हरियाणा राज्य चुनाव आयोग ने राज्य में पंचायत समितियों के चेयरमैन व वायस चेयरमैन तथा जिला परिषदों के अध्यक्ष व उपाध्यक्षों के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाने के संबंध में स्पष्ट किया है कि बेलेट बॉक्स के उपयोग से ही गुप्त वोटिंग प्रक्रिया पूरी की जाएगी। संबंधित पंचायत समिति या जिला परिषद के किसी जनप्रतिनिधि द्वारा अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया जाता है, तो चुने हुए सभी सदस्यों को पंजीकृत डाक के माध्यम से जानकारी दी जाएगी। यह जानकारी सदस्य के पंजीकृत मोबाइल टेलीफोन पर व्हाट्सएप के माध्यम से या व्यक्तिगत रूप से भी दी जा सकती है। सूचना के बाद 10 दिनों में होगी बैठक इसके अलावा, इसकी सूचना संबंधित खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी, उपमंडल अधिकारी (नागरिक) तथा उपायुक्त कार्यालयों के सूचना पट्टों पर लगाई जाएगी। सूचना जारी होने के बाद कम से कम दस दिनों में बैठक बुलाई जाएगी। संबंधित प्राधिकारी द्वारा जिस पद के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है उसकी घोषणा की जाएगी और निर्धारित गुप्त वोटिंग स्लीप उपस्थित प्रत्येक सदस्य को जारी की जाएगी। वोटिंग के अगले दिन खुलेगा बैलेट बॉक्स मतदान से पहले रिटर्निंग अधिकारी व पीठासीन अधिकारी सदस्यों को वोटिंग प्रक्रिया के संबंध में समझाएंगे। वोटिंग खत्म होने के तुरंत बाद संबंधित प्राधिकारी कल सदस्यों की उपस्थिति में बैलेट बॉक्स खोलेगा और गुप्त वोटिंग स्लिप की गिनती करेगा। पंचायत समितियों के चेयरमैन व वाइस चेयरमैन के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव हरियाणा पंचायती राज अधिनियम 1994 की धारा 62 तथा जिला परिषदों के अध्यक्ष व उपाध्यक्षों के विरुद्ध धारा 123 के तहत अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है। बैठक की प्रक्रिया पूरी होने की जानकारी उसी दिन हरियाणा राज्य चुनाव आयोग को भेजनी होगी। इसके अलावा, संबंधित प्रचार समिति या जिला परिषद के पट्ट पर भी प्रदर्शित करनी हरियाणा राज्य चुनाव आयोग ने राज्य में पंचायत समितियों के चेयरमैन व वायस चेयरमैन तथा जिला परिषदों के अध्यक्ष व उपाध्यक्षों के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाने के संबंध में स्पष्ट किया है कि बेलेट बॉक्स के उपयोग से ही गुप्त वोटिंग प्रक्रिया पूरी की जाएगी। संबंधित पंचायत समिति या जिला परिषद के किसी जनप्रतिनिधि द्वारा अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया जाता है, तो चुने हुए सभी सदस्यों को पंजीकृत डाक के माध्यम से जानकारी दी जाएगी। यह जानकारी सदस्य के पंजीकृत मोबाइल टेलीफोन पर व्हाट्सएप के माध्यम से या व्यक्तिगत रूप से भी दी जा सकती है। सूचना के बाद 10 दिनों में होगी बैठक इसके अलावा, इसकी सूचना संबंधित खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी, उपमंडल अधिकारी (नागरिक) तथा उपायुक्त कार्यालयों के सूचना पट्टों पर लगाई जाएगी। सूचना जारी होने के बाद कम से कम दस दिनों में बैठक बुलाई जाएगी। संबंधित प्राधिकारी द्वारा जिस पद के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है उसकी घोषणा की जाएगी और निर्धारित गुप्त वोटिंग स्लीप उपस्थित प्रत्येक सदस्य को जारी की जाएगी। वोटिंग के अगले