हरियाणा में 11 मई को राज्यपाल को सौंपे पत्र में कांग्रेस पार्टी ने फ्लोर टेस्ट की मांग की थी, लेकिन अब पार्टी नेताओं ने अपनी प्लानिंग बदल दी है। फ्लोर टेस्ट कराने की बजाय कांग्रेस नेता अब विधानसभा भंग करने की प्लानिंग कर रहे हैं। इसी को लेकर कांग्रेस नेता आज हरियाणा के राज्यपाल से मिलने जा रहे हैं। वहां वे विधानसभा भंग करने की मांग करेंगे। पार्टी नेता इसके लिए हॉर्स ट्रेडिंग को सबसे बड़ा कारण बता रहे हैं। कांग्रेस विधायक दल के उपनेता आफताब अहमद ने बताया कि राज्यपाल से मिलने वाले प्रतिनिधिमंडल में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान और 4 विधायक शामिल होंगे। हालांकि किरण चौधरी के कांग्रेस छोड़ने के बाद विधानसभा में कांग्रेस विधायकों की संख्या 28 रह गई है। इससे पहले वरुण चौधरी ने लोकसभा चुनाव जीतने के बाद मुलाना विधानसभा से इस्तीफा दे दिया था। कांग्रेस ने इन वजहों से बदली रणनीति हरियाणा में 11 मई को राज्यपाल को सौंपे पत्र में कांग्रेस पार्टी ने फ्लोर टेस्ट की मांग की थी, लेकिन अब पार्टी नेताओं ने अपनी प्लानिंग बदल दी है। फ्लोर टेस्ट कराने की बजाय कांग्रेस नेता अब विधानसभा भंग करने की प्लानिंग कर रहे हैं। इसी को लेकर कांग्रेस नेता आज हरियाणा के राज्यपाल से मिलने जा रहे हैं। वहां वे विधानसभा भंग करने की मांग करेंगे। पार्टी नेता इसके लिए हॉर्स ट्रेडिंग को सबसे बड़ा कारण बता रहे हैं। कांग्रेस विधायक दल के उपनेता आफताब अहमद ने बताया कि राज्यपाल से मिलने वाले प्रतिनिधिमंडल में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान और 4 विधायक शामिल होंगे। हालांकि किरण चौधरी के कांग्रेस छोड़ने के बाद विधानसभा में कांग्रेस विधायकों की संख्या 28 रह गई है। इससे पहले वरुण चौधरी ने लोकसभा चुनाव जीतने के बाद मुलाना विधानसभा से इस्तीफा दे दिया था। कांग्रेस ने इन वजहों से बदली रणनीति हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हिसार में गंगवा का सैलजा के समर्थन में बयान:बोले- कांग्रेस की मानसिकता दलित विरोधी, तंवर ने इसीलिए छोड़ी थी कांग्रेस
हिसार में गंगवा का सैलजा के समर्थन में बयान:बोले- कांग्रेस की मानसिकता दलित विरोधी, तंवर ने इसीलिए छोड़ी थी कांग्रेस हरियाणा में हिसार जिले की बरवाला विधानसभा के BJP प्रत्याशी रणबीर गंगवा ने कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा पर जातिगत टिप्पणी की निंदा की है। गंगवा ने कहा कि सैलजा पर टिप्पणी से साफ है कि कांग्रेस पार्टी दलित विरोधी मानसिकता से ग्रसित है। गंगवा ने कहा कि भले ही कुमारी सैलजा राजनीतिक तौर पर अलग विचारधारा की पार्टी में है लेकिन फिर भी वह सांसद जैसे महत्वपूर्ण पद पर हैं। इसलिए भाजपा उनके प्रति इस्तेमाल की गई इस प्रकार की गंदी भाषा पर विरोध जताती है। उन्होंने कहा कि इससे पहले भी कांग्रेस पार्टी में अशोक तंवर पर बार-बार हमला किया गया और उन्हें पार्टी छोड़ने पर मजबूर किया गया। इस चुनाव में भी सांसद सैलजा के रूप में दलितों पर बार-बार ओछी और जातिवादी टिप्पणियां की जा रही है। इन बातों से पता चलता है कि कांग्रेस के दलित विरोधी होने की जो बात बीजेपी कह रही है, वह एकदम सत्य है। बरवाला को आधुनिक शहर बनाने का किया दावा
गंगवा ने बरवाला के वार्ड नंबर 1 व 19 में डोर टू डोर और मील गेट क्षेत्र में जनसंपर्क अभियान के दौरान बरवाला को आधुनिक शहर बनाने का दावा किया। गंगवा ने कहा है कि पिछले 10 वर्षों में हमारी सरकार ने जनता की अपेक्षाओं के हिसाब से काम किया है। भाजपा सरकार ने हरियाणा में 24 घंटे बिजली दी, हर जिले में शानदार सड़कों का जाल बिछाया। जरूरतमंदों को निशुल्क इलाज की सुविधा दी। बीपीएल के लाभार्थियों का दायरा बढ़ाया। कांग्रेस के समय में गैस सिलेंडर के लिए लाइन लगती थी, उस लाइन को हमारी सरकार ने खत्म किया और आज सिलेंडर घर-घर पहुंचा रहे हैं। गरीब परिवारों को 500 रूपए में सिलेंडर दिए जा रहे हैं। कांग्रेस 2-3 रुपए का चेक मुआवजे में देती थी
