हाईकोर्ट पहुंचा HSGMC चुनाव का मामला:SAD ने डाली याचिका; चुनाव लड़ने पर लगी रोक हटाने की मांग, सिंबल भी दिया जाए

हाईकोर्ट पहुंचा HSGMC चुनाव का मामला:SAD ने डाली याचिका; चुनाव लड़ने पर लगी रोक हटाने की मांग, सिंबल भी दिया जाए

शिरोमणि अकाली दल (SAD) ने हरियाणा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (HSGMC) का चुनाव लड़ने के लिए अपनी अयोग्यता के खिलाफ पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। शिअद को एचएचजीएमसी चुनाव लड़ने के लिए इस आधार पर अयोग्य घोषित कर दिया गया था, कि वह जनप्रतिनिधित्व अधिनियम (RPA) 1951 के तहत भारत के चुनाव आयोग (ECI) के साथ एक पंजीकृत राजनीतिक दल है। हरियाणा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनाव 19 जनवरी को होने हैं। शिअद की ओर से पार्टी नेता दलजीत सिंह चीमा ने इस मामले को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में शिअद ने यह भी अनुरोध किया है कि याचिकाकर्ता पार्टी या उसके प्रत्याशियों को चुनाव चिन्ह आवंटित किए जाएं तथा उन्हें विधिवत अधिसूचित चुनावों में भाग लेने के लिए अनुमति दी जाए। शिअद की तरफ से ये दी गई दलील शिअद द्वारा उठाया गया मुख्य मुद्दा यह है कि क्या किसी राजनीतिक दल को, जो अधिनियम के प्रावधानों के तहत पंजीकृत है, केवल राजनीतिक दल के रूप में उसकी मान्यता के आधार पर किसी धार्मिक निकाय के चुनाव लड़ने से अयोग्य ठहराया जा सकता है। 18 सितंबर 2023 के आदेश को रद्द करने के लिए निर्देश मांगे गए हैं, जिसके तहत अधिनियम की धारा 29A के तहत ईसीआई के साथ पंजीकृत राजनीतिक दलों को समूह बनाने से रोक दिया गया है। इस प्रकार उन्हें एचएसजीएमसी के चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया है। आयोग ने अपनी अधिकारों का दुरुपयोग किया याचिका के अनुसार, ये आदेश जारी करके हरियाणा गुरुद्वारा आयोग के आयुक्त ने न केवल अपनी क्षमता से परे जाकर काम किया है, बल्कि अपने अधिकार क्षेत्र से भी परे जाकर काम किया है। क्यों कि उन्होंने हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधन अधिनियम 2014 की धारा 10 के तहत निर्धारित योग्यता मानदंडों को दोबारा संशोधित किया है। इस प्रकार 2014 एक्ट की धारा 52 के अनुसार, जो शक्तियां और कार्य राज्य विधानमंडल में निहित हैं, उन्हें गुरुद्वारा चुनाव आयुक्त द्वारा योग्यता मानदंड निर्धारित करने के लिए हड़प लिया गया, जो केवल प्रतीकों की सूची प्रकाशित करने के लिए सक्षम थे। ये है चुनाव का पूरा शेड्यूल हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनाव जनवरी 2025 में होने हैं। 19 जनवरी को वोटिंग होगी। इसके ठीक बाद काउंटिंग शुरू हो जाएगी। चुनाव के संबंध में आज (18 दिसंबर) को अधिसूचना प्रकशित होगी। 20 दिसंबर से 28 दिसंबर तक नामांकन दाखिल किए जाएंगे। 30 दिसम्बर को नामांकनों की स्क्रुटनी की जाएगी।31 दिसम्बर को नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि है। 1 जनवरी 2025 को दोबारा जांच के लिए भेजी जाने वाले नामांकन पत्रों की जांच होगी। साथ ही वैलिड नामांकनों की भी सूची जारी की जाएगी। 2 जनवरी को सिंबल अलॉट किए जाएंगे। इसके इलावा पोलिंग स्टेशनों की भी सूची जारी की जाएगी। 19 जनवरी को सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक मतदान है। मतदान के तुरंत बाद मतगणना होगी. जिसके बाद उसी दिन रिजल्ट भी जारी कर दिया जाएगा। EVM से होनी है वोटिंग कुल 40 वार्डों में चुनाव हैं। इसमें कम से कम 25 साल तक के अमृतधारी सिख ही चुनाव लड़ पाएंगे। उसे गुरुमुखी लिपि पढ़नी और लिखनी आनी चाहिए। मतदान इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन यानी कि ईवीएम से कराया जाएगा। गुरुद्वारे का वेतनभोगी सेवक, अपनी दाढ़ी या केश को काटने या साफ करने वाले, शराब या नशीले पदार्थों या हलाल मांस का सेवन करने वाले चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। इसके अलावा मानसिक रूप से अस्वस्थ, दिवालिया