हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर में राज्य चयन आयोग के रिजल्ट में देरी को लेकर नाराज जेओए पोस्टकार्ड 817 के अभ्यर्थियों का क्रमिक अनशन 16वें दिन बाद भी जारी है। वे खराब मौसम के बीच कार्यालय के गेट के बाहर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। लेकिन आयोग के सूत्रों के मुताबिक हाई कोर्ट में 5 अगस्त को पोस्टकार्ड 556 की सुनवाई होनी है, उसी के बाद तय होगा के रिजल्ट कब घोषित किया जाएगज्ञ। छात्रों से बार-बार कहा जा रहा है कि दो-चार दिन में रिजल्ट घोषित कर दिया जाएगा। 16 दिन पहले आयोग के मुख्य प्रशासक ने एक सप्ताह के भीतर रिजल्ट घोषित करने को कहा था, मगर अब दो सप्ताह से ज्यादा समय हो गया है। धरना-प्रदर्शन कर रहे कई अभ्यर्थी बीमार भी हो चुके हैं। एक का मोटरसाइकिल भी चोरी हो चुका है। अब बारिश भी उन्हें तंग कर रही है। उनके परिजन भी इसमें शामिल हो चुके हैं। लेकिन रिजल्ट घोषित हुए बिना यहां से वे लौटने वाले नहीं हैं। प्रदेश भर से अभ्यर्थी चयन आयोग पहुंच कर नई उम्मीदों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। लेकिन उनकी बात भीतर से कोई सुनने वाला कोई भी दिख नहीं रहा। एक मामले की हाईकोर्ट में 5 अगस्त को पेशी एक अन्य पोस्टकार्ड 556 मामले में हाईकोर्ट में 5 अगस्त को फिर पेशी है, लेकिन अभ्यर्थियों का कहना है कि जिस कोड के रिजल्ट को घोषित करने की अभ्यर्थी मांग कर रहे हैं, उससे उसका कोई लेना देना नहीं है। इसीलिए अभ्यर्थी बेचैनी में हैं। इसी को लेकर अभ्यर्थी भड़के हुए थे। अभ्यर्थियों का कहना है कि हर बार परिणाम घोषित करने को लेकर नई तिथि बता दी जाती है। लेकिन रिजल्ट घोषित नहीं किया जा रहा है। आयोग की तरफ से परिणाम घोषित करने की तिथि 17 जुलाई 2024 बताई गई थी। निर्धारित समय अवधि में परिणाम घोषित न करने को लेकर अभ्यर्थी लगातार प्रदर्शन पर उतर आए हैं। हाई कोर्ट के फैसले के बाद आएगा रिजल्ट इधर आयोग के सहायक प्रशासक जितेंद्र सांजटा ने बताया कि हाई कोर्ट में एक अन्य मामले में अब 5 तारीख को पेशी है। उसी के बाद फैसला होगा। जिस पोस्ट कोड 817 के तहत रिजल्ट घोषित करने को कहा गया है, उसका नतीजा इस फैसले के बाद ही घोषित होगा। रिजल्ट ओके है। केवल हाई कोर्ट के फैसले की इंतजार है। हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर में राज्य चयन आयोग के रिजल्ट में देरी को लेकर नाराज जेओए पोस्टकार्ड 817 के अभ्यर्थियों का क्रमिक अनशन 16वें दिन बाद भी जारी है। वे खराब मौसम के बीच कार्यालय के गेट के बाहर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। लेकिन आयोग के सूत्रों के मुताबिक हाई कोर्ट में 5 अगस्त को पोस्टकार्ड 556 की सुनवाई होनी है, उसी के बाद तय होगा के रिजल्ट कब घोषित किया जाएगज्ञ। छात्रों से बार-बार कहा जा रहा है कि दो-चार दिन में रिजल्ट घोषित कर दिया जाएगा। 16 दिन पहले आयोग के मुख्य प्रशासक ने एक सप्ताह के भीतर रिजल्ट घोषित करने को कहा था, मगर अब दो सप्ताह से ज्यादा समय हो गया है। धरना-प्रदर्शन कर रहे कई अभ्यर्थी बीमार भी हो चुके हैं। एक का मोटरसाइकिल भी चोरी हो चुका है। अब बारिश भी उन्हें तंग कर रही है। उनके परिजन भी इसमें शामिल हो चुके हैं। लेकिन रिजल्ट घोषित हुए बिना यहां से वे लौटने वाले नहीं हैं। प्रदेश भर से अभ्यर्थी चयन आयोग पहुंच कर नई उम्मीदों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। लेकिन उनकी बात भीतर से कोई सुनने वाला कोई भी दिख नहीं रहा। एक मामले की हाईकोर्ट में 5 अगस्त को पेशी एक अन्य पोस्टकार्ड 556 मामले में हाईकोर्ट में 5 अगस्त को फिर पेशी है, लेकिन अभ्यर्थियों का कहना है कि जिस कोड के रिजल्ट को घोषित करने की अभ्यर्थी मांग कर रहे हैं, उससे उसका कोई लेना देना नहीं है। इसीलिए अभ्यर्थी बेचैनी में हैं। इसी को लेकर अभ्यर्थी भड़के हुए थे। अभ्यर्थियों का कहना है कि हर बार परिणाम घोषित करने को लेकर नई तिथि बता दी जाती है। लेकिन रिजल्ट घोषित नहीं किया जा रहा है। आयोग की तरफ से परिणाम घोषित करने की तिथि 17 जुलाई 2024 बताई गई थी। निर्धारित समय अवधि में परिणाम घोषित न करने को लेकर अभ्यर्थी लगातार प्रदर्शन पर उतर आए हैं। हाई कोर्ट के फैसले के बाद आएगा रिजल्ट इधर आयोग के सहायक प्रशासक जितेंद्र सांजटा ने बताया कि हाई कोर्ट में एक अन्य मामले में अब 5 तारीख को पेशी है। उसी के बाद फैसला होगा। जिस पोस्ट कोड 817 के तहत रिजल्ट घोषित करने को कहा गया है, उसका नतीजा इस फैसले के बाद ही घोषित होगा। रिजल्ट ओके है। केवल हाई कोर्ट के फैसले की इंतजार है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
Related Posts
प्रत्येक हिमाचल वासी पर 1.17 लाख का कर्ज:अरुणाचल के बाद सबसे ज्यादा; खर्चें कम करेगी सरकार, ऑफिसरों की मौज पर लगेगा अंकुश
प्रत्येक हिमाचल वासी पर 1.17 लाख का कर्ज:अरुणाचल के बाद सबसे ज्यादा; खर्चें कम करेगी सरकार, ऑफिसरों की मौज पर लगेगा अंकुश हिमाचल प्रदेश के प्रत्येक व्यक्ति पर 1 लाख 16 हजार 180 रुपए का कर्ज हो गया है, जो कि देश में अरुणाचल प्रदेश के बाद सर्वाधिक है। इस आर्थिक बदहाली से प्रदेश को बाहर निकालने के लिए मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू द्वारा गठित रिसोर्स मोबेलाइजेशन कमेटी की मंगलवार दोपहर बाद सचिवालय में अहम मीटिंग हुई। इसमें अनावश्यक खर्चे कम करने, सरकारी गाड़ियों व अफसरों की मौज रोकने और अफसरों का युक्तिकरण करने जैसे सुझाव पर चर्चा की गई। कैबिनेट सब कमेटी के सदस्य एवं टीसीपी मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा कि, प्रदेश में जितना टैक्स इक्ट्ठा हो रहा, लगभग उतना ही पैसा लोन की किश्त और ब्याज चुकाने में जा रहा है। इसलिए कदम उठाने जरूरी है। आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए आने वाले दिनों में सख्त निर्णय लेने पड़ सकते हैं। मुफ्त की सेवाओं में भी कटौती हो सकती है। उन्होंने कहा कि, साधन संपन्न लोगों को मुफ्त सेवाएं गलत है। यह जरूरतमंदों को ही मिलती रहनी चाहिए। अफसरों के पदों का होगा युक्तिकरण: धर्माणी राजेश धर्माणी ने कहा कि, प्रदेश के विभिन्न विभागों में गेजेटेड अफसरों का युक्तिकरण जरूरी है। यानी जहां 10 अधिकारी हैं, वहां जरूरत के हिसाब से 5 से 6 अफसर रखे जाएंगे। उन्होंने कहा