हरियाणा में फसल पंजीकरण में चरखी दादरी अव्वल:फरीदाबाद में सबसे कम, फिर खुल सकता है पोर्टल, पंजीकृत किसानों को मिलेगा फायदा

हरियाणा में फसल पंजीकरण में चरखी दादरी अव्वल:फरीदाबाद में सबसे कम, फिर खुल सकता है पोर्टल, पंजीकृत किसानों को मिलेगा फायदा

हरियाणा में ‘मेरी फसल मेरा ब्योरा’ पोर्टल पर फसलों का पंजीकरण करवाने के मामले में चरखी दादरी जिले के किसान सबसे आगे रहे हैं। वहीं फरीदाबाद इस मामले में सबसे पीछे रहा है। फिलहाल फसल पंजीकरण के लिए पोर्टल को बंद कर दिया गया है। लेकिन कृषि अधिकारियों ने एक सप्ताह के लिए इसे दोबारा से खोलने की मांग की है, ताकि किसी कारणवश बचे हुए किसान अपनी फसलों का पंजीकरण करवा सके। यदि पोर्टल खुलता है तो पंजीकरण का आंकड़ा और बढ़ने की संभावना है। बता दें कि सरकारी खरीद के तहत एमएसपी पर फसल बेचने, कृषि यंत्रों और अनुदान लेने सहित कृषि क्षेत्र से जुड़ी दूसरी योजनाओं का लाभ लेने के लिए ‘मेरी फसल मेरा ब्योरा’ पोर्टल पर पंजीकरण करवाना अनिवार्य है। सरकार द्वारा इसके लिए 31 जनवरी तक का अंतिम समय निर्धारित किया गया था। ताकि किसान अपनी फसलों का पंजीकरण करवाकर सरकारी खरीद पर फसल बेचने और दूसरी योजनाओं लाभ लेने के लिए पंजीकरण करवा सके। इस दौरान काफी संख्या में किसानों ने पंजीकरण करवाया है। दादरी में सबसे अधिक प्रतिशत एरिया पंजीकृत
चरखी दादरी कृषि विभाग के वरिष्ठ विषय विशेषज्ञ डॉ. चंद्रभान श्योराण से मिले आंकड़ों के अनुसार पंजीकरण करवाने के मामले में दादरी जिला सबसे टॉप पर है। जिले के 53 हजार 662 किसानों ने 2 लाख 44 हजार 215 एकड़ फसलों का पंजीकरण करवाया है, जो कुल बोई गई फसलों के रकबा का 82.79 प्रतिशत है। दादरी के बाद महेंद्रगढ़ का नंबर आता है। जहां 80.21 प्रतिशत फसलें पंजीकृत हुई हैं। तीसरे नंबर पर रेवाड़ी जिला हैं, जहां 73.89 प्रतिशत पंजीकरण हुआ है। फसल पंजीकरण के मामले में फरीदाबाद सबसे फिसड्‌डी है, जहां महज 4,298 किसानों ने 32 हजार 355 एकड़ फसल पंजीकृत करवाई गई हैं। जो कुल एरिया का 31.01 प्रतिशत है। उसके बाद पंचकुला में 34.51 प्रतिशत और गुरुग्राम में 45.13 प्रतिशत पंजीकरण हुआ है। प्रदेश में 9.75 लाख किसानों ने करवाया पंजीकरण
फसलों के पंजीकरण को लेकर अधिक से अधिक एरिया पंजीकृत हो इसके लिए सरकार और कृषि विभाग लगातार प्रयासरत रहे हैं। इसके लिए जागरूकता अभियान और गांवों में जाकर किसानों को समझाया गया। जिसके चलते फसल पंजीकरण को लेकर किसानों ने रुचि दिखाई है। हरियाणा के 22 जिलो में 9 लाख 75 हजार 686 किसानों ने अपनी 56 लाख 76 हजार 29 एकड़ की फसल पंजीकृत करवाई है। दोबारा खुल सकता है पोर्टल
चरखी दादरी किसान कल्याण एवं कृषि विभाग कार्यालय में कार्यरत वरिष्ठ विषय विशेषज्ञ डॉ.चंद्रभान श्योराण ने कहा कि फसल पंजीकरण के मामले में चरखी दादरी जिला टॉप पर रहा है। उन्होंने कहा कि फिलहाल फसल पंजीकरण के लिए मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल को बंद कर दिया गया है। उन्होंने एक सप्ताह के लिए दोबारा से पोर्टल को खोलने की मांग की है ताकि किसी कारणवश फसल पंजीकरण नहीं करवाने वाले किसान भी अपनी फसलों का पंजीकरण करवाकर सरकारी खरीद के तहत फसल बेचने सहित दूसरा लाभ ले सके। डॉ. श्योराण ने संभावना जताई है कि पोर्टल दोबारा से खुलेगा तो दादरी में पंजीकरण का आंकड़ा और बढ़ेगा। पंजीकृत किसान ही मंडी में बेच पाएंगे फसल
अनाज मंडी में सरकारी खरीद के तहत एमएसपी पर केवल वहीं किसान फसल बेच पाएंगे जिन्होंने मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकरण करवाया है। दादरी जिले के में रबी सीजन के दौरान सरसों और गेहूं की खरीद होती है। जिले में इस सीजन किसानों ने 1 लाख 55 हजार एकड़ में सरसों की खेती और 1 लाख 10 हजार एकड़ में गेहूं की खेती की है। हरियाणा में ‘मेरी फसल मेरा ब्योरा’ पोर्टल पर फसलों का पंजीकरण करवाने के मामले में चरखी दादरी जिले के किसान सबसे आगे रहे हैं। वहीं फरीदाबाद इस मामले में सबसे पीछे रहा है। फिलहाल फसल पंजीकरण के लिए पोर्टल को बंद कर दिया गया है। लेकिन कृषि अधिकारियों ने एक सप्ताह के लिए इसे दोबारा से खोलने की मांग की है, ताकि किसी कारणवश बचे हुए किसान अपनी फसलों का पंजीकरण करवा सके। यदि पोर्टल खुलता है तो पंजीकरण का आंकड़ा और बढ़ने की संभावना है। बता दें कि सरकारी खरीद के तहत एमएसपी पर फसल बेचने, कृषि यंत्रों और अनुदान लेने सहित कृषि क्षेत्र से जुड़ी दूसरी योजनाओं का लाभ लेने के लिए ‘मेरी फसल मेरा ब्योरा’ पोर्टल पर पंजीकरण करवाना अनिवार्य है। सरकार द्वारा इसके लिए 31 जनवरी तक का अंतिम समय निर्धारित किया गया था। ताकि किसान अपनी फसलों का पंजीकरण करवाकर सरकारी खरीद पर फसल बेचने और दूसरी योजनाओं लाभ लेने के लिए पंजीकरण करवा सके। इस दौरान काफी संख्या में किसानों ने पंजीकरण करवाया है। दादरी में सबसे अधिक प्रतिशत एरिया पंजीकृत
चरखी दादरी कृषि विभाग के वरिष्ठ विषय विशेषज्ञ डॉ. चंद्रभान श्योराण से मिले आंकड़ों के अनुसार पंजीकरण करवाने के मामले में दादरी जिला सबसे टॉप पर है। जिले के 53 हजार 662 किसानों ने 2 लाख 44 हजार 215 एकड़ फसलों का पंजीकरण करवाया है, जो कुल बोई गई फसलों के रकबा का 82.79 प्रतिशत है। दादरी के बाद महेंद्रगढ़ का नंबर आता है। जहां 80.21 प्रतिशत फसलें पंजीकृत हुई हैं। तीसरे नंबर पर रेवाड़ी जिला हैं, जहां 73.89 प्रतिशत पंजीकरण हुआ है। फसल पंजीकरण के मामले में फरीदाबाद सबसे फिसड्‌डी है, जहां महज 4,298 किसानों ने 32 हजार 355 एकड़ फसल पंजीकृत करवाई गई हैं। जो कुल एरिया का 31.01 प्रतिशत है। उसके बाद पंचकुला में 34.51 प्रतिशत और गुरुग्राम में 45.13 प्रतिशत पंजीकरण हुआ है। प्रदेश में 9.75 लाख किसानों ने करवाया पंजीकरण
फसलों के पंजीकरण को लेकर अधिक से अधिक एरिया पंजीकृत हो इसके लिए सरकार और कृषि विभाग लगातार प्रयासरत रहे हैं। इसके लिए जागरूकता अभियान और गांवों में जाकर किसानों को समझाया गया। जिसके चलते फसल पंजीकरण को लेकर किसानों ने रुचि दिखाई है। हरियाणा के 22 जिलो में 9 लाख 75 हजार 686 किसानों ने अपनी 56 लाख 76 हजार 29 एकड़ की फसल पंजीकृत करवाई है। दोबारा खुल सकता है पोर्टल
चरखी दादरी किसान कल्याण एवं कृषि विभाग कार्यालय में कार्यरत वरिष्ठ विषय विशेषज्ञ डॉ.चंद्रभान श्योराण ने कहा कि फसल पंजीकरण के मामले में चरखी दादरी जिला टॉप पर रहा है। उन्होंने कहा कि फिलहाल फसल पंजीकरण के लिए मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल को बंद कर दिया गया है। उन्होंने एक सप्ताह के लिए दोबारा से पोर्टल को खोलने की मांग की है ताकि किसी कारणवश फसल पंजीकरण नहीं करवाने वाले किसान भी अपनी फसलों का पंजीकरण करवाकर सरकारी खरीद के तहत फसल बेचने सहित दूसरा लाभ ले सके। डॉ. श्योराण ने संभावना जताई है कि पोर्टल दोबारा से खुलेगा तो दादरी में पंजीकरण का आंकड़ा और बढ़ेगा। पंजीकृत किसान ही मंडी में बेच पाएंगे फसल
अनाज मंडी में सरकारी खरीद के तहत एमएसपी पर केवल वहीं किसान फसल बेच पाएंगे जिन्होंने मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकरण करवाया है। दादरी जिले के में रबी सीजन के दौरान सरसों और गेहूं की खरीद होती है। जिले में इस सीजन किसानों ने 1 लाख 55 हजार एकड़ में सरसों की खेती और 1 लाख 10 हजार एकड़ में गेहूं की खेती की है।   हरियाणा | दैनिक भास्कर