हरियाणा में विधानसभा चुनाव से पहले जननायक जनता पार्टी (JJP) से इस्तीफा दे चुके नरवाना से विधायक रामनिवास सुरजाखेड़ा कल यानी सोमवार को BJP में शामिल होंगे। कुरुक्षेत्र में होने वाले दलित महासम्मेलन में केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर और BJP प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली उनका पार्टी में स्वागत करेंगे। आज रविवार को रामनिवास सुरजाखेड़ा को चंडीगढ़ में पार्टी जॉइन करनी थी। हालांकि बाद में उनके जॉइनिंग कार्यक्रम में बदलाव हो गया। रामनिवास सुरजाखेड़ा ने 22 अगस्त को JJP को अलविदा कहते हुए विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अजय सिंह चौटाला को भेजे इस्तीफे में लिखा था, ‘पिछले 2 साल से पार्टी की गतिविधियां उनकी राजनीतिक विचारधारा से विपरीत रही हैं। इससे परेशान होकर सभी पदों, दायित्वों और प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं।’ हालांकि विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा कि अभी विधानसभा में रामनिवास सुरजाखेड़ा का इस्तीफा नहीं पहुंचा है, न ही मुझे मिला है। अभी वह सिर्फ सोशल मीडिया पर ही वायरल हो रहा है। दुष्यंत चौटाला पर विकास कार्यों में भेदभाव के आरोप लगाए थे 2019 के विधानसभा चुनाव में रामनिवास सुरजाखेड़ा JJP के टिकट पर विधायक बने थे। BJP के साथ गठबंधन की सरकार बनने पर सुरजाखेड़ा को खादी ग्रामोद्योग बोर्ड का चेयरमैन नियुक्त किया गया। 2022 में सुरजाखेड़ा ने तत्कालीन डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला पर आरोप लगाए कि उनके क्षेत्र में विकास कार्यों में भेदभाव हो रहा है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ही यहां विकास करवा रहे हैं। सुरजाखेड़ा की बयानबाजी के बाद दुष्यंत चौटाला ने उनसे खादी ग्रामोद्योग बोर्ड का चेयरमैन पद लेकर राजेंद्र लितानी को दे दिया था। JJP के 6 विधायक पार्टी से इस्तीफा दे चुके विधानसभा चुनाव ऐलान के बाद जननायक जनता पार्टी (JJP) के 6 विधायक पार्टी से इस्तीफा दे चुके हैं। इनमें नरवाना से विधायक रामनिवास सुरजाखेड़ा, उकलाना से विधायक अनूप धानक, टोहाना से विधायक देवेंद्र बबली, शाहबाद से विधायक रामकरण काला, गुहला चीका से विधायक ईश्वर सिंह और बरवाला से विधायक जोगीराम सिहाग शामिल हैं। इनमें जोगीराम सिहाग और अनूप धानक विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दे चुके हैं। रामनिवास सुरजाखेड़ा के भी इस्तीफा देने की चर्चा है, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष इससे इनकार कर चुके हैं। विधानसभा में अभी ये है राजनीतिक समीकरण हरियाणा विधानसभा में कुल 90 सीटें हैं। अभी विधानसभा में 86 विधायक हैं। भाजपा को समर्थन देने वाले बादशाहपुर से निर्दलीय विधायक राकेश दौलताबाद के निधन के बाद सीट खाली पड़ी है। इसके बाद रानियां से निर्दलीय विधायक रणजीत सिंह चौटाला भी अपनी विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दे चुके हैं। अंबाला से लोकसभा सांसद चुने गए वरुण मुलाना भी विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दे चुके हैं। हाल ही में तोशाम से कांग्रेस विधायक किरण चौधरी ने विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दिया था। वह भाजपा की राज्यसभा