गंगवा ने कहा कि मुख्यमंत्री नायब सैनी ने थोड़े ही समय में सभी वर्गों का जीत जीता है। 24 फसलों को एमएसपी पर खरीदने की गारंटी दी है। किसानों को पहले 2-3 रुपए का चेक मिलता था, लेकिन अब भाजपा सरकार ने सुनिश्चित किया है कि फसल की पूरी राशि 100 प्रतिशत किसानों को पहुंचाई जाए। किसानों को बिजली के ट्रांसफार्मर के खराब होने पर आने वाले खर्च से मुक्त किया है। उन्होंने कहा कि हमने ‘प्रधानमंत्री सूर्य हर घर बिजली योजना’ की शुरुआत की है।
हरियाणा में एक और विधायक ने छोड़ा भाजपा का साथ:BJP प्रत्याशी को बताया ‘गद्दार’, निर्दलीय चुनाव लड़ने का किया ऐलान
हरियाणा में एक और विधायक ने छोड़ा भाजपा का साथ:BJP प्रत्याशी को बताया ‘गद्दार’, निर्दलीय चुनाव लड़ने का किया ऐलान हरियाणा के फरीदाबाद में पृथला विधानसभा क्षेत्र से 2019 में भाजपा को सर्मथन देने वाले निर्दलीय विधायक नयन पाल रावत ने भाजपा से किनारा कर लिया है। हाल ही में भाजपा ने अपनी 67 प्रत्याशियों की सूची जारी की है, जिसमें भाजपा ने पृथला विधानसभा से पूर्व विधायक टेक चंद शर्मा को अपना उम्मीदवार बनाया है। नयन पाल को उम्मीद थी की भाजपा पृथला की सीट से उन्हें उम्मीदवार बनाएगी या फिर उनके खिलाफ अपना कोई उम्मीदवार नहीं उतारेगी, लेकिन भाजपा ने अपना प्रत्याशी उतार कर नयन पाल की उम्मीदों को एक बड़ा झटका दिया है। नयन पाल रावत ने शनिवार को पृथला विधानसभा क्षेत्र के चंदावली इलाके में एक जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा, “मैंने 5 साल तक भाजपा सरकार को समर्थन दिया, लेकिन उन्होंने टिकट नहीं दी”। इस दौरान उन्होंने भाजपा उम्मीदवार टेक चंद शर्मा को गद्दार बताते हुए इस चुनाव में निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया। साथ ही इस दौरान चुनाव में जीत के बाद भाजपा या कांग्रेस को सर्मथन देने के सवाल पर उन्होंने कहा की जिस दल को भी सर्मथन चाहिए होगा उसे पृथला आकर पहले नाक रगड़कर माफी मांगनी होगी। ‘नयन पाल के रहते नहीं खिलेगा फूल’
“जब सब भाजपा को छोड़-छोड़ कर भाग रहे थे, तब मैं उनके साथ डटा हुआ था, लेकिन भाजपा ने मेरी टिकट काट दी। भले भाजपा ने मेरी टिकट काट दी हो लेकिन मुझे 36 बिरादरी का साथ है। इलाके की जनता आज भी 2019 की तरह ही मेरे साथ खड़ी है। मुझे भरोसा है कि मैं इस बार भी निर्दलीय जीत कर अपने पिछले रिकार्ड को तोड़ूंगा। इसके साथ ही नयन पाल ने एक बड़ा दावा करते हुए कहा की 2019 की तरह ही इस बार भी वो भाजपा प्रत्याशी की जमानत जब्त करवाएंगे। एवं उन्होंने कहा “जब तक नयन पाल पृथला में है तब तक वो यहां कमल का फूल नहीं खिलने देंगे”। ‘जीत को कोई रोक नहीं सकता’
विधायक ने कहा कि इस बार तो उनके साथ 30 गांव के सरपंच हैं, उनकी जीत को कोई रोक नहीं सकता। वहीं उन्होंने भाजपा द्वारा टेक चंद शर्मा को टिकट दिए जाने पर कहा कि टेक चंद शर्मा ने लोकसभा चुनाव में कहा था कि किसी भी हाल में वह भाजपा के चुनाव प्रचार में नहीं जाएंगे और ना ही भाजपा के प्रत्याशी का समर्थन करेंगे। वह पांच साल भाजपा का विरोध करते रहे लेकिन उन्हें भाजपा ने टिकट दे दी, पृथला विधानसभा की जनता इसे कतई बर्दाश्त नहीं करेगी। इस दौरान नामांकन पर जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि वो 10 सितंबर को नामांकन करेंगे। इस सीट पर खाता नहीं खोल पाई है भाजपा
