हरियाणा के गुरुग्राम में पंजाब की एसएएस नगर सीट से आम आदमी पार्टी (आप) के MLA कुलवंत सिंह व उनकी कंपनी मेसर्स जनता लैंड प्रमोटर्स प्राइवेट लिमिटेड (जेएलपीपीएल) के खिलाफ DLF फेस-2 थाना में धोखाधड़ी सहित विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया गया है। ये केस एमजीएफ बिल्डर की तरफ से दर्ज कराया गया है। दोनों कंपनियों के बीच वर्ष 2018 में समझौते हुआ था। एमजीएफ के प्रतिनिधि के अनुसार, आप विधायक कुलवंत सिंह व उसकी कंपनी ने समझौते की शर्तों का उल्लंघन कर उनकी कंपनी को बेईमानी कर धोखा दिया है। इस संबंध में कोर्ट के आदेश पर केस दर्ज किया गया है। पंजाब के मोहाली में 100 एकड़ से अधिक जमीन पर दोनों बिल्डर कंपनी ने प्रोजेक्ट लांच कर 2018 में समझौता किया था। जिसके तहत पंजाब के आप विधायक कुलवंत सिंह व उनकी कंपनी को एमजीएफ कंपनी को 180 करोड़ रुपए देने थे। आरोप है कि विधायक व उनकी कंपनी ने करीब 156 करोड़ से अधिक की राशि अब तक नहीं दी। इस केस की जांच आर्थिक अपराध शाखा की टीम कर रही है। एमजीएफ कंपनी व विधायक कुलवंत सिंह की कंपनी मेसर्स जेएलपीपीएल के बीच मेगा रेजिडेंशियल प्रोजेक्ट सेक्टर-94, मोहाली की संपत्तियों के विकास, बिक्री व विपणन से संबंधित 31 अक्टूबर 2018 को हुए समझौते की शर्तों का उल्लंघन कर शिकायतकर्ता एमजीएफ कंपनी को बेईमानी कर धोखा दिया है। अब यह स्पष्ट है कि आरोपियों का 31 अक्टूबर 2018 के समझौते में निर्धारित शर्तों का उल्लंघन कर शिकायतकर्ता की संपत्ति हड़पने का इरादा था। दूसरी तरफ बेईमान इरादे से वादा किए गए भुगतान करने से बचते रहे। आरोप है कि इस धोखाधड़ी से शिकायतकर्ता को 500 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हुआ है। दोनों कंपनियों ने ये किया था समझौता एमार एमजीएफ लैंड लिमिटेड व इसकी भूमि स्वामित्व वाली सहायक कंपनियों ने कहा कि वे सेक्टर 90, 94, मोहाली मास्टर प्लान में आने वाली राजस्व संपदा में स्थित 60.89 एकड़ भूमि के मालिक हैं। ए-4 मेसर्स जनता लैंड प्रमोटर्स प्राइवेट लिमिटेड ने कहा कि वह सेक्टर 90, 94, एसएएस नगर, मोहाली, पंजाब में 57.53 एकड़ भूमि का मालिक है। दोनों पक्ष संयुक्त रूप से और तेजी से विकास कार्य पूरा करेंगे जिससे प्रोजेक्ट की जमीन पर आवासीय कॉलोनी विकसित की जा सके। जेएलपीपीएल और एमार एमजीएफ परियोजना में बिक्री से होने वाली आय/आय को साझा करने के हकदार होंगे। इसके अलावा सहमति हुई कि दोनों पक्षों को परियोजना के विकास में हुए खर्चों को घटाने के बाद सर्वोत्तम बाजार मूल्य पर अपने संबंधित शेयर बेचने का समान अधिकार होगा। हरियाणा के गुरुग्राम में पंजाब की एसएएस नगर सीट से आम आदमी पार्टी (आप) के MLA कुलवंत सिंह व उनकी कंपनी मेसर्स जनता लैंड प्रमोटर्स प्राइवेट लिमिटेड (जेएलपीपीएल) के खिलाफ DLF फेस-2 थाना में धोखाधड़ी सहित विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया गया है। ये केस एमजीएफ बिल्डर की तरफ से दर्ज कराया गया है। दोनों