हरियाणा चुनाव में इस बार मुकाबला सिर्फ भाजपा और कांग्रेस के बीच नहीं है। राज्य की कई सीटों पर इनेलो-बसपा तो कई सीटों पर जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) भी कड़ी टक्कर दे सकती है। राज्य की 90 सीटों में से 63 ऐसी हैं जहां जेजेपी मजबूत स्थिति में होने का दावा कर रही है। 23 अगस्त से 27 अगस्त तक चले दैनिक भास्कर कैंडिडेट सर्वे में इन 63 सीटों पर जनता से पूछा गया कि जेजेपी के लिए सबसे मजबूत कैंडिडेट कौन हो सकता है। 1.30 लाख से ज्यादा लोगों ने हिस्सा लिया। आज सर्वे के रिजल्ट में जानिए कि राज्य की 63 विधानसभा सीटों पर जेजेपी के उम्मीदवार के तौर पर लोगों की पहली पसंद कौन है। अब सीटवार सर्वे रिजल्ट में देखिए किस सीट पर जनता ने जेजेपी के लिए किस उम्मीदवार को सबसे ज्यादा पसंद किया है… अंबाला कैंट विधानसभा सीट पर कौन है जनता की पसंद मुलाना विधानसभा सीट पर जानिए जनता की राय यमुनानगर विधानसभा सीट पर जानिए जनता की राय गुहला विधानसभा सीट पर कौन है पहली पसंद कैथल विधानसभा सीट पर क्या कहती है जनता पुंडरी विधानसभा सीट पर कौन है पहली पसंद पानीपत ग्रामीण विधानसभा सीट पर क्या कहती है जनता इसराना विधानसभा सीट पर कौन है जनता की पसंद गन्नौर विधानसभा सीट पर क्या है जनता की राय राई विधानसभा सीट पर कौन है पहली पसंद गोहाना विधानसभा सीट पर कौन है जनता की पसंद बरौदा विधानसभा सीट पर क्या है जनता की राय जुलाना विधानसभा सीट पर कौन है पहली पसंद सफीदों विधानसभा सीट पर क्या कहती है जनता जींद विधानसभा सीट पर कौन है जनता की पसंद उचाना कलां विधानसभा सीट पर क्या है जनता की राय नरवाना विधानसभा सीट पर क्या कहती है जनता टोहाना विधानसभा सीट पर कौन है पहली पसंद फतेहाबाद विधानसभा सीट पर क्या है जनता की राय डबवाली विधानसभा सीट पर क्या कहती है जनता रानियां विधानसभा सीट पर कौन है जनता की पसंद सिरसा विधानसभा सीट पर क्या है जनता की राय ऐलनाबाद विधानसभा सीट पर क्या कहती है जनता आदमपुर विधानसभा सीट पर कौन है जनता की पसंद उकलाना विधानसभा सीट पर क्या है जनता की राय नारनौंद विधानसभा सीट पर कौन है पहली पसंद हांसी विधानसभा सीट पर क्या कहती है जनता बरवाला विधानसभा सीट पर क्या है जनता की पसंद हिसार विधानसभा सीट पर क्या है जनता की राय नलवा विधानसभा सीट पर कौन है जनता की पसंद लोहारू विधानसभा सीट पर क्या कहती है जनता बाढ़ड़ा विधानसभा सीट पर कौन है पहली पसंद दादरी विधानसभा सीट पर क्या है जनता की राय भिवानी विधानसभा सीट पर कौन है जनता की पसंद तोशाम विधानसभा सीट पर क्या कहती है जनता बवानीखेड़ा विधानसभा सीट पर कौन है पहली पसंद महम विधानसभा सीट पर क्या है जनता की राय गढ़ी-सांपला-किलोई विधानसभा सीट पर क्या कहती है जनता रोहतक विधानसभा सीट पर कौन है जनता की पसंद बहादुरगढ़ विधानसभा सीट पर क्या कहती है जनता बादली विधानसभा सीट पर कौन है पहली पसंद झज्जर विधानसभा सीट पर क्या है