हरियाणा के हिसार के हांसी में मुंढाल ड्रेन पर काम कर रहे मनरेगा मजदूर को सांप ने काट निया। घटना के समय वहां पर 100 के करीब मनरेगा मजदूर काम कर रहे थे। सांप ने एक मजदूर के पैर पर 6 डंक मारे। घायल मजदूर को हांसी के नागरिक अस्पताल में दाखिल किया गया। सिंघवा खास गांव के निवासी मनरेगा मजदूर जयभगवान ने बताया की वह आज सुबह 10 बजे के करीब मुंढाल ड्रेन की सफाई का काम कर रहे थे। जैसे ही उसने झाड़ियों में कस्सी मारी तो वहां पर छिपे सांप ने उसके पैर पर काट लिया। जयभगवान ने बताया कि सांप ने उसके पैर पर 6 डंक मारे। जयभगवान ने सांप के काटने की बात मनरेगा मैट को बताई। इसके बाद सभी ने मिल कर सांप को तलाश किया और मार डाला, ताकि वह किसी दूसरे मजदूर को न काट ले। एंबुलेंस बुलाकर मजदूर को पहले सोरखी सीएचसी में लेकर गए। वहां पर हॉस्पिटल स्टाफ ने कहा की यहां पर डॉक्टर नहीं हैं। इसके बाद उसे हांसी नागरिक अस्पताल लाया गया। वहां पर डॉक्टर ने उसका इलाज शुरू कर दिया। विभाग का काेई अधिकारी अस्पताल में नहीं पहुंचा, जिससे मजदूरों में रोष है। हरियाणा के हिसार के हांसी में मुंढाल ड्रेन पर काम कर रहे मनरेगा मजदूर को सांप ने काट निया। घटना के समय वहां पर 100 के करीब मनरेगा मजदूर काम कर रहे थे। सांप ने एक मजदूर के पैर पर 6 डंक मारे। घायल मजदूर को हांसी के नागरिक अस्पताल में दाखिल किया गया। सिंघवा खास गांव के निवासी मनरेगा मजदूर जयभगवान ने बताया की वह आज सुबह 10 बजे के करीब मुंढाल ड्रेन की सफाई का काम कर रहे थे। जैसे ही उसने झाड़ियों में कस्सी मारी तो वहां पर छिपे सांप ने उसके पैर पर काट लिया। जयभगवान ने बताया कि सांप ने उसके पैर पर 6 डंक मारे। जयभगवान ने सांप के काटने की बात मनरेगा मैट को बताई। इसके बाद सभी ने मिल कर सांप को तलाश किया और मार डाला, ताकि वह किसी दूसरे मजदूर को न काट ले। एंबुलेंस बुलाकर मजदूर को पहले सोरखी सीएचसी में लेकर गए। वहां पर हॉस्पिटल स्टाफ ने कहा की यहां पर डॉक्टर नहीं हैं। इसके बाद उसे हांसी नागरिक अस्पताल लाया गया। वहां पर डॉक्टर ने उसका इलाज शुरू कर दिया। विभाग का काेई अधिकारी अस्पताल में नहीं पहुंचा, जिससे मजदूरों में रोष है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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फरीदाबाद में नेशनल हाईवे पर चलती बस में लगी आग:ड्राइवर और कंडक्टर ने कूदकर बचाई अपनी जान, बड़ा हादसा टला हरियाणा के फरीदाबाद जिले में नेशनल हाईवे नंबर 19 पर बाटा चौक के पास एक हरियाणा रोडवेज की सीएनजी बस में अचानक से आग लग गई। गनीमत रही कि ड्राइवर और कंडक्टर ने सूझबूझ का परिचय देते हुए बस से कूद कर अपनी जान बचा ली और बस में लगी आग पर काबू पाने के लिए आसपास से पानी और लोगों की मदद लेकर कोशिश में जुट गए। बल्लभगढ़ से गुरुग्राम जा रही थी बस बस ड्राइवर नवीन ने बताया कि वह फरीदाबाद के बल्लभगढ़ बस डिपो से लेकर चले थे, जिन्हें गुरुग्राम बस डिपो में जाना था कि कुछ दूर चलते ही अचानक से बस के पीछे से उन्हें आग की लपटे और धुआं दिखाई दिया। जिसके चलते उन्होंने बस को रोक दिया और बस में लगी आग पर काबू पाने के लिए पास के ही मंदिर से पानी लेकर आग पर काबू पाने की कोशिश की। इसी दौरान किसी ने फायर ब्रिगेड को सूचना दी। इसके चलते फायर ब्रिगेड भी समय रहते ही मौके पर पहुंच गई। बस में नहीं थी कोई सवारी फायर ब्रिगेड टीम ने समय से मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पा लिया। चालक नवीन ने बताया कि उनकी बस में कोई भी सवारी नहीं थी, यदि सवारी होती, तो शायद आग लगने के चलते बड़ा हादसा हो सकता था। बता दे कि फिलहाल आग लगने के कारणों के बारे