कंपनियों के बीच वर्ष 2018 में समझौते हुआ था। एमजीएफ के प्रतिनिधि के अनुसार, आप विधायक कुलवंत सिंह व उसकी कंपनी ने समझौते की शर्तों का उल्लंघन कर उनकी कंपनी को बेईमानी कर धोखा दिया है। इस संबंध में कोर्ट के आदेश पर केस दर्ज किया गया है। पंजाब के मोहाली में 100 एकड़ से अधिक जमीन पर दोनों बिल्डर कंपनी ने प्रोजेक्ट लांच कर 2018 में समझौता किया था। जिसके तहत पंजाब के आप विधायक कुलवंत सिंह व उनकी कंपनी को एमजीएफ कंपनी को 180 करोड़ रुपए देने थे। आरोप है कि विधायक व उनकी कंपनी ने करीब 156 करोड़ से अधिक की राशि अब तक नहीं दी। इस केस की जांच आर्थिक अपराध शाखा की टीम कर रही है। एमजीएफ कंपनी व विधायक कुलवंत सिंह की कंपनी मेसर्स जेएलपीपीएल के बीच मेगा रेजिडेंशियल प्रोजेक्ट सेक्टर-94, मोहाली की संपत्तियों के विकास, बिक्री व विपणन से संबंधित 31 अक्टूबर 2018 को हुए समझौते की शर्तों का उल्लंघन कर शिकायतकर्ता एमजीएफ कंपनी को बेईमानी कर धोखा दिया है। अब यह स्पष्ट है कि आरोपियों का 31 अक्टूबर 2018 के समझौते में निर्धारित शर्तों का उल्लंघन कर शिकायतकर्ता की संपत्ति हड़पने का इरादा था। दूसरी तरफ बेईमान इरादे से वादा किए गए भुगतान करने से बचते रहे। आरोप है कि इस धोखाधड़ी से शिकायतकर्ता को 500 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हुआ है। दोनों कंपनियों ने ये किया था समझौता एमार एमजीएफ लैंड लिमिटेड व इसकी भूमि स्वामित्व वाली सहायक कंपनियों ने कहा कि वे सेक्टर 90, 94, मोहाली मास्टर प्लान में आने वाली राजस्व संपदा में स्थित 60.89 एकड़ भूमि के मालिक हैं। ए-4 मेसर्स जनता लैंड प्रमोटर्स प्राइवेट लिमिटेड ने कहा कि वह सेक्टर 90, 94, एसएएस नगर, मोहाली, पंजाब में 57.53 एकड़ भूमि का मालिक है। दोनों पक्ष संयुक्त रूप से और तेजी से विकास कार्य पूरा करेंगे जिससे प्रोजेक्ट की जमीन पर आवासीय कॉलोनी विकसित की जा सके। जेएलपीपीएल और एमार एमजीएफ परियोजना में बिक्री से होने वाली आय/आय को साझा करने के हकदार होंगे। इसके अलावा सहमति हुई कि दोनों पक्षों को परियोजना के विकास में हुए खर्चों को घटाने के बाद सर्वोत्तम बाजार मूल्य पर अपने संबंधित शेयर बेचने का समान अधिकार होगा। पंजाब | दैनिक भास्कर
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आतंकी डल्ला के प्रत्यर्पण पर NIA एक्शन मोड में:पंजाब में एक्टिव हुई टीमें, तैयार कर रहे स्ट्रांग-ग्राउंड; कनाडा में हुआ था गिरफ्तार खालिस्तानी आतंकी अर्शदीप सिंह गिल उर्फ अर्श डल्ला की कनाडा में हुई गिरफ्तारी की पुष्टि होने के बाद अब भारतीय जांच एजेंसी एक्शन मोड में आ गई है। नेशनल इंवेस्टिगेशन विंग (NIA) ने मामले में अर्श डल्ला की गिरफ्तारी की पुष्टि होने के बाद पंजाब में अपनी मूवमेंट बढ़ा दी है। साथ ही पंजाब पुलिस के अधिकारियों से भी संपर्क किया गया है। नेशनल इंवेस्टिगेशन विंग (NIA) डल्ला के अरेस्ट होने की पुष्टि के बाद अब स्ट्रॉग ग्राउंड तैयार करनी शुरू कर दी है। जिससे