के पास के एक गांव की है। मामले की पड़ताल के लिए दैनिक भास्कर की टीम मौके पर पहुंची। गांव के हालात देखे, परिजनों से पूरा मामला जाना। पढ़िए सिलसिलेवार पूरी रिपोर्ट… पहले एक नजर में पूरा मामला 30 जनवरी की रात 10 बजे एक 22 साल की लड़की घर से निकली। मगर वह वापस नहीं आई। परिजन गांव में ही ढूंढते रहे। इसके बाद 31 जनवरी को अयोध्या कोतवाली में अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया। 1 फरवरी को गांव से 700 मीटर दूर जंगल की नहर में लड़की की न्यूड लाश मिली। हाथ-पैर रस्सी से बंधे थे, जो पेड़ से लटक रही थी। उसकी बॉडी नहर को टच कर रही थी। दोनों आंखों पर चोट थी, जैसे नोचा गया हो। चेहरे और सिर पर गहरे घाव थे। शरीर पर जगह-जगह जख्म थे। उसका पैर भी टूटा हुआ था। शव की हालत देखकर लड़की की बड़ी बहन और गांव की 2 महिलाएं बेहोश हो गईं। अब दरिंदगी की पूरी कहानी, परिजनों की जुबानी
भास्कर की टीम पीड़ित परिवार के घर पहुंची। घर के बाहर गांव के लोगों की भीड़ थी। हमारी सबसे पहले लड़की की भाभी से मुलाकात हुई। उन्होंने कहा- मेरी ननद 30 जनवरी की रात में घर से कथा सुनने के बात कहकर गई थी। घर से कुछ दूरी पर कथा हो रही थी। हमें लगा कि कुछ देर में कथा सुनकर घर आ जाएगी। इसके बाद हम लोग खाना खाकर लेट गए। सुबह जब हम लोग जगे तो ननद घर पर नहीं थी। ये देखकर हम लोग चौंके, सोचा आसपास कहीं गई होगी। हमने उसे ढूंढना शुरू किया। 2-3 घंटे तक हम लोग उसकी तलाश करते रहे। गांव के अन्य लोग भी आ गए। उन्होंने भी हमारे साथ उसकी तलाश की। लेकिन उसका कहीं पता नहीं चला। हम लोग सुबह करीब 11 बजे पुलिस से शिकायत करने पहुंचे। पुलिस वालों ने हमसे कहा- जाओ गांव में ढूंढो, वहीं कहीं किसी के यहां गई होगी। पुलिस ने हमारी शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया। इसके बाद दोपहर 2-3 बजे के आस-पास कुछ पुलिस वाले आए। वे हमारे घर के बाहर बैठकर ही पूछताछ करने लगे। स्कूल के पास खून से सने कपड़े मिले
भाभी ने बताया, पुलिस ने हमसे ही कहा कि जाओ इधर-उधर देखो। कहीं किसी जानने वाले के पास तो नहीं गई है। इस बीच हम लोग जब तलाश कर रहे थे तो गांव के स्कूल के पास उसके कपड़े मिले। जो खून से सने हुए थे। स्कूल के बाहर खून के दाग दिखाई दे रहे थे। जो शौचालय के दरवाजे तक थे। हम लोग शौचालय में गए, तो वहां पर खून के धब्बे मिले। वहां एक बोरा पड़ा था, उस पर भी खून के निशान मिले। पुलिस वालों ने 36 घंटे बाद मुकदमा दर्ज किया
भाभी ने बताया, हमें आशंका हुई की उसकी हत्या कर दी गई है। हमने पुलिस वालों से कहा कि मेरी ननद की हत्या हो गई है, आप लोग देखिए और तलाशिए। इसके बाद पुलिस वालों ने शाम को मुकदमा दर्ज किया। हम लोग काफी परेशान थे लेकिन उसका कहीं पता नहीं चल पा रहा था। अगले दिन सुबह यानी एक फरवरी को फिर तलाश शुरू की। लड़की के जीजा ढूंढते हुए नहर की तरफ जा रहे थे, तो उन्हें पेड़ से बंधी हुई लाश दिखाई दी। हम सब भी वहां पहुंच गए। ननद की बहुत ही दर्दनाक तरीके से हत्या की गई थी। उसकी आंखों के पास से खून बह रहा था। ऐसा लग रहा था कि उसके पैर तोड़ दिए गए। उसके शरीर पर एक भी कपड़ा नहीं था। ऐसा लग रहा था जैसे उसे घसीटकर लाया गया। उसके प्राइवेट पार्ट पर भी चोट के निशान थे। पिता बोले-हमारी किसी से दुश्मनी नहीं थी
भाभी से बात करके हम लड़की के पिता के पास पहुंचे। हमने उनसे पूछा- आपकी कोई दुश्मनी तो नहीं थी। इस पर उन्होंने कहा- हम खेती किसानी और मजदूरी करके परिवार चलाते हैं। हमारी किसी से क्या दुश्मनी हो सकती है। हमारे दामाद न होते तो हमारी बेटी की डेडबॉडी भी न मिलती। पुलिस तो ऐसा ही रवैया अपना रही थी। हम जब शिकायत करने पहुंचे तो हमसे ही कहने लगी जाओ ढूंढो कहीं गई होगी आ जाएगी। पुलिस को सोचना चाहिए जिस पिता की बेटी न मिले उस पर क्या गुजर रही होगी। हत्या के बाद सभी लोग आ रहे हैं, अब क्या है, मेरी बेटी तो वापस नहीं आ सकती। ये कहते हुए पिता की आंखें भर आती हैं। SP बोले- पुलिस ने तुरंत एक्शन लिया
SP राजकरण नैयर ने बताया- हमें जानकारी मिली कि 30 जनवरी की रात के बाद युवती गायब हो गई। दो दिन बाद एक जनवरी को लाश मिली। युवती की हत्या कहीं और की गई है। बॉडी इस तरह यहां रखी गई, जिससे पुलिस गुमराह हो जाए। हमने तीन टीम गठित की। दो संदिग्धों को उठाया गया है। पूछताछ जारी है। जल्द खुलासा हो। सबसे पहले 4 प्वाइंट में क्राइम सीन समझिए 1- अयोध्या जिला मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूर दर्शन नगर पुलिस चौकी है। उसके पास करीब तीन किलोमीटर की दूरी पर गांव है, जिसमें घटना हुई है।
2- लड़की 30 जनवरी की रात 10 बजे गांव में हो रही कथा सुनने निकली थी। इस दौरान घर वाले सो गए। लड़की रात भर गायब रही, एक फरवरी को सुबह जंगल में उसकी लाश मिली।
3- जहां लड़की की लाश मिली है वहां से लड़की का घर करीब 700 मीटर दूर है। लड़की जहां कथा सुनने गई थी वह कथा स्थल करीब 500 मीटर गांव की दूसरी तरफ है।
4- कथा स्थल के आसपास से ही लड़की को उठाकर गांव के स्कूल में ले जाया गया। जो कथा स्थल से करीब 300 मीटर होगा। वहीं से उसे मारकर जंगल में फेंका गया है। पुलिस की जांच के तीन प्वाइंट
1- लड़की जब कथा सुनने के लिए घर से निकली तो गांव के कुछ युवकों ने उसे उठा लिया हो।
2- गांव के पास कई आपराधिक प्रवृत्ति के लड़के घूमा करते हैं। उनमें से भी कोई आरोपी हो सकता है।
3- कोई जानने वाला लड़का लड़की को लेकर अपने साथ गया और वहां उसके और दोस्त आ गए। इसके बाद उसके साथ दरिंदगी हुई। पुलिस की लापरवाही : तत्काल एक्शन न लेना
