हरियाणा सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को दिवाली से पहले बड़ी राहत दी है। सरकार ने कर्मचारियों की बीमा राशि को 30 लाख से बढ़ाकर 50 लाख रुपए कर दिया है। कर्मचारियों का परमानेंट टर्म इंश्योरेंस दोगुना कर दिया है। इसे 2 से बढ़कर 4 लाख कर दिया गया है। वहीं दुर्घटना बीमा और विकलांगता बीमा राशि 30 लाख से बढ़ाकर 50 लाख कर दी गई है। इसके साथ-साथ आंशिक विकलांगता कवर को बढ़ाकर 10 गुणा कर दिया गया है। कवर पहले 5 लाख का था जिसे अब बढ़ाकर 50 लाख कर दिया है। बता दें कि हरियाणा में कर्मचारी एसोसिएशन मेडिकल क्लेम राशि बढ़ाने की मांग कर रही थी। सरकार से इस कदम से उनको राहत मिली है। लोकसभा चुनाव की तरह ही विधानसभा चुनाव में सरकारी कर्मचारियों ने भाजपा के खिलाफ वोट दिया था। मेडिकल राशि बढ़ाए जाने को जारी आदेश… विश्वविद्यालयों में नई भर्ती पर रोक हरियाणा सरकार ने आगामी आदेशों तक विश्वविद्यालयों में भर्तियों पर रोक जारी रखने के निर्देश दिए हैं। जिसको लेकर सरकार ने आदेश जारी किया है। बता दें कि इससे पहले हरियाणा सरकार ने 29 सितंबर, 2024 को आदेश जारी करते हुए कहा था कि हरियाणा के सभी राज्य विश्वविद्यालयों में किसी भी चरण की सभी चल रही भर्ती प्रक्रियाओं को तुरंत रोक दिया जाए। हालांकि, इसमें यह भी कहा गया है कि आचार संहिता हटने के तुरंत बाद भर्ती प्रक्रिया फिर से शुरू की जा सकती है। लेकिन अब आचार संहिता हटने के बाद भी सरकार ने भर्तियों पर अभी रोक जारी रखने के आदेश जारी किए हैं। विश्वविद्यालयों में नई भर्ती पर रोक लगाने के आदेश… सरकार से इसलिए नाराज हैं कर्मचारी 1. ओल्ड पेंशन स्कीम : सरकारी कर्मचारी लगातार हरियाणा में ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) की मांग कर रहे हैं। लगातार हरियाणा सरकार उनकी मांगों को अनदेखा करती रही। इस कारण कर्मचारी लगातार नाराज चल रहे थे। सरकार के खिलाफ कर्मचारी कई बार बड़े प्रदर्शन कर चुके हैं। मगर सरकार ने एक नहीं सुनी। 2. पक्की भर्ती : विभागों में रेगुलर भर्ती न करने और प्राइवेटाइजेशन के विरोध में सरकारी यूनियन लगातार विरोध कर रही थीं। रोडवेज और एजुकेशन जैसे विभागों में सरकार प्राइवेट कर्मचारी रख रही थी, जिसका यूनियन लगातार विरोध कर रही हैं। 3. विरोध प्रदर्शन पर कार्रवाई : सरकारी कर्मचारियों के बड़े विरोध प्रदर्शन पर सरकार को कई मोर्चों पर मांगें मानने की बजाय एक्शन लेना पड़ा। जिससे कर्मचारी सरकार की दमनकारी नीति का विरोध करते रहे हैं। हरियाणा सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को दिवाली से पहले बड़ी राहत दी है। सरकार ने कर्मचारियों की बीमा राशि को 30 लाख से बढ़ाकर 50 लाख रुपए कर दिया है। कर्मचारियों का परमानेंट टर्म इंश्योरेंस दोगुना कर दिया है। इसे 2 से बढ़कर 4 लाख कर दिया गया है। वहीं दुर्घटना बीमा और विकलांगता बीमा राशि 30 लाख से बढ़ाकर 50 लाख कर दी गई है। इसके साथ-साथ आंशिक विकलांगता कवर को बढ़ाकर 10 गुणा कर दिया गया है। कवर पहले 5 लाख का था जिसे अब बढ़ाकर 50 लाख कर दिया है। बता दें कि हरियाणा में कर्मचारी एसोसिएशन मेडिकल क्लेम राशि बढ़ाने की मांग कर रही थी। सरकार से इस कदम से उनको राहत मिली है। लोकसभा चुनाव की तरह ही विधानसभा चुनाव में सरकारी कर्मचारियों ने भाजपा के खिलाफ वोट दिया था। मेडिकल राशि बढ़ाए जाने को जारी आदेश… विश्वविद्यालयों में नई भर्ती पर रोक हरियाणा सरकार ने आगामी आदेशों तक विश्वविद्यालयों में भर्तियों पर रोक जारी रखने के निर्देश दिए हैं। जिसको लेकर सरकार ने आदेश जारी किया है। बता दें कि इससे पहले हरियाणा सरकार ने 29 सितंबर, 2024 को आदेश जारी करते हुए कहा था कि हरियाणा के सभी राज्य विश्वविद्यालयों में किसी भी चरण की सभी चल रही भर्ती प्रक्रियाओं को तुरंत रोक दिया जाए। हालांकि, इसमें यह भी कहा गया है कि आचार संहिता हटने के तुरंत बाद भर्ती प्रक्रिया फिर से शुरू की जा सकती है। लेकिन अब आचार संहिता हटने के बाद भी सरकार ने भर्तियों पर अभी रोक जारी रखने के आदेश जारी किए हैं। विश्वविद्यालयों में नई भर्ती पर रोक लगाने के आदेश… सरकार से इसलिए नाराज हैं कर्मचारी 1. ओल्ड पेंशन स्कीम : सरकारी कर्मचारी लगातार हरियाणा में ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) की मांग कर रहे हैं। लगातार हरियाणा सरकार उनकी मांगों को अनदेखा करती रही। इस कारण कर्मचारी लगातार नाराज चल रहे थे। सरकार के खिलाफ कर्मचारी कई बार बड़े प्रदर्शन कर चुके हैं। मगर सरकार ने एक नहीं सुनी। 2. पक्की भर्ती : विभागों में रेगुलर भर्ती न करने और प्राइवेटाइजेशन के विरोध में सरकारी यूनियन लगातार विरोध कर रही थीं। रोडवेज और एजुकेशन जैसे विभागों में सरकार प्राइवेट कर्मचारी रख रही थी, जिसका यूनियन लगातार विरोध कर रही हैं। 3. विरोध प्रदर्शन पर कार्रवाई : सरकारी कर्मचारियों के बड़े विरोध प्रदर्शन पर सरकार को कई मोर्चों पर मांगें मानने की बजाय एक्शन लेना पड़ा। जिससे कर्मचारी सरकार की दमनकारी नीति का विरोध करते रहे हैं। हरियाणा | दैनिक भास्कर