पृथला का रण भाजपा के लिए बिल्कुल भी आसान नहीं रहा है। इस सीट पर अभी तक भाजपा जीत का खाता नहीं खोल पाई है। 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने यहां से सोहनलाल छौक्कड़ को उम्मीदवार बनाया था लेकिन नयन पाल ने निर्दलीय के तौर पर चुनाव लड़ सोहनलाल के साथ साथ कांग्रेस के रघुवीर तेवतिया को बुरी तरह हरा दिया था। हालांकि सरकार गठन के समय नयन पाल ने अपना सर्मथन खट्टर सरकार को ही दिया था। सीएम बदलने पर उठी थी बगावत की अटकलें
लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा ने खट्टर की जगह नायब सिंह सैनी को मुख्यंत्री बनाया। इसके बाद तीन निर्दलीय विधायकों ने भाजपा से अपना समर्थन वापस ले लिया था। इसमें सोमवीर सांगवान, धर्मपाल गोंदर और रणधीर गोलन के नाम शामिल था। इस समय अटकलें थी की नयन पाल भी पाला बदल सकते हैं। चर्चाएं जब तेज होने लगी तो नयन पाल ने खुद मीडिया के सामने आकर साफ किया की वो भाजपा का साथ नहीं छोड़ने वाले हैं। इस दौरान उन्होंने कहा था “मैं भाजपा का साथ नहीं छोड़ सकता, मेरे जीवन का सिद्धांत रहा है कि अगर आप किसी के साथ खड़े हैं, तो आप कायरों की तरह वहां से भाग नहीं सकते”।
हरियाणा में दीपेंद्र हुड्डा की सबसे बड़ी जीत:पिछली बार जहां सबसे बड़ी हार, वहीं सबसे छोटी जीत मिली; सभी 9 विधानसभाओं में हारी BJP
हरियाणा में दीपेंद्र हुड्डा की सबसे बड़ी जीत:पिछली बार जहां सबसे बड़ी हार, वहीं सबसे छोटी जीत मिली; सभी 9 विधानसभाओं में हारी BJP लोकसभा चुनाव में हरियाणा में कांग्रेस ने इस बार 5 सीटों पर जीत दर्ज की है। सबसे बड़े जीत की बात की जाए तो वह रोहतक सीट पर कांग्रेस कैंडिडेट दीपेंद्र सिंह हुड्डा की रही। दीपेंद्र ने BJP कैंडिडेट डॉ. अरविंद शर्मा को 3 लाख 45 हजार 298 वोटों से हराया। सबसे बड़ी बात यह रही कि दीपेंद्र हुड्डा ने रोहतक लोकसभा में पड़ने वाली सभी 9 विधानसभाओं में जीत हासिल की। 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में दीपेंद्र हुड्डा, डॉ. अरविंद शर्मा से कांटे की टक्कर में हार गए थे। दीपेंद्र सिंह हुड्डा अपने पिता पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा की विधानसभा क्षेत्र गढ़ी सांपला किलोई से सबसे बड़ी लीड लेकर आए हैं। दीपेंद्र को यहां से 77242 वोट की बढ़त मिली। पिछली बार गढ़ी-सांपला-किलोई हलके से दीपेंद्र को 45725 वोट मिले थे। यहां से उनकी जीत हुई थी।
345298 वोटों से जीते दीपेंद्र हुड्डा रोहतक लोकसभा सीट पर कुल 12 लाख 48 हजार 446 वोट (EVM व बैलट पेपर के मिलाकर) पोल हुए थे। दीपेंद्र हुड्डा को कुल 783578 वोट मिले। जबकि अरविंद शर्मा को 438280 वोट प्राप्त हुए। दोनों में हार-जीत का अंतर 345298 वोटों का रहा। पूरे हरियाणा में सबसे बड़ी लीड दीपेंद्र हुड्डा की रही। कोसली भी नहीं बचा पाई भाजपा
2019 के चुनाव में दीपेंद्र हुड्डा कोसली विधानसभा सीट से 74980 वोटों से हार मिली थी। इस बार कोसली से दीपेंद्र को 83422 वोट मिले। जबकि अरविंद शर्मा को यहां से 83420 वोट हासिल हुए। इस सीट पर दीपेंद्र, शर्मा से 2 वोटों की लीड पर रहे। सभी 9 विधानसभाओं में दीपेंद्र की यह सबसे छोटी जीत है। वोटिंग से पहले कोसली में भाजपा ने रैली भी की थी। यहां केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और गुरुग्राम से सांसद राव इंद्रजीत पहुंचे थे। कोसली में राव इंद्रजीत का काफी प्रभाव माना जाता है। रैली में राव इंद्रजीत ने अपने भाषण में केवल एक बार भाजपा उम्मीदवार डॉ. अरविंद शर्मा का नाम लिया था। जबकि नितिन गड़करी को बार-बार अपना मित्र बनाकर संबोधित कर रहे थे।