हरियाणा मुख्यमंत्री नायब सैनी के मुख्य प्रधान सचिव (CPS) की नियुक्ति के आदेश आज जारी कर दिए जाएंगे। इससे 2 दिन पहले हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी के चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी की नियुक्ति के आदेश पर नाटकीय ढंग से रोक लग गई। प्रदेश के मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद ने शुक्रवार रात करीब 8 बजे रिटायर्ड IAS राजेश खुल्लर को मुख्यमंत्री का मुख्य प्रधान सचिव बनाने के आदेश जारी किए थे। इसमें उन्हें कैबिनेट मिनिस्टर का रैंक दिया गया था। हालांकि 4 घंटे बाद ही रात करीब 12 बजे दूसरा ऑर्डर जारी हो गया। जिसमें लिखा गया कि मुख्य प्रधान सचिव की नियुक्ति के संबंध में जारी आदेश अगले आदेश तक स्थगित किया जाता है। यह घटना ऐसे समय में हुई है, जब CM नायब सैनी दिल्ली गए हुए हैं। आदेश पर रोक लगने की ये थी वजह इसके पीछे की इनसाइड स्टोरी अब सामने आई है। जिसमें पता चला है कि जब देर शाम उनकी नियुक्ति के ऑर्डर जारी किए गए, तो कैबिनेट के तीन सीनियर मंत्रियों ने इस पर ऑब्जेक्शन कर दिया। तीनों मंत्रियों ने राजेश खुल्लर को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिए जाने पर विरोध जताया। उनका कहना था कि हम चुनाव जीतकर आए हैं। वहीं अधिकारी को बैठे-बिठाए ही यह दर्जा दिया जा रहा है। जिसके बाद आदेश वापस ले लिए गए। हालांकि सरकार खुल्लर की नियुक्ति जरूर करेगी, इसके लिए अब बिना कैबिनेट रैंक के ये ऑर्डर आज या कल जारी कर सकती है। नियुक्ति और फिर उसे रोकने के ऑर्डर की कॉपी… कौन हैं राजेश खुल्लर राजेश खुल्लर 1988 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। 2014 में राज्य में भाजपा सरकार बनने के बाद से ही वे तत्कालीन सीएम मनोहर लाल खट्टर की गुडबुक में रहे। खुल्लर 31 अगस्त 2023 को रिटायर हुए और रिटायरमेंट के 24 घंटे के भीतर ही उन्हें तत्कालीन सीएम मनोहर लाल खट्टर का चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी (CPS) नियुक्त कर दिया गया। तब उन्होंने 1982 बैच के सीनियर रिटायर्ड आईएएस अधिकारी डीएस ढेसी की जगह ली थी। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले जब भाजपा ने मनोहर लाल खट्टर की जगह नायब सैनी को हरियाणा का नया सीएम बनाया था, तब भी राजेश खुल्लर उनके चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी (CPS) थे। पर्ची सिस्टम के विरोधी अपने 35 साल के लंबे कार्यकाल के दौरान राजेश खुल्लर कई जिलों के डीसी, विभागाध्यक्ष और प्रशासनिक सचिव रहे। वर्ष 2019 में खट्टर ने उन्हें अपने प्रधान सचिव के साथ-साथ गृह सचिव की जिम्मेदारी सौंपी। खुल्लर ने जनसंपर्क एवं भाषा, जेल, आपराधिक जांच और न्याय विभाग की जिम्मेदारी भी संभाली। हरियाणा में करप्शन की जड़ समझे जाने वाले तीन प्रमुख क्षेत्रों- सरकारी भर्ती, ट्रांसफर और लैंड यूज चेंज (CLU) से जुड़ी प्रक्रिया को कम्प्यूटराइज्ड कराने का श्रेय राजेश खुल्लर को ही जाता है। हरियाणा इन तीनों कामों में चलने वाले पर्ची सिस्टम के कारण देशभर में सुर्खियों में रहता था। सीएम ऑफिस (CMO) में रहते हुए खुल्लर ने ही पर्ची सिस्टम की जगह पारदर्शी व्यवस्था बनाई। इसके बाद अब आम लोगों या कर्मचारियों को अपने ट्रांसफर से लेकर बीपीएल राशन कार्ड बनवाने तक, किसी अधिकारी या कर्मचारी पर निर्भर नहीं रहना पड़ता। मनोहर ने वर्ल्ड बैंक से वापस बुलवाया राजेश खुल्लर की सितंबर-2020 में वर्ल्ड बैंक के वॉशिंगटन डीसी कार्यालय में कार्यकारी निदेशक के रूप में नियुक्ति हो गई। उनकी नियुक्ति तीन साल के लिए हुई थी। अमेरिका जाने से पहले उन्होंने करीब 5 साल हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के साथ उनके प्रधान सचिव के रूप में काम किया।