कि, साल 2006 से 2022 के बीच 16 साल में गेजेटेड ऑफिसर की संख्या में 62 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। उन्होंने कहा कि गेजेटेड ऑफिसर कम करके जरूरत के हिसाब से फील्ड व निचला स्टाफ बढ़ाने पर ध्यान दिया जाएगा, ताकि जनता तक विभिन्न सेवाओं को आसानी से पहुंचाया जा सके। धर्माणी ने कहा, अनप्रोडक्टिव खर्च कम करने होंगे। विभिन्न विभागों, बोर्ड व निगमों में सरकारी गाड़ियों के दुरुपयोग पर भी अंकुश लगाना होगा। सरकारी गाड़ियों का दुरुपयोग रोकना होगा। बोर्ड-निगमों को खुद आर्थिक संसाधन जुटाने होंगे। 80 हजार करोड़ का कर्ज छोड़ गई बीजेपी सरकार: राजेश राजेश धर्माणी ने कहा कि, हिमाचल में जब कांग्रेस सरकार बनी तब राज्य पर 80 हजार करोड़ रुपए का ज्यादा का कर्ज चढ़ चुका था। 31 मार्च 2023 तक यह 86589 करोड़ हो गया था। 10 हजार करोड़ रुपए की कर्मचारियों की देनदारी सरकार के पास है। इससे डगमगा रही अर्थव्यवस्था इसके विपरीत रेवेन्यू डेफिसिएट ग्रांट (RDG) लगातार कम हो रही है। 14वें वित्त आयोग में हिमाचल को RDG में 40624 करोड़ रुपए मिले थे। 15वें वित्त आयोग में यह बढ़ने के बजाय कम होकर 37199 करोड़ रह गया। साल 2021-22 में RDG 10249 करोड़ मिली थी, जो कि 2025-26 में 3257 करोड़ की रह जाएगी। इससे अर्थव्यवस्था डगमगा रही है। GST प्रतिपूर्ति राशि भी बंद GST प्रतिपूर्ति राशि भी भारत सरकार ने जून 2022 में बंद कर दी है, जोकि देश में जीएसटी लागू होने के बाद से हर साल 3000 करोड़ रुपए से ज्यादा मिल रही थी। इसे देखते हुए रिसोर्स मोबेलाइजेशन कमेटी ने काम शुरू कर दिया है। अग्निहोत्री की अध्यक्षता में कैबिनेट सब कमेटी बता दें कि, मुख्यमंत्री सुक्खू ने डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री की अध्यक्षता में रिसोर्स मोबेलाइजेशन के लिए कैबिनेट सब कमेटी गठित कर रखी है। इसमें मुकेश अग्निहोत्री के अलावा कृषि मंत्री चंद्र कुमार, उद्योग मंत्री हर्ष वर्धन चौहान, टीसीपी मिनिस्टर राजेश धर्माणी सदस्य हैं। इस कमेटी की आज सचिवालय में अहम मीटिंग हुई है। कैबिनेट को सुझाव भेजेगी कमेटी इसमें निर्णय लिया गया कि आफिसर के पदों का युक्तिकरण करने से पहले विभिन्न विभागाध्यक्षों से सुझाव लिए जाएंगे और देखा जाएगा कि कहां कितने अधिकारियों की जरूरत है। इस हिसाब से पदों का युक्तिकरण किया जाएगा। कैबिनेट सब कमेटी में खर्च कम करने और आय के साधन बढ़ाने को लेकर भी चर्चा की गई। आज की मीटिंग में निर्णय लिया गया कि जल्द दोबारा मीटिंग बुलाई जाए, इसमें मुख्य सचिव और वित्त सचिव को भी बुलाया जाए और आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए सुझाव तैयार कर कैबिनेट को भेजे जाएंगे। इन पर अंतिम निर्णय कैबिनेट मीटिंग में होगा।
हिमाचल में मस्जिद विवाद में हिंदू संगठनों का प्रदर्शन आज:धारा 163 लागू, 5 लोगों को इकट्ठे चलने पर प्रतिबंध; कोर्ट की कार्यवाही से नाराज
हिमाचल में मस्जिद विवाद में हिंदू संगठनों का प्रदर्शन आज:धारा 163 लागू, 5 लोगों को इकट्ठे चलने पर प्रतिबंध; कोर्ट की कार्यवाही से नाराज हिमाचल की राजधानी शिमला में अवैध मस्जिद मामला तूल पकड़ रहा है। संजौली में हिंदू संगठन आज सड़कों पर उतर कर मस्जिद गिराने को प्रदर्शन करेंगे। DC शिमला अनुपम कश्यप ने संजौली में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 लागू कर दी है। इसके तहत सुबह 7 बजे से रात 11:59 बजे तक पांच या इससे ज्यादा लोगों को इकट्ठे चलने की इजाजत नहीं होगी। संजौली के चप्पे चप्पे पर पुलिस तैनात कर दी गई है। मस्जिद के बाहर पुलिस का कड़ा पहरा लगा दिया गया है। धारा 163 लागू होते ही संजौली में किसी भी व्यक्ति को लाठी, बरछा, कुल्हाड़ी, साइकिल चेन, गंडासा, भाला, तलवार जैसे हथियार इत्यादि अस्त्र-शस्त्र तथा अन्य ज्वलनशील पदार्थों को लेकर चलने पर पूर्णतः प्रतिबन्ध रहेगा। DC शिमला ने कहा, उक्त क्षेत्र में सामान्य जन-जीवन पूरी तरह से सामान्य रहेगा। सरकारी व निजी कार्यालय, स्कूल तथा बाजार पूरी तरह से खुले रहेंगे। आम जनता को किसी भी प्रकार की परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा। क्षेत्र में कानून व्यवस्था बनाने के लिए प्रशासन सख्त कदम उठाने के लिए प्रयासरत है। धरना प्रदर्शन पर रहेगा पूर्ण प्रतिबंध DC ने कहा, क्षेत्र में किसी को भी धरना प्रदर्शन, नारेबाजी, हड़ताल करने की अनुमति प्रदान नहीं की गई। वहीं अस्पताल, कोर्ट, शिक्षण संस्थान और सार्वजनिक स्थानों पर लाउड स्पीकर के इस्तेमाल पर भी प्रतिबंध रहेगा। इस दौरान सांप्रदायिक, राष्ट्र, राज्य विरोधी भाषण नारे, दीवार लेखन, पोस्टर आदि पर भी पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाया गया है। नव बहार से लेकर ढली तक लागू रहेगी धारा 163 डीसी शिमला ने कहा, जारी आदेश नव बहार चौक से ढली टनल के ईस्टर्न पोर्टल, IGMC से संजौली चौक, संजौली चौक से चलौंठी, ढली (वाया संजौली चलौंठी जंक्शन) क्षेत्र में 11 सितंबर 2024 को सुबह 7 बजे से रात्रि 11.59 बजे तक जारी रहेंगे। MC कोर्ट की कार्यवाही से नाराज हिंदू संगठन अवैध मस्जिद मामले में हिंदू संगठन नगर निगम (MC) कमिश्नर कोर्ट की बीते शनिवार की कार्यवाही से नाराज है। कोर्ट ने इस मामले में 5 अक्टूबर को सुनवाई तय की है और संबंधित कनिष्ठ अभियंता (JE) को फ्रेश स्टेट्स रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है। सामाजिक कार्यकर्ता एवं बीजेपी नेता विकास थापटा ने बताया कि मामले को जान बूझकर लटकाया जा रहा है। इसी वजह से आज संजौली में विशाल प्रदर्शन बुलाया गया है। साल 2010 में शुरू हुआ विवाद मस्जिद मामले में पहली बार साल 2010 में नगर निगम के पास शिकायत पहुंची थी। यहां अवैध निर्माण करने के आरोप लगे थे। निगम प्रशासन के अनुसार, पहले मौके पर एक मंजिल और एटिक के रूप में मस्जिद थी, लेकिन साल 2024 तक यहां अब एटिक को मिलाकर 5 मंजिलें बन गई। साल 2010 से ही इस मामले में MC आयुक्त कोर्ट में केस चल रहा है। सुनवाई के दौरान भी अवैध निर्माण चलता रहा। MC ने कई बार काम रोकने के आदेश जारी किए। इस मामले में अब तक 45 पेशियां हो चुकी हैं। इमाम बोले- 1947 में बनी पुरानी मस्जिद मस्जिद के इमाम शहजाद ने इस मामले में कहा कि मस्जिद 1947 से पहले की है। पहले मस्जिद कच्ची थी और 2 मंजिल की थी। लोग मस्जिद के बाहर नमाज पढ़ते थे, जिससे नमाज पढ़ने में दिक्कत आती थी। इसे देखते हुए लोगों ने चंदा इकट्ठा किया और मस्जिद निर्माण शुरू किया। जमीन वक्फ बोर्ड की थी, जिस पर 2 मंजिल पहले से बनी थीं। मस्जिद की 2 मंजिल को लेकर मामला कोर्ट में चल रहा है। वक्फ बोर्ड इसकी लड़ाई लड़ रहा है। कानून का जो निर्णय होगा, वो सभी को मंजूर होगा। संजौली के बाद कुसुम्पटी-मंडी में भी प्रदर्शन संजौली से भड़की चिंगारी प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में भी फैल रहीं हैं। संजौली के बाद शिमला के कसुम्पटी और मंडी शहर में भी स्थानीय लोग मस्जिद को गिराने की मांग कर चुके हैं। कानून हाथ में लेने की किसी को इजाजत नहीं होगी: CM हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने कहा, प्रशासन हर चीज को देख रहा है। शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर कोई रोक नहीं। हम सभी समुदाय का सम्मान करते हैं। उन्होंने कहा, कानून को हाथ में लेने की किसी को भी इजाजत नहीं दी जाएगी। राजनीतिक रंग देना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा, सदन में कमेटी गठित कर दी गई है, जो कि स्ट्रीट वेंडर के लिए पैरामीटर तय करेगी। उन्होंने कहा, मस्जिद में कानून के हिसाब से कार्रवाई होगी। किसी को भी कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
हिमाचल में M.Ed. में एडमिशन के लिए 13 को काउंसिलिंग:HPU हॉल में होगी; एंट्रेंस टेस्ट पास अभ्यर्थियों को शैक्षणिक दस्तावेजों के साथ पहुंचना होगा
हिमाचल में M.Ed. में एडमिशन के लिए 13 को काउंसिलिंग:HPU हॉल में होगी; एंट्रेंस टेस्ट पास अभ्यर्थियों को शैक्षणिक दस्तावेजों के साथ पहुंचना होगा हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी (HPU) ने M.Ed. (मास्टर ऑफ एजुकेशन) में एडमिशन के लिए काउंसिलिंग की डेट तय कर दी है। HPU के डिपार्टमेंट ऑफ एजुकेशन के अनुसार, M.Ed. के लिए 13 नवंबर को काउंसिलिंग की जाएगी। एंट्रेंस टेस्ट पास करने वाले सभी अभ्यर्थियों को सुबह 11 बजे सभी शैक्षणिक दस्तावेजों के साथ डिपार्टमेंट ऑफ एजुकेशन के समरहिल यूनिवर्सिटी के हॉल में आना होगा। बता दें कि HPU प्रशासन बीते माह ही M.Ed. में दाखिले के लिए एंट्रेंस टेस्ट ले चुका है। इसके आधार पर इच्छुक छात्र-छात्राओं को M.Ed. में दाखिला दिया जाएगा। एंट्रेंस टेस्ट में जनरल कैटेगरी के लिए 40% अंक अनिवार्य डिपार्टमेंट ऑफ एजुकेशन के चेयरमैन डॉ. चमन लाल ने बताया कि एंट्रेंस टेस्ट में 40 प्रतिशत अंक वाले जनरल कैटेगरी के अभ्यर्थी काउंसिलिंग में भाग ले सकेंगे। इसी तरह अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति श्रेणी के 35 प्रतिशत अंक पाने वाले अभ्यर्थी इस काउंसिलिंग में बैठ पाएंगे। M.Ed. में दाखिला मेरिट के आधार पर दिया जाएगा। प्रदेश में M.Ed. की 300 सीटें हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में M.Ed. की 50 सीटें है, जबकि लगभग 250 सीटें HPU से हिमाचल के कालेजों में है। कुल मिलाकर यह काउंसिलिंग लगभग 300 सीटों के लिए होगी। HPU में होने वाली काउंसिलिंग के आधार पर ही कालेजों में भी सीटें भरी जाएगी।