हिमाचल और पंजाब-चंडीगढ़ के टैक्सी ऑपरेटरों के बीच विवाद गहराता जा रहा है। हिमाचल के टैक्सी ऑपरेटरों को चंडीगढ़-पंजाब में सवारी उठाने से रोका जा रहा है और प्रदेश में भी बाहरी राज्यों की टैक्सियों को सवारी नहीं उठाने दी जा रही। ऐसा ही एक वीडियो चंडीगढ़ एयरपोर्ट का वायरल हो रहा है, जिसमें हिमाचल की एक टैक्सी को चंडीगढ़ एयरपोर्ट से सवारियां बिठाने को इनकार कर दिया गया है। पंजाब-चंडीगढ़ के टैक्सी ऑपरेटर कुफरी टैक्सी यूनियन का एक मैसेज दिखाकर हिमाचल के टैक्सी चालक को सवारियां उठाने से मना करते हैं। इससे पड़ोसी राज्यों में काम करने वाले टैक्सी ऑपरेटर में डर का माहौल पैदा हो रहा हैं। यह विवाद नहीं रोका गया तो इससे आने वाले दिनों में तनाव ओर बढ़ेगा। मगर सरकार अभी गहरी नींद में सोई हुई है। हिमाचल की टैक्सी यूनियन के नोटिस से बवाल हिमाचल की कई टैक्सी यूनियन ने नोटिस जारी कर स्पष्ट किया कि वन-वे काम करने वाली टैक्सियों को सवारी नहीं उठाने दी जाएगी। इससे चंडीगढ़-पंजाब के टैक्सी ऑपरेटर भड़क उठे हैं। ऑल इंडिया टैक्सी परमिट व्हीकल को रोकना गलत: शरणजीत पंजाब-चंडीगढ़ की आजाद टैक्सी यूनियन के प्रधान शरणजीत सिंह ने बताया कि ऑल इंडिया टैक्सी परमिट व्हीकल को सवारी उठाने से रोकना गलत है। हिमाचल की कई यूनियन ने इस तरह का नोटिस निकाला है, जो कि बिल्कुल गलत है। यदि उनकी यूनियन की किसी गाड़ी को सवारी उठाने से रोका गया तो वह हाईकोर्ट में चुनौती देंगे। उन्होंने कहा, आजाद टैक्सी यूनियन ने हिमाचल की गाड़ी को चंड़ीगढ़-पंजाब में रोकने का कोई आदेश नहीं दिया। मगर हिमाचल की जो गाड़ी रोकी जा रही है, वह वो लोग रोक रहे हैं, जिन्हें हिमाचल में सवारी उठाने से इनकार किया जा रहा है। वन-वे काम करने की इजाजत नहीं: वीरेन शिमला में कुफरी की टैक्सी यूनियन के प्रधान वीरेन कंवर ने बताया, वन-वे काम करने वाली टैक्सी को सवारी नहीं उठाने दी जाएगी। इससे लोकल काम खत्म हो रहा है। यदि कोई गाड़ी बाहर से सवारी लेकर आती है और उनका पैकेज निर्धारित है, तो उन्हें काम करने से नहीं रोका जाएगा। वीरेन ने कहा, ओला-उबर एप से आने वाली गाड़ियों को नहीं बख्शा जाएगा। उन्होंने कहा, प्राइवेट गाड़ियां भी इन एप पर पंजीकरण करवाकर सवारी ढोने का काम कर रही है। इससे न केवल सरकार को टैक्स के तौर पर नुकसान हो रहा है, बल्कि टैक्सी ऑपरेटरों का काम भी चौपट हो रहा है। इस पर रोक लगनी चाहिए। एयरपोर्ट, ब्रॉडगेज रेलवे स्टेशन नहीं होने की चुकानी पड़ रही कीमत हिमाचल को प्रदेश में कोई बड़ा एयरपोर्ट और ब्रॉड गेज रेलवे स्टेशन नहीं होने का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। इस वजह से देशभर से पहाड़ों पर आने वाला पर्यटक सीधे हिमाचल नहीं पहुंच पाता, बल्कि उन्हें चंडीगढ़ उतरना पड़ता है। चंडीगढ़ से ज्यादातर पर्यटक टैक्सियों में हिमाचल पहुंचता है। मगर चंडीगढ़ एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन पर बार बार हिमाचल