हरियाणा में सर्विस वोटर भाजपा से नाराज:10 में से 6 लोकसभा क्षेत्रों के पोस्टल बैलेट में BJP को मात, करनाल से पूर्व CM भी हारे

हरियाणा में सर्विस वोटर भाजपा से नाराज:10 में से 6 लोकसभा क्षेत्रों के पोस्टल बैलेट में BJP को मात, करनाल से पूर्व CM भी हारे

हरियाणा में सरकारी कर्मचारियों की नाराजगी का सामना भी भाजपा को करना पड़ा। हरियाणा की 10 लोकसभा सीटों पर भाजपा को 4 सीटों पर ही सर्विस वोट कांग्रेस से अधिक मिले, बाकि स्थानों पर कांग्रेस को सरकारी कर्मचारियों ने वोट डाले। अंबाला, हिसार, करनाल, सोनीपत, रोहतक और सिरसा लोकसभा में सर्विस वोट यानी पोस्टल बैलेट से मतदान में भाजपा पिछड़ गई। वहीं पूर्व CM मनोहर लाल की करनाल सीट को छोड़ दिया जाए तो भाजपा को जहां सर्विस वोट कम पड़े हैं वहां से भाजपा हार गई। वहीं प्रदेश में सबसे ज्यादा सर्विस वोट भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट पर हैं यहां सबसे ज्यादा वोट भाजपा को मिले। वहीं कांग्रेस के राव दान सिंह को दूसरे नंबर पर वोट पड़े। रोहतक में दीपेंद्र हुड्‌डा, सिरसा में कुमारी सैलजा, सोनीपत में सतपाल ब्रह्मचारी, अंबाला में वरूण मुलाना, हिसार में जयप्रकाश, करनाल में दिव्यांशु बुद्धिराजा को सबसे ज्यादा सर्विस वोट मिले। अंबाला से बंतो कटारिया, हिसार से रणजीत सिंह, करनाल से मनोहर लाल, सोनीपत से मोहन लाल बड़ौली, रोहतक से अरविंद शर्मा, सिरसा से डा. अशोक तंवर कम सर्विस वोट मिले। हरियाणा में 1 लाख 11 हजार 143 सर्विस वोटर हैं। पूर्व CM मनोहर लाल के बयान से नाराज हुए सर्विस वोटर
सरकारी कर्मचारियों का अपने गली-मोहल्ले सहित वार्ड में प्रभाव होता है। सरकारी पद पर होने के कारण वह अनेक वोटरों को प्रभावित कर सकता है। हरियाणा में एक लाख से ऊपर सर्विस वोटर हैं। ऐसे में अधिकतर वोटरों ने कांग्रेस के पक्ष में मतदान किया। इसका मुख्य कारण पूर्व CM मनोहर लाल के प्रति नाराजगी थी। दरअसल, कुछ दिन पहले CM नायब सैनी ने कहा था कि अफसरों की मनमानी हम सरकार में नहीं चलने देंगे। लिस्ट तलब कर ली गई है। वहीं पूर्व CM मनोहर लाल खट्‌टर ने कहा था कि आज तुम्हारा टाइम है, 4 जून के बाद हमारा टाइम आएगा। हरियाणा में पूर्व CM मनोहर लाल खट्‌टर और भाजपा नेताओं द्वारा कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ इस बयानबाजी ने तूल पकड़ लिया था। कौन हैं सर्विस वोटर
ये ऐसे वोटर्स होते हैं जो बिना पोलिंग बूथ पर गए अपना वोट गिरा सकते हैं। चुनाव आयोग के अनुसार सर्विस वोटिंग वो मतदाता कर सकता है जो सेना, अर्धसैनिक बस, या पुलिस में कार्यरत होता है। ये उन क्रेंद और राज्य के कर्मचारियों के लिए भी वैलिड होता है जिनकी वोटिंग के दौरान कहीं ड्यूटी होती है। ये सभी सर्विस वोटर्स की कैटेगरी में शामिल होते हैं। इसमें सरकार के अलग-अलग विभागों के लोगों का नाम शामिल होता है। ये सारे लोग जो सर्विस वोटिंग का हिस्सा होते हैं वो पोस्टल वोटिंग के जरिए अपना वोट डालते हैं। चुनाव के बाद जब वोटों की गिनती शुरू की जाती है तो सबसे पहले इन सर्विस वोटर्स के मतदान को गिना जाता है। कैसे होती है सर्विस वोटिंग
मतदान में शामिल होने के लिए सर्विस वोटर्स के लिए एक अलग सिस्टम निर्धारित है। वोटिंग के लिए सर्विस मतदाता को एक मेल भेजी जाती है। इस मेल को फॉर्म 2, 2ए और फॉर्म 3 कहा जाता है। मतदाताओं को इसका प्रिंट निकालकर इसमें टिक मार्क करना है। यह टिक मार्क उस उम्मीदवार या पार्टी के सामने करना होगा जिसे वोटर वोट देना चाहता है। यह वोटरों को उनके कमांडिंग ऑफिसर के सामने करना होता है। इसके बाद उस प्रिंटआउट को लिफाफे में बंद करके इसे अपने इलेक्शन एरिया के ऑफिसर को भेजना होता है। किन के लिए कौन सा फॉर्म
सशस्त्र बल के सदस्य- फॉर्म 2
राज्य सरकार के पुलिस में कार्यरत अथवा राज्य से बाहर सेवारत-फॉर्म 2ए