अर्श को किसी भी हालात में भारत लाया जा सके। बुधवार देर शाम नेशनल इंवेस्टिगेशन विंग की दो टीमें पंजाब आई थी। पंजाब के फरीदकोट पहुंची टीमों ने बीते दिनों गिरफ्तार किए गए अर्श डल्ला के दोनों शूटरों से पूछताछ की थी। पंजाब पुलिस को NIA आने से पहले जानकारी साझा की थी। फरीदकोट के गुरप्रीत सिंह हरीनौ और मध्य प्रदेश, ग्वालियर के डबरा में जसवंत सिंह गिल उर्फ सोनी सरदार हत्याकांड में गिरफ्तार किए गए दोनों शूटरों से पूछताछ की गई। पूछताछ में उन्होंने अर्श से हो रही उनकी बातचीत और कनाडा में उनकी आखिरी बार कब बात हुई, इस पर पूछताछ की गई। NIA को शक है कि अर्श डल्ला के शूटर नवजोत सिंह और अनमोलप्रीत सिंह को हथियार सीमा पार से आए थे। दोनों पुलिस रिमांड पर हैं, इसी रिमांड में एनआईए द्वारा भी पूछताछ की गई। वारिस पंजाब दे संस्था के पूर्व वित्त सचिव गुरप्रीत सिंह हरीनौ की पिछले माह 9 अक्टूबर को उनके पैतृक गांव में बाइक सवार दो शूटरों ने गोलियां मारकर हत्या कर दी थी। इस मामले में हाल ही में पुलिस ने कनाडा में बैठे गैंगस्टर से आतंकी बने अर्श डल्ला गिरोह से जुड़े बरनाला जिले के दोनों शूटरों को गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तारी से दो दिन पहले ही डबरा में दोनों ने सोनी सरदार की हत्या की थी। डल्ला का पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI से लिंक का शक
अर्श डल्ला का पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के साथ लिंक है। उसी के द्वारा अर्श के शूटरों को हथियार मुहैया करवाए जा रहे हैं, जिनसे पूरे देश में वारदातें करवाई गई। खालिस्तान टाइगर फोर्स की कमान संभाल रहा अर्शदीप सिंह गिल उर्फ अर्श डल्ला फिलहाल कनाडाई पुलिस की हिरासत में है। इधर भारतीय एजेंसियां कोशिश कर रही हैं कि किसी तरह से अर्श डल्ला के खिलाफ स्ट्रांग ग्राउंड बना लिया जाए, जिससे कनाडा सरकार डल्ला को भारत सरकार के हवाले करने में दिक्कत न करे। कनाडाई पुलिस डल्ला की अरेस्ट पर साधे चुप्पी
बता दें कि 28 अक्टूबर को कनाडा में हुई गोलीबारी के दौरान अर्श डल्ला की दाहिने हाथ में गोली लगी थी। हालांकि गोली हाथ के ऊपरी हिस्से में लगी थी। जिससे कोई जानी नुकसान नहीं हुआ। ऐसा पहली बार हुआ था कि कनाडा की हाल्टन पुलिस द्वारा जारी किए गए बयानों में दोनों आरोपियों के नाम नहीं बताए गए। ऐसा कनाडाई पुलिस तब करती है, जब कोई बड़ा क्रिमिनल हो। इसलिए कनाडा पुलिस अर्श की गिरफ्तारी को लेकर इस वक्त सवालों के घेरे में है। राजस्थान की लड़की से पेपर मैरिज कर भागा विदेश