उसके बाद मनोहर सरकार के आग्रह पर केंद्र सरकार ने राजेश खुल्लर को तय टाइम से पहले वर्ल्ड बैंक से वापस हरियाणा बुलाने की मंजूरी दे दी थी। वर्ल्ड बैंक से लौटने के बाद खुल्लर को एफसीआर और राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग का अतिरिक्त मुख्य सचिव बनाया गया। CMO के रहे ओवरऑल इंचार्ज इस साल 19 अप्रैल से 1 जून के बीच हुए लोकसभा चुनाव से करीब सवा 2 महीने पहले यानी 8 फरवरी 2024 को हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने अपने सीएम ऑफिस (सीएमओ) में बड़ा बदलाव किया था। उस समय खट्टर ने 58 प्रमुख विभागों को 6 अफसरों में बांट दिया था। उस फेरबदल के दौरान सीएम के तत्कालीन मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर को 17, तत्कालीन सहायक प्रधान सचिव आशिमा बराड़ को 11, तत्कालीन प्रधान सचिव वी उमाशंकर को 10, अमित अग्रवाल को 9, रिटायर्ड आईएएस अधिकारी देवेंद्र सिंह को 3, एचसीएस सुधांशु गौतम को 6 और भूपेश्वर दयाल को 2 विभाग दिए गए थे। इसके साथ ही खट्टर ने राजेश खुल्लर को सीएम ऑफिस (सीएमओ) का ओवरऑल इंचार्ज भी बनाया था। हरियाणा मुख्यमंत्री नायब सैनी के मुख्य प्रधान सचिव (CPS) की नियुक्ति के आदेश आज जारी कर दिए जाएंगे। इससे 2 दिन पहले हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी के चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी की नियुक्ति के आदेश पर नाटकीय ढंग से रोक लग गई। प्रदेश के मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद ने शुक्रवार रात करीब 8 बजे रिटायर्ड IAS राजेश खुल्लर को मुख्यमंत्री का मुख्य प्रधान सचिव बनाने के आदेश जारी किए थे। इसमें उन्हें कैबिनेट मिनिस्टर का रैंक दिया गया था। हालांकि 4 घंटे बाद ही रात करीब 12 बजे दूसरा ऑर्डर जारी हो गया। जिसमें लिखा गया कि मुख्य प्रधान सचिव की नियुक्ति के संबंध में जारी आदेश अगले आदेश तक स्थगित किया जाता है। यह घटना ऐसे समय में हुई है, जब CM नायब सैनी दिल्ली गए हुए हैं। आदेश पर रोक लगने की ये थी वजह इसके पीछे की इनसाइड स्टोरी अब सामने आई है। जिसमें पता चला है कि जब देर शाम उनकी नियुक्ति के ऑर्डर जारी किए गए, तो कैबिनेट के तीन सीनियर मंत्रियों ने इस पर ऑब्जेक्शन कर दिया। तीनों मंत्रियों ने राजेश खुल्लर को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिए जाने पर विरोध जताया। उनका कहना था कि हम चुनाव जीतकर आए हैं। वहीं अधिकारी को बैठे-बिठाए ही यह दर्जा दिया जा रहा है। जिसके बाद आदेश वापस ले लिए गए। हालांकि सरकार खुल्लर की नियुक्ति जरूर करेगी, इसके लिए अब बिना कैबिनेट रैंक के ये ऑर्डर आज या कल जारी कर सकती है। नियुक्ति और फिर उसे रोकने के ऑर्डर की कॉपी… कौन हैं राजेश खुल्लर राजेश खुल्लर 1988 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। 