1- 30 जनवरी की रात लड़की गायब हुई, 31 जनवरी को सुबह 11 बजे परिवार वाले पुलिस से शिकायत करने पहुंचे। पुलिस ने गंभीरता से नहीं लिया।
2- तीन घंटे बाद पुलिस गांव में पहुंची और परिवार वालों से ही लड़की को ढूंढने की बात कहती रही। शाम को साढ़े सात बजे अपहरण का मुकदमा लिखा।
3- स्कूल में लड़की के खून से सने हुए कपड़े मिले, इसके बाद भी पुलिस ने सक्रियता नहीं दिखाई। कपड़े खुद परिवार वालों से ही उठवाए।
4- लड़की के बहनोई ही ढूंढते हुए डेडबॉडी के पास पहुंचे और पुलिस को आकर सूचना दी। तब पुलिस एक्टिव हुई।
5- लड़की का बहुत जघन्यता से मर्डर किया गया, इसके बाद भी पुलिस दरिंदगी और चोटों के निशान को छिपाती रही। —————————————– ये खबर भी पढ़ें :- दलित युवती की हत्या पर फूट-फूटकर रोए अयोध्या सांसद:माथा पीटकर बोले- प्रभु राम कहां हैं, न्याय नहीं मिला तो इस्तीफा दूंगा अयोध्या में दलित युवती की हत्या पर सियासत शुरू हो गई है। सपा सांसद अवधेश प्रसाद मीडिया के सामने फूट-फूटकर रोए। कहा- इस मुद्दे को लोकसभा में मोदी के सामने उठाऊंगा। न्याय नहीं मिला तो इस्तीफा दूंगा। हम बेटी की इज्जत बचाने में नाकामयाब हो रहे हैं। पढ़िए पूरी खबर… मेरी बेटी को तड़पा कर मारा। वो किसी से कोई मतलब नहीं रखती थी। पता नहीं दरिंदों ने उसे जानवरों की तरह क्यों नोचा। उसके शरीर का ऐसा कोई अंग नहीं था, जहां चोट के निशान न हों। उसके साथ दरिंदगी की गई, पुलिस अगर समय से ढूंढ लेती तो मेरी बेटी जिंदा मिल जाती। वो हमसे ही ढूंढने के लिए कहती रही। ये दर्द उस पिता का है, जिसकी 22 साल की बेटी के साथ दरिंदगी की गई। घटना अयोध्या के दर्शन नगर पुलिस चौकी के पास के एक गांव की है। मामले की पड़ताल के लिए दैनिक भास्कर की टीम मौके पर पहुंची। गांव के हालात देखे, परिजनों से पूरा मामला जाना। पढ़िए सिलसिलेवार पूरी रिपोर्ट… पहले एक नजर में पूरा मामला 30 जनवरी की रात 10 बजे एक 22 साल की लड़की घर से निकली। मगर वह वापस नहीं आई। परिजन गांव में ही ढूंढते रहे। इसके बाद 31 जनवरी को अयोध्या कोतवाली में अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया। 1 फरवरी को गांव से 700 मीटर दूर जंगल की नहर में लड़की की न्यूड लाश मिली। हाथ-पैर रस्सी से बंधे थे, जो पेड़ से लटक रही थी। उसकी बॉडी नहर को टच कर रही थी। दोनों आंखों पर चोट थी, जैसे नोचा गया हो। चेहरे और सिर पर गहरे घाव थे। शरीर पर जगह-जगह जख्म थे। उसका पैर भी टूटा हुआ था। शव की हालत देखकर लड़की की बड़ी बहन और गांव की 2 महिलाएं बेहोश हो गईं। अब दरिंदगी की पूरी कहानी, परिजनों की जुबानी