उपचुनाव के लिए उम्मीदवार हैं। भाजपा के पास इस वक्त 41 विधायक हैं। इसकी सहयोगी हलोपा 1 और एक निर्दलीय मिलाकर 43 विधायकों का सीधा समर्थन है। विपक्ष के पास कांग्रेस के 28, जजपा के 10, इनेलो एक और 4 निर्दलीय मिलाकर कुल 43 विधायक हैं। अगर निर्दलीय सोमबीर सांगवान, जजपा विधायक जोगीराम सिहाग और अनूप धानक का इस्तीफा स्वीकार हो जाता है तो विधानसभा में 83 विधायक रह जाएंगे। हरियाणा में विधानसभा चुनाव से पहले जननायक जनता पार्टी (JJP) से इस्तीफा दे चुके नरवाना से विधायक रामनिवास सुरजाखेड़ा कल यानी सोमवार को BJP में शामिल होंगे। कुरुक्षेत्र में होने वाले दलित महासम्मेलन में केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर और BJP प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली उनका पार्टी में स्वागत करेंगे। आज रविवार को रामनिवास सुरजाखेड़ा को चंडीगढ़ में पार्टी जॉइन करनी थी। हालांकि बाद में उनके जॉइनिंग कार्यक्रम में बदलाव हो गया। रामनिवास सुरजाखेड़ा ने 22 अगस्त को JJP को अलविदा कहते हुए विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अजय सिंह चौटाला को भेजे इस्तीफे में लिखा था, ‘पिछले 2 साल से पार्टी की गतिविधियां उनकी राजनीतिक विचारधारा से विपरीत रही हैं। इससे परेशान होकर सभी पदों, दायित्वों और प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं।’ हालांकि विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा कि अभी विधानसभा में रामनिवास सुरजाखेड़ा का इस्तीफा नहीं पहुंचा है, न ही मुझे मिला है। अभी वह सिर्फ सोशल मीडिया पर ही वायरल हो रहा है। दुष्यंत चौटाला पर विकास कार्यों में भेदभाव के आरोप लगाए थे 2019 के विधानसभा चुनाव में रामनिवास सुरजाखेड़ा JJP के टिकट पर विधायक बने थे। BJP के साथ गठबंधन की सरकार बनने पर सुरजाखेड़ा को खादी ग्रामोद्योग बोर्ड का चेयरमैन नियुक्त किया गया। 2022 में सुरजाखेड़ा ने तत्कालीन डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला पर आरोप लगाए कि उनके क्षेत्र में विकास कार्यों में भेदभाव हो रहा है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ही यहां विकास करवा रहे हैं। सुरजाखेड़ा की बयानबाजी के बाद दुष्यंत चौटाला ने उनसे खादी ग्रामोद्योग बोर्ड का चेयरमैन पद लेकर राजेंद्र लितानी को दे दिया था। JJP के 6 विधायक पार्टी से इस्तीफा दे चुके विधानसभा चुनाव ऐलान के बाद जननायक जनता पार्टी (JJP) के 6 विधायक पार्टी से इस्तीफा दे चुके हैं। इनमें नरवाना से विधायक रामनिवास सुरजाखेड़ा, उकलाना से विधायक अनूप धानक, टोहाना से विधायक देवेंद्र बबली, शाहबाद से विधायक रामकरण काला, गुहला चीका से विधायक ईश्वर सिंह और बरवाला से विधायक जोगीराम सिहाग शामिल हैं। इनमें जोगीराम सिहाग और अनूप धानक विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दे चुके हैं। रामनिवास सुरजाखेड़ा के भी इस्तीफा देने की चर्चा है, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष इससे इनकार कर चुके हैं। विधानसभा में अभी ये है राजनीतिक समीकरण हरियाणा विधानसभा में कुल 90 सीटें हैं। अभी विधानसभा में 86 विधायक हैं। भाजपा को समर्थन देने वाले बादशाहपुर से निर्दलीय विधायक राकेश दौलताबाद के निधन के बाद सीट खाली पड़ी है। इसके बाद