जनता की राय बेरी विधानसभा सीट पर क्या कहती है जनता अटेली विधानसभा सीट पर कौन है पहली पसंद महेंद्रगढ़ विधानसभा सीट पर क्या है जनता की राय नारनौल विधानसभा सीट पर कौन है पहली पसंद नांगल चौधरी विधानसभा सीट पर क्या कहती है जनता बावल विधानसभा सीट पर क्या है जनता की पसंद कोसली विधानसभा सीट पर कौन है जनता की पसंद रेवाड़ी विधानसभा सीट पर क्या कहती है जनता पटौदी विधानसभा सीट पर क्या है जनता की राय बादशाहपुर विधानसभा सीट पर क्या कहती है जनता गुरुग्राम विधानसभा सीट पर कौन है पहली पसंद सोहना विधानसभा सीट पर क्या है जनता की राय नूंह विधानसभा सीट पर कौन है जनता की पसंद फिरोजपुर झिरका विधानसभा सीट पर क्या है जनता की राय पुन्हाना विधानसभा सीट पर कौन है पहली पसंद पृथला विधानसभा सीट पर कौन है पहली पसंद फरीदाबाद एनआईटी विधानसभा सीट पर क्या कहती है जनता बड़खल विधानसभा सीट पर क्या है जनता की राय बल्लभगढ़ विधानसभा सीट पर कौन है जनता की पसंद फरीदाबाद विधानसभा सीट पर कौन है पहली पसंद तिगांव विधानसभा सीट पर क्या है जनता की राय हरियाणा चुनाव में इस बार मुकाबला सिर्फ भाजपा और कांग्रेस के बीच नहीं है। राज्य की कई सीटों पर इनेलो-बसपा तो कई सीटों पर जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) भी कड़ी टक्कर दे सकती है। राज्य की 90 सीटों में से 63 ऐसी हैं जहां जेजेपी मजबूत स्थिति में होने का दावा कर रही है। 23 अगस्त से 27 अगस्त तक चले दैनिक भास्कर कैंडिडेट सर्वे में इन 63 सीटों पर जनता से पूछा गया कि जेजेपी के लिए सबसे मजबूत कैंडिडेट कौन हो सकता है। 1.30 लाख से ज्यादा लोगों ने हिस्सा लिया। आज सर्वे के रिजल्ट में जानिए कि राज्य की 63 विधानसभा सीटों पर जेजेपी के उम्मीदवार के तौर पर लोगों की पहली पसंद कौन है। अब सीटवार सर्वे रिजल्ट में देखिए किस सीट पर जनता ने जेजेपी के लिए किस उम्मीदवार को सबसे ज्यादा पसंद किया है… अंबाला कैंट विधानसभा सीट पर कौन है जनता की पसंद मुलाना विधानसभा सीट पर जानिए जनता की राय यमुनानगर विधानसभा सीट पर जानिए जनता की राय गुहला विधानसभा सीट पर कौन है पहली पसंद कैथल विधानसभा सीट पर क्या कहती है जनता पुंडरी विधानसभा सीट पर कौन है पहली पसंद पानीपत ग्रामीण विधानसभा सीट पर क्या कहती है जनता इसराना विधानसभा सीट पर कौन है जनता की पसंद गन्नौर विधानसभा सीट पर क्या है जनता की राय राई विधानसभा सीट पर कौन है पहली पसंद गोहाना विधानसभा सीट पर कौन है जनता की पसंद बरौदा विधानसभा सीट पर क्या है जनता की राय जुलाना विधानसभा सीट पर कौन है पहली पसंद सफीदों विधानसभा सीट पर क्या कहती है जनता जींद विधानसभा सीट पर कौन है जनता की पसंद उचाना कलां विधानसभा सीट पर क्या है जनता की राय नरवाना विधानसभा सीट पर क्या कहती है जनता टोहाना विधानसभा सीट पर कौन है पहली पसंद फतेहाबाद विधानसभा सीट पर क्या है जनता की राय डबवाली विधानसभा सीट पर क्या कहती है जनता रानियां विधानसभा सीट पर कौन है जनता की पसंद सिरसा विधानसभा सीट पर क्या है जनता की राय ऐलनाबाद विधानसभा सीट पर क्या कहती है जनता आदमपुर विधानसभा सीट पर कौन है जनता की पसंद उकलाना विधानसभा सीट पर क्या है जनता की राय नारनौंद विधानसभा सीट पर कौन है पहली पसंद हांसी विधानसभा सीट पर क्या कहती है जनता बरवाला विधानसभा सीट पर क्या है जनता की पसंद हिसार विधानसभा सीट पर क्या है जनता की राय नलवा विधानसभा सीट पर कौन है जनता की पसंद लोहारू विधानसभा सीट पर क्या कहती है जनता बाढ़ड़ा विधानसभा सीट पर कौन है पहली पसंद दादरी विधानसभा सीट पर क्या है जनता की राय भिवानी विधानसभा सीट पर कौन है जनता की पसंद तोशाम विधानसभा सीट पर क्या कहती है जनता बवानीखेड़ा विधानसभा सीट पर कौन है पहली पसंद महम विधानसभा सीट पर क्या है जनता की राय गढ़ी-सांपला-किलोई विधानसभा सीट पर क्या कहती है जनता रोहतक विधानसभा सीट पर कौन है जनता की पसंद बहादुरगढ़ विधानसभा सीट पर क्या कहती है जनता बादली विधानसभा सीट पर कौन है पहली पसंद झज्जर विधानसभा सीट पर क्या है जनता की राय बेरी विधानसभा सीट पर क्या कहती है जनता अटेली विधानसभा सीट पर कौन है पहली पसंद महेंद्रगढ़ विधानसभा सीट पर क्या है जनता की राय नारनौल विधानसभा सीट पर कौन है पहली पसंद नांगल चौधरी विधानसभा सीट पर क्या कहती है जनता बावल विधानसभा सीट पर क्या है जनता की पसंद कोसली विधानसभा सीट पर कौन है जनता की पसंद रेवाड़ी विधानसभा सीट पर क्या कहती है जनता पटौदी विधानसभा सीट पर क्या है जनता की राय बादशाहपुर विधानसभा सीट पर क्या कहती है जनता गुरुग्राम विधानसभा सीट पर कौन है पहली पसंद सोहना विधानसभा सीट पर क्या है जनता की राय नूंह विधानसभा सीट पर कौन है जनता की पसंद फिरोजपुर झिरका विधानसभा सीट पर क्या है जनता की राय पुन्हाना विधानसभा सीट पर कौन है पहली पसंद पृथला विधानसभा सीट पर कौन है पहली पसंद फरीदाबाद एनआईटी विधानसभा सीट पर क्या कहती है जनता बड़खल विधानसभा सीट पर क्या है जनता की राय बल्लभगढ़ विधानसभा सीट पर कौन है जनता की पसंद फरीदाबाद विधानसभा सीट पर कौन है पहली पसंद तिगांव विधानसभा सीट पर क्या है जनता की राय हरियाणा | दैनिक भास्कर
Related Posts
भाजपा नेता-तहसीलदार विवाद में अगली सुनवाई 13 को:SDM ने दोनों पक्षों के बयान दर्ज कराए, साक्ष्य जुटा रहे, सीसीटीवी की भी जांच होगी
भाजपा नेता-तहसीलदार विवाद में अगली सुनवाई 13 को:SDM ने दोनों पक्षों के बयान दर्ज कराए, साक्ष्य जुटा रहे, सीसीटीवी की भी जांच होगी हरियाणा में करीब 14 दिन पहले भाजपा नेता एडवोकेट लक्ष्मी नारायाण उर्फ घोलू गुर्जर और तहसीलदार के बीच हुए विवाद की जांच शुरू हो गई है। यह मामला करीब एक सप्ताह पहले जनपरिवाद समिति में उठा था। इस पर पंचायत मंत्री कृष्ण पंवार ने SDM ज्योति मित्तल की अध्यक्षता में जांच कमेटी बनाई थी, जिसमें जिलाध्यक्ष और बार प्रधान को भी शामिल किया गया था। मंत्री ने कहा था कि अगर जांच में तहसीलदार दोषी मिला तो उसे सस्पेंड किया जाएगा। इस मामले में एसडीएम की अध्यक्षता वाली कमेटी ने जांच की और दोनों पक्षों को बुलाया गया। वीरवार को एसडीएम के कार्यालय में विधायक रणधीर पनिहार, भाजपा जिला अध्यक्ष अशोक सैनी और बार एसोसिएशन प्रधान की कमेटी के समक्ष दोनों पक्षों की बात सुनी गई। उनके बयान दर्ज किए गए। अब कमेटी इस पर आगे की कार्रवाई करेगी। इस मामले में तहसील कार्यालय के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जाएंगे और दोनों पक्षों की ओर से साक्ष्य पेश किए जाएंगे। इस मामले में अगली सुनवाई 13 जनवरी को होगी। भाजपा नेता ने मंत्री के आगे जोड़े थे हाथ
हरियाणा के हिसार में करीब एक सप्ताह पहले जनपरिवाद (ग्रीवेंस) समिति की बैठक में अजीब नजारा देखने मिला था। यहां विकास एवं पंचायत मंत्री कृष्ण लाल पंवार लोगों की शिकायत सुनने पहुंचे थे। इस दौरान भाजपा के पूर्व जिला सचिव घोलू गुर्जर खड़े होकर अपनी परेशानी सुनाने लगे। उन्होंने मंत्री को बताया कि हिसार तहसीलदार ने उनके साथ बदतमीजी की है। घोलू गुर्जर ने कहा कि तहसीलदार ने न सिर्फ उनके साथ गंदा व्यवहार किया, बल्कि ऑफिस में पानी पीने पर भी उनकी बेइज्जती की। कह रहे थे कि मेरी इजाजत के बिना तुमने पानी कैसे पी लिया? घोलू गुर्जर ने मंत्री के आगे हाथ जोड़ते हुए कहा था कि मैं भाजपा का नेता हूं। मैंने पूरी जिंदगी ईमानदारी से काम किया है। तहसीलदार ने मेरे आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाई है। इस पर एक्शन होना चाहिए। तहसीलदार पर भाजपा नेताओं ने भी लगाए आरोप
घोलू ने तहसीलदार पर करप्शन के आरोप लगाए। वहीं, नायाब तहसीलदार ने मीटिंग में तहसीलदार का पक्ष रखते हुए मामले को बेबुनियाद बताया। घोलू गुर्जर के समर्थन में भाजपा जिलाध्यक्ष अशोक सैनी और ग्रीवेंस कमेटी के मेंबर भी बोले। उन्होंने कहा कि तहसीलदार उनके साथ भी दुर्व्यवहार कर चुका है। इस पर मंत्री ने SDM ज्योति मित्तल की अध्यक्षता में जांच कमेटी बनाई, जिसमें जिलाध्यक्ष और बार प्रधान को भी शामिल किया गया। 14 दिन पहले तहसील ऑफिस में हो गया था विवाद
गौरतलब है कि हिसार में तहसील कार्यालय में भाजपा नेता लक्ष्मी नारायण उर्फ घोलू गुर्जर और तहसीलदार राकेश मलिक के बीच विवाद हो गया था। विवाद इतना बढ़ गया था कि तहसीलदार ने सिविल लाइन थाने के SHO को मौके पर बुला लिया।
वहीं, भाजपा नेता ने भी अपने साथी एडवोकेट को फोन कर दिया। बार एसोसिएशन प्रधान विनय बिश्नोई, उप-प्रधान विनोद सहित अन्य पदाधिकारी और एडवोकेट मौके पर पहुंच गए। इसके बाद काफी देर तक हंगामा होता रहा।
बाद में तहसीलदार राकेश और भाजपा नेता लक्ष्मी नारायण ने एक-दूसरे के खिलाफ शिकायत दे दी। इस घटना के बाद वकीलों ने बैठक कर बार में वर्क सस्पेंड कर दिया था। करीब 3 दिन से हिसार बार में वर्क सस्पेंड रहा।
फरीदाबाद में ट्रक ने बाइक सवार को कुचला:मौके पर मौत; निजी कंपनी में मेंटेनेंस हेड था 2 बच्चों का पिता, आरोपी फरार
फरीदाबाद में ट्रक ने बाइक सवार को कुचला:मौके पर मौत; निजी कंपनी में मेंटेनेंस हेड था 2 बच्चों का पिता, आरोपी फरार हरियाणा के फरीदाबाद स्थित सोहना रोड पर आज एक तेज रफ्तार ओवरलोडिंग ट्रक ने बाइक सवार को कुचल दिया। इससे बाइक सवार की मौके पर ही मौत गई। वहीं, ट्रक का ड्राइवर ट्रक को मौके पर छोड़कर फरार हो गया। घटना की सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए फरीदाबाद के बादशाह खान सिविल अस्पताल पहुंचाया। मृतक की पहचान मुकेश कुमार (45) पुत्र चुरामल शर्मा के रूप में हुई है। वह सरूरपुर स्थित पैरागॉन टेक्नोलॉजी कंपनी में बतौर मेंटेनेंस हैड तैनात था और भारत कॉलोनी ओल्ड फरीदाबाद में रहता था। 2 बच्चों का पिता था मुकेश
पुलिस के अनुसार, आज वह अपनी बाइक से सरूरपुर जा रहा था। तभी सोहना रोड स्थित श्मशान घाट के पास ट्रक ने उसे टक्कर मार दी। मुकेश शादीशुदा थे और उनके 2 बच्चे हैं। जांच अधिकारी ASI कुलदीप ने बताया कि दोपहर 1:40 बजे सेक्टर-55 थाना चौकी के कंट्रोल रूम से फोन आया। वहां से सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंचे तो देखा कि व्यक्ति मुकेश की मौत हो चुकी थी। उसकी बाइक (HR51BM-6397) मौके पर ही पड़ी थी। जांच अधिकारी ने बताया कि ट्रक ओवरलोडिंग था।
20 साल में पहली दफा नेता-प्रतिपक्ष के लिए इतना इंतजार:वजह-कांग्रेस की लगातार 3 हार और नेताओं की खींचतान; CM सैनी कह चुके-ढूंढवाओ
20 साल में पहली दफा नेता-प्रतिपक्ष के लिए इतना इंतजार:वजह-कांग्रेस की लगातार 3 हार और नेताओं की खींचतान; CM सैनी कह चुके-ढूंढवाओ तारीख : 27 अक्टूबर 2024 हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने पानीपत में मैराथन के बाद मीडिया से कहा- ‘आप लोग कांग्रेस का नेता प्रतिपक्ष ढूंढवाओ।’ 20 वर्षों में ऐसा पहली बार हो रहा है कि किसी पार्टी को राज्य में नेता प्रतिपक्ष का नाम फाइनल करने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। इसका मुख्य कारण पिछले 3 चुनाव में कांग्रेस को लगातार मिली हार है। साल 2009 में कांग्रेस बड़ी पार्टी बनकर उभरी, लेकिन बहुमत से पीछे रह गई। तब कांग्रेस को जनहित कांग्रेस और निर्दलीय विधायकों के सहारे सरकार बनानी पड़ी। इसके बाद कांग्रेस सत्ता में नहीं आई। ऐसे में हुड्डा विरोधी खेमा हरियाणा में एक्टिव होता गया और अब हालात ये हैं कि खुद हाईकमान भी हुड्डा के साथ खड़ा नहीं दिख रहा। 2005, 2009, 2014 और 2019 में चुनाव रिजल्ट के बाद करीब 15 दिन के अंदर नेता प्रतिपक्ष चुन लिए गए थे। साल 2024 में कांग्रेस सरकार बनाने का सपना देख रही थी, लेकिन पार्टी को 37 सीट ही मिलीं। इसके बाद नेता प्रतिपक्ष के नाम को लेकर घमासान हो गया। केंद्र के तरफ से 4 ऑब्जर्वर भी आए, लेकिन बावजूद इसके अभी तक नेता प्रतिपक्ष के नाम का ऐलान नहीं हो पाया। नेता प्रतिपक्ष कांग्रेस हाईकमान की पसंद का होगा
18 अक्टूबर को हरियाणा में कांग्रेस विधायक दल का नेता चुनने को लेकर चंडीगढ़ में मीटिंग हुई। करीब डेढ़ घंटे चली मीटिंग में ऑब्जर्वर के तौर पर राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, राज्यसभा सांसद अजय माकन, पंजाब के नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा के अलावा छत्तीसगढ़ के पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंह देव शामिल हुए। मीटिंग में ऑब्जर्वरों ने सभी विधायकों से विधायक दल के नेता का नाम फाइनल करने के लिए वन टु वन बातचीत कर उनकी राय जानी। पार्टी सूत्रों के मुताबिक अधिकतर विधायकों ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा का नाम ही विधायक दल के नेता के लिए रखा। कुमारी सैलजा गुट के कुछ विधायकों ने नए चेहरे को जिम्मेदारी देने की बात कही। मीटिंग के बाद अशोक गहलोत और अजय माकन ने कहा- ‘विधायक दल के नेता का चयन हाईकमान करेगा। विधायकों की राय हाईकमान तक पहुंचा दी जाएगी।’ नवंबर में शुरू होगा शीतकालीन सत्र
हरियाणा विधानसभा का शीतकालीन सत्र नवंबर में शुरू हो सकता है। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने इसको लेकर जानकारी दी है। ऐसे में कांग्रेस को नवंबर के पहले हफ्ते में विधायक दल के नेता का चयन करना होगा, नहीं तो बिना नेता प्रतिपक्ष के सदन चलेगा। हुड्डा और सैलजा गुट में खींचतान
2019 में विपक्ष का नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा को बनाया गया था। हालांकि इस बार विधानसभा चुनाव में हुई हार के लिए हुड्डा को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। ऐसे में सिरसा सांसद कुमारी सैलजा का गुट हुड्डा को फिर विपक्षी दल नेता बनाने का विरोध कर रहा है। इसे देखते हुए कुछ दिन पहले 31 विधायक इकट्ठा कर हुड्डा दिल्ली में अपनी ताकत दिखा चुके हैं। हुड्डा के विरोध की सूरत में उनके गुट से झज्जर की विधायक गीता भुक्कल और थानेसर से अशोक अरोड़ा का नाम भी चर्चा में है। वहीं सैलजा गुट से पंचकूला के विधायक चंद्रमोहन बिश्नोई का नाम आगे किया जा रहा है। हार के कारण जानने को कांग्रेस ने कमेटी बनाई थी
विधानसभा चुनाव में अच्छे माहौल के बावजूद हारी कांग्रेस ने इसके कारण तलाशे। शुरुआत में कांग्रेस हाईकमान ने इसके लिए 2 मेंबरी फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनाई। जिसमें छत्तीसगढ़ के पूर्व CM भूपेश बघेल और राजस्थान के कांग्रेस विधायक हरीश चौधरी शामिल रहे। दोनों नेताओं ने खुद बैठकर जूम मीटिंग के जरिए एक-एक नेता से वन टु वन बात की। किसी उम्मीदवार को इसकी रिकॉर्डिंग नहीं करने दी गई। प्रदेश के 90 में से चुनाव हारे 53 नेताओं से उनकी बातचीत हुई। कमेटी ने चुनाव हारे उम्मीदवारों से 4 तरह के सवाल पूछे। जिसके बाद कमेटी ने इसकी लिखित रिपोर्ट तैयार की है। जिसमें EVM से ज्यादा चुनाव के बीच तालमेल की कमी और गुटबाजी की वजह सामने आई है।