भास्कर की टीम पीड़ित परिवार के घर पहुंची। घर के बाहर गांव के लोगों की भीड़ थी। हमारी सबसे पहले लड़की की भाभी से मुलाकात हुई। उन्होंने कहा- मेरी ननद 30 जनवरी की रात में घर से कथा सुनने के बात कहकर गई थी। घर से कुछ दूरी पर कथा हो रही थी। हमें लगा कि कुछ देर में कथा सुनकर घर आ जाएगी। इसके बाद हम लोग खाना खाकर लेट गए। सुबह जब हम लोग जगे तो ननद घर पर नहीं थी। ये देखकर हम लोग चौंके, सोचा आसपास कहीं गई होगी। हमने उसे ढूंढना शुरू किया। 2-3 घंटे तक हम लोग उसकी तलाश करते रहे। गांव के अन्य लोग भी आ गए। उन्होंने भी हमारे साथ उसकी तलाश की। लेकिन उसका कहीं पता नहीं चला। हम लोग सुबह करीब 11 बजे पुलिस से शिकायत करने पहुंचे। पुलिस वालों ने हमसे कहा- जाओ गांव में ढूंढो, वहीं कहीं किसी के यहां गई होगी। पुलिस ने हमारी शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया। इसके बाद दोपहर 2-3 बजे के आस-पास कुछ पुलिस वाले आए। वे हमारे घर के बाहर बैठकर ही पूछताछ करने लगे। स्कूल के पास खून से सने कपड़े मिले
भाभी ने बताया, पुलिस ने हमसे ही कहा कि जाओ इधर-उधर देखो। कहीं किसी जानने वाले के पास तो नहीं गई है। इस बीच हम लोग जब तलाश कर रहे थे तो गांव के स्कूल के पास उसके कपड़े मिले। जो खून से सने हुए थे। स्कूल के बाहर खून के दाग दिखाई दे रहे थे। जो शौचालय के दरवाजे तक थे। हम लोग शौचालय में गए, तो वहां पर खून के धब्बे मिले। वहां एक बोरा पड़ा था, उस पर भी खून के निशान मिले। पुलिस वालों ने 36 घंटे बाद मुकदमा दर्ज किया
भाभी ने बताया, हमें आशंका हुई की उसकी हत्या कर दी गई है। हमने पुलिस वालों से कहा कि मेरी ननद की हत्या हो गई है, आप लोग देखिए और तलाशिए। इसके बाद पुलिस वालों ने शाम को मुकदमा दर्ज किया। हम लोग काफी परेशान थे लेकिन उसका कहीं पता नहीं चल पा रहा था। अगले दिन सुबह यानी एक फरवरी को फिर तलाश शुरू की। लड़की के जीजा ढूंढते हुए नहर की तरफ जा रहे थे, तो उन्हें पेड़ से बंधी हुई लाश दिखाई दी। हम सब भी वहां पहुंच गए। ननद की बहुत ही दर्दनाक तरीके से हत्या की गई थी। उसकी आंखों के पास से खून बह रहा था। ऐसा लग रहा था कि उसके पैर तोड़ दिए गए। उसके शरीर पर एक भी कपड़ा नहीं था। ऐसा लग रहा था जैसे उसे घसीटकर लाया गया। उसके प्राइवेट पार्ट पर भी चोट के निशान थे। पिता बोले-हमारी किसी से दुश्मनी नहीं थी
भाभी से बात करके हम लड़की के पिता के पास पहुंचे। हमने उनसे पूछा- आपकी कोई दुश्मनी तो नहीं थी। इस पर उन्होंने कहा- हम खेती किसानी और मजदूरी करके परिवार चलाते हैं। हमारी किसी से क्या दुश्मनी हो सकती है। हमारे दामाद न होते तो हमारी बेटी की डेडबॉडी भी न मिलती। पुलिस तो ऐसा ही रवैया अपना रही थी। हम जब शिकायत करने पहुंचे तो हमसे ही कहने लगी जाओ ढूंढो कहीं गई होगी आ जाएगी। पुलिस को सोचना चाहिए जिस पिता की बेटी न मिले उस पर क्या गुजर रही होगी। हत्या के बाद सभी लोग आ रहे हैं, अब क्या है, मेरी बेटी तो वापस नहीं आ सकती। ये कहते हुए पिता की आंखें भर आती हैं। SP बोले- पुलिस ने तुरंत एक्शन लिया
