हरियाणा में नई राजधानी और अलग हाईकोर्ट की मांग को लेकर स्वाभिमान आंदोलन तेज हो गया है। जुलाना में आंदोलन के संयोजक रणदीप लोहचब ने कहा कि राज्य को अपनी नई राजधानी और अलग हाईकोर्ट प्रदेश के बीच में में स्थित हो। इस मांग को लेकर महम में 23 फरवरी को रैली करेंगे। लोहचब ने बताया कि वर्तमान में सरकार की योजना चंडीगढ़ में पंचकूला सीमा के पास नया विधानसभा भवन बनाने की है। उन्होंने चिंता जताई कि अगर ऐसा हुआ, तो भविष्य में राजधानी कभी भी हरियाणा के मध्य में नहीं बन पाएगी। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ हरियाणा के दूरदराज कोने में स्थित है, जहां दक्षिण-पश्चिम हरियाणा से पहुंचने में 800 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है। स्वाभिमान आंदोलन की मांग है कि नई राजधानी दिल्ली से दूर, लेकिन प्रदेश के उत्तर और दक्षिण से समान दूरी पर होनी चाहिए। इसके लिए हिसार-महम, जींद-भिवानी के बीच सर्वे कराकर उपयुक्त स्थान चुना जाए। यहीं पर हरियाणा हाईकोर्ट का निर्माण भी किया जाए और एक आधुनिक सुविधाओं से युक्त विश्वस्तरीय शहर बसाया जाए। महम में 23 फरवरी को होगी रैली इस मुद्दे को लेकर 23 फरवरी को महम में एक बड़ी रैली का आयोजन किया जा रहा है। लोहचब का कहना है कि 58 वर्षों के बाद भी हरियाणा को अपनी राजधानी और अलग हाईकोर्ट नहीं मिल पाया है। वर्तमान सरकार और विपक्ष दोनों की प्रदेश के मध्य में नई राजधानी बनाने में कोई रुचि नहीं दिख रही है। हरियाणा में नई राजधानी और अलग हाईकोर्ट की मांग को लेकर स्वाभिमान आंदोलन तेज हो गया है। जुलाना में आंदोलन के संयोजक रणदीप लोहचब ने कहा कि राज्य को अपनी नई राजधानी और अलग हाईकोर्ट प्रदेश के बीच में में स्थित हो। इस मांग को लेकर महम में 23 फरवरी को रैली करेंगे। लोहचब ने बताया कि वर्तमान में सरकार की योजना चंडीगढ़ में पंचकूला सीमा के पास नया विधानसभा भवन बनाने की है। उन्होंने चिंता जताई कि अगर ऐसा हुआ, तो भविष्य में राजधानी कभी भी हरियाणा के मध्य में नहीं बन पाएगी। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ हरियाणा के दूरदराज कोने में स्थित है, जहां दक्षिण-पश्चिम हरियाणा से पहुंचने में 800 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है। स्वाभिमान आंदोलन की मांग है कि नई राजधानी दिल्ली से दूर, लेकिन प्रदेश के उत्तर और दक्षिण से समान दूरी पर होनी चाहिए। इसके लिए हिसार-महम, जींद-भिवानी के बीच सर्वे कराकर उपयुक्त स्थान चुना जाए। यहीं पर हरियाणा हाईकोर्ट का निर्माण भी किया जाए और एक आधुनिक सुविधाओं से युक्त विश्वस्तरीय शहर बसाया जाए। महम में 23 फरवरी को होगी रैली इस मुद्दे को लेकर 23 फरवरी को महम में एक बड़ी रैली का आयोजन किया जा रहा है। लोहचब का कहना है कि 58 वर्षों के बाद भी हरियाणा को अपनी राजधानी और अलग हाईकोर्ट नहीं मिल पाया है। वर्तमान सरकार और विपक्ष दोनों की प्रदेश के मध्य में नई राजधानी बनाने में कोई रुचि नहीं दिख रही है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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फरीदाबाद में बदमाश और क्राइम ब्रांच के बीच मुठभेड़:बाल बाल बची इंचार्ज की जान, बदमाश के पांव में लगी गोली
फरीदाबाद में बदमाश और क्राइम ब्रांच के बीच मुठभेड़:बाल बाल बची इंचार्ज की जान, बदमाश के पांव में लगी गोली हरियाणा के जिले फरीदाबाद में बदमाश और क्राइम ब्रांच की टीम के साथ मुठभेड़ हो गई। जिसमें बदमाश के पांव में गोली लगी। जिसे बादशाह खान सिविल अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है। आरोपियों को पकड़ने में जुटी थी टीमें गौरतलब है कि बीते 5 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव की पोलिंग के दौरान फरीदाबाद 89 विधानसभा स्थित भारत कॉलोनी के एक भाजपा कार्यकर्ता रजनीश उम्र 30 वर्ष को आरोपी बदमाश ने गोली मार दी थी, उसे समय घायल बदमाश के साथ एक अन्य आरोपी भी था। दोनों एक बाइक पर नकाब बांध कर आए और भाजपा कार्यकर्ता को गोली मारकर फरार हो गए थे। दोनों टीमें आरोपियों को पकड़ने में जुटी थी। आरोपी ने पुलिस पर की फायरिंग बता दें कि बीते कल शाम क्राइम ब्रांच 65 को आरोपी मनीष के बारे में सूचना मिली कि वह जाजरू और कैली गांव के आसपास है। इस सूचना पर क्राइम ब्रांच 65 की टीम आरोपी मनीष पुत्र प्रताप सिंह को पकड़ने के लिए पहुंची थी, लेकिन आरोपी मनीष ने पुलिस पर फायरिंग कर दी। पुलिस प्रवक्ता से मिली जानकारी के मुताबिक आरोपी ने दो राउंड फायर किए। जिसके चलते एक गोली cia इंचार्ज की छाती में जा लगी। बुलेट प्रूफ जैकेट ने बचाई इंचार्ज की जान गनीमत रही कि जगविंद्र ने बुलेट प्रूफ जैकेट पहनी हुई थी। इसके चलते गोली उसका कुछ नहीं बिगाड़ पाई। वही जवाबी क्राइम ब्रांच की टीम ने तीन राउंड फायरिंग की। जिसमें आरोपी मनीष के पांव में गोली लगी। जिसके बाद क्राइम ब्रांच की टीम में से काबू कर लिया। फिलहाल घायल का फरीदाबाद के बादशाह खान सिविल अस्पताल में इलाज चल रहा है और पुलिस आगे की कार्रवाई में जुट गई है।
हरियाणा में हैट्रिक के लिए BJP की मेगा प्लानिंग:21% दलित वोटर टारगेट, खट्टर को सौंपी जिम्मेदारी, महासम्मेलन में पकड़ेंगे ‘संकल्प का लोटा’
हरियाणा में हैट्रिक के लिए BJP की मेगा प्लानिंग:21% दलित वोटर टारगेट, खट्टर को सौंपी जिम्मेदारी, महासम्मेलन में पकड़ेंगे ‘संकल्प का लोटा’ हरियाणा विधानसभा चुनाव में सरकार की हैट्रिक के लिए BJP ने दलित वोटरों को रिझाने की मेगा प्लानिंग की है। इसके लिए BJP इसी महीने कुरूक्षेत्र में दलित महासम्मेलन करने जा रही है। इसकी जिम्मेदारी पूर्व CM और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर को दी गई है। खट्टर इस महासम्मेलन में मुख्य मेहमान होंगे। लोकसभा चुनाव में 21% दलित वोटरों ने भाजपा को बड़ा झटका दिया था। जिस वजह से भाजपा राज्य की 10 में से 2 रिजर्व सीट सिरसा और अंबाला हार गई। कुछ सीटों पर दलित वोटरों के जाट वोटरों संग जुड़ने से भाजपा मामूली अंतर से लोकसभा चुनाव हार गई। भाजपा को डर है कि अगर यही स्थिति विधानसभा में भी रही तो फिर तीसरी बार सरकार बननी मुश्किल हो जाएगी। सबसे पहले 2 हिस्सों में BJP की प्लानिंग जानिए 1. 17 रिजर्व सीटों पर फोकस, जिला-विधानसभा स्तर के सम्मेलन हो चुके
भाजपा ने इसके लिए 17 रिजर्व सीटों से शुरुआत की। जहां जिला और विधानसभा स्तर पर सम्मेलन किए जा चुके हैं। जिसमें दलितों को केंद्र-राज्य की स्कीमें बता उनके सुझाव लेकर नई राज्य सरकार से लागू कराने का भरोसा दिया जा रहा है। चूंकि इसकी अगुआई खट्टर कर रहे हैं, इसलिए उनके करीबी चीफ मीडिया कोऑर्डिनेटर सुदेश कटारिया को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है। कटारिया खुद भी दलित वर्ग से ही संबंधित हैं। उनकी अगुआई में खट्टर की टीम को दलितों के प्रभाव वाली सीटों पर काम करने का टास्क दिया गया है। 2. 15 हजार लोग बुला दलित सम्मेलन, खट्टर को संकल्प लोटा देंगी
भाजपा कुरुक्षेत्र के दलित महासम्मेलन को बड़े स्तर पर करने जा रही है। इसमें 15 हजार से ज्यादा दलित समुदाय के लोग बुलाए जाएंगे। जिनमें 10 हजार पुरुष और 5 हजार महिलाओं को लाने का टारगेट रखा गया है। दलित समुदाय से सीधे कनेक्ट के लिए इसमें महिलाएं लोटा लेकर आएंगी। यह संकल्प लोटा महिलाएं महासम्मेलन के चीफ गेस्ट मनोहर लाल खट्टर को देंगी। भाजपा ने इस मुहिम को ‘मनोहर लाल का परिवार’ नाम दिया है। जिसे चुनाव में भी भुनाया जाएगा। भाजपा को दलितों की याद क्यों आई, 3 पॉइंट में समझें 1. लोकसभा में दोनों रिजर्व सीट हारे
हरियाणा में लोकसभा की 10 सीटें हैं। इनमें 2 सीटें रिजर्व हैं। कुछ महीने पहले हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा दोनों सीटें हार गई। सिरसा में कांग्रेस की कुमारी सैलजा ने भाजपा के अशोक तंवर को 2 लाख 68 हजार 497 वोटों से हरा दिया। अंबाला में भाजपा की बंतो कटारिया को कांग्रेस के MLA वरूण चौधरी से 49 हजार 36 वोटों हार मिली। 2. कांग्रेस 11 रिजर्व विधानसभा सीटें जीत गई, 2 पर AAP ने चौंकाया
राज्य की 10 लोकसभा सीटों के अधीन आती 90 विधानसभा सीटों में 17 SC वर्ग के लिए रिजर्व हैं। इसी साल के लोकसभा रिजल्ट को विधानसभा वाइज देखें तो इन 17 में भाजपा सिर्फ 4 ही जीत सकी। 11 पर कांग्रेस जीती तो 2 पर आम आदमी पार्टी (AAP) ने भाजपा से बढ़त बनाकर चौंका दिया। 3. वोट शेयर में 5 साल में बड़ी गिरावट
मई में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा को 46.06% वोट शेयर मिला। 2019 के लोकसभा चुनाव में वोट शेयर 58% था। 5 साल में वोट परसेंट में यह 11.06% की गिरावट रही। वहीं, कांग्रेस का वोट शेयर 2019 में 28.42% के मुकाबले बढ़कर 43.73% हो गया। 5 साल में कांग्रेस का वोट शेयर 15.31% बढ़ा। दलित महासम्मेलन से भाजपा का मकसद क्या? दलित महासम्मेलन के जरिए भाजपा 3 बड़े मकसद को पाना चाहती है। पहला.. प्रदेश में 21% दलित वोटर है। राज्य में 17 सीटें दलित वर्ग के लिए रिजर्व हैं। ऐसे में भाजपा का सीधा निशाना यही सीटें हैं। इसके अलावा 35 सीटें ऐसी हैं, जहां दलित वोटरों का प्रभाव है। अगर वे किसी एक पार्टी के हक में हो जाएं तो फिर उनकी सीट जीतनी तय है। भाजपा इन्हें अपने पक्ष में या फिर एकजुटता को भी तोड़ना चाहती है। दूसरा.. कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में आरक्षण छीनने और संविधान बदलने का प्रचार किया। जिसका हरियाणा के दलित वोटरों पर बड़ा असर पड़ा। यही वजह है कि वे भाजपा से दूर हो गए। सम्मेलन के जरिए भाजपा कोशिश करेगी कि कांग्रेस की बातों को झूठा साबित करे। तीसरा.. लोकसभा चुनाव में 10 में से 5 सीटें हारने के बाद भाजपा की समीक्षा बैठक में सामने आया कि जाट और दलित वोटर उनके खिलाफ एकजुट हो गए। जिस वजह से वह रोहतक और सिरसा जैसी सीटों ढ़ाई से साढ़े 3 लाख वोटों से एकतरफा हार मिली। सोनीपत सीट महज 22 हजार से हार गए। कुरूक्षेत्र, गुरुग्राम और भिवानी-महेंद्रगढ़ हारते-हारते बचे। भाजपा इस एकजुटता को तोड़ना चाहती है। हरियाणा में 10 साल से सत्ता में भाजपा
हरियाणा में भाजपा लगातार 2 टर्म से सरकार चला रही है। 2014 में भाजपा ने विधानसभा की 90 में से 47 सीटें जीतकर अकेले बहुमत की सरकार बनाई। 2019 में भाजपा 40 सीटों पर सिमट गई लेकिन JJP के 10 विधायकों का साथ लेकर फिर सरकार बना ली। इस बार भाजपा के पास हैट्रिक लगाने का मौका है। केंद्रीय मंत्री खट्टर को ही जिम्मेदारी क्यों?