भारत सरकार में कार्यरत लेकिन भारत से बाहर पोस्टिंग- फॉर्म 3
यदि सर्विस वोटर खुद को सामान्य वोटर के रूप में रखना चाहता है – फॉर्म 6 हरियाणा में सरकारी कर्मचारियों की नाराजगी का सामना भी भाजपा को करना पड़ा। हरियाणा की 10 लोकसभा सीटों पर भाजपा को 4 सीटों पर ही सर्विस वोट कांग्रेस से अधिक मिले, बाकि स्थानों पर कांग्रेस को सरकारी कर्मचारियों ने वोट डाले। अंबाला, हिसार, करनाल, सोनीपत, रोहतक और सिरसा लोकसभा में सर्विस वोट यानी पोस्टल बैलेट से मतदान में भाजपा पिछड़ गई। वहीं पूर्व CM मनोहर लाल की करनाल सीट को छोड़ दिया जाए तो भाजपा को जहां सर्विस वोट कम पड़े हैं वहां से भाजपा हार गई। वहीं प्रदेश में सबसे ज्यादा सर्विस वोट भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट पर हैं यहां सबसे ज्यादा वोट भाजपा को मिले। वहीं कांग्रेस के राव दान सिंह को दूसरे नंबर पर वोट पड़े। रोहतक में दीपेंद्र हुड्‌डा, सिरसा में कुमारी सैलजा, सोनीपत में सतपाल ब्रह्मचारी, अंबाला में वरूण मुलाना, हिसार में जयप्रकाश, करनाल में दिव्यांशु बुद्धिराजा को सबसे ज्यादा सर्विस वोट मिले। अंबाला से बंतो कटारिया, हिसार से रणजीत सिंह, करनाल से मनोहर लाल, सोनीपत से मोहन लाल बड़ौली, रोहतक से अरविंद शर्मा, सिरसा से डा. अशोक तंवर कम सर्विस वोट मिले। हरियाणा में 1 लाख 11 हजार 143 सर्विस वोटर हैं। पूर्व CM मनोहर लाल के बयान से नाराज हुए सर्विस वोटर
सरकारी कर्मचारियों का अपने गली-मोहल्ले सहित वार्ड में प्रभाव होता है। सरकारी पद पर होने के कारण वह अनेक वोटरों को प्रभावित कर सकता है। हरियाणा में एक लाख से ऊपर सर्विस वोटर हैं। ऐसे में अधिकतर वोटरों ने कांग्रेस के पक्ष में मतदान किया। इसका मुख्य कारण पूर्व CM मनोहर लाल के प्रति नाराजगी थी। दरअसल, कुछ दिन पहले CM नायब सैनी ने कहा था कि अफसरों की मनमानी हम सरकार में नहीं चलने देंगे। लिस्ट तलब कर ली गई है। वहीं पूर्व CM मनोहर लाल खट्‌टर ने कहा था कि आज तुम्हारा टाइम है, 4 जून के बाद हमारा टाइम आएगा। हरियाणा में पूर्व CM मनोहर लाल खट्‌टर और भाजपा नेताओं द्वारा कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ इस बयानबाजी ने तूल पकड़ लिया था। कौन हैं सर्विस वोटर
ये ऐसे वोटर्स होते हैं जो बिना पोलिंग बूथ पर गए अपना वोट गिरा सकते हैं। चुनाव आयोग के अनुसार सर्विस वोटिंग वो मतदाता कर सकता है जो सेना, अर्धसैनिक बस, या पुलिस में कार्यरत होता है। ये उन क्रेंद और राज्य के कर्मचारियों के लिए भी वैलिड होता है जिनकी वोटिंग के दौरान कहीं ड्यूटी होती है। ये सभी सर्विस वोटर्स की कैटेगरी में शामिल होते हैं। इसमें सरकार के अलग-अलग विभागों के लोगों का नाम शामिल होता है। ये सारे लोग जो सर्विस वोटिंग का हिस्सा होते हैं वो पोस्टल वोटिंग के जरिए अपना वोट डालते हैं। चुनाव के बाद जब वोटों की गिनती शुरू की जाती है तो सबसे पहले इन सर्विस वोटर्स के मतदान को गिना जाता है। कैसे होती है सर्विस वोटिंग
मतदान में शामिल होने के लिए सर्विस वोटर्स के लिए एक अलग सिस्टम निर्धारित है। वोटिंग के लिए सर्विस मतदाता को एक मेल भेजी जाती है। इस मेल को फॉर्म 2, 2ए और फॉर्म 3 कहा जाता है। मतदाताओं को इसका प्रिंट निकालकर इसमें टिक मार्क करना है। यह टिक मार्क उस उम्मीदवार या पार्टी के सामने करना होगा जिसे वोटर वोट देना चाहता है। यह वोटरों को उनके कमांडिंग ऑफिसर के सामने करना होता है। इसके बाद उस प्रिंटआउट को लिफाफे में बंद करके इसे अपने इलेक्शन एरिया के ऑफिसर को भेजना होता है। किन के लिए कौन सा फॉर्म
सशस्त्र बल के सदस्य- फॉर्म 2
राज्य सरकार के पुलिस में कार्यरत अथवा राज्य से बाहर सेवारत-फॉर्म 2ए
भारत सरकार में कार्यरत लेकिन भारत से बाहर पोस्टिंग- फॉर्म 3
यदि सर्विस वोटर खुद को सामान्य वोटर के रूप में रखना चाहता है – फॉर्म 6   हरियाणा | दैनिक भास्कर