घोषित और नैतिक अधमता से संबंधित किसी अपराध में दोषी व्यक्ति चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। शिरोमणि अकाली दल (SAD) ने हरियाणा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (HSGMC) का चुनाव लड़ने के लिए अपनी अयोग्यता के खिलाफ पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। शिअद को एचएचजीएमसी चुनाव लड़ने के लिए इस आधार पर अयोग्य घोषित कर दिया गया था, कि वह जनप्रतिनिधित्व अधिनियम (RPA) 1951 के तहत भारत के चुनाव आयोग (ECI) के साथ एक पंजीकृत राजनीतिक दल है। हरियाणा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनाव 19 जनवरी को होने हैं। शिअद की ओर से पार्टी नेता दलजीत सिंह चीमा ने इस मामले को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में शिअद ने यह भी अनुरोध किया है कि याचिकाकर्ता पार्टी या उसके प्रत्याशियों को चुनाव चिन्ह आवंटित किए जाएं तथा उन्हें विधिवत अधिसूचित चुनावों में भाग लेने के लिए अनुमति दी जाए। शिअद की तरफ से ये दी गई दलील शिअद द्वारा उठाया गया मुख्य मुद्दा यह है कि क्या किसी राजनीतिक दल को, जो अधिनियम के प्रावधानों के तहत पंजीकृत है, केवल राजनीतिक दल के रूप में उसकी मान्यता के आधार पर किसी धार्मिक निकाय के चुनाव लड़ने से अयोग्य ठहराया जा सकता है। 18 सितंबर 2023 के आदेश को रद्द करने के लिए निर्देश मांगे गए हैं, जिसके तहत अधिनियम की धारा 29A के तहत ईसीआई के साथ पंजीकृत राजनीतिक दलों को समूह बनाने से रोक दिया गया है। इस प्रकार उन्हें एचएसजीएमसी के चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया है। आयोग ने अपनी अधिकारों का दुरुपयोग किया याचिका के अनुसार, ये आदेश जारी करके हरियाणा गुरुद्वारा आयोग के आयुक्त ने न केवल अपनी क्षमता से परे जाकर काम किया है, बल्कि अपने अधिकार क्षेत्र से भी परे जाकर काम किया है। क्यों कि उन्होंने हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधन अधिनियम 2014 की धारा 10 के तहत निर्धारित योग्यता मानदंडों को दोबारा संशोधित किया है। इस प्रकार 2014 एक्ट की धारा 52 के अनुसार, जो शक्तियां और कार्य राज्य विधानमंडल में निहित हैं, उन्हें गुरुद्वारा चुनाव आयुक्त द्वारा योग्यता मानदंड निर्धारित करने के लिए हड़प लिया गया, जो केवल प्रतीकों की सूची प्रकाशित करने के लिए सक्षम थे। ये है चुनाव का पूरा शेड्यूल हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनाव जनवरी 2025 में होने हैं। 19 जनवरी को वोटिंग होगी। इसके ठीक बाद काउंटिंग शुरू हो जाएगी। चुनाव के संबंध में आज (18 दिसंबर) को अधिसूचना प्रकशित होगी। 20 दिसंबर से 28 दिसंबर तक नामांकन दाखिल किए जाएंगे। 30 दिसम्बर को नामांकनों की स्क्रुटनी की जाएगी।31 दिसम्बर को नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि है। 1 जनवरी 2025 को दोबारा जांच के लिए भेजी जाने वाले नामांकन पत्रों की जांच होगी। साथ ही वैलिड नामांकनों की भी सूची जारी की जाएगी। 2 जनवरी को सिंबल अलॉट किए जाएंगे। इसके इलावा पोलिंग स्टेशनों की भी सूची जारी की जाएगी। 19 जनवरी को सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक मतदान है। मतदान के तुरंत बाद मतगणना होगी. जिसके बाद उसी दिन रिजल्ट भी जारी कर दिया जाएगा। EVM से होनी है वोटिंग कुल 40 वार्डों में चुनाव हैं। इसमें कम से कम 25 साल तक के अमृतधारी सिख ही चुनाव लड़ पाएंगे। उसे गुरुमुखी लिपि पढ़नी और लिखनी आनी चाहिए। मतदान इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन यानी कि ईवीएम से कराया जाएगा। गुरुद्वारे का वेतनभोगी सेवक, अपनी दाढ़ी या केश को काटने या साफ करने वाले, शराब या नशीले पदार्थों या हलाल मांस का सेवन करने वाले चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। इसके अलावा मानसिक रूप से अस्वस्थ, दिवालिया घोषित और नैतिक अधमता से संबंधित किसी अपराध में दोषी व्यक्ति चुनाव नहीं लड़ सकेंगे।   हरियाणा | दैनिक भास्कर