मोगा में गैंगस्टर सुक्खा लम्मा की हत्या के बाद डल्ला की मोगा में दुश्मनी बढ़ गई थी। इसके बाद डल्ला ने उगाही के पैसों से विदेश भागने का प्लान बनाया। विदेश भागने में उसकी मदद खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर के गुर्गों ने की थी। उसने राजस्थान की एक लड़की से पेपर मैरिज की और जालंधर से एक फेक पासपोर्ट बनवाया। पेपर मैरिज के प्रूफ लगाकर वह किसी तरह कनाडा भाग गया और सरे में जाकर शरण ले ली। कनाडा पहुंचते ही वह खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर के संपर्क में आ गया था। बाद में कनाडा के सरे में ही अर्श डल्ला की एक बेटी हुई। वहां से डल्ला ने एक-एक कर पूरे देश में वारदातें करवानी शुरू कीं। इस दौरान अर्श के भाई बलदीप सिंह की भी गिरफ्तारी हुई। जब बलदीप सिंह जमानत पर लौटा तो वह अपनी मां के साथ कनाडा भाग गया और वहां से कभी नहीं लौटा। विदेश से लौट मोगा में की गैंगस्टर सुक्खा लम्मा की हत्या
परिवार ने अर्श को किसी तरह से विदेश भेज दिया। जब विदेश गया तो उसकी मोगा के बदमाश सुक्खा लम्मा के साथ किसी बात को लेकर दुश्मनी हो गई। इसके बाद वह विदेश से भारत लौट आया और उसने सुक्खा लम्मा की अपने साथियों के साथ मिलकर हत्या कर दी। सुक्खा अपने एरिया में काफी प्रभाव रखता था। यह पहली हत्या थी, जोकि अर्श द्वारा की गई थी। डल्ला ने लम्मा की हत्या के बाद उसके सोशल मीडिया अकाउंट से कई लोगों से उगाही की और फिरौतियां मांगीं। लम्मा का नाम सुनकर लोगों ने फिरौतियां दी भी। साल 2020 में ही डल्ला दोबारा विदेश भाग गया था। इसके बाद कनाडा से मोगा के चर्चित कारोबारी सुपर शाइन जींस शोरूम के मालिक जितेंद्र उर्फ पिंका (45) की गोली मारकर हत्या करवाई गई थी। इसकी जिम्मेदारी गैंगस्टर सुखप्रीत सिंह लम्मा ने फेसबुक पर ली गई थी। जांच में पता चला कि हत्या अर्श ने करवाई थी, लेकिन जिम्मेदारी लम्मा के अकाउंट से ली गई। डल्ला का पिता मोगा में लोगों को धमकाकर मांगता था फिरौती
पंजाब पुलिस के रिकॉर्ड के अनुसार, आतंकी अर्श डल्ला जब विदेश भागा और पूरे देश में उसका नाम टॉप मोस्ट गैंगस्टरों में आने लगा तो उसके पिता चरणजीत सिंह गिल ने इसका फायदा उठाना शुरू कर दिया। चरणजीत सिंह ने मोगा और आसपास के रसूखदारों से उगाही करनी शुरू कर दी। इस बारे में जब पंजाब पुलिस को पता चला तो चरणजीत सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया। उसकी गिरफ्तारी के बाद उसे जेल भेजा गया और वह इस वक्त पंजाब की संगरूर जेल में बंद है। पंजाब पुलिस के रिकॉर्ड के अनुसार, पूरे देश में डल्ला पर करीब 70 से ज्यादा मामले दर्ज हैं। इनमें सबसे ज्यादा केस पंजाब में दर्ज हैं, जिसकी गिनती 50 है। केंद्र सरकार ने 2022 में डल्ला को आतंकी घोषित किया
केंद्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने साल 2022 में डल्ला को आतंकी घोषित किया। गैंगस्टर और खालिस्तान टाइगर फोर्स (KTF) ऑपरेटिव अर्श डल्ला को देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोपों में आतंकी घोषित किया गया था। गृह मंत्रालय की तरफ से जारी आदेशों के अनुसार, वर्तमान में कनाडा में रह रहे अर्श डल्ला के तार KTF से जुड़े हुए हैं। अर्शदीप NIA द्वारा रजिस्टर्ड और जांच किए गए विभिन्न मामलों में आरोपी पाया जा चुका है। इसके बाद केंद्र सरकार ने अर्श को रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी करवाया था।