हरियाणा के महेंद्रगढ़ में शुक्रवार को भूकंप आया। शुक्रवार सुबह 9.16 बजे आए भूकंप का केंद्र नारनौल का तिगरा गांव था। इस भूकंप की तीव्रता 3.0 तीव्रता थी। लोग अपने घरों, दुकानों और दफ्तरों से बाहर निकल आए। हालांकि अभी तक किसी तरह के जान-माल के नुकसान की सुचना नहीं मिली है। राजकीय महाविद्यालय नारनौल के मौसम विज्ञानी और भूगोलवेत्ता डॉ. चंद्र मोहन ने बताया कि भूकंप का केंद्र नारनौल के पास तिगरा गांव 28.12 अक्षांश और 76.21 देशांतर पर है। इस भूकंप की तीव्रता 3.0 तीव्रता थी और धरती के अंदर गहराई 10 किलोमीटर थी। नेशनल सिस्मोलॉजी सेंटर ने की तरफ से सोशल मीडिया पर दी भूकंप की जानकारी भूकंप को 4 जोन में बांटा
भारत में भूकंप को 4 जोन में बांटा गया है। जिसमें जोन 2, 3, 4 और 5 शामिल हैं। इसको खतरों के हिसाब से आंका जाता है। जोन 2 में सबसे कम खतरा और जोन 5 में सबसे अधिक खतरा होता है। मैप में जोन 2 को आसमानी रंग, जोन 3 को पीला रंग, जोन 4 को संतरी रंग और जोन 5 को लाल रंग दिया गया है। इसमें रोहतक जिले का दिल्ली साइड का क्षेत्र जोन 4 व हिसार साइड का क्षेत्र जोन 3 में आता है। क्या है हरियाणा में बार-बार भूकंप का कारण है?
उत्तराखंड के देहरादून से लेकर हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले तक जमीन के नीचे एक फॉल्ट लाइन है। जिसमें अनगिनत दरारें होने की वजह से इसमें गतिविधियां चल रही हैं। इसमें जब प्लेट मूवमेंट होती है तो इसके आपस में टकराने से कंपन पैदा होता है। जिससे भूकंप के झटके महसूस होते है। भूकंप से बचने के लिए क्या करें?
घरों में भूकंप से बचने के लिए भूकंप रोधी पदार्थ से मकान बनाने चाहिए। 2-3 मंजिल से ज्यादा ऊंचा मकान भी नहीं बनाना चाहिए। इसके अलावा मकान बनाने से पहले मिट्टी की जांच के अलावा अन्य बातों का भी ध्यान रखना चाहिए। हरियाणा के महेंद्रगढ़ में शुक्रवार को भूकंप आया। शुक्रवार सुबह 9.16 बजे आए भूकंप का केंद्र नारनौल का तिगरा गांव था। इस भूकंप की तीव्रता 3.0 तीव्रता थी। लोग अपने घरों, दुकानों और दफ्तरों से बाहर निकल आए। हालांकि अभी तक किसी तरह के जान-माल के नुकसान की सुचना नहीं मिली है। राजकीय महाविद्यालय नारनौल के मौसम विज्ञानी और भूगोलवेत्ता डॉ. चंद्र मोहन ने बताया कि भूकंप का केंद्र नारनौल के पास तिगरा गांव 28.12 अक्षांश और 76.21 देशांतर पर है। इस भूकंप की तीव्रता 3.0 तीव्रता थी और धरती के अंदर गहराई 10 किलोमीटर थी। नेशनल सिस्मोलॉजी सेंटर ने की तरफ से सोशल मीडिया पर दी भूकंप की जानकारी भूकंप को 4 जोन में बांटा
भारत में भूकंप को 4 जोन में बांटा गया है। जिसमें जोन 2, 3, 4 और 5 शामिल हैं। इसको खतरों के हिसाब से आंका जाता है। जोन 2 में सबसे कम खतरा और जोन 5 में सबसे अधिक खतरा होता है। मैप में जोन 2 को आसमानी रंग, जोन 3 को पीला रंग, जोन 4 को संतरी रंग और जोन 5 को लाल रंग दिया गया है। इसमें रोहतक जिले का दिल्ली साइड का क्षेत्र जोन 4 व हिसार साइड का क्षेत्र जोन 3 में आता है। क्या है हरियाणा में बार-बार भूकंप का कारण है?
उत्तराखंड के देहरादून से लेकर हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले तक जमीन के नीचे एक फॉल्ट लाइन है। जिसमें अनगिनत दरारें होने की वजह से इसमें गतिविधियां चल रही हैं। इसमें जब प्लेट मूवमेंट होती है तो इसके आपस में टकराने से कंपन पैदा होता है। जिससे भूकंप के झटके महसूस होते है। भूकंप से बचने के लिए क्या करें?
घरों में भूकंप से बचने के लिए भूकंप रोधी पदार्थ से मकान बनाने चाहिए। 2-3 मंजिल से ज्यादा ऊंचा मकान भी नहीं बनाना चाहिए। इसके अलावा मकान बनाने से पहले मिट्टी की जांच के अलावा अन्य बातों का भी ध्यान रखना चाहिए। हरियाणा | दैनिक भास्कर