रानियां से निर्दलीय विधायक रणजीत सिंह चौटाला भी अपनी विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दे चुके हैं। अंबाला से लोकसभा सांसद चुने गए वरुण मुलाना भी विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दे चुके हैं। हाल ही में तोशाम से कांग्रेस विधायक किरण चौधरी ने विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दिया था। वह भाजपा की राज्यसभा उपचुनाव के लिए उम्मीदवार हैं। भाजपा के पास इस वक्त 41 विधायक हैं। इसकी सहयोगी हलोपा 1 और एक निर्दलीय मिलाकर 43 विधायकों का सीधा समर्थन है। विपक्ष के पास कांग्रेस के 28, जजपा के 10, इनेलो एक और 4 निर्दलीय मिलाकर कुल 43 विधायक हैं। अगर निर्दलीय सोमबीर सांगवान, जजपा विधायक जोगीराम सिहाग और अनूप धानक का इस्तीफा स्वीकार हो जाता है तो विधानसभा में 83 विधायक रह जाएंगे। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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भिवानी नेशनल कबड्डी में हिमाचल की जीत:झारखंड को दी पटखनी, लड़कियों की टीम में पंजाब को मिली जीत भिवानी में सोमवार को शिक्षा विभाग द्वारा राष्ट्रीय स्कूल खेल कबड्डी प्रतियोगिता में तीसरे दिन हिमाचल प्रदेश की लड़कों की टीम ने झारखंड टीम को 62 अंकों से हराया। हालांकि झारखंड की टीम ने मुकाबला बराबरी पर लाने का प्रयास किया। हिमाचल व झारखंड का स्कोर 77-15 का रहा। दूसरी तरफ लड़कियों की कबड्डी मैच में पंजाब व छत्तीसगढ़ की टीमों के बीच मुकाबला हुआ। दोनों टीम ने 38-31 अंकों का स्कोर बनाया। आज भीम स्टेडियम में प्रतियोगिता के तीसरे दिन रोचक मुकाबले हुए। राष्ट्रीय स्कूल खेल प्रतियोगिता में आज झारखंड की टीम ने टॉस जीतकर रेड की चॉइस ली। मैच शुरू होते ही हिमाचल की टीम ने बढ़त लेने के मकसद से आक्रामक तरीके से खेलना शुरू किया। मैच के दूसरे मिनट में ही झारखंड की टीम को लोना (पलेंटी) लगा दिया। जिसके चलते हिमाचल की टीम को अतिरिक्त दो अंक मिले। मैच के पांचवें मिनट में झारखंड की टीम को डू एंड डाई में एक अंक का नुकसान सहना पड़ा। हिमाचल प्रदेश की टीम के कप्तान सचिन, हर्ष सिमरन, रज्जाक, आशीष राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी खेल रहे थे, ये सभी खिलाड़ी अंडर-17 में राष्ट्रीय स्तर पर खेले थे। झारखंड की टीम में जर्सी संख्या 3 कनिष्क, कप्तान प्रिंस ने आपसी तालमेल बैठाकर अंकों का स्कोर बराबर करने का प्रयास किया गया। अंतिम क्षणों तक हिमाचल की टीम ने झारखंड की टीम को 77-15 अंकों के अंतर से हराकर लीग की प्रबल दावेदार बनी। पंजाब की बेटियों ने पटका छत्तीसगढ़ को प्रतियोगिता में लड़कियों के मैच में पंजाब व छत्तीसगढ़ के बीच मुकाबला शुरू हुआ। दोनों टीम ने टॉप शिखर पर पहुंचने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया। पंजाब की टीम ने जमकर अंक बटोरे। छत्तीसगढ़ की टीम भी पीछे नहीं रही। दोनों टीमों ने आधे समय बीतने तक 20-18 का स्कोर खड़ा कर दिया। मैच समाप्ति तक दोनों टीमों के अंकों का स्कोर 38-31 रहा और पंजाब की टीम ने 7 अंकों के अंतर से मैच जीता।
हरियाणा में संगठन बनाएगी कांग्रेस, प्रधान-प्रभारी की छुट्टी तय:राहुल गांधी के करीबी को कमान; हुड्डा-सैलजा को सख्त मैसेज, पहले जिला लेवल पर नियुक्तियां
हरियाणा में संगठन बनाएगी कांग्रेस, प्रधान-प्रभारी की छुट्टी तय:राहुल गांधी के करीबी को कमान; हुड्डा-सैलजा को सख्त मैसेज, पहले जिला लेवल पर नियुक्तियां हरियाणा में कांग्रेस चुनाव में हार के बाद अब संगठन पर काम करेगी। कांग्रेस जिले से प्रदेश स्तर का नया संगठन खड़ा करेगी, ताकि नए छोटे कार्यकर्ताओं को मौका मिले और वह आगे आ सकें। पद संभालने के बाद नए सह प्रभारी जितेंद्र बघेल ने इस काम शुरू कर दिया है। बघेल की गुपचुप तरीके से हरियाणा में एंट्री हुई है। इससे पहले हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान और प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया की छुट्टी हो सकती है। गुरुवार को चंडीगढ़ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उदयभान ने बाबरिया पर निशाना भी साधा। उन्होंने कहा कि प्रदेश प्रभारी ने हरियाणा में संगठन नहीं बनने दिया। वहीं, गुटबाजी पर लगाम कसने के लिए हाईकमान ने पूर्व CM भूपेंद्र सिंह हुड्डा और सांसद कुमारी सैलजा को सख्त मैसेज दिया है। इन्हें कहा गया है कि मीडिया में एक-दूसरे के खिलाफ कोई बयानबाजी न करें। अब हरियाणा में संगठन में नियुक्ति नीचे से ऊपर की ओर की जाएंगी। सबसे पहले जिलाध्यक्षों की नियुक्ति संगठन कर सकता है। इसके बाद दूसरे स्तर पर नियुक्तियां होंगी। हरियाणा में 10 साल से नहीं संगठन
हरियाणा में कांग्रेस 10 साल से संगठन खड़ा नहीं पाई है। कांग्रेस हाईकमान की ओर से हरियाणा के लगाए गए सह प्रभारी जितेंद्र बघेल का भी मानना है कि हरियाणा में सभी नेताओं को साथ लेकर चलना और संगठन बनाना बड़ी चुनौती होगी। पिछले 10 साल से कांग्रेस में न तो संगठन बन पाया है और न ही पार्टी की गुटबाजी खत्म हो पाई है। बल्कि, अब विधानसभा चुनाव में हार के बाद पार्टी में धड़ेबाजी और बढ़ गई है। नेता एक-दूसरे पर हार का ठीकरा फोड़ रहे हैं। चंडीगढ़ में उदयभान ने बाबरिया पर ठीकरा फोड़ा
गुरुवार को चंडीगढ़ में उदयभान कहा है कि राज्य में कांग्रेस का संगठन न बन पाने और विधानसभा में हार के लिए पार्टी प्रभारी दीपक बाबरिया जिम्मेदार हैं। उदयभान ने कहा कि हमने कई बार पार्टी पदाधिकारियों की सूचियां प्रभारी को सौंपी, लेकिन वह इन्हें कांग्रेस हाईकमान के पास भेजने के बजाय स्वयं दबाए बैठे रहे। उदयभान ने कहा कि राज्य में कांग्रेस की हार का एक बड़ा कारण EVM की हैकिंग तो है ही, राज्य में संगठन का न बन पाना भी एक वजह है। राहुल गांधी के सामने 7 अगस्त 2023 को हुई मीटिंग में बाबरिया ने वादा किया था कि 10 सितंबर 2023 तक संगठन बना दिया जाएगा, लेकिन फिर भी वह संगठन तैयार नहीं करवा सके। ऐसे आरोपों के बीच हरियाणा के लिए कांग्रेस ने जितेंद्र बघेल को बड़ी जिम्मेदारी दी है। हरियाणा के प्रभारी दीपक बाबरिया पहले ही इस्तीफे की पेशकश कर चुके हैं और वह फिलहाल बीमार चल रहे हैं। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष और प्रभारी की हो सकती है छुट्टी