में कुछ भी स्पष्ट नहीं हो पाया है। शॉर्ट सर्किट की वजह से लगी आग : इंचार्ज सेक्टर 11 चौकी इंचार्ज विनोद कुमार ने बताया कि स्मार्ट सिटी की बस में पीछे के इंजन वाले हिस्से में शॉर्ट सर्किट होने की वजह से आग लग गई थी। कंडक्टर और ड्राइवर की मदद से फायर सिलेंडर से आग बुझाने की कोशिश की जा रही थी, लेकिन आग नहीं बुझी। मौके पर फायर ब्रिगेड को बुलाया गया। जिसके बाद आग पर काबू पाया गया। उन्होंने बताया कि कोई जानमाल का नुकसान नहीं हुआ है, क्योंकि बस के अंदर कोई भी सवारी नहीं थी।
हरियाणा में INDIA गठबंधन पर कांग्रेस में घमासान:बीरेंद्र बोले- लोकसभा में देख चुके असर; हुड्डा बोले- हमारे पक्ष में है माहौल
हरियाणा में INDIA गठबंधन पर कांग्रेस में घमासान:बीरेंद्र बोले- लोकसभा में देख चुके असर; हुड्डा बोले- हमारे पक्ष में है माहौल हरियाणा में बीजेपी को हराने के लिए कांग्रेस महागठबंधन की तैयारी कर रही है। इसलिए कांग्रेस लोकसभा चुनाव की तरह I.N.D.I.A गठबंधन के तहत आम आदमी पार्टी (AAP) से गठबंधन करने जा रही है। हालांकि इसको लेकर पार्टी के दो नेता आमने-सामने आ गए हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह AAP के साथ गठबंधन के पक्ष में हैं, लेकिन पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने गठबंधन को लेकर अपना विरोध प्रकट किया है। हालांकि राहुल गांधी चाहते हैं कि हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस लोकसभा चुनाव की तरह गठबंधन का धर्म निभाया जाए। हालांकि हरियाणा में कांग्रेस विधानसभा की 90 सीटों में से सहयोगी दलों को सिंगल डिजिट सीट ही देने को राजी है। इसको लेकर कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया और AAP नेताओं के बीच 2 दौर की मीटिंग भी हो चुकी है। ये कांग्रेस का गठबंधन प्लान पार्टी सूत्रों के मुताबिक इसमें कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि वह सहयोगी दलों को सिंगल डिजिट सीट ही दे सकते हैं। गठबंधन फॉर्मूले के तहत कांग्रेस AAP को 5 और सीपीआई, सीपीएम, सपा और NCP को एक-एक सीट देने को राजी है। हालांकि AAP 10 सीटों की मांग कर रही है। AAP से गठबंधन को लेकर प्रदेश कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया कह चुके हैं- “हम उनसे बात कर रहे हैं। कोई भी समझौता तभी संभव है जब दोनों पक्षों के लिए जीत वाली स्थिति हो। हम ऐसे समाधान पर काम कर रहे हैं जिससे दोनों पक्षों को फायदा हो। एक दो दिन में इस पर स्थिति साफ होगी। यदि बात नहीं बनती है तो छोड़ देंगे। 3 मेंबरी कमेटी बना चुकी कांग्रेस इस गठबंधन की पहल लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने की है। एक दिन पहले यानी मंगलवार को राहुल गांधी ने AAP से बातचीत के लिए 4 सदस्यों की कमेटी बनाई। जिसमें पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल के अलावा पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा, प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया और प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान को भी रखा गया है। वहीं गठबंधन की पहल से हरियाणा में कांग्रेस के लिहाज से राहुल गांधी ने 3 बड़े मैसेज दिए हैं। पहला मैसेज पूर्व CM भूपेंद्र हुड्डा के लिए है कि अपने स्तर पर अकेले चुनाव लड़ने की बात कहकर वह खुद को कांग्रेस से बड़ा नेता न समझें। विस्तार से पढ़ें, गठबंधन से राहुल गांधी के 3 निशाने 1. भूपेंद्र हुड्डा को भी इशारा किया हरियाणा में कांग्रेस के भूपेंद्र हुड्डा और सांसद कुमारी सैलजा-रणदीप सुरजेवाला के 2 गुट हैं। संगठन पर अभी हुड्डा की पकड़ है। प्रधान चौधरी उदयभान भी हुड्डा के करीबी हैं। हुड्डा लगातार कांग्रेस के अकेले चुनाव लड़ने की पैरवी करते रहे। उन्होंने लोकसभा चुनाव के वक्त भी कहा कि विधानसभा में AAP से गठबंधन नहीं होगा। हुड्डा के हाईकमान को इग्नोर कर सीधे दावे करने के बाद राहुल गांधी का गठबंधन की तरफ बढ़ना उनके लिए बड़ा झटका है। यह भी मैसेज दिया गया कि हुड्डा खुद को हरियाणा कांग्रेस न समझें, बल्कि पार्टी उनसे ऊपर है। यह भी माना जा रहा है कि पिछले दिनों कुमारी सैलजा के CM पद पर दावा ठोकना भी हुड्डा को झटका देने की रणनीति का ही हिस्सा है। खास बात यह है कि सैलजा जहां उनके चुनाव लड़ने से लेकर सीएम चुनने तक का फैसला हाईकमान पर छोड़ती रही हैं, वहीं हुड्डा अपने स्तर पर किसी भी पार्टी से गठबंधन की बात को नकारते आ रहे हैं। 2. एंटी इनकंबेंसी वाले वोटों का बिखराव रोकेंगे भाजपा 10 साल से प्रदेश में सरकार चला रही है। ऐसे में सत्ता के प्रति एक स्वाभाविक एंटी इनकंबेंसी (सत्ता विरोधी लहर) नजर आ रही है। अगर कांग्रेस और AAP अलग-अलग लड़ते हैं तो वोटों का बिखराव होना तय है। खास तौर पर पंजाब में कांग्रेस के प्रति एंटी इनकंबेंसी का सीधा फायदा AAP को पहुंचा। आप ने वहां 117 में से 92 सीटें जीत ली। कांग्रेस 18 पर सिमट गई। सत्ता के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी के वोट का विकल्प आप बनी तो कांग्रेस को नुकसान होना तय है। ऐसे में राहुल गांधी गठबंधन से इसे भी रोकना चाहते हैं। 3. भाजपा की गैर जाट पॉलिटिक्स का तोड़ हरियाणा में भाजपा गैर जाट पॉलिटिक्स करती है। 10 साल में पहले पंजाबी CM मनोहर लाल खट्टर और अब लोकसभा चुनाव से पहले OBC चेहरे नायब सैनी को सीएम बना दिया। भाजपा इस चुनाव में भी गैर जाट वोट बैंक के लिए ग्राउंड लेवल पर रणनीति बना रही है। इसके उलट कांग्रेस की पॉलिटिक्स जाट वोट बैंक पर निर्भर है। हुड्डा हरियाणा में सबसे बड़े जाट चेहरे हैं। हालांकि जाट वोट बैंक भी एकमुश्त कांग्रेस को मिले, यह भी संभव नहीं है। इसमें पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी (JJP) और अभय चौटाला की इंडियन नेशनल लोक दल (INLD) की सेंधमारी होगी। दूसरा कांग्रेस को SC वोट बैंक से उम्मीद है। लेकिन उसमें भी इनेलो के बसपा और JJP के चंद्रशेखर रावण की आजाद समाज पार्टी से गठबंधन के बाद सेंध लग सकती है। ऐसी सूरत में कांग्रेस आप को साथ लेकर उनके पक्ष के वोट बैंक को साधना चाहती है। जहां कांग्रेस मजबूत, वहां भी विपक्षी एकता का मैसेज हरियाणा में गठबंधन से राहुल गांधी की नजर फ्यूचर पॉलिटिक्स पर है। वह इसके जरिए I.N.D.I.A. ब्लॉक में शामिल उन छोटे-बड़े दलों को भरोसा देना चाहते हैं जिनमें कांग्रेस के प्रति भरोसे की कमी है। राहुल इससे सहयोगी दलों में कांग्रेस के साथ के प्रति भरोसा बढ़ाना चाहते हैं। इसके जरिए राहुल दूसरे राज्यों के दलों को भी मैसेज देना चाहते हैं। वहीं यह भी बताना चाहते हैं कि भले ही हरियाणा में 10 साल से सरकार चला रही BJP के प्रति एंटी इनकंबेंसी से कांग्रेस मजबूत होने का दावा कर रही है। लेकिन वह कमजोर दलों का साथ नहीं छोड़ रही। मध्यप्रदेश चुनाव में कांग्रेस पर इसको लेकर आरोप भी लगे थे कि सपा के साथ आखिरी वक्त तक बातचीत कर भी गठबंधन नहीं किया गया। दिल्ली में अगले साल विधानसभा चुनाव में गठबंधन हरियाणा के जरिए राहुल गांधी अगले साल 2025 में होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव को भी साधना चाहते हैं। देश की राजधानी दिल्ली में कांग्रेस ने शीला दीक्षित के मुख्यमंत्री रहते 1998 से लेकर 2013 तक सरकार बनाई। इसके बाद 2013 और 2015 में हुए चुनाव में कांग्रेस खाता भी नहीं खोल पाई। इस बार कांग्रेस हरियाणा में AAP को साथ लेकर दिल्ली में उनके साथ गठबंधन को लेकर दबाव बना सकती है। पहले निगम में कांग्रेस की सपोर्ट से AAP का मेयर बना चंडीगढ़ नगर निगम के 35 वार्डों के लिए इसी साल मार्च महीने में चुनाव हुआ था। इसका चुनाव तो AAP और कांग्रेस ने अलग-अलग लड़ा। जिसमें AAP के 13 पार्षद और कांग्रेस के 7 पार्षद जीत गए। भाजपा के 14 और एक पार्षद अकाली दल का बना। मेयर के लिए सबसे बड़ी पार्टी भाजपा बनी। हालांकि I.N.D.I.A. ब्लॉक के तहत आप-कांग्रेस ने मेयर चुनाव में गठबंधन कर लिया। जिसके बाद यहां कुलदीप कुमार आम आदमी पार्टी (AAP) के मेयर चुने गए। देश भर में I.N.D.I.A. ब्लॉक के आपस में मिलकर लड़ने और भाजपा को हराने का यह पहला चुनाव था।
13 शहरों में बारिश की चेतावनी:3 जगह मानसून का असर दिखा; 13 जिलों में अब तक कम बरसात हुई
13 शहरों में बारिश की चेतावनी:3 जगह मानसून का असर दिखा; 13 जिलों में अब तक कम बरसात हुई हरियाणा में अभी तक मानसून का पूरा असर नहीं दिखा है। अधिकतर जिलों में बादल तो छाए, लेकिन बारिश नहीं हुई। प्रदेश के 13 जिलों में कम बारिश हुई है। 15 जुलाई तक प्रदेश में 80.5 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई। सबसे कम बारिश होने वाले जिले फतेहाबाद में 48% ज्यादा, नूंह में 53% ज्यादा और महेंद्रगढ़ में 35% ज्यादा बारिश हुई। आज प्रदेश के 13 जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इनमें झज्जर, गुरुग्राम, सोहना, तावडू, मातनहेल, नूंह, रेवाड़ी, कोसली, महेंद्रगढ़, पटौदी, बावल, अटेली, नारनौल शामिल हैं। यहां 30-40 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से हवाएं चलने की भी संभावनाएं हैं। इसी तरह लोहारू, बाढ़ड़ा, चरखी-दादरी, बहादुरगढ़, फरीदाबाद, बल्लभगढ़, पलवल, हथीन, होडल, पुन्हाना और फिरोजपुर-झिरका में येलो अलर्ट है। सोमवार को करनाल, झज्जर और सोनीपत में अच्छी बारिश देखने को मिली। जबकि इससे पहले पूरे एक सप्ताह मानसून सुस्त बना हुआ था। कल से मौसम खराब हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (HAU) के कृषि-मौसम विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. मदन खीचड़ ने बताया कि हरियाणा में 19 जुलाई तक मौसम परिवर्तनशील रहने की संभावना है। 17 जुलाई तक राज्य में मानसूनी हवाओं की सक्रियता में मामूली कमी आने के आसार हैं, जिससे राज्य में वर्षा की गतिविधि में कमी आ सकती है। इस दौरान राज्य के उत्तरी जिलों में कुछ स्थानों पर हल्की बारिश, लेकिन पश्चिमी व दक्षिणी हरियाणा के जिलों में कुछ स्थानों पर बूंदाबांदी होने की संभावना है। हवा का रुख पूर्व से उत्तर-पश्चिमी होने के कारण दिन के तापमान में मामूली वृद्धि और वातावरण में नमी की मात्रा में कमी आने की संभावना है। 17 जुलाई की रात से राज्य में एक बार फिर मानसूनी सक्रियता बढ़ सकती है। इसके चलते 19 जुलाई तक राज्य के अधिकांश भागों में हवाओं व गरज के साथ हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। बारिश कम होने के कारण डॉ. मदन खीचड़ ने बताया कि मध्य प्रदेश साइड से मानसून ट्रफ, यूपी के आसपास है। आगे न बढ़ पाने के कारण मानसूनी हवाएं नहीं आ रहीं। जुलाई के आखिरी सप्ताह में अच्छी बारिश की संभावना है। पश्चिमी विक्षोभ भी कमजोर है। लोकल कलाउड डेवलप होने से कहीं-कहीं बारिश देखने को मिल रही है। अभी सूखे जैसे हालात हरियाणा में मानसून की एंट्री इस बार 28 जून को हुई थी। मानसून के पहले दौर में एक सप्ताह तक कुछ इलाकों में जोरदार बारिश हुई। मानसून आने के बाद भी अभी सूखे जैसे हालात हैं। बारिश कम हो रही है। जून-जुलाई के 46 दिनों में अब तक 31 फीसदी कम बारिश रिकॉर्ड की गई है। ये खबरें भी पढ़ें…