हरियाणा CM नायब सैनी के OSD अभिमन्यु सिंह ने नौकरी छोड़ दी है। सीएम सैनी ने उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया है। अभिमन्यु पहले CM रहते मनोहर लाल खट्टर के PA थे। हालांकि खट्टर के सीएम कुर्सी से हटाए जाने के बाद अभिमन्यु ने भी इस्तीफा दे दिया। इसी बीच लोकसभा चुनाव आ गए, जिसकी वजह से वह मंजूर नहीं हो सका। जब नायब सैनी सीएम बने तो अभिमन्यु को सरकार ने प्रमोट कर PA से OSD बना दिया। इसके बावजूद वह नौकरी में नहीं रुके। झज्जर के रहने वाले अभिमन्यु, कोसली सीट से चुनाव लड़ेंगे
अभिमन्यु सिंह झज्जर जिले के रहने वाले हैं। वहीं चर्चा है कि वह कोसली विधानसभा सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। लोकसभा चुनाव में भी वह कोसली व उसके आसपास के इलाकों में BJP उम्मीदवार के लिए प्रचार करते रहे। रेवाड़ी की कोसली सीट झज्जर के साथ लगती है। जहां अभिमन्यु पिछले 2 साल से एक्टिव हैं। राव इंद्रजीत की पैतृक सीट
जिस कोसली सीट से चुनाव लड़ने के लिए अभिमन्यु ने नौकरी छोड़ी, वह गुरुग्राम से सांसद राव इंद्रजीत सिंह की पैतृक सीट है। 2008 में नए परसीमन के बाद कोसली विधानसभा सीट अस्तित्व में आई। इससे पहले सालाबास और जाटोसाना दो हलके हुआ करते थे, इन्हें तोड़कर एक विधानसभा कोसली बनाया गया। जाटोसाना सीट से राव इंद्रजीत चार बार विधायक रह चुके हैं। सीट पर राव इंद्रजीत का दबदबा
आज भी इस सीट पर राव इंद्रजीत के परिवार का दबदबा है। 2014 में उनके समर्थित विक्रम ठेकेदार विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं। 2019 में बीजेपी के पुराने कार्यकर्ता लक्ष्मण सिंह यादव की राव इंद्रजीत सिंह की सिफारिश पर टिकट मिली और उन्होंने चुनाव भी जीता। इससे पहले इस सीट राव इंद्रजीत सिंह के छोटे भाई राव यदुविंदर सिंह चुनाव जीतते रहे हैं। खट्टर के करीबी रहे, रियल एस्टेट कारोबारी
अभिमन्यु खट्टर के साथ लंबे समय से काम कर रहे थे। नायब सैनी की तरह ही वह भी खट्टर के सहयोगी रहे। अभिमन्यु ने खट्टर के साथ लंबे समय तक संगठन में काम किया। खट्टर से जुड़ने से पहले वह गुरुग्राम और रेवाड़ी क्षेत्र में रियल स्टेट के कारोबार से जुड़े रहे हैं। हरियाणा CM नायब सैनी के OSD अभिमन्यु सिंह ने नौकरी छोड़ दी है। सीएम सैनी ने उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया है। अभिमन्यु पहले CM रहते मनोहर लाल खट्टर के PA थे। हालांकि खट्टर के सीएम कुर्सी से हटाए जाने के बाद अभिमन्यु ने भी इस्तीफा दे दिया। इसी बीच लोकसभा चुनाव आ गए, जिसकी वजह से वह मंजूर नहीं हो सका। जब नायब सैनी सीएम बने तो अभिमन्यु को सरकार ने प्रमोट कर PA से OSD बना दिया। इसके बावजूद वह नौकरी में नहीं रुके। झज्जर के रहने वाले अभिमन्यु, कोसली सीट से चुनाव लड़ेंगे
अभिमन्यु सिंह झज्जर जिले के रहने वाले हैं। वहीं चर्चा है कि वह कोसली विधानसभा सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। लोकसभा चुनाव में भी वह कोसली व उसके आसपास के इलाकों में BJP उम्मीदवार के लिए प्रचार करते रहे। रेवाड़ी की कोसली सीट झज्जर के साथ लगती है। जहां अभिमन्यु पिछले 2 साल से एक्टिव हैं। राव इंद्रजीत की पैतृक सीट
जिस कोसली सीट से चुनाव लड़ने के लिए अभिमन्यु ने नौकरी छोड़ी, वह गुरुग्राम से सांसद राव इंद्रजीत सिंह की पैतृक सीट है। 2008 में नए परसीमन के बाद कोसली विधानसभा सीट अस्तित्व में आई। इससे पहले सालाबास और जाटोसाना दो हलके हुआ करते थे, इन्हें तोड़कर एक विधानसभा कोसली बनाया गया। जाटोसाना सीट से राव इंद्रजीत चार बार विधायक रह चुके हैं। सीट पर राव इंद्रजीत का दबदबा
आज भी इस सीट पर राव इंद्रजीत के परिवार का दबदबा है। 2014 में उनके समर्थित विक्रम ठेकेदार विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं। 2019 में बीजेपी के पुराने कार्यकर्ता लक्ष्मण सिंह यादव की राव इंद्रजीत सिंह की सिफारिश पर टिकट मिली और उन्होंने चुनाव भी जीता। इससे पहले इस सीट राव इंद्रजीत सिंह के छोटे भाई राव यदुविंदर सिंह चुनाव जीतते रहे हैं। खट्टर के करीबी रहे, रियल एस्टेट कारोबारी
अभिमन्यु खट्टर के साथ लंबे समय से काम कर रहे थे। नायब सैनी की तरह ही वह भी खट्टर के सहयोगी रहे। अभिमन्यु ने खट्टर के साथ लंबे समय तक संगठन में काम किया। खट्टर से जुड़ने से पहले वह गुरुग्राम और रेवाड़ी क्षेत्र में रियल स्टेट के कारोबार से जुड़े रहे हैं। हरियाणा | दैनिक भास्कर