हरियाणा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान की छुट्टी हो सकती है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, हाईकमान ने इसके संकेत दे दिए हैं। इसके अलावा पार्टी की हार के प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया पहले ही इस्तीफे की पेशकश कर चुके हैं। वहीं, नेता विपक्ष रह चुके भूपेंद्र हुड्डा से भी हार पर जवाबतलबी की गई थी। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, प्रदेश में अच्छे माहौल के बावजूद हुए उलटफेर को कांग्रेस हाईकमान ने बड़ी गंभीरता से लिया है। इसके बाद यहां संगठन को लेकर बड़े फेरबदल किए जा रहे हैं। मौजूदा अध्यक्ष चौधरी उदयभान हुड्डा के करीबी हैं। चुनाव में संगठन को संभालने की जगह उन्होंने खुद चुनाव लड़ा। हालांकि, वह होडल सीट से हार गए। कांग्रेस हाईकमान के आगे इसे लेकर भी सवाल खड़े हुए हैं, क्योंकि भाजपा के अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने राई से विधायक होते हुए भी संगठन की जिम्मेदारी बता चुनाव नहीं लड़ा था। राहुल गांधी ने हरियाणा के नेताओं पर ठीकरा फोड़ा
हरियाणा में कांग्रेस की हार के बाद दिल्ली में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर समीक्षा मीटिंग हुई थी, जिसमें राहुल गांधी ने हार को लेकर कहा कि हमारी पार्टी के नेताओं के इंटरेस्ट पार्टी से ऊपर हो गए, इसी वजह से हार हुई। इसके बाद यहां तय हुआ कि हार के कारण जानने के लिए फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनाई जाएगी। कमेटी हरियाणा में जाकर नेताओं से चर्चा कर रिपोर्ट हाईकमान को सौपेंगी। हालांकि, कमेटी ने जांच के बाद हाई कमान को रिपोर्ट सौंपी, जिसमें हार की वजह गुटबाजी, कमजोर नेतृत्व सहित कई कारण रहे। यह रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई। सैलजा ने भी कहा था- संगठन होना जरूरी
वहीं, इससे पहले सिरसा से सांसद कुमारी सैलजा रोहतक में बयान दे चुकी हैं कि कांग्रेस संगठन न बना पाने के कारण हारी। सैलजा ने कहा कि संगठन से कार्यकर्ताओं की पहचान होती है। कांग्रेस का राज्य स्तर से लेकर ब्लॉक स्तर तक संगठन नहीं था। संगठन से पार्टी का काम होता है। हरियाणा में हार से कार्यकर्ताओं में निराशा हुई है। 10 साल विपक्ष में बैठना आसान नहीं होता। सैलजा ने कहा कि हाईकमान को इन सब बातों की जानकारी है।
मूलभूत सुविधाओं से वंचित है महेंद्रगढ़, जनता के सहयोग से बदलेंगे इलाके की सूरत : डॉ. मनीष
मूलभूत सुविधाओं से वंचित है महेंद्रगढ़, जनता के सहयोग से बदलेंगे इलाके की सूरत : डॉ. मनीष महेंद्रगढ़| हरियाणा गठन के बाद से ही महेंद्रगढ़ जिले के साथ भेदभाव होता आया है। महेंद्रगढ़ क्षेत्र मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। इस बार क्षेत्र की जनता बदलाव का मन बना चुकी है। इस चुनाव के बाद महेंद्रगढ़ के इतिहास में बदलाव होगा तथा क्षेत्र में केजरीवाल सरकार द्वारा विकास के नए आयाम स्थापित किए जाएंगे। ये बातें आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी डॉ. मनीष यादव ने अपने पैतृक गांव बवानियां में जनसभा को संबोधित करते हुए कहीं। डॉ. मनीष यादव ने कहा कि उनका अधिकांश समय बाहर बीता है। करीब दो वर्ष पहले उन्होंने क्षेत्र की समस्याओं को देखते हुए राजनीति में आने का निर्णय लिया था। डॉ. मनीष यादव ने कहा कि यह चुनाव एक बड़े बदलाव का चुनाव है। मेरा गांव एक ऐतिहासिक गांव है। हमारे गांव ने हमेशा सकारात्मक बदलाव में अपना बड़ा योगदान दिया है। इस बदलाव की लड़ाई में गांव के लोगों ने जो सहयोग करने का आश्वासन दिया है उससे लग रहा है कि महेंद्रगढ़ की सीट आप पार्टी के खाते में जाएंगी।