हरियाणा के पानीपत की इसराना विधानसभा सीट पर भाजपा उम्मीदवार व राज्यसभा सांसद कृष्ण लाल पंवार के खिलाफ बगावत शुरू हो गई है। यहां से स्थानीय भाजपा नेता सत्यवान शेरा ने निर्दलीय लड़ने का ऐलान कर दिया है। टिकट ना मिलने से नाराज सत्यवान ने अपनी पत्नी के साथ तीन दिन पहले ही पार्टी से इस्तीफा दिया था। इसके बाद आज सोमवार को उन्होंने प्रेस कान्फ्रेंस कर भाजपा के कई बड़े नेताओं पर गंभीर आरोप लगाते हुए निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा की है। सत्यवान ने कहा, “हम संगठन के लिए कई वर्षों से काम कर रहे हैं। लेकिन, यहां से पार्टी ने राज्यसभा सांसद कृष्ण लाल पंवार को टिकट देकर बाकी कार्यकर्ताओं की अनदेखी की है। अब चुनावों में पंवार को वोटों की चोट झेलनी होगी”। बता दें कि कांग्रेस ने यहां से अपने मौजूदा विधायक बलबीर सिंह वाल्मीकि को मैदान में उतारा है। मनोहर और संजय खुद से बड़ा किसी को नहीं समझते: शेरा
सत्यवान शेरा ने कहा, “प्रदेश के संगठन का दो लोगों ने नाश मार दिया है। ये नेता मनोहर लाल और संजय भाटिया हैं। दोनों ही पार्टी में खुद से बड़ा किसी को नहीं समझते। दोनों अपनी मनमर्जी चलाते हैं। अगर पार्टी में कोई नाराज हो जाता है, तो ये लोग उससे बातचीत भी नहीं करते हैं”। इस दौरान उन्होंने आगे कहा, “मेरे नाराज होने पर कृष्णलाल पंवार ने मुझे फोन किया और कहा कि मनोहर लाल ने फोन करने को कहा है। तब मैंने उनसे पूछा कि अगर वो नहीं कहते तो क्या आप कॉल करते। मेरे इस सवाल का जवाब भी उन्होंने संतोषजनक नहीं दिया”। इसराना में नहीं पंवार का जनाधार: सत्यवान
सत्यवान शेरा ने कहा कि जब पार्टी ने कृष्ण लाल पंवार को राज्यसभा सांसद बना दिया है, तो अब उन्हें विधानसभा से टिकट क्यों दी गई है। क्या इसराना विधानसभा में सिर्फ पंवार का ही जनाधार है। ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। कृष्ण लाल पंवार को क्षेत्र वासी स्थानीय नेता नहीं मानते, क्योंकि वे लोगों के बीच नहीं रहते हैं। 2019 में अपनी सीट नहीं बचा पाए थे पंवार
भाजपा ने 2024 के चुनाव में कई पुराने चेहरों पर दांव लगाया है, इन चेहरों में कई ऐसे नाम भी हैं जो 2019 में चुनाव हार गए थे। इन्हीं चेहरों में एक नाम राज्यसभा सांसद कृष्ण लाल पंवार का भी है। 2014 के विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हुए पंवार को पार्टी ने उस समय इसराना से टिकट दिया था। उस चुनाव में भले ही पंवार भाजपा के लिए ये सीट जीतने में कामयाब रहे लेकिन 2019 में वह इस सीट को नहीं बचा पाए। कांग्रेस के बलबीर बाल्मीकि ने उन्हें 20,015 वोटों के अंतर से मात दी थी। हालांकि हार के बाद भी पार्टी में पंवार का रुतबा कम नहीं हुआ और उन्हें राज्यसभा में पहुंचा दिया गया। पिछले विधानसभा चुनाव में हार के बावजूद भाजपा ने उनपर विश्वास जताया है। कुछ राजनीतिक जानकारों का मानना है कि ऐसा करके भाजपा दलित वोट बैंक पर अपनी पकड़ मजबूत बनाने का प्रयास कर रही है। हरियाणा के