हरियाणा में मानसून कल तक यानी 7 सितंबर तक एक्टिव रहेगा। इसको देखते हुए मौसम विभाग ने हरियाणा के करनाल, पानीपत और सोनीपत में कई स्थानों पर हैवी रेन का अलर्ट जारी किया है। 24 घंटे बारिश की स्थिति देखें तो सबसे ज्यादा बारिश हिसार में हुई है। यहां 31 एमएम तक बारिश रिकॉर्ड की गई है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि मानसून ट्रफ उत्तर की तरफ सामान्य स्थिति में आने से मानसूनी बारिश की गतिविधियों में पिछले 3 दिनों से लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। भारत मौसम विज्ञान विभाग के दर्ज आंकड़ों के अनुसार 1 जून से लेकर 5 सितंबर के दौरान हरियाणा राज्य में 332.1 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है, जो सामान्य से 374.3 मिली मीटर से अब तक 11% कम हुई है। अब तक के आंकड़ों के अध्ययन से पता चलता है कि राज्य के 14 जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई है। आगे कैसा रहेगा मौसम मानसून ट्रफ की अक्षय रेखा सामान्य स्थिति उत्तर की तरफ बने रहने से मानसून में सक्रियता अगले दो दिनों 7 सितंबर तक बने रहने से राज्य के ज्यादातर स्थानों पर 6 और 7 सितंबर को हल्की बारिश की संभावना है। 8 सितंबर से मानसून की सक्रियता में थोड़ी कमी आने की संभावना से 8 सितंबर से 12 सितंबर के दौरान राज्य के उत्तरी व दक्षिणी जिलों में मौसम परिवर्तनशील तथा कहीं कहीं हल्की बारिश की ही संभावना है। पश्चिमी हरियाणा में आंशिक बादलवाई व कुछ स्थानों पर छिटपुट बूंदाबांदी की संभावना है। जिससे दिन के तापमान में हल्की बढ़ोतरी होने तथा वातावरण में नमी कम हो जाने की संभावना है। जुलाई में कम हुई बरसात हरियाणा में जुलाई में इस बार 5 सालों में सबसे कम बारिश हुई है। आंकड़ों को देखे तो 2018 में 549 एमएम बारिश हुई थी। 2019 में 244.8, 2020 में 440.6, 2021 में 668.1, 2022 में 472, 2023 में 390 और 2024 में 97.9 एमएम ही बारिश रिकॉर्ड की गई है। कम बारिश होने के कारण सूबे के धान पैदावार करने वाले किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्हें ट्यूबवेल से सिंचाई करनी पड़ रही है। हरियाणा में मानसून कल तक यानी 7 सितंबर तक एक्टिव रहेगा। इसको देखते हुए मौसम विभाग ने हरियाणा के करनाल, पानीपत और सोनीपत में कई स्थानों पर हैवी रेन का अलर्ट जारी किया है। 24 घंटे बारिश की स्थिति देखें तो सबसे ज्यादा बारिश हिसार में हुई है। यहां 31 एमएम तक बारिश रिकॉर्ड की गई है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि मानसून ट्रफ उत्तर की तरफ सामान्य स्थिति में आने से मानसूनी बारिश की गतिविधियों में पिछले 3 दिनों से लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। भारत मौसम विज्ञान विभाग के दर्ज आंकड़ों के अनुसार 1 जून से लेकर 5 सितंबर के दौरान हरियाणा राज्य में 332.1 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है, जो सामान्य से 374.3 मिली मीटर से अब तक 11% कम हुई है। अब तक के आंकड़ों के अध्ययन से पता चलता है कि राज्य के 14 जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई है। आगे कैसा रहेगा मौसम मानसून ट्रफ की अक्षय रेखा सामान्य स्थिति उत्तर की तरफ बने रहने से मानसून में सक्रियता अगले दो दिनों 7 सितंबर तक बने रहने से राज्य के ज्यादातर स्थानों पर 6 और 7 सितंबर को हल्की बारिश की संभावना है। 8 सितंबर से मानसून की सक्रियता में थोड़ी कमी आने की संभावना से 8 सितंबर से 12 सितंबर के दौरान राज्य के उत्तरी व दक्षिणी जिलों में मौसम परिवर्तनशील तथा कहीं कहीं हल्की बारिश की ही संभावना है। पश्चिमी हरियाणा में आंशिक बादलवाई व कुछ स्थानों पर छिटपुट बूंदाबांदी की संभावना है। जिससे दिन के तापमान में हल्की बढ़ोतरी होने तथा वातावरण में नमी कम हो जाने की संभावना है। जुलाई में कम हुई बरसात हरियाणा में जुलाई में इस बार 5 सालों में सबसे कम बारिश हुई है। आंकड़ों को देखे तो 2018 में 549 एमएम बारिश हुई थी। 2019 में 244.8, 2020 में 440.6, 2021 में 668.1, 2022 में 472, 2023 में 390 और 2024 में 97.9 एमएम ही बारिश रिकॉर्ड की गई है। कम बारिश होने के कारण सूबे के धान पैदावार करने वाले किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्हें ट्यूबवेल से सिंचाई करनी पड़ रही है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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नूह में राज्य मंत्री संजय सिंह करेंगे ध्वजारोहण:स्कूली बच्चों द्वारा किए जाएंगे सांस्कृतिक कार्यक्रम, पुलिस सुरक्षा के कड़े इंतजाम हरियाणा के नूंह में जिला स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह नई अनाज मंडी में ही भव्य व शानदार ढंग से मनाया जाएगा। जिसमें प्रदेश के पर्यावरण, वन एवं वन्य जीव मंत्री संजय सिंह मुख्य अतिथि होंगे। उपायुक्त धीरेंद्र खड़गटा ने कहा कि जिला प्रशासन के सभी विभागों ने इस समारोह के आयोजन के संबंधी सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। स्वतंत्रता दिवस एक राष्ट्रीय पर्व है, और राष्ट्रीय पर्व को जिला स्तर पर बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। राष्ट्रीय धुन पर ध्वजारोहण होगा उपायुक्त ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस समारोह में जिले के विभिन्न स्कूली बच्चों द्वारा देशभक्ति से सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से भारत की अनेकता में एकता की झलक प्रस्तुत की जाएगी। उन्होंने बताया कि 15 अगस्त को समारोह में मुख्य अतिथि का आगमन प्रात: 9 बजकर 55 मिनट पर होगा। इससे पहले वे शहीदी स्मारक पर जाकर शहीदों को नमन कर पुष्पांजलि अर्पित करेंगे। इसके बाद राष्ट्रीय धुन पर ध्वजारोहण होगा।
हरियाणा में शहरी एरिया में पकड़ बढ़ा रही BJP:निकाय चुनाव में नए चेहरों पर दांव लगाएगी, कांग्रेस की मदद करने वालों के टिकट कटेंगे
हरियाणा में शहरी एरिया में पकड़ बढ़ा रही BJP:निकाय चुनाव में नए चेहरों पर दांव लगाएगी, कांग्रेस की मदद करने वालों के टिकट कटेंगे हरियाणा विधानसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने वाली भाजपा अब सभी निगमों में भी बहुमत हासिल करने की कवायद में जुट गई है। वहीं, हार से बैकफुट पर चल रही कांग्रेस तो इस बार भी निर्दलियों को ही समर्थन देने के पक्ष में नजर आ रही है, क्योंकि पार्टी की तरफ से अब तक चुनाव को लेकर कोई तैयारी नहीं दिख रही। इधर, भाजपा पूरे हरियाणा में सदस्यता अभियान चला रही है, जिससे बूथ स्तर पर पार्टी से बड़ी संख्या में लोगों को जोड़ा जा सके। भाजपा का अभियान शहरों में ही ज्यादा एक्टिव नजर आ रहा है। इससे माना जा रहा है कि भाजपा आगामी निगम चुनावों के लिए ही तैयारी कर रही है। हरियाणा चुनाव में कांग्रेस की मदद करने वाले चेहरों के टिकट कटेंगे
शहरों में सरकार बनाने के लिए BJP विधानसभा चुनाव की तरह ही नए चेहरों पर दांव खेलने की तैयारी कर रही है। इसके साथ ही विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की मदद करने वाले पार्षदों की लिस्ट तैयार की जा रही है। इसे लेकर केंद्रीय नेतृत्व से भी मंजूरी मिल चुकी है। 10 नगर निगमों के चुनाव लंबित
विधानसभा चुनाव में अंबाला मेयर शक्ति रानी शर्मा और सोनीपत के मेयर निखिल मदान भाजपा की टिकट पर विधानसभा चुनाव जीतकर विधायक बन गए हैं। अब इनके समेत हरियाणा की 10 नगर निगमों के चुनाव लंबित हो गए हैं। सिर्फ पंचकूला नगर निगम ही है, जहां अभी मेयर है, जिसका कार्यकाल जनवरी 2026 तक बाकी है। इनके अलावा यमुनानगर, करनाल, पानीपत, रोहतक, हिसार, गुरुग्राम, फरीदाबाद में भी कार्यकाल पूरा हो चुका है। अभी वहां की व्यवस्था प्रशासनिक अधिकारी संभाल रहे हैं। कई निगमों के चुनाव तो दो-दो साल से लंबित हैं। मानेसर नगर निगम गठित होने के बाद वहां अभी तक चुनाव ही नहीं हुए। 6 महीने में करवाने होते हैं चुनाव
किसी भी इकाई का कार्यकाल खत्म होने के बाद 6 महीने के भीतर उसका गठन करवाना होता है। फिर वह चाहे स्थानीय निकाय हो या फिर विधानसभा, लेकिन यहां कई महीने गुजर जाने पर भी स्थानीय निकाय के चुनाव नहीं करवाए जा रहे हैं, जोकि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का भी उल्लंघन है। बागियों को सबक सिखाने के लिए नए चेहरों पर दांव लगाएगी भाजपा
इधर, भाजपा ने निकाय चुनावों में विधानसभा चुनाव के दौरान पाला बदलने वाले पार्षदों को सबक सिखाने की योजना बनाई है। उन्हें टिकट नहीं दिए जाएंगे। पार्टी नए चेहरों पर दांव लगाएगी। इसके लिए पार्टी जिला अध्यक्षों को जिम्मेदारी दी गई। उन्हें सक्रिय कार्यकर्ताओं की लिस्ट तैयार करने के लिए भी कहा गया है। हो सकता है कि इनमें से ही पार्षद उम्मीदवार चुने जाएं। शहरी वोटरों पर भाजपा का फोकस
चुनाव की चर्चा के बीच भाजपा ने शहरी वोटरों पर फोकस किया है। CM नायब सैनी ने दिल्ली दौरे से आते ही सबसे पहले निकाय विभाग की मीटिंग बुलाई थी। इसके साथ ही सभी जिलों में समाधान शिविर शुरू करने के आदेश जारी कर दिए थे। वहीं, इस समय पार्टी की तरफ से बड़े स्तर पर सभी शहरों में सदस्यता अभियान भी चलाए जा रहे हैं, जोकि चुनावी अभियान का ही हिस्सा बताया जा रहा है। भाजपा सरकार की ओर से अब चुनाव करवाने के 3 कारण… 1. विधानसभा चुनाव की जीत का मिलेगा फायदा
हरियाणा में विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिली जीत का फायदा होगा। 2019 में 40 सीटों के मुकाबले इस बार बीजेपी ने रिकॉर्ड 48 सीटों पर जीत पर दर्ज की है। यह दूसरा मौका है, जब BJP ने 2014 के बाद पूर्ण बहुमत से सरकार बनाई है। यदि अब निकाय चुनाव होते हैं और उनमें पार्टी को लाभ मिल सकता है। 2. चेहरे बदलने का विधानसभा चुनाव में दिखा फायदा
भाजपा ने हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले कई सीटों पर चेहरे बदले थे। इनमें से अधिकतर प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की थी। इसी फॉर्मूले को भाजपा निकाय चुनाव में भी अपनाना चाहती है। इससे अधिकतर सीटें जीतने में मदद मिल सकती है। 3. शहरी वोटरों पर BJP की अच्छी पकड़
एक वजह यह भी है कि हरियाणा के शहरी क्षेत्रों में BJP की कांग्रेस के मुकाबले अच्छी पकड़ है। लोकसभा चुनाव में 5 सीटों पर मिली हार के बाद भी भाजपा को शहरी सीटों पर कांग्रेस के मुकाबले ज्यादा जीत मिली थी। विधानसभा चुनाव में भी BJP का शहरी सीटों पर अच्छा प्रदर्शन रहा। दोनों चुनाव के आंकड़ों को देखते हुए निकाय चुनाव में BJP इसे फायदे के रूप में देख रही है। कांग्रेस अभी कुछ भी तय नहीं कर पा रही
इधर, कांग्रेस की स्थिति नाजुक बनी हुई है। पिछली बार के निगम चुनाव से भी कांग्रेस दूर रही थी। इस बार भी ऐसा लग रहा है कि पार्टी निर्दलीय उम्मीदवारों को समर्थन देकर निगम चुनाव की औपचारिकता निभाने की तैयारी में है। अभी कांग्रेस की जो स्थिति है, इसमें पार्टी किसी भी तरह के चुनाव के लिए तैयार नजर नहीं आ रही है।
विनेश फोगाट का पीटी उषा पर आरोप:बोली- पेरिस अस्पताल में फोटो खिंचवाने आईं थीं; हालचाल भी नहीं पूछा, दुनिया को दिखाने के लिए रचा खेल
विनेश फोगाट का पीटी उषा पर आरोप:बोली- पेरिस अस्पताल में फोटो खिंचवाने आईं थीं; हालचाल भी नहीं पूछा, दुनिया को दिखाने के लिए रचा खेल देश की धाकड़ पहलवान विनेश फोगाट ने इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन की प्रेजिडेंट पीटी उषा पर बड़ा आरोप लगाया है। महज 100 ग्राम ज्यादा होने की वजह फाइनल मुकाबले में डिस्क्वालीफाई हुईं विनेश के पेरिस अस्पताल में भर्ती होने पर मिलने के लिए पीटी उषा वहां मिलने पहुंची थी। इसके बाद उनकी सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म पर फोटो जारी हुई थी। जिसमें वह अस्पताल में भर्ती विनेश के बेड के पास खड़ी दिखाई दे रही थी। इस फोटो के साथ देश-विदेश में मैसेज गया था कि पीटी उषा अस्पताल में विनेश से मिलने पहुंची और वहां उनका हालचाल जानकर हर संभव सहयोग की बात कही थी। विनेश ने अब पीटी उषा पर आरोप लगाते हुए कहा कि, मैं हॉस्पिटल में थी तब पीटी उषा मैम आई थीं। उन्होंने एक फोटो क्लिक करवाई, लेकिन कोई बात नहीं की। मुझे तो नहीं पता कि मुझे क्या सपोर्ट मिला। वहां पर भी राजनीति हुई। हर जगह राजनीति है। आपने बिना बताए फोटो क्लिक और सिर्फ दुनिया को दिखाने के लिए यह सब किया। 100 ग्राम ज्यादा वजन पर हुई थी डिस्क्वालीफाई बता दें कि, विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया ने हाल ही में कांग्रेस पार्टी जॉइन की है। विनेश जुलाना विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रही हैं, लेकिन बजरंग को टिकट नहीं दिया गया है। ये दोनों ही जतंर-मंतर पर धरने के बाद काफी चर्चा में आए थे। विनेश और बजरंग के साथ-साथ साक्षी मलिक ने भी बृजभूषण सिंह पर गंभीर आरोप लगाए थे। विनेश ने अब पीटी उषा के साथ फोटो का राज खोलते हुए उन पर दिखावे का आरोप लगाया है। दरअसल, पेरिस ओलिंपिक में विनेश फोगाट मेडल जीतने से चूक गई थीं। उन्होंने सिल्वर मेडल पक्का कर लिया था। लेकिन गोल्ड मेडल के मैच से ठीक पहले उनका वजन 100 ग्राम ज्यादा पाया गया। विनेश ओवरवेट होने की वजह से डिसक्वालीफाई हो गईं। इसके बाद उन्होंने मेडल के लिए अपील भी की थी। लेकिन अपील भी खारिज हो गई। विनेश इस मामले के बाद बुरी तरह टूट गई थीं। भारतीय ओलिंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी उषा, विनेश से मिलने पहुंची थीं। इन दोनों की फोटो सोशल मीडिया पर दिखी थी।