हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष को पार्टी नेता ने डमी बताया:कहा- बापू-बेटा की सरकार का नारा कांग्रेस को ले डूबा, सुरजेवाला को कमान देने की मांग

हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष को पार्टी नेता ने डमी बताया:कहा- बापू-बेटा की सरकार का नारा कांग्रेस को ले डूबा, सुरजेवाला को कमान देने की मांग

हरियाणा कांग्रेस के पूर्व महासचिव नाहर सिंह संधू ने पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा और सांसद दीपेंद्र हुड्डा पर जमकर भड़ास निकाली है। उन्होंने हरियाणा में कांग्रेस की हार के लिए हुड्डा को जिम्मेदार ठहराया है और कहा है कि इस बार बापू-बेटा की सरकार का नारा हरियाणा कांग्रेस पर भारी पड़ा। उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष उदयभान की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश कांग्रेस को मजबूत और संगठित करने की जिम्मेदारी प्रदेश अध्यक्ष की थी, लेकिन उन्होंने अपनी भूमिका सही ढंग से नहीं निभाई और सभी को साथ लेकर नहीं चले। प्रदेश अध्यक्ष ने रबर स्टाम्प की तरह काम किया किसी भी नेता की समस्या या शिकायत का समाधान करना और उसे साथ लाना उनकी जिम्मेदारी थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया और हमें नुकसान उठाना पड़ा। ऐसे में कांग्रेस की हार के बाद प्रदेश अध्यक्ष को नैतिक आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए था। साथ ही प्रदेश अध्यक्ष भी डमी साबित हुए हैं, उन्होंने रबर स्टाम्प की तरह काम किया। नेता मनमानी करते है और पार्टी को डूबो देते है उन्होंने शीर्ष नेतृत्व से निवेदन किया है कि अब नेता प्रतिपक्ष चुनने की बारी है, अब ऐसे नेता को नेता प्रतिपक्ष चुने जो सभी को साथ लेकर चले, न ही किसी के दबाव में आकर काम करे और सभी की सुनवाई करे। कांग्रेस की हार का सबसे बड़ा नुकसान कार्यकर्ता को होता है, क्योंकि वे पार्टी के लिए प्रचार प्रसार करते है। वे विपक्ष में रहकर जनता के मुद्दों को उठाते है, प्रदर्शन करते है, पुलिस की लाठियां खाते है और अपने ऊपर मुकदमें तक दर्ज करवाते है, लेकिन ऊपर बैठे नेता इस बात को नहीं समझते और वे अपनी मनमानी करके पार्टी को डूबोने का काम करते है। रणदीप सुरजेवाला को बनाए अध्यक्ष नाहर सिंह संधू ने रणदीप सुरजेवाला को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की आवाज उठाई है। उन्होंने कहा कि रणदीप सुरजेवाला 2005 से पहले हरियाणा के कार्यकारी अध्यक्ष थे, भजन लाल जी के साथ। इन दोनों की जोड़ी ने कांग्रेस को सरकार में लाने का काम किया था, पूर्ण बहुमत से 67 एमएलए लेकर कांग्रेस सत्ता में आई थी। फैसले लेने की जरूरत है, मंथन की नहीं हरियाणा में हुई कांग्रेस की हार को लेकर अब कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व को मंथन की अपेक्षा फैसले लेने की जरूरत है। हम किन कमियों की वजह से इलेक्शन हारे है, हमारे अंदर क्या कमियां है, किसकी वजह से है, उसके ऊपर सख्त एक्शन लेना चाहिए। हरियाणा कांग्रेस के पूर्व महासचिव नाहर सिंह संधू ने पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा और सांसद दीपेंद्र हुड्डा पर जमकर भड़ास निकाली है। उन्होंने हरियाणा में कांग्रेस की हार के लिए हुड्डा को जिम्मेदार ठहराया है और कहा है कि इस बार बापू-बेटा की सरकार का नारा हरियाणा कांग्रेस पर भारी पड़ा। उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष उदयभान की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश कांग्रेस को मजबूत और संगठित करने की जिम्मेदारी प्रदेश अध्यक्ष की थी, लेकिन उन्होंने अपनी भूमिका सही ढंग से नहीं निभाई और सभी को साथ लेकर नहीं चले। प्रदेश अध्यक्ष ने रबर स्टाम्प की तरह काम किया किसी भी नेता की समस्या या शिकायत का समाधान करना और उसे साथ लाना उनकी जिम्मेदारी थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया और हमें नुकसान उठाना पड़ा। ऐसे में कांग्रेस की हार के बाद प्रदेश अध्यक्ष को नैतिक आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए था। साथ ही प्रदेश अध्यक्ष भी डमी साबित हुए हैं, उन्होंने रबर स्टाम्प की तरह काम किया। नेता मनमानी करते है और पार्टी को डूबो देते है उन्होंने शीर्ष नेतृत्व से निवेदन किया है कि अब नेता प्रतिपक्ष चुनने की बारी है, अब ऐसे नेता को नेता प्रतिपक्ष चुने जो सभी को साथ लेकर चले, न ही किसी के दबाव में आकर काम करे और सभी की सुनवाई करे। कांग्रेस की हार का सबसे बड़ा नुकसान कार्यकर्ता को होता है, क्योंकि वे पार्टी के लिए प्रचार प्रसार करते है। वे विपक्ष में रहकर जनता के मुद्दों को उठाते है, प्रदर्शन करते है, पुलिस की लाठियां खाते है और अपने ऊपर मुकदमें तक दर्ज करवाते है, लेकिन ऊपर बैठे नेता इस बात को नहीं समझते और वे अपनी मनमानी करके पार्टी को डूबोने का काम करते है। रणदीप सुरजेवाला को बनाए अध्यक्ष नाहर सिंह संधू ने रणदीप सुरजेवाला को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की आवाज उठाई है। उन्होंने कहा कि रणदीप सुरजेवाला 2005 से पहले हरियाणा के कार्यकारी अध्यक्ष थे, भजन लाल जी के साथ। इन दोनों की जोड़ी ने कांग्रेस को सरकार में लाने का काम किया था, पूर्ण बहुमत से 67 एमएलए लेकर कांग्रेस सत्ता में आई थी। फैसले लेने की जरूरत है, मंथन की नहीं हरियाणा में हुई कांग्रेस की हार को लेकर अब कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व को मंथन की अपेक्षा फैसले लेने की जरूरत है। हम किन कमियों की वजह से इलेक्शन हारे है, हमारे अंदर क्या कमियां है, किसकी वजह से है, उसके ऊपर सख्त एक्शन लेना चाहिए।   हरियाणा | दैनिक भास्कर