पानीपत की इसराना विधानसभा सीट पर भाजपा उम्मीदवार व राज्यसभा सांसद कृष्ण लाल पंवार के खिलाफ बगावत शुरू हो गई है। यहां से स्थानीय भाजपा नेता सत्यवान शेरा ने निर्दलीय लड़ने का ऐलान कर दिया है। टिकट ना मिलने से नाराज सत्यवान ने अपनी पत्नी के साथ तीन दिन पहले ही पार्टी से इस्तीफा दिया था। इसके बाद आज सोमवार को उन्होंने प्रेस कान्फ्रेंस कर भाजपा के कई बड़े नेताओं पर गंभीर आरोप लगाते हुए निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा की है। सत्यवान ने कहा, “हम संगठन के लिए कई वर्षों से काम कर रहे हैं। लेकिन, यहां से पार्टी ने राज्यसभा सांसद कृष्ण लाल पंवार को टिकट देकर बाकी कार्यकर्ताओं की अनदेखी की है। अब चुनावों में पंवार को वोटों की चोट झेलनी होगी”। बता दें कि कांग्रेस ने यहां से अपने मौजूदा विधायक बलबीर सिंह वाल्मीकि को मैदान में उतारा है। मनोहर और संजय खुद से बड़ा किसी को नहीं समझते: शेरा
सत्यवान शेरा ने कहा, “प्रदेश के संगठन का दो लोगों ने नाश मार दिया है। ये नेता मनोहर लाल और संजय भाटिया हैं। दोनों ही पार्टी में खुद से बड़ा किसी को नहीं समझते। दोनों अपनी मनमर्जी चलाते हैं। अगर पार्टी में कोई नाराज हो जाता है, तो ये लोग उससे बातचीत भी नहीं करते हैं”। इस दौरान उन्होंने आगे कहा, “मेरे नाराज होने पर कृष्णलाल पंवार ने मुझे फोन किया और कहा कि मनोहर लाल ने फोन करने को कहा है। तब मैंने उनसे पूछा कि अगर वो नहीं कहते तो क्या आप कॉल करते। मेरे इस सवाल का जवाब भी उन्होंने संतोषजनक नहीं दिया”। इसराना में नहीं पंवार का जनाधार: सत्यवान
सत्यवान शेरा ने कहा कि जब पार्टी ने कृष्ण लाल पंवार को राज्यसभा सांसद बना दिया है, तो अब उन्हें विधानसभा से टिकट क्यों दी गई है। क्या इसराना विधानसभा में सिर्फ पंवार का ही जनाधार है। ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। कृष्ण लाल पंवार को क्षेत्र वासी स्थानीय नेता नहीं मानते, क्योंकि वे लोगों के बीच नहीं रहते हैं। 2019 में अपनी सीट नहीं बचा पाए थे पंवार
भाजपा ने 2024 के चुनाव में कई पुराने चेहरों पर दांव लगाया है, इन चेहरों में कई ऐसे नाम भी हैं जो 2019 में चुनाव हार गए थे। इन्हीं चेहरों में एक नाम राज्यसभा सांसद कृष्ण लाल पंवार का भी है। 2014 के विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हुए पंवार को पार्टी ने उस समय इसराना से टिकट दिया था। उस चुनाव में भले ही पंवार भाजपा के लिए ये सीट जीतने में कामयाब रहे लेकिन 2019 में वह इस सीट को नहीं बचा पाए। कांग्रेस के बलबीर बाल्मीकि ने उन्हें 20,015 वोटों के अंतर से मात दी थी। हालांकि हार के बाद भी पार्टी में पंवार का रुतबा कम नहीं हुआ और उन्हें राज्यसभा में पहुंचा दिया गया। पिछले विधानसभा चुनाव में हार के बावजूद भाजपा ने उनपर विश्वास जताया है। कुछ राजनीतिक जानकारों का मानना है कि ऐसा करके भाजपा दलित वोट बैंक पर अपनी पकड़ मजबूत बनाने का प्रयास कर रही है। हरियाणा | दैनिक भास्कर