2014 में राज्य में भाजपा सरकार बनने के बाद से ही वे तत्कालीन सीएम मनोहर लाल खट्टर की गुडबुक में रहे। खुल्लर 31 अगस्त 2023 को रिटायर हुए और रिटायरमेंट के 24 घंटे के भीतर ही उन्हें तत्कालीन सीएम मनोहर लाल खट्टर का चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी (CPS) नियुक्त कर दिया गया। तब उन्होंने 1982 बैच के सीनियर रिटायर्ड आईएएस अधिकारी डीएस ढेसी की जगह ली थी। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले जब भाजपा ने मनोहर लाल खट्टर की जगह नायब सैनी को हरियाणा का नया सीएम बनाया था, तब भी राजेश खुल्लर उनके चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी (CPS) थे। पर्ची सिस्टम के विरोधी अपने 35 साल के लंबे कार्यकाल के दौरान राजेश खुल्लर कई जिलों के डीसी, विभागाध्यक्ष और प्रशासनिक सचिव रहे। वर्ष 2019 में खट्टर ने उन्हें अपने प्रधान सचिव के साथ-साथ गृह सचिव की जिम्मेदारी सौंपी। खुल्लर ने जनसंपर्क एवं भाषा, जेल, आपराधिक जांच और न्याय विभाग की जिम्मेदारी भी संभाली। हरियाणा में करप्शन की जड़ समझे जाने वाले तीन प्रमुख क्षेत्रों- सरकारी भर्ती, ट्रांसफर और लैंड यूज चेंज (CLU) से जुड़ी प्रक्रिया को कम्प्यूटराइज्ड कराने का श्रेय राजेश खुल्लर को ही जाता है। हरियाणा इन तीनों कामों में चलने वाले पर्ची सिस्टम के कारण देशभर में सुर्खियों में रहता था। सीएम ऑफिस (CMO) में रहते हुए खुल्लर ने ही पर्ची सिस्टम की जगह पारदर्शी व्यवस्था बनाई। इसके बाद अब आम लोगों या कर्मचारियों को अपने ट्रांसफर से लेकर बीपीएल राशन कार्ड बनवाने तक, किसी अधिकारी या कर्मचारी पर निर्भर नहीं रहना पड़ता। मनोहर ने वर्ल्ड बैंक से वापस बुलवाया राजेश खुल्लर की सितंबर-2020 में वर्ल्ड बैंक के वॉशिंगटन डीसी कार्यालय में कार्यकारी निदेशक के रूप में नियुक्ति हो गई। उनकी नियुक्ति तीन साल के लिए हुई थी। अमेरिका जाने से पहले उन्होंने करीब 5 साल हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के साथ उनके प्रधान सचिव के रूप में काम किया।उसके बाद मनोहर सरकार के आग्रह पर केंद्र सरकार ने राजेश खुल्लर को तय टाइम से पहले वर्ल्ड बैंक से वापस हरियाणा बुलाने की मंजूरी दे दी थी। वर्ल्ड बैंक से लौटने के बाद खुल्लर को एफसीआर और राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग का अतिरिक्त मुख्य सचिव बनाया गया। CMO के रहे ओवरऑल इंचार्ज इस साल 19 अप्रैल से 1 जून के बीच हुए लोकसभा चुनाव से करीब सवा 2 महीने पहले यानी 8 फरवरी 2024 को हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने अपने सीएम ऑफिस (सीएमओ) में बड़ा बदलाव किया था। उस समय खट्टर ने 58 प्रमुख विभागों को 6 अफसरों में बांट दिया था। उस फेरबदल के दौरान सीएम के तत्कालीन मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर को 17, तत्कालीन सहायक प्रधान सचिव आशिमा बराड़ को 11, तत्कालीन प्रधान सचिव वी उमाशंकर को 10, अमित अग्रवाल को 9, रिटायर्ड आईएएस अधिकारी देवेंद्र सिंह को 3, एचसीएस सुधांशु गौतम को 6 और भूपेश्वर दयाल को 2 विभाग दिए गए थे। इसके साथ ही खट्टर ने राजेश खुल्लर को सीएम ऑफिस (सीएमओ) का ओवरऑल इंचार्ज भी बनाया था। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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