हरियाणा के पानीपत के पुलिस थाने में तैनात SHO ने झगड़े की शिकायत लेकर आए लोगों को सरेआम धक्के मारे। उसने महिलाओं को भी नहीं छोड़ा और कोहनी से मारने की कोशिश की। इस दौरान लोगों ने इसकी वीडियो बना ली। जिसमें दिख रहा है कि 2 पक्षों में थाने के भीतर कोई विवाद होता है। एक पक्ष का आदमी अंदर जाता है। थोड़ी देर में SHO उसके साथ बाहर आता है। इसके बाद वहां खड़े लोगों को धक्के मारकर बाहर निकालना शुरू कर देता है। वीडियो सामने आने के बाद SP लोकेंद्र सिंह ने समालखा थाने के SHO कैलाश चंद्र को लाइनहाजिर कर दिया है। उसकी जगह अब सब इंस्पेक्टर विनोद कुमार को थाने का चार्ज दिया गया है। साथ ही वीडियो में दिख रहे दूसरे पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ जांच की जा रही है। युवक ने बताया- मेरे बच्चों को घर में घुसकर पीटा, पुलिस नहीं आई
मछरौली गांव के संदीप ने बताया कि 2 जनवरी को मैं और मेरी पत्नी घर पर नहीं थे। मेरे बच्चों के साथ घर में घुसकर मारपीट की गई। बच्चों ने पुलिस को डायल–112 पर कॉल की लेकिन वह नहीं आए। 3 जनवरी को उन्होंने फिर मेरा लड़का खेल रहा था तो उसे भगा–भगाकर पीटा। थाने आए तो शिकायत नहीं ली
जब वे थाने में आए उनकी शिकायत नहीं ली गई। उलटा पुलिस वालों ने दुर्व्यवहार किया। मेरे बड़े भाई और भतीजे को धक्के मारकर थाने में अंदर कर दिया। उनके साथ मारपीट की गई। हमारी मांग है कि एसएचओ और थाने के पुलिस वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। इस मामले में हम SP के पास गए। अब डीएसपी के पास आए। सुनवाई न हुई तो आगे भी जाएंगे। महिला बोली- SHO ने जातिसूचक शब्द भी कहे
संदीप की पत्नी सुमन ने बताया कि 3 जनवरी को वह थाने में आए थे तो पुलिस ने कहा कि वे दूसरी पार्टी को बुला रहे हैं। उन्होंने आते ही विवाद शुरू कर दिया। थोड़ी देर में SHO आए। उन्होंने किसी की सुनवाई नहीं की और जेठ व उनके लड़के को अंदर डाल दिया। हमने एसएचओ के पैर भी पकड़े। एसएचओ ने जातिसूचक शब्द भी कहे। समिति अध्यक्ष ने बताया पूरा मामला
पहले 2 जनवरी को झगड़ा हुआ: संपूर्ण वाल्मिकी जीर्णोद्धार समिति के प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल ने कहा कि 2 जनवरी को मछरौली में पड़ोसियों का आपस में झगड़ा हुआ था। 2 जनवरी को इन्होंने थाने में शिकायत दी। पुलिस को बताया कि हमारे साथ झगड़ा किया है। 3 जनवरी को फिर मारपीट की, समझौता हुआ
3 जनवरी को फिर संदीप के बच्चों के मारपीट की गई। 3 जनवरी को ये लोग शिकायत देने आए। एक पंचायत मेंबर सुभाष वाल्मीकि भी दोनों पक्षों में समझौता कराने के लिए साथ आया था। वहां मौके पर पंचायती तौर पर समझौता हो गया था। SHO ने पंचायत मेंबर को भी बंद कर दिया
वहां एसएचओ समालखा ने किसी प्रेशर में आकर हमारे पंचायत मेंबर को भी धक्के मारकर हवालात में बंद कर दिया। उनके खिलाफ पर्चा दर्ज कर कार्रवाई भी कर दी। जब लड़की कहने लगी कि उन्हें छोड़ दो तो उसके ऊपर भी हाथ उठाने की कोशिश की। जिसे दूसरे कर्मचारी ने रोका। DSP ने जांच का भरोसा दिया
उन्होंने कहा कि हम DSP समालखा से मिले। उन्होंने हमारी बात सुनी और शिकायत देखी। उन्होंने जांच का भरोसा दिया है। हमारी मांग ये है कि इस मामले में भाईचारा भले ही समझौता कर ले लेकिन हम एसएचओ के दुर्व्यवहार को बर्दाश्त नहीं करेंगे। उसके खिलाफ आंदोलन कर कार्रवाई कराएंगे। हरियाणा के पानीपत के पुलिस थाने में तैनात SHO ने झगड़े की शिकायत लेकर आए लोगों को सरेआम धक्के मारे। उसने महिलाओं को भी नहीं छोड़ा और कोहनी से मारने की कोशिश की। इस दौरान लोगों ने इसकी वीडियो बना ली। जिसमें दिख रहा है कि 2 पक्षों में थाने के भीतर कोई विवाद होता है। एक पक्ष का आदमी अंदर जाता है। थोड़ी देर में SHO उसके साथ बाहर आता है। इसके बाद वहां खड़े लोगों को धक्के मारकर बाहर निकालना शुरू कर देता है। वीडियो सामने आने के बाद SP लोकेंद्र सिंह ने समालखा थाने के SHO कैलाश चंद्र को लाइनहाजिर कर दिया है। उसकी जगह अब सब इंस्पेक्टर विनोद कुमार को थाने का चार्ज दिया गया है। साथ ही वीडियो में दिख रहे दूसरे पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ जांच की जा रही है। युवक ने बताया- मेरे बच्चों को घर में घुसकर पीटा, पुलिस नहीं आई
मछरौली गांव के संदीप ने बताया कि 2 जनवरी को मैं और मेरी पत्नी घर पर नहीं थे। मेरे बच्चों के साथ घर में घुसकर मारपीट की गई। बच्चों ने पुलिस को डायल–112 पर कॉल की लेकिन वह नहीं आए। 3 जनवरी को उन्होंने फिर मेरा लड़का खेल रहा था तो उसे भगा–भगाकर पीटा। थाने आए तो शिकायत नहीं ली
जब वे थाने में आए उनकी शिकायत नहीं ली गई। उलटा पुलिस वालों ने दुर्व्यवहार किया। मेरे बड़े भाई और भतीजे को धक्के मारकर थाने में अंदर कर दिया। उनके साथ मारपीट की गई। हमारी मांग है कि एसएचओ और थाने के पुलिस वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। इस मामले में हम SP के पास गए। अब डीएसपी के पास आए। सुनवाई न हुई तो आगे भी जाएंगे। महिला बोली- SHO ने जातिसूचक शब्द भी कहे
संदीप की पत्नी सुमन ने बताया कि 3 जनवरी को वह थाने में आए थे तो पुलिस ने कहा कि वे दूसरी पार्टी को बुला रहे हैं। उन्होंने आते ही विवाद शुरू कर दिया। थोड़ी देर में SHO आए। उन्होंने किसी की सुनवाई नहीं की और जेठ व उनके लड़के को अंदर डाल दिया। हमने एसएचओ के पैर भी पकड़े। एसएचओ ने जातिसूचक शब्द भी कहे। समिति अध्यक्ष ने बताया पूरा मामला
पहले 2 जनवरी को झगड़ा हुआ: संपूर्ण वाल्मिकी जीर्णोद्धार समिति के प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल ने कहा कि 2 जनवरी को मछरौली में पड़ोसियों का आपस में झगड़ा हुआ था। 2 जनवरी को इन्होंने थाने में शिकायत दी। पुलिस को बताया कि हमारे साथ झगड़ा किया है। 3 जनवरी को फिर मारपीट की, समझौता हुआ
3 जनवरी को फिर संदीप के बच्चों के मारपीट की गई। 3 जनवरी को ये लोग शिकायत देने आए। एक पंचायत मेंबर सुभाष वाल्मीकि भी दोनों पक्षों में समझौता कराने के लिए साथ आया था। वहां मौके पर पंचायती तौर पर समझौता हो गया था। SHO ने पंचायत मेंबर को भी बंद कर दिया
वहां एसएचओ समालखा ने किसी प्रेशर में आकर हमारे पंचायत मेंबर को भी धक्के मारकर हवालात में बंद कर दिया। उनके खिलाफ पर्चा दर्ज कर कार्रवाई भी कर दी। जब लड़की कहने लगी कि उन्हें छोड़ दो तो उसके ऊपर भी हाथ उठाने की कोशिश की। जिसे दूसरे कर्मचारी ने रोका। DSP ने जांच का भरोसा दिया
उन्होंने कहा कि हम DSP समालखा से मिले। उन्होंने हमारी बात सुनी और शिकायत देखी। उन्होंने जांच का भरोसा दिया है। हमारी मांग ये है कि इस मामले में भाईचारा भले ही समझौता कर ले लेकिन हम एसएचओ के दुर्व्यवहार को बर्दाश्त नहीं करेंगे। उसके खिलाफ आंदोलन कर कार्रवाई कराएंगे। हरियाणा | दैनिक भास्कर