SP राजकरण नैयर ने बताया- हमें जानकारी मिली कि 30 जनवरी की रात के बाद युवती गायब हो गई। दो दिन बाद एक जनवरी को लाश मिली। युवती की हत्या कहीं और की गई है। बॉडी इस तरह यहां रखी गई, जिससे पुलिस गुमराह हो जाए। हमने तीन टीम गठित की। दो संदिग्धों को उठाया गया है। पूछताछ जारी है। जल्द खुलासा हो। सबसे पहले 4 प्वाइंट में क्राइम सीन समझिए 1- अयोध्या जिला मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूर दर्शन नगर पुलिस चौकी है। उसके पास करीब तीन किलोमीटर की दूरी पर गांव है, जिसमें घटना हुई है।
2- लड़की 30 जनवरी की रात 10 बजे गांव में हो रही कथा सुनने निकली थी। इस दौरान घर वाले सो गए। लड़की रात भर गायब रही, एक फरवरी को सुबह जंगल में उसकी लाश मिली।
3- जहां लड़की की लाश मिली है वहां से लड़की का घर करीब 700 मीटर दूर है। लड़की जहां कथा सुनने गई थी वह कथा स्थल करीब 500 मीटर गांव की दूसरी तरफ है।
4- कथा स्थल के आसपास से ही लड़की को उठाकर गांव के स्कूल में ले जाया गया। जो कथा स्थल से करीब 300 मीटर होगा। वहीं से उसे मारकर जंगल में फेंका गया है। पुलिस की जांच के तीन प्वाइंट
1- लड़की जब कथा सुनने के लिए घर से निकली तो गांव के कुछ युवकों ने उसे उठा लिया हो।
2- गांव के पास कई आपराधिक प्रवृत्ति के लड़के घूमा करते हैं। उनमें से भी कोई आरोपी हो सकता है।
3- कोई जानने वाला लड़का लड़की को लेकर अपने साथ गया और वहां उसके और दोस्त आ गए। इसके बाद उसके साथ दरिंदगी हुई। पुलिस की लापरवाही : तत्काल एक्शन न लेना
1- 30 जनवरी की रात लड़की गायब हुई, 31 जनवरी को सुबह 11 बजे परिवार वाले पुलिस से शिकायत करने पहुंचे। पुलिस ने गंभीरता से नहीं लिया।
2- तीन घंटे बाद पुलिस गांव में पहुंची और परिवार वालों से ही लड़की को ढूंढने की बात कहती रही। शाम को साढ़े सात बजे अपहरण का मुकदमा लिखा।
3- स्कूल में लड़की के खून से सने हुए कपड़े मिले, इसके बाद भी पुलिस ने सक्रियता नहीं दिखाई। कपड़े खुद परिवार वालों से ही उठवाए।
4- लड़की के बहनोई ही ढूंढते हुए डेडबॉडी के पास पहुंचे और पुलिस को आकर सूचना दी। तब पुलिस एक्टिव हुई।
5- लड़की का बहुत जघन्यता से मर्डर किया गया, इसके बाद भी पुलिस दरिंदगी और चोटों के निशान को छिपाती रही। —————————————– ये खबर भी पढ़ें :- दलित युवती की हत्या पर फूट-फूटकर रोए अयोध्या सांसद:माथा पीटकर बोले- प्रभु राम कहां हैं, न्याय नहीं मिला तो इस्तीफा दूंगा अयोध्या में दलित युवती की हत्या पर सियासत शुरू हो गई है। सपा सांसद अवधेश प्रसाद मीडिया के सामने फूट-फूटकर रोए। कहा- इस मुद्दे को लोकसभा में मोदी के सामने उठाऊंगा। न्याय नहीं मिला तो इस्तीफा दूंगा। हम बेटी की इज्जत बचाने में नाकामयाब हो रहे हैं। पढ़िए पूरी खबर…   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर