हरियाणा विधानसभा चुनाव में मिली हार को लेकर कांग्रेस का दिल्ली में तीसरी बार मंथन होगा। इसको लेकर केंद्रीय स्तर पर बनाई गई कमेटी की मीटिंग बुलाई गई है। इस मीटिंग में चुनाव के बाद पहली बार कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया भी शामिल होने के लिए कांग्रेस मुख्यालय पहुंच गए हैं। दीपक बाबरिया ने बताया कि अब उनका स्वास्थ्य ठीक है। बीमार होने के कारण वह अभी तक की हुई मीटिंगों में शामिल नहीं हो पाए थे। चुनावी नतीजे के बाद कांग्रेस के नेताओं के साथ पहली बार दीपक बाबरिया का आमना सामना होगा। इस मीटिंग में बीजेपी के द्वारा हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बटोगे तो कटोगे सहित चार प्रमुख एजेंडों पर चर्चा की जाएगी। भाटिया बोले- कई मुद्दों पर होगी चर्चा हार के कारणों को रिव्यू करने के लिए बनी कमेटी के कन्वीनर केसी भाटिया भी मीटिंग में शामिल होने के लिए दिल्ली पहुंचे हैं। मीटिंग से पहले उन्होंने बताया, आज की मीटिंग में लीगल तरीके से जो हमने कोर्ट 16 याचिकाएं डाली हैं, उनको लेकर चर्चा होगी। इसके अलावा मीटिंग में बातचीत में मुख्य मुद्दे, धर्म के नाम पर वोट, बाटोगे तो कटोगे, जरूरत से ज्यादा इलेक्शन में पैसा खर्च करना, EVM में 99% बैटरी रहेंगे। हरियाणा कांग्रेस सह प्रभारी जितेंद्र बघेल ने मीटिंग से पहले कहा, कांग्रेस के संगठन और नेताओं में अनबन की गलत खबर फैलाई जाती है। CWC मीटिंग में भी हो चुकी हरियाणा हार पर चर्चा दिल्ली में शुक्रवार (29 नवंबर) को कांग्रेस की वर्किंग कमेटी की मीटिंग हुई थी। इसमें हरियाणा में पार्टी की हार को लेकर भी मंथन किया गया था। इसमें पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बताया आपसी एकता की कमी और एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी हमें काफी नुकसान पहुंचाती है। उन्होंने संगठन मजबूती, अनुशासन और एकता के फॉर्मूले पर काम करने के लिए कहा। इस मीटिंग में राहुल गांधी के साथ सिरसा से सांसद कुमारी सैलजा, रोहतक से सांसद दीपेंद्र हुड्डा और राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला समेत अन्य नेता शामिल हुए थे। हरियाणा हार पर अब तक कांग्रेस ये कर चुकी काम 1. तीन सदस्यीय कमेटी का हुआ गठन कांग्रेस हाईकमान ने चुनावों में हार का पता लगाने के लिए भूपेश बघेल की अध्यक्षता में 3 मेंबरी कमेटी का गठन किया हुआ है। इस कमेटी में कांग्रेस कोषाध्यक्ष अजय माकन और हरीश चौधरी बतौर सदस्य शामिल हैं। फैक्ट फाइंडिंग कमेटी हरियाणा के कांग्रेस विधायकों और विधानसभा चुनाव में पराजित उम्मीदवारों के साथ मीटिंग कर चुकी है।इसके बाद 9 दिसंबर को होने वाली बैठक में कमेटी सदस्यों के अलावा कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया, सह प्रभारी जितेंद्र बघेल, प्रदेशाध्यक्ष चौधरी उदयभान व पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी मौजूद रहेंगे। 2. हाईकोर्ट में डाली गई हैं 23 याचिकाएं हरियाणा के चुनावों में EVM में गड़बड़ी, ईवीएम की बैटरी 99 प्रतिशत तक चार्ज रहने, सरकार पर सत्ता का दुरुपयोग करने, पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह व मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी द्वारा चुनावों में नफरती बयानबाजी करने जैसे आरोपों के साथ पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में 23 याचिकाएं दायर की गई हैं। पार्टी प्रदेशाध्यक्ष चौधरी उदयभान सहित पार्टी के 16 उम्मीदवारों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। बाकी याचिकाएं निर्दलीय प्रत्याशियों की ओर से दाखिल की गई हैं। हरियाणा में कांग्रेस की हार के ये 3 कारण सामने आए… 1. बाबरिया न संगठन बना पाए, न गुटबाजी रोकी जून 2023 में शक्ति सिंह गोहिल के गुजरात जाने के बाद दीपक बाबरिया को हरियाणा कांग्रेस का प्रभारी बनाया गया। बाबरिया को राहुल गांधी के किचन कैबिनेट का सदस्य माना जाता है। प्रभारी बनाए जाने के बाद न तो बाबरिया संगठन तैयार कर पाए और न ही गुटबाजी को रोक पाए।साथ ही उन्होंने इसकी जानकारी केंद्रीय नेतृत्व को भी नहीं दी। इसके अलावा चुनाव में टिकट वितरण के दौरान ही वह बीमार होकर अस्पताल में भर्ती हो गए। जिसके बाद न तो दूसरे नेता को जिम्मेदारी दी गई और न ही वह हाईकमान और प्रदेश के नेताओं के बीच तालमेल बना पाए। 2. टिकट वितरण में हुड्डा गुट को तरजीह, AAP से गठबंधन नहीं किया विधानसभा चुनाव में अजय माकन हरियाणा चुनाव में स्क्रीनिंग कमेटी के प्रमुख थे। टिकट वितरण का काम स्क्रीनिंग कमेटी के पास ही रहता है। टिकट वितरण में केवल हुड्डा गुट को ही अहमियत दी गई। 89 में से 72 टिकट तो हुड्डा समर्थकों को दिए गए। इसके बाद सैलजा नाराज होकर चुनाव प्रचार से ही बाहर हो गईं। आम आदमी पार्टी (AAP) से गठबंधन की कवायद शुरू की गई तो अजय माकन और भूपेंद्र हुड्डा इसके खिलाफ थे।3. राहुल के करीबी भी BJP को काउंटर नहीं कर पाए सुनील कानुगोलू हरियाणा में कांग्रेस की राजनीति देख रहे थे। कहा जाता है हरियाणा मांगे हिसाब का रोड मैप भी सुनील की टीम ने ही तैयार किया था। कानुगोलू के सर्वे को आधार बनाकर ही हुड्डा कैंप ने कई बड़े फैसले हाईकमान से करवाए, लेकिन कानुगोलू BJP की रणनीति को समझने में फेल रहे। जमीन पर जिस तरह से BJP ने जाट वर्सेज गैर जाट का फॉर्मूला तैयार किया, उसे भी सुनील की टीम काउंटर नहीं कर पाई। हरियाणा विधानसभा चुनाव में मिली हार को लेकर कांग्रेस का दिल्ली में तीसरी बार मंथन होगा। इसको लेकर केंद्रीय स्तर पर बनाई गई कमेटी की मीटिंग बुलाई गई है। इस मीटिंग में चुनाव के बाद पहली बार कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया भी शामिल होने के लिए कांग्रेस मुख्यालय पहुंच गए हैं। दीपक बाबरिया ने बताया कि अब उनका स्वास्थ्य ठीक है। बीमार होने के कारण वह अभी तक की हुई मीटिंगों में शामिल नहीं हो पाए थे। चुनावी नतीजे के बाद कांग्रेस के नेताओं के साथ पहली बार दीपक बाबरिया का आमना सामना होगा। इस मीटिंग में बीजेपी के द्वारा हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बटोगे तो कटोगे सहित चार प्रमुख एजेंडों पर चर्चा की जाएगी। भाटिया बोले- कई मुद्दों पर होगी चर्चा हार के कारणों को रिव्यू करने के लिए बनी कमेटी के कन्वीनर केसी भाटिया भी मीटिंग में शामिल होने के लिए दिल्ली पहुंचे हैं। मीटिंग से पहले उन्होंने बताया, आज की मीटिंग में लीगल तरीके से जो हमने कोर्ट 16 याचिकाएं डाली हैं, उनको लेकर चर्चा होगी। इसके अलावा मीटिंग में बातचीत में मुख्य मुद्दे, धर्म के नाम पर वोट, बाटोगे तो कटोगे, जरूरत से ज्यादा इलेक्शन में पैसा खर्च करना, EVM में 99% बैटरी रहेंगे। हरियाणा कांग्रेस सह प्रभारी जितेंद्र बघेल ने मीटिंग से पहले कहा, कांग्रेस के संगठन और नेताओं में अनबन की गलत खबर फैलाई जाती है। CWC मीटिंग में भी हो चुकी हरियाणा हार पर चर्चा दिल्ली में शुक्रवार (29 नवंबर) को कांग्रेस की वर्किंग कमेटी की मीटिंग हुई थी। इसमें हरियाणा में पार्टी की हार को लेकर भी मंथन किया गया था। इसमें पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बताया आपसी एकता की कमी और एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी हमें काफी नुकसान पहुंचाती है। उन्होंने संगठन मजबूती, अनुशासन और एकता के फॉर्मूले पर काम करने के लिए कहा। इस मीटिंग में राहुल गांधी के साथ सिरसा से सांसद कुमारी सैलजा, रोहतक से सांसद दीपेंद्र हुड्डा और राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला समेत अन्य नेता शामिल हुए थे। हरियाणा हार पर अब तक कांग्रेस ये कर चुकी काम 1. तीन सदस्यीय कमेटी का हुआ गठन कांग्रेस हाईकमान ने चुनावों में हार का पता लगाने के लिए भूपेश बघेल की अध्यक्षता में 3 मेंबरी कमेटी का गठन किया हुआ है। इस कमेटी में कांग्रेस कोषाध्यक्ष अजय माकन और हरीश चौधरी बतौर सदस्य शामिल हैं। फैक्ट फाइंडिंग कमेटी हरियाणा के कांग्रेस विधायकों और विधानसभा चुनाव में पराजित उम्मीदवारों के साथ मीटिंग कर चुकी है।इसके बाद 9 दिसंबर को होने वाली बैठक में कमेटी सदस्यों के अलावा कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया, सह प्रभारी जितेंद्र बघेल, प्रदेशाध्यक्ष चौधरी उदयभान व पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी मौजूद रहेंगे। 2. हाईकोर्ट में डाली गई हैं 23 याचिकाएं हरियाणा के चुनावों में EVM में गड़बड़ी, ईवीएम की बैटरी 99 प्रतिशत तक चार्ज रहने, सरकार पर सत्ता का दुरुपयोग करने, पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह व मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी द्वारा चुनावों में नफरती बयानबाजी करने जैसे आरोपों के साथ पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में 23 याचिकाएं दायर की गई हैं। पार्टी प्रदेशाध्यक्ष चौधरी उदयभान सहित पार्टी के 16 उम्मीदवारों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। बाकी याचिकाएं निर्दलीय प्रत्याशियों की ओर से दाखिल की गई हैं। हरियाणा में कांग्रेस की हार के ये 3 कारण सामने आए… 1. बाबरिया न संगठन बना पाए, न गुटबाजी रोकी जून 2023 में शक्ति सिंह गोहिल के गुजरात जाने के बाद दीपक बाबरिया को हरियाणा कांग्रेस का प्रभारी बनाया गया। बाबरिया को राहुल गांधी के किचन कैबिनेट का सदस्य माना जाता है। प्रभारी बनाए जाने के बाद न तो बाबरिया संगठन तैयार कर पाए और न ही गुटबाजी को रोक पाए।साथ ही उन्होंने इसकी जानकारी केंद्रीय नेतृत्व को भी नहीं दी। इसके अलावा चुनाव में टिकट वितरण के दौरान ही वह बीमार होकर अस्पताल में भर्ती हो गए। जिसके बाद न तो दूसरे नेता को जिम्मेदारी दी गई और न ही वह हाईकमान और प्रदेश के नेताओं के बीच तालमेल बना पाए। 2. टिकट वितरण में हुड्डा गुट को तरजीह, AAP से गठबंधन नहीं किया विधानसभा चुनाव में अजय माकन हरियाणा चुनाव में स्क्रीनिंग कमेटी के प्रमुख थे। टिकट वितरण का काम स्क्रीनिंग कमेटी के पास ही रहता है। टिकट वितरण में केवल हुड्डा गुट को ही अहमियत दी गई। 89 में से 72 टिकट तो हुड्डा समर्थकों को दिए गए। इसके बाद सैलजा नाराज होकर चुनाव प्रचार से ही बाहर हो गईं। आम आदमी पार्टी (AAP) से गठबंधन की कवायद शुरू की गई तो अजय माकन और भूपेंद्र हुड्डा इसके खिलाफ थे।3. राहुल के करीबी भी BJP को काउंटर नहीं कर पाए सुनील कानुगोलू हरियाणा में कांग्रेस की राजनीति देख रहे थे। कहा जाता है हरियाणा मांगे हिसाब का रोड मैप भी सुनील की टीम ने ही तैयार किया था। कानुगोलू के सर्वे को आधार बनाकर ही हुड्डा कैंप ने कई बड़े फैसले हाईकमान से करवाए, लेकिन कानुगोलू BJP की रणनीति को समझने में फेल रहे। जमीन पर जिस तरह से BJP ने जाट वर्सेज गैर जाट का फॉर्मूला तैयार किया, उसे भी सुनील की टीम काउंटर नहीं कर पाई। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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कुरुक्षेत्र पहुंचे बिहार के राज्यपाल:बोले- संविधान के बदौलत मोदी पीएम और नायब सैनी सीएम; पहले रानी के पेट से राजा पैदा होता था संविधान दिवस पर कुरुक्षेत्र के गांव मथाना में बिहार के गवर्नर राजेंद्र अरलेकर पहुंचे। उन्होंने पूर्व मंत्री डॉ. बनवारी लाल, पूर्व मंत्री सुभाष सुधा तथा कॉलेज के चेयरमैन सूरजभान कटारिया के द्वारा 21 लाख रुपए की राशि डॉ. अंबेडकर फार्मेसी कॉलेज में बनने वाली ला्इब्रेरी में देने के अनुरोध पर अपने बिहार ऐच्छिक कोष से जारी करने की घोषणा की। यह लाइब्रेरी ई-लाइब्रेरी भी होगी। सबको मतदान का अधिकार
बिहार के गवर्नर राजेंद्र अरलेकर ने कहा कि भारतीय संविधान की बदौलत देश में नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री और हरियाणा प्रदेश में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी हैं। पहले रानी के पेट से ही राजा पैदा होता था। भारतीय संविधान से हम लोगों को मतदान का अधिकार मिला अब जनमानस स्वयं राजा बनता और चुनता है। उन्होंने कहा कि बाबा साहब द्वारा रचित भारतीय संविधान पूरी दुनिया में सर्वश्रेष्ठ संविधान है। बिहार के गवर्नर मथाना गांव स्थित डॉ. अंबेडकर फार्मेसी कॉलेज के चेयरमैन सूरजभान कटारिया के द्वारा संविधान दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। कार्यक्रम से पहले सीएम सैनी ने किया गवर्नर राजेंद्र का स्वागत
राजेंद्र अरलेकर ने कहा डॉ. अंबेडकर ने सभी जाति, धर्म व वर्गों के लिए भारतीय संविधान में अधिकारों को सुरक्षित किया है और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारतीय संविधान के माध्यम से ही भारतवर्ष को विश्व में सशक्त कर रहे हैं। इससे पूर्व ही बिहार गवर्नर अरलेकर का लाडवा विधानसभा क्षेत्र में पहुंचने पर प्रदेश के मुख्यमंत्री नायाब सिंह सैनी ने पीपली पेराकीट टूरिज्म परिसर में पूर्व मंत्री सुभाष सुधा, पूर्व प्रत्याशी डीडी शर्मा, सूरजभान कटारिया तथा भाजपा जिला अध्यक्ष संजीव राणा के साथ स्वागत किया। डॉ. अंबेडकर फार्मेसी कॉलेज, मथाना के शुभारंभ होने पर गवर्नर ने शुभकामनाएं दिया। साथ ही कहा कि हमें महापुरुषों के नाम पर शिक्षण संस्थानों को आरंभ करना चाहिए ताकि युवा पीढ़ी उनसे अपना आदर्श ग्रहण कर सके। केंद्र सरकार का कार्य सराहनीय
कॉलेज के चेयरमैन सूरजभान कटारिया ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार द्वारा स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) के साथ बाबा साहब अंबेडकर के सम्मान में संविधान दिवस (26 नवंबर) मनाने की राष्ट्रीय परंपरा के साथ बाबा साहब अंबेडकर से जुड़े पंचतीर्थ जिनमें जन्मभूमि महू अंबेडकर नगर (मध्य प्रदेश), दीक्षाभूमि नागपुर (महाराष्ट्र), महापरिनिर्वाण भूमि 26 अलीपुर रोड (दिल्ली), संस्कार भूमि दादर (मुंबई) और शिक्षा भूमि (लंदन) को सम्मान देने का कार्य सराहनीय है। संविधान दिवस समारोह में पूर्व केंद्रीय मंत्री संघप्रिय गौतम, पूर्व मंत्री डॉ. बनवारी लाल, पूर्व राज्यमंत्री सुभाष सुधा, पूर्व विधायक रविदास आचार्य सुरेश राठौड़, पूर्व विधायक दिल्ली चौ. चांदराम, पूर्व विधायक उत्तर प्रदेश मुंशीलाल गौतम आदि ने मुख्य रूप से संबोधन किया। ये रहे उपस्थित
इस अवसर पर पूर्व कुलपति डॉ. आर सी कुरील, हरियाणा सरकार के वाइस चेयरमैन जसवंत पठानिया, स्वामी इंदर, रविंद्र सांगवान ठोल, रामकुमार राहुल सुविधा, जगमाल सिंह चंदेल, महिपाल फूले, हिंतेंद्र चौधरी, कृष्ण भूक्कल, जगमंदर बैरागी, डॉ चित्र सभरवाल, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के डॉ.आनंद कुमार, अनिल नंबरदार, रमेश मथाना, पंडित अनिल शास्त्री आदि मुख्य उपस्थित थे।
हरियाणा BJP में टिकटों को लेकर घमासान:बागी सुरों ने प्रभारी सतीश पूनिया की बढ़ाई दिक्कत; बाहरी प्रत्याशियों का विरोध
हरियाणा BJP में टिकटों को लेकर घमासान:बागी सुरों ने प्रभारी सतीश पूनिया की बढ़ाई दिक्कत; बाहरी प्रत्याशियों का विरोध हरियाणा में बीजेपी में सब कुछ अच्छा नहीं चल रहा है। पार्टी प्रदेश की सत्ता में वापसी कर हैट्रिक मारना चाहता है, लेकिन टिकट के दावेदार एवं नेताओं में वर्चस्व की लड़ाई के साथ पार्टी में उठ रहे बागी सुरों ने प्रदेश प्रभारी सतीश पूनिया से लेकर शीर्ष नेतृत्व की नींद उड़ा दी है। लोकसभा चुनाव के बाद विधानसभा चुनाव को लेकर सतीश पूनिया को प्रदेश प्रभारी का दायित्व तो दिया गया, लेकिन वे फिलहाल पार्टी में अनुशासन कायम नहीं कर पा रहे। दक्षिण हरियाणा में वर्चस्व की लड़ाई चरम पर है और बड़े नेता अपने समर्थकों की टिकट को लेकर पार्टी पर दबाव बना रहे हैं। वहीं बाहरी प्रत्याशियों को पार्टी टिकट देना चाहती है, लेकिन स्थानीय नेता-वर्कर इसको लेकर तैयार नहीं हैं और विरोध प्रदर्शन से लेकर शीर्ष नेतृत्व को लेटर लिखने का भी दौर चल रहा है। भाजपा में विभिन्न हलकों से टिकट के दावेदारों की लंबी फेहरिस्त है और हर कोई प्रेशर बनाकर टिकट की मांग कर रहा है। बीजेपी 10 साल के एंटी इनकंबैंसी के बीच सत्ता तक का सफर तय कर हैट्रिक मारने के लिए पूर्व सांसद, पूर्व विधायक, पूर्व मंत्री पर दांव लगाना चाहती है। वहीं इसको लेकर पार्टी के अंदर बगावत के सुर मुखर होने लगे हैं। वर्कर पार्टी के बड़े चेहरों को बाहरी बताकर उनके पुतले तक जलाने लगे हैं। शीर्ष नेतृत्व को पत्र लिखकर अपनी नाराजगी खुलकर जता रहे हैं। हरियाणा भाजपा में पार्टी के अंदर मचे घमासान ने शीर्ष नेतृत्व की नींद उड़ा दी है। बंद कमरों की बात सार्वजनिक होने के साथ ही पार्टी वर्कर सड़कों पर आ गए हैं। प्रदेश संगठन पदाधिकारी खुद को असहाय महसूस कर रहे हैं। इसी के चलते शायद पार्टी ने टिकट वितरण की पहली तैयार लिस्ट को फिलहाल होल्ड पर रख दिया है। डैमेज कंट्रोल के लिए शीर्ष नेतृत्व रणनीति बना रहा है। प्रभारी सतीश पूनिया के कई बड़ी चुनौती जिनके कटे टिकट, वो ही हाे रहे बागी भाजपा में जिस हिसाब से नेता मुखर हैं, टिकट के ऐलान होने के बाद वो बगावती हो सकते हैं। माना जा रहा है कि बीजेपी में भी जिन नेताओं के टिकट कटेंगे, वह बगावत के सुर अपनाएंगे। कुछ निर्दलीय तो कुछ दूसरी पार्टी का भी रुख कर सकते हैं। इस पलायन को रोकना भी प्रभारी सतीश पूनिया के लिए एक बड़ा टास्क होगा। सर्वे पर भी उठ रहे सवाल भाजपा के सर्वे में जिन दावेदारों के नाम टिकट के लिए आए हैं, उनकी जगह वरिष्ठ नेताओं ने वीटो पावर कर अपने समर्थकों के नाम उसमें एड करवा दिए। इससे सर्वे पर ही सवाल खड़े हो गए। फिर पार्टी सर्वे की जरूरत ही क्या थी, इसको लेकर भी पूनिया क्या कदम उठाएंगे, इस पर भी सभी की नजर रहेगी। राव नरबीर हो चुके मुखर, टिकट बता रहे पक्का गुरुग्राम के बादशाहपुर हलके से प्रदेश के पूर्व मंत्री राव नरबीर सिंह भाजपा की टिकट मांग रहे हैं। समय-समय पर वह पार्टी को आंख भी दिखाते रहे हैं। उनके खिलाफ संसदीय बोर्ड सदस्य सुधा यादव मोर्चा खोल चुकी हैं, तो राव इंद्रजीत सिंह से उनका पहले से ही छत्तीस का आंकड़ा है। पार्टी को यह भी पता है कि राव नरबीर ही यह सीट निकाल सकते हैं अब इस द्वंद को शांत करना भी पूनिया के लिए किसी चुनौती से कम नहीं हैं। नांगल चौधरी में भी शह मात का खेल महेंद्रगढ़ जिले में नांगल चौधरी विधायक व मंत्री अभय सिंह यादव व केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह की अदावत किसी से नहीं छिपी है। इस चुनाव में भी दोनों के बीच शह-मात का खेल चलेगा। इंद्रजीत सिंह अपने 8-10 समर्थकों को दक्षिण हरियाणा से टिकट देने की आवाज बुलंद कर रहे हैं। इनके बीच सीज फायर करवाना जरूरी है वरना इसका नुकसान बीजेपी को हो सकता है। सीएम-बड़ौली के बीच भी नहीं बनी एक राय हरियाणा सीएम नायब सिंह सैनी व प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली के बीच ही एक राय नहीं बन पा रही है। बड़ोली ने सीएम के लाडवा से चुनाव लड़ने की बात कही तो कुछ देर बाद सीएम सैनी ने करनाल से चुनाव लड़ने की बात कह दी। इससे साफ है कि पार्टी के अंदर सब कुछ सामान्य नहीं है। गुरुग्राम विधानसभा में पंजाबी-ब्राह्मण-वैश्य के बीच पेंच फंसा है। एक केंद्रीय मंत्री पूर्व जिलाध्यक्ष गार्गी कक्कड़ के नाम की पैरवी कर रहे हैं। वहीं दूसरे पंजाबी दावेदार सीमा पाहूजा, यशपाल बत्रा अपनी दावेदारी कर गार्गी को नगर नगम चुनाव में हराना, उनके हिमाचल के राजपूत होने की बात सामने आने से साफ है कि पार्टी के अंदर सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। आमेर विधानसभा से चुनाव हारे थे पूनिया सतीश पूनिया राजस्थान में साढ़े 3 साल प्रदेशाध्यक्ष रहे। 2013 में जब प्रदेश में वसुंधरा सरकार बनी तो वह आमेर से चुनाव हार गए थे। इसके बाद 2018 के चुनाव में जब सत्ता में गहलोत सरकार आई तो पूनिया चुनाव जीते। 2024 में जब एक बार फिर बीजेपी सरकार सत्ता में आई तो पूनिया चुनाव हार गए। वह पार्टी के करीब साढ़े तीन साल प्रदेशाध्यक्ष रहे और संगठन के कई पदों पर भी काम किया और करीब 9 महीने राजस्थान विधानसभा के विपक्ष के उपनेता भी रहे। हरियाणा में इन सीटों पर भाजपा में घमासान
हरियाणा के पूर्व मंत्री बोले-CM को विदेश जाने का पता:गैरहाजिरी में ड्रीम प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया, क्रेडिट किसका, पब्लिक सब जानती है
हरियाणा के पूर्व मंत्री बोले-CM को विदेश जाने का पता:गैरहाजिरी में ड्रीम प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया, क्रेडिट किसका, पब्लिक सब जानती है हरियाणा के हिसार में करीब 9 दिन पहले CM नायब सैनी ने पूर्व मंत्री डॉ. कमल गुप्ता की गैरहाजिरी में उनके ड्रीम प्रोजेक्ट का उद्घाटन कर दिया। इस दौरान CM के साथ हिसार से निर्दलीय विधायक सावित्री जिंदल भी थीं। अब पूर्व मंत्री डॉ. कमल गुप्ता ने अपने ड्रीम प्रोजेक्ट सूर्यनगर रेलवे ओवर ब्रिज (ROB) के उद्घाटन पर मौजूद न रहने और अचानक विदेश दौरे पर जाने की वजह बताई। डॉ. कमल गुप्ता ने दैनिक भास्कर से बातचीत में बताया कि उनका विदेश जाना पहले से ही तय था। इस बारे में मुख्यमंत्री नायब सैनी को भी बता दिया था। यहां तक की बकायदा उनसे छुट्टी लेकर गया था। ROB का बनना उनके ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक था। इस दौरान उन्होंने विरोधियों के प्रोजेक्ट के श्रेय लेने पर कहा कि जनता सब जानती है। पूर्व मंत्री डॉ. कमल गुप्ता से पूरी बातचीत पढ़ें… सवाल : आप विदेश दौरे पर कहां और किस लिए गए थे?
गुप्ता : विदेश जाने का कार्यक्रम मेरा पूर्व नियोजित था। मैं वियतनाम गया था। वहां का कल्चर, स्टेटस, किस तरह लोग रहते हैं, यह सब देखा। वियतनाम और अमेरिका में 20 साल लड़ाई चली। वियतनाम के 20 लाख लोग उसमें मारे गए और 53 हजार अमेरिकी भी मारे गए। दात देनी पड़ेगी वियतनाम की। इससे हमें सिखना चाहिए कि छोटे से देश ने बड़े देश को कैसे चने चबवाए रखे। मैं इससे काफी प्रभावित हूं। सवाल : नायब सैनी सरकार के एक महीने के कार्यकाल को कैसे देखते हैं?
गुप्ता : बहुत अच्छी सरकार इस समय चल रही है। जो काम पिछली सरकार में रह गए थे वो काम भी चल रहे हैं। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी 18 घंटे काम करते हैं। सब जगह उनका जाना भी रहता है। मैं समझता हूं सरकार दिन दोगुनी रात चौगुनी तरक्की कर रही है। सवाल : हिसार में पिछले दिनों ROB का उद्घाटन हुआ, लेकिन ऐसे समय पर हुआ जब आप नहीं थे?
गुप्ता : नहीं ऐसा नहीं था। मेरा पूर्व नियोजित कार्यक्रम था। मुख्यमंत्री जी को यहां किसी और काम से आना ही था। उसी समय रणबीर गंगवा जी ने सड़क के उद्घाटन की बात की तो उन्होंने हां भर दी। मैंने उस उद्घाटन के बारे में मुख्यमंत्री से जिक्र भी किया था। मैंने मुख्यमंत्री से छुट्टी भी ली कि मेरा पूर्व नियोजित कार्यक्रम है, वहां जाने की इजाजत दें। जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया। यह इत्तेफाक की बात है कि मेरा वहां जाने का कार्यक्रम था और यह कार्यक्रम (ROB उद्घाटन) भी फिक्स हो गया। इसमें ऐसी कोई बात नहीं है कि कोई प्लानिंग हो। सवाल : विरोधी आपके प्रोजेक्टों पर श्रेय ले रहे हैं, आपको ऐसा नहीं लगता?
गुप्ता : नहीं-नहीं, ऐसी कोई बात नहीं है। जनता सब जानती है कि कैसे 6-7 साल पहले हमने रेलवे के इंजीनियरों और PWD के इंजीनियरों के सामने बैठकर प्रोजेक्ट बनवाया। यह दो लाइनों के बीच का मामला है। यहां सूर्यनगर के 40 हजार लोग रहते थे। केवल फ्लाईओवर बनाने से बात नहीं बन रही थी, ऐसे में हमें ROB बनाना पड़ा। अगर ऐसा नहीं करते तो 40 हजार की आबादी को बाहर निकलने का रास्ता नहीं बनता। यह जनता की सहूलियत के लिए बनाया गया। सवाल : आपको नहीं लगता एयरपोर्ट का काम आपके ना रहने से देरी से हो रहा है?
गुप्ता : नहीं ऐसा नहीं है। आचार संहिता के कारण एयरपोर्ट के काम में रूकावट आई। फायर सेफ्टी व्हीकल एक हमारे पास था, दूसरा चेन्नई से आना था। इसके कारण लाइसेंस में देरी हुई। अब व्हीकल आ गया है। जल्द ही हिसार एयरपोर्ट को लाइसेंस मिल जाएगा। उसके बाद यहां से 5 जगहों के लिए फ्लाइट शुरू हो जाएगी। सवाल : राज्यसभा के लिए नामांकन शुरू हो गया है। आपका नाम भी चल रहा है?
गुप्ता : यह पार्टी तय करती है कौन इसके लिए उपयुक्त है। पार्टी में बहुत से लोग उपयुक्त हैं, मगर यह पार्टी का काम है। यह पार्टी तय करती है किस कार्यकर्ता से कहां कैसा काम लेना है। सवाल : किरण चौधरी को पार्टी में आते ही राज्यसभा भेज दिया। इससे कार्यकर्ताओं में गलत मैसेज नहीं जाता?
गुप्ता : देखिए राजनीति है और राजनीतिक पार्टी में बहुत तरह की बातें होती हैं। हमें अपने नेतृत्व पर पूरा विश्वास है और वो सभी चीजों को देखते हुए तय करता है, जिसका हम स्वागत करते हैं। सवाल : चंडीगढ़ में समीक्षा बैठक में आपने हार के कारण बताएं वो क्या थे?
गुप्ता : यह आप देखिए। पार्टी की अंदरूनी बैठक थी और बैठक में जो बात मुझे रखनी थी मैंने रख दी। हम बताने में झिझकते नहीं है। क्योंकि पार्टी के डेवलपमेंट की बात है। तो वो बात तो आपसे यहां नहीं करूंगा। —————————————— पूर्व मंत्री डॉ. कमल गुप्ता से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… हरियाणा के पूर्व मंत्री को अपनी ही पार्टी से झटका, विदेश घूमने गए गुप्ता; पीछे निर्दलीय MLA ने CM से उनके ड्रीम प्रोजेक्ट का उद्घाटन कराया हरियाणा के पूर्व मंत्री डॉ. कमल गुप्ता को भाजपा की तरफ से ही बड़ा झटका लग गया। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कमल गुप्ता की गैरहाजिरी में 25 नवंबर को हिसार में उनके ड्रीम प्रोजेक्ट 68 करोड़ की लागत से बने सूर्यनगर रेलवे ओवर ब्रिज (ROB) का उद्घाटन कर दिया। पूर्व मंत्री के करीबियों के मुताबिक ROB के उद्घाटन को लेकर कमल गुप्ता को सूचना भी नहीं दी गई। पूरी खबर पढ़ें…