दलितों को मनाने का जिम्मा खट्टर को ही क्यों, इसकी वजह ये है कि खट्टर साढ़े 9 साल हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे। लगातार 2 टर्म में भाजपा की सरकार ने उनकी अगुआई में कामकाज किया। हालांकि मई महीने में लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा ने उन्हें सीएम कुर्सी से हटाकर लोकसभा चुनाव लड़ाया। करनाल से पहली बार सांसद बनकर वह केंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री बना दिए गए। वहीं उनकी जगह ओबीसी वर्ग से नायब सैनी को सीएम बनाया गया लेकिन वह कार्यकाल के अंत में ज्यादा कुछ नहीं कर पाए। यही वजह है कि चुनाव भले ही भाजपा सैनी की अगुआई में लड़ रही लेकिन सरकार की हैट्रिक में खट्टर को भी जिम्मेदारी सौंपी गई है।
पानीपत में दो नाबालिग दोस्त लापता:कपड़े स्कूल बैग में रखे, बिना किसी को बताए घर से निकला, परिवार और पुलिस ने शुरू की तलाश
पानीपत में दो नाबालिग दोस्त लापता:कपड़े स्कूल बैग में रखे, बिना किसी को बताए घर से निकला, परिवार और पुलिस ने शुरू की तलाश हरियाणा के पानीपत शहर के धूप सिंह नगर से दो नाबालिग दोस्त संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गए। दोनों ने अपने कपड़े स्कूल बैग में रखे और बिना किसी को बताए घर से निकल गए। जिसके बाद दोनों का कोई सुराग नहीं लगा। उनके लापता होने की जानकारी मिलने पर परिजनों ने उनकी तलाश शुरू की, लेकिन वे नहीं मिले। इसके बाद थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दी गई। पुलिस ने परिजनों के साथ मिलकर बच्चों की तलाश शुरू कर दी है। पिता के काम पर जाते ही निकला 12 वर्षीय किशोर चांदनीबाग थाना पुलिस को दी शिकायत में शुभान अंसारी ने बताया कि वह मूल रूप से ग्राम उस्मानपुर जिला भागलपुर बिहार का रहने वाला है। हाल में वह पानीपत के धूपसिंह नगर में किराए पर रहता है। वह दो बेटों और दो बेटियों का पिता है। 20 अक्टूबर की सुबह 8 बजे वह काम पर गया था। रविवार होने के चलते वह दोपहर 1 बजे घर वापस लौट आया। घर आते ही पता लगा कि उसका 12 वर्षीय बेटा मीनास अपने स्कूल बैग में एक जोड़ी कपड़े डाल कर अपने दोस्त मनीष उर्फ सौरभ कुमार(15) के साथ कही बाहर चला गया है। पता लगते ही वह मनीष के घर गया, तो वहां उसके परिजनों ने बताया कि मनीष भी अपने स्कूल बैग में कपड़े लेकर गया है। इसके बाद दोनों परिवारों ने बच्चों की काफी जगह पर तलाश की, लेकिन वे नहीं मिले।