दिन खुलेगा बैलेट बॉक्स मतदान से पहले रिटर्निंग अधिकारी व पीठासीन अधिकारी सदस्यों को वोटिंग प्रक्रिया के संबंध में समझाएंगे। वोटिंग खत्म होने के तुरंत बाद संबंधित प्राधिकारी कल सदस्यों की उपस्थिति में बैलेट बॉक्स खोलेगा और गुप्त वोटिंग स्लिप की गिनती करेगा। पंचायत समितियों के चेयरमैन व वाइस चेयरमैन के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव हरियाणा पंचायती राज अधिनियम 1994 की धारा 62 तथा जिला परिषदों के अध्यक्ष व उपाध्यक्षों के विरुद्ध धारा 123 के तहत अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है। बैठक की प्रक्रिया पूरी होने की जानकारी उसी दिन हरियाणा राज्य चुनाव आयोग को भेजनी होगी। इसके अलावा, संबंधित प्रचार समिति या जिला परिषद के पट्ट पर भी प्रदर्शित करनी हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में BJP चेयरपर्सन की कुर्सी का फैसला आज:अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होगी, पार्षद बेटे का अपहरण होने के बाद बढ़ा विवाद
हरियाणा में BJP चेयरपर्सन की कुर्सी का फैसला आज:अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होगी, पार्षद बेटे का अपहरण होने के बाद बढ़ा विवाद हरियाणा के रोहतक में जिला परिषद की चेयरपर्सन की कुर्सी का फैसला आज (23 अक्टूबर) होगा। जिसके लिए अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होगी। इससे पहले जिला परिषद के पार्षद के बेटे के अपहरण से विवाद खड़ा हो गया है। पार्षद के बेटे के अपहरण का आरोप जिला परिषद की चेयरपर्सन मंजू हुड्डा व उनके पति राजेश सरकारी पर है। करीब 2 साल पहले रोहतक जिला परिषद का चुनाव हुआ था। जिसमें पहली बार जीतकर आई मंजू हुड्डा को चेयरपर्सन बनाया गया था। वहीं चेयरपर्सन बनने के बाद उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया। वहीं अब पार्षदों द्वारा अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए DC को शिकायत दी गई थी। जिसके बाद DC ने अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग के लिए 23 अक्टूबर की तारिख निर्धारित की। अविश्वास प्रस्ताव को पास करवाने के लिए रोहतक जिला परिषद के 14 पार्षदों में से 10 पार्षदों को मंजू हुड्डा को हटाने के लिए वोट करना होगा। नियम अनुसार 2 तिहाई पार्षदों की वोटिंग होनी चाहिए। इस बीच अविश्वास प्रस्ताव के लिए DC को ज्ञापन सौंपने वाले 10 पार्षदों में से 5 पार्षदों को डिबार रखा गया है, यानी पांचों पार्षद अविश्वास प्रस्ताव की मीटिंग में भाग नहीं ले पाएंगे। ऐसे में ये पांच पार्षद अविश्वास प्रस्ताव की मीटिंग से बाहर रहते हैं तो कुल 9 पार्षद (चेयरपर्सन मंजू हुड्डा सहित) बचेंगे। ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त
जिला परिषद अध्यक्ष के विरुद्ध प्रस्तावित अविश्वास प्रस्ताव को होने वाली बैठक के दौरान कानून और शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए DC अजय कुमार ने नायब तहसीलदार अंकित कुमार को ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किया है। अजय कुमार द्वारा जारी किए गए आदेश अनुसार जिला विकास भवन में स्थित डीआरडीए हाल में 11 बजे बैठक आयोजित की जाएगी। जिसमें जिला परिषद के सदस्य भाग लेंगे और उनकी वोटिंग करवाई जाएगी। मंजू हुड्डा पर गिरफ्तार की भी तलवार
मंजू हुड्डा पर दोहरी तलवार लटक गई है। महिला पार्षद के बेटे के किडनैपिंग केस में मंजू हुड्डा और उनके गैंगस्टर रहे पति राजेश सरकारी पर मामला दर्ज होने के बाद उनकी गिरफ्तारी हो सकती है।मंजू हुड्डा ने इसी महीने हुए विधानसभा चुनाव में गढ़ी सांपला किलोई सीट पर भाजपा के टिकट पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के सामने चुनाव लड़ा था। वह चुनाव हार गई थीं। गैर जमानती धाराओं के तहत केस दर्ज
रोहतक बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एडवोकेट अरविंद श्योराण का कहना है कि बच्चे के अपहरण मामले में जो धाराएं लगाई गई हैं, वे गैर जमानती हैं। इन धाराओं में जमानत का कोई प्रावधान नहीं है। गिरफ्तार करना पुलिस के हाथ में होता है कि वह नामजद आरोपियों को कब तक गिरफ्तार करते हैं। उधर, DSP रजनीश ने बताया कि पुलिस इस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है। जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उनके आधार पर आगामी कार्रवाई की जाएगी। चेयरपर्सन बोलीं- मेरा अपहरण से कुछ लेना-देना नहीं
खुद पर लगे आरोपों पर चेयरपर्सन मंजू हुड्डा ने वीडियो जारी कर कहा- मेरे पास सुबह से कई फोन आए। हमारी पार्षद नीलम के बेटे का किसी ने अपहरण किया है। इसमें मेरे ऊपर आरोप लगाए गए, जिसमें मेरा कोई लेना-देना नहीं है। मैने अभी-अभी विधानसभा का चुनाव लड़ा है और चुनाव इतना शांतिपूर्वक ढंग से लड़ा है कि किसी से भी ऊंची आवाज में बात नहीं की। मैं इन सभी चीजों में विश्वास नहीं करती। मैं लोकतंत्र में विश्वास करती हूं। जो सरकार ने मेरी जिम्मेवारी लगा रखी है, उसके तहत जनता की सेवा करना चाहती हूं। ये सारी बातें झूठी हैं। राजेश सरकारी बोले- हमारे खिलाफ साजिश
मंजू हुड्डा के पति राजेश सरकारी ने भी वीडियो जारी कर कहा- इस पूरे मामले से उनका और उनके परिवार का कोई लेना देना नहीं है। ये सब राजनीतिक साजिश के तहत किया जा रहा है। ये सब हमें बदनाम करने के लिए है। हमने अभी-अभी विधानसभा चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से लड़ा, जिसमें हमने किसी से ऊंची आवाज में भी बात नहीं की। हम लगातार जनता कि सेवा कर रहे हैं और करते रहेंगे। ये साजिश हमारे कामों को प्रभावित करने के लिए है। अब पढ़िए पूरा मामला… घूमने निकला था युवक, कार सवारों ने अपहरण किया
इस्माईला गांव के रहने वाले जगबीर खत्री ने बताया कि उसकी पत्नी नीलम जिला पार्षद है। 10वीं क्लास में पढ़ने वाला उसका 15 वर्षीय बेटा धैर्य सोमवार (21 अक्टूबर) सुबह घर से बाहर घूमने के लिए निकला था। इसी दौरान गाड़ी सवार लोगों ने धैर्य का जबरन हथियार के बल पर अपहरण कर लिया और अपनी गाड़ी में लेकर चले गए। कुछ टाइम बाद उनका बेटा दिल्ली रोड पर ढाबे पर सकुशल मिल गया। जगबीर ने आरोप लगाया कि यह किडनैपिंग मंजू हुड्डा और उनके पति राजेश सरकारी ने कराई है। वह 23 अक्टूबर को आने वाले अविश्वास प्रस्ताव को प्रभावित करना चाहते हैं। धैर्य बोला- बाइक को टक्कर मारी
धैर्य ने बताया कि पहले उसकी बाइक को टक्कर मारी और फिर उसे गाड़ी में ले गए। कार सवार 5 लोग थे। पहले उसे मिलन ढाबे पर ले जाया गया। इसके बाद सुनारिया साइड ले गए। वहां उन्होंने गाड़ी एक्सचेंज की। कार सवार कह रहे थे कि अपने पापा को समझा ले, नहीं तो परसों इलेक्शन के बाद देख लेंगे। इसके बाद उसे मिलन ढाबे पर ही छोड़कर चले गए।
पानीपत पहुंचे एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया के राष्टीय अध्यक्ष:वीरेश शांडिल्य बोले- खालिस्तानी अमृतपाल को नहीं लेने देंगे शपथ, चुनाव आयोग को देंगे ज्ञापन
पानीपत पहुंचे एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया के राष्टीय अध्यक्ष:वीरेश शांडिल्य बोले- खालिस्तानी अमृतपाल को नहीं लेने देंगे शपथ, चुनाव आयोग को देंगे ज्ञापन एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया के राष्टीय अध्यक्ष एवं विश्व हिन्दू तख्त के अंतर्राष्ट्रीय प्रमुख वीरेश शांडिल्य शनिवार को पानीपत पहुंचे। शांडिल्य ने मदन भारद्वाज को विश्व हिन्दू तख्त का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया। वीरेश शांडिल्य ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि यदि केंद्र सरकार ने या लोकसभा स्पीकर ने खालिस्तानी और आईएसआई के एजेंट अमृतपाल सिंह को लोकसभा सदस्य के रूप में शपथ दिलाई तो उनका संगठन केंद्र सरकार का विरोध करेगा। शांडिल्य ने घोषणा की कि यदि अमृतपाल सिंह डिबरूगढ़ जेल से दिल्ली शपथ लेने आएगा तो एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया के सदस्य उसे काले झंडे दिखाएंगे व उसके खिलाफ प्रदर्शन करेंगे। यदि अमृतपाल सिंह को किसी अदालत ने भी लोकसभा सदस्यता की शपथ के लिए इजाजत दी तो वह उस राज्य के हाईकोर्ट में उस आदेश को एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया की तरफ से चुनौती देंगे। अमृतपाल के खिलाफ प्रदर्शन को लेकर वह दिल्ली संसद भवन का मुआयना भी कर चुके है। वीरेश शांडिल्य ने कहा कि अमृतपाल सिंह को वोट देने वाले कट्टरपंथी हैं। जो पंजाब में खालिस्तान चाहते हैं। लेकिन किसी कीमत पर भी पंजाब में खालिस्तानी मुहिम को सिर उठाने नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि 2022 में सबसे पहले उनके संगठन एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया ने पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित को ज्ञापन देकर अमृतपाल सिंह को आईएसआई का एजेंट बताया था और उसे देशद्रोह में गिरफ्तार करने की मांग की थी। लगातार पंजाब में अमृतपाल सिंह के खिलाफ पंजाब में प्रदर्शन किए थे। वीरेश शांडिल्य ने कहा कि संविधान को, तिरंगे को, कानून को चेतावनी देने वाला भले ही अमृतपाल सांसद बन गया लेकिन उस खालिस्तानी को जो पंजाब में फिर जरनैल सिंह भिंडरावाला की तरह तबाही मचाना चाहता था उसे लोकसभा सदस्य के रूप में एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया शपथ नहीं लेने देगी। इसके लिए चाहे उन्हें सड़कों पर उतरना पड़ा या अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़े। वे पीछे नहीं हटेंगे। केंद्रीय चुनाव आयोग को सौंपेंगे ज्ञापन वीरेश शांडिल्य ने कहा कि वे पिछले 25 साल से पाकिस्तानी आतंकवाद, बब्बर खालसा के आतंकवादियों सहित जरनैल सिंह भिंडरावाला के साहित्य व खालिस्तानी मुहिम का हाईकोर्ट से लेकर सड़कों तक विरोध कर रहे हैं। शांडिल्य ने चुनाव आयोग से मांग की कि एनएसए के तहत जेल में बंद आतंकी अमृतपाल के साथी पंजाब में उप चुनाव लड़ने का एलान कर चुके है। ऐसे आतंकी विचारधारा के देशद्रोहियों को किसी कीमत पर चुनाव लड़ने की इजाजत ना दी जाए। उन्होंने कहा इसके लिए वह केंद्रीय चुनाव आयुक्त को ज्ञापन भी सौंपेंगे। अमृतपाल संसद की दहलीज पर मत्था टेककर मांगे माफी वीरेश शांडिल्य ने कहा कि यदि अमृतपाल सिंह लोकसभा की सदस्यता लेना चाहता है तो वह भारतीय संसद की दहलीज पर माथा टेक कर माफी मांगे और कहे कि उसे तिरंगा व संविधान प्यारा है। अमृतपाल सिंह कभी जीवन में जरनैल सिंह भिंडरावाला या खालिस्तानी मुहिम नहीं चलाएगा। तो उनका संगठन अमृतपाल सिंह का सम्मान खुद करेगा।
हरियाणा की बागड़-बांगर बेल्ट साधेंगे राहुल गांधी:घोड़ेला के समर्थन में 26 को बरवाला में करेंगे रैली, 30 विधानसभा तक पहुंचेंगे
हरियाणा की बागड़-बांगर बेल्ट साधेंगे राहुल गांधी:घोड़ेला के समर्थन में 26 को बरवाला में करेंगे रैली, 30 विधानसभा तक पहुंचेंगे हरियाणा विधानसभा चुनाव में राहुल गांधी जल्द प्रचार में उतरेंगे। कांग्रेस के स्टार प्रचारक राहुल गांधी का फोकस हरियाणा की बागड़ और बांगर बेल्ट पर रहने वाला है। राहुल गांधी की जींद, कैथल के अलावा भिवानी, सिरसा, हिसार, फतेहाबाद बांगड बेल्ट में चुनावी रैली होगी। इन रैलियों के जरिए राहुल गांधी कांग्रेस के पक्ष में माहौल बनाएंगे। राहुल गांधी 26 को बरवाला विधानसभा से हिसार जिले की 7 सीटों को साधेंगे। यहां कांग्रेस प्रत्याशी रामनिवास घोड़ेला को मजबूत बनाने के लिए प्रचार करेंगे साथ ही हिसार, उकलाना, नारनौंद, हांसी, नलवा और आदमपुर से भी प्रत्याशी राहुल गांधी के मंच पर साथ रहेंगे। बरवाला सीट भाजपा कभी नहीं जीत सकी है ऐसे में राहुल गांधी ने स्पेशल बरवाला सीट का ही चुनाव किया है। 2019 में कांग्रेस हिसार की 7 विधानसभा में एक आदमपुर जीत पाई थी। कुलदीप बिश्नोई के भाजपा में शामिल होने के बाद यह सीट पर कांग्रेस से छिन गई। हालांकि 2024 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने हिसार लोकसभा जीती थी। तीन लालों की धरती है बागड़ बेल्ट
बागड़ बेल्ट पर चौधरी ओम प्रकाश चौटाला, चौधरी बंसीलाल और भजनलाल परिवार का दबदबा रहा है। मौजूदा स्थिति में भजनलाल परिवार से कुलदीप बिश्नोई, बंसीलाल परिवार से किरण चौधरी और चौटाला परिवार से अजय और अभय राजनीतिक विरासत संभाले हुए हैं। राजनीतिक दृष्टि से यह बेल्ट प्रदेश की सबसे मजबूत रही है और ताऊ देवीलाल समेत इस धरती ने 4 मुख्यमंत्री दिए हैं। राजस्थान और पंजाब से सटे होने के चलते यहां पर बागड़ी और पंजाबी दोनों ही भाषाएं बोली जाती हैं। बागड़ बेल्ट में चरखी दादरी, भिवानी, सिरसा, हिसार और फतेहाबाद जिले की 21 विधानसभाएं आती हैं। बांगर बेल्ट में बीरेंद्र सिंह और सुरजेवाला की साख दाव पर उचाना को बांगर की राजधानी कहा जाता है। अक्खड़पन और बेबाकी के लिए यह धरती जानी जाती है। अधिकतर सरकारों में बांगर की हिस्सेदारी रही, लेकिन विकास की कमी है। यहां से कोई नेता प्रदेश का मुखिया नहीं बन सका। सिर्फ ओमप्रकाश चौटाला नरवाना से विधायक होते हुए सीएम बने थे, लेकिन उनका मुख्य क्षेत्र सिरसा रहा है। बीरेंद्र सिंह और रणदीप सुरजेवाला इस क्षेत्र के दो बड़े चेहरे हैं, लेकिन प्रदेश का मुखिया नहीं बन सके हैं। इन चुनाव में दोनों की साख दाव पर है। बांगर बेल्ट में जुलाना, सफीदों, जींद, उचाना कलां और नरवाना वहीं कैथल की गुहला, कलायत, कैथल, पुंडरी सीटें आती हैं।