की टैक्सियों को टूरिस्ट नहीं उठाने देने की खबरें आ रही है। हिमाचल के टैक्सी ऑपरेटर भी यही कर रहे है और पंजाब व हिमाचल की सरकारें अभी गहरी नींद में सोई हुई है। हिमाचल और पंजाब-चंडीगढ़ के टैक्सी ऑपरेटरों के बीच विवाद गहराता जा रहा है। हिमाचल के टैक्सी ऑपरेटरों को चंडीगढ़-पंजाब में सवारी उठाने से रोका जा रहा है और प्रदेश में भी बाहरी राज्यों की टैक्सियों को सवारी नहीं उठाने दी जा रही। ऐसा ही एक वीडियो चंडीगढ़ एयरपोर्ट का वायरल हो रहा है, जिसमें हिमाचल की एक टैक्सी को चंडीगढ़ एयरपोर्ट से सवारियां बिठाने को इनकार कर दिया गया है। पंजाब-चंडीगढ़ के टैक्सी ऑपरेटर कुफरी टैक्सी यूनियन का एक मैसेज दिखाकर हिमाचल के टैक्सी चालक को सवारियां उठाने से मना करते हैं। इससे पड़ोसी राज्यों में काम करने वाले टैक्सी ऑपरेटर में डर का माहौल पैदा हो रहा हैं। यह विवाद नहीं रोका गया तो इससे आने वाले दिनों में तनाव ओर बढ़ेगा। मगर सरकार अभी गहरी नींद में सोई हुई है। हिमाचल की टैक्सी यूनियन के नोटिस से बवाल हिमाचल की कई टैक्सी यूनियन ने नोटिस जारी कर स्पष्ट किया कि वन-वे काम करने वाली टैक्सियों को सवारी नहीं उठाने दी जाएगी। इससे चंडीगढ़-पंजाब के टैक्सी ऑपरेटर भड़क उठे हैं। ऑल इंडिया टैक्सी परमिट व्हीकल को रोकना गलत: शरणजीत पंजाब-चंडीगढ़ की आजाद टैक्सी यूनियन के प्रधान शरणजीत सिंह ने बताया कि ऑल इंडिया टैक्सी परमिट व्हीकल को सवारी उठाने से रोकना गलत है। हिमाचल की कई यूनियन ने इस तरह का नोटिस निकाला है, जो कि बिल्कुल गलत है। यदि उनकी यूनियन की किसी गाड़ी को सवारी उठाने से रोका गया तो वह हाईकोर्ट में चुनौती देंगे। उन्होंने कहा, आजाद टैक्सी यूनियन ने हिमाचल की गाड़ी को चंड़ीगढ़-पंजाब में रोकने का कोई आदेश नहीं दिया। मगर हिमाचल की जो गाड़ी रोकी जा रही है, वह वो लोग रोक रहे हैं, जिन्हें हिमाचल में सवारी उठाने से इनकार किया जा रहा है। वन-वे काम करने की इजाजत नहीं: वीरेन शिमला में कुफरी की टैक्सी यूनियन के प्रधान वीरेन कंवर ने बताया, वन-वे काम करने वाली टैक्सी को सवारी नहीं उठाने दी जाएगी। इससे लोकल काम खत्म हो रहा है। यदि कोई गाड़ी बाहर से सवारी लेकर आती है और उनका पैकेज निर्धारित है, तो उन्हें काम करने से नहीं रोका जाएगा। वीरेन ने कहा, ओला-उबर एप से आने वाली गाड़ियों को नहीं बख्शा जाएगा। उन्होंने कहा, प्राइवेट गाड़ियां भी इन एप पर पंजीकरण करवाकर सवारी ढोने का काम कर रही है। इससे न केवल सरकार को टैक्स के तौर पर नुकसान हो रहा है, बल्कि टैक्सी ऑपरेटरों का काम भी चौपट हो रहा है। इस पर रोक लगनी चाहिए। एयरपोर्ट, ब्रॉडगेज रेलवे स्टेशन नहीं होने की चुकानी पड़ रही कीमत हिमाचल को प्रदेश में कोई बड़ा एयरपोर्ट और ब्रॉड गेज रेलवे स्टेशन नहीं होने का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। इस वजह से देशभर से पहाड़ों पर आने वाला पर्यटक सीधे हिमाचल नहीं पहुंच पाता, बल्कि उन्हें चंडीगढ़ उतरना पड़ता है। चंडीगढ़ से ज्यादातर पर्यटक टैक्सियों में हिमाचल पहुंचता है। मगर चंडीगढ़ 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शिमला में मस्जिद निर्माण मामला उलझा:कांग्रेस विधायक बोले- बाहरी लड़ाई में शहर की शांति न करें भंग, प्रशासन करेगा कार्रवाई, कोई पार्षद नहीं शिमला के उपनगर संजोली स्थित विवादित निर्माणाधीन मस्जिद का विवाद उलझ गया है। रविवार को हुए प्रदर्शन पर आज शिमला शहरी से कांग्रेस विधायक हरीश जनारथा ने प्रदर्शनकारियों को नसीहत दी। उन्होंने कहा कि बाहर के मामले में शिमला शहर की शांति भंग ना करें। शहर के बाहर दो गुटों में हुए झगड़े को धर्म से ना जोड़ा जाए। दरअसल रविवार को संजोली में बनी विवादित मस्जिद के बाहर हिंदूवादी संगठनों ने समुदाय विशेष पर शिमला का का माहौल खराब करने के आरोप लगाए थे। प्रदर्शकारियों ने कहा कि समुदाय विशेष के लोग बाहर से आकर शिमला की शांति भंग कर रहे है। बीते दिनों शिमला के मल्याणा में युवक पर इन्ही लोगो ने तेजदार हथियारों से जानलेवा हमला किया। जिसके बाद हिंदूवादी संगठनों में समुदाय विशेष के खिलाफ रोष बढ़ गया और रविवार को शिमला के संजोली स्थित मस्जिद केबाहर फुट गया। इस दौरान प्रदर्शकारियों ने संजौली में बनी मस्जिद अवैध होने के आरोप लगाए थे और उसको ध्वस्त करने की मांग की। विधायक बोले मामले में दिया गया धर्म का एंगल सोमवार को मामले में नया मोड़ आ गया है, शिमला शहर के विधायक हरीश जनारथा ने मामले में प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह विवाद दो गुटों के आपसी झगड़े के कारण पैदा हुआ है। यह झगड़ा मल्याणा क्षेत्र में हुआ है। इस मुद्दे को बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मल्याणा में हुए झगड़े को वहां के पार्षद सहित सिमिट्री व भट्टकुफर के पार्षद ने मिलकर संजोली में पहुंचा दिया। पुलिस को इस झगड़े में FIR दर्ज करने के पहले निर्देश दे दिए थे। इस मामले को हिन्दू व मुस्लिम समुदाय का रूप दिया गया वह बिल्कुल गलत है।शिमला एक शांतिप्रिय जगह है और इसकी शांति भंग न करें। अवैध निर्माण पर प्रशासन करेगा कार्रवाई, कोई पार्षद नहीं विधायक ने कहा कि जो अवैध मस्जिद की बात कर रहे हैं तो यह मस्जिद 1950 से पहले की है। यहां जो अवैध निर्माण हुआ है उसका मामला कोर्ट में चल रहा है और उसकी सुनवाई शनिवार को है। वक्फ बोर्ड इस केस केस को लड़ रहा है। यह मामला 2009 से यह मामला चल रहा है।इसके बाद कितनी सरकारें आयी।इस मामले में किसी धर्म समुदाय पर बोलना उचित नही। उन्होंने कहा कि निर्माण अवैध हुआ है तो कानून इसमें अपनी कार्रवाई करेगा कोई पार्षद नहीं। प्रदर्शन में शामिल ने बाहरी लोग ,शहर वासी नहीं उन्होंने कहा कि संजौली में जो कल जो विवाद हुआ उसमे अधिकतर लोग भट्टाकुफ़्फ़र व मल्याणा क्षेत्र के थे और कुछ कांग्रेस के पार्षद भी थे। उन्होंने कहा कि बाहरी मामले शिमला शहर की शांति क्यों भंग की जा रही है बाहर के विवाद पर शिमