नेताओं के घरों के बाहर चलेगा किसानों का मोर्चा:बीकेयू उगराहां का फैसला; 4 दिनों से धान की खरीद को लेकर है संघर्ष पर

नेताओं के घरों के बाहर चलेगा किसानों का मोर्चा:बीकेयू उगराहां का फैसला; 4 दिनों से धान की खरीद को लेकर है संघर्ष पर

पंजाब की मंडियों में धान की खरीद उचित तरीके से न होने का मामला गर्माया हुआ है। भले ही चंडीगढ़ में संयुक्त किसान मोर्चे के बैनर तले जुटे किसानों ने सीएम से मीटिंग के बाद अपना संघर्ष स्थगित कर दिया है। लेकिन भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां के बैनर तले किसान अभी भी संघर्ष पर हैं। उनकी तरफ से 14 जिलों में 25 टोल प्लाजा फ्री करवाए गए हैं, जबकि 25 नेताओं के घरों के बाहर पक्का मोर्चा चल रहा है। किसान यूनियन के नेताओं का कहना है कि चार दिनों से उनका संघर्ष चल रहा है। जब तक सीएम का भरोसा उचित तरीके से लागू नहीं होता है, तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा। किसान नेता व बीकेयू उगराहां के प्रधान जोगिंदर सिंह उगराहां व महासचिव सुखदेव सिंह कोकरी ने बताया कि ढाई साल का तुजुर्बा बताता है कि सरकार पर भरोसा नहीं किया जा सकता है। उन्हाेंने किसानों को अपील की है कि इन मोर्चों में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाएं, ताकि धान की खरीद उचित तरीके से हो पाए। वहीं, आज इन प्रदर्शनों में काफी संख्या में किसानों के पहुंचने की उम्मीद है। इन मंत्रियों के घरों के बाहर चल रहा है मोर्चा किसानों द्वारा मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल, आप के कार्यकारी प्रधान व बुढलाडा के विधायक प्रो. बुद्व राम, सांसद गुरमीत सिंह मीत हेयर, वित्तमंत्री हरपाल सिंह चीमा बाघापुराना के विधायक सुखानंद अमृतपाल, आप के विधायक मनजीत सिंह बिलासपुर, भाजपा के उप प्रधान अरविंद खन्ना और महारानी परनीत कौर समेत कई अन्य नेताओं के घरों के बाहर संघर्ष चल रहा है। सरकार ने दिया यह आश्वासन पंजाब के सीएम भगवंत मान ने शनिवार को किसानों से चंडीगढ़ में मीटिंग की है। मीटिंग में किसान, आढ़ती और मिल मालिक भी मौजूद थे। मीटिंग करीब दो घंटे तक चली। सीएम ने मीटिंग में कहा था कि वह खुद धान की खरीद व लिफ्टिंग का जायजा ले रहे हैं। दो दिनों में सारी दिक्कत दूर हो जाएगी। वहीं, मीटिंग के बाद किसानों ने कहा था कि सरकार को उनकी तरफ से चार दिन का समय दिया गया है। किसान नेता बलबीर सिंह ने कहा कि फिलहाल हम अपने संघर्ष को स्थगित कर रहे हैं। लेकिन जरूरत पड़ी तो दोबारा संघर्ष करने से पीछे नहीं हटेंगे। पंजाब की मंडियों में धान की खरीद उचित तरीके से न होने का मामला गर्माया हुआ है। भले ही चंडीगढ़ में संयुक्त किसान मोर्चे के बैनर तले जुटे किसानों ने सीएम से मीटिंग के बाद अपना संघर्ष स्थगित कर दिया है। लेकिन भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां के बैनर तले किसान अभी भी संघर्ष पर हैं। उनकी तरफ से 14 जिलों में 25 टोल प्लाजा फ्री करवाए गए हैं, जबकि 25 नेताओं के घरों के बाहर पक्का मोर्चा चल रहा है। किसान यूनियन के नेताओं का कहना है कि चार दिनों से उनका संघर्ष चल रहा है। जब तक सीएम का भरोसा उचित तरीके से लागू नहीं होता है, तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा। किसान नेता व बीकेयू उगराहां के प्रधान जोगिंदर सिंह उगराहां व महासचिव सुखदेव सिंह कोकरी ने बताया कि ढाई साल का तुजुर्बा बताता है कि सरकार पर भरोसा नहीं किया जा सकता है। उन्हाेंने किसानों को अपील की है कि इन मोर्चों में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाएं, ताकि धान की खरीद उचित तरीके से हो पाए। वहीं, आज इन प्रदर्शनों में काफी संख्या में किसानों के पहुंचने की उम्मीद है। इन मंत्रियों के घरों के बाहर चल रहा है मोर्चा किसानों द्वारा मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल, आप के कार्यकारी प्रधान व बुढलाडा के विधायक प्रो. बुद्व राम, सांसद गुरमीत सिंह मीत हेयर, वित्तमंत्री हरपाल सिंह चीमा बाघापुराना के विधायक सुखानंद अमृतपाल, आप के विधायक मनजीत सिंह बिलासपुर, भाजपा के उप प्रधान अरविंद खन्ना और महारानी परनीत कौर समेत कई अन्य नेताओं के घरों के बाहर संघर्ष चल रहा है। सरकार ने दिया यह आश्वासन पंजाब के सीएम भगवंत मान ने शनिवार को किसानों से चंडीगढ़ में मीटिंग की है। मीटिंग में किसान, आढ़ती और मिल मालिक भी मौजूद थे। मीटिंग करीब दो घंटे तक चली। सीएम ने मीटिंग में कहा था कि वह खुद धान की खरीद व लिफ्टिंग का जायजा ले रहे हैं। दो दिनों में सारी दिक्कत दूर हो जाएगी। वहीं, मीटिंग के बाद किसानों ने कहा था कि सरकार को उनकी तरफ से चार दिन का समय दिया गया है। किसान नेता बलबीर सिंह ने कहा कि फिलहाल हम अपने संघर्ष को स्थगित कर रहे हैं। लेकिन जरूरत पड़ी तो दोबारा संघर्ष करने से पीछे नहीं हटेंगे।   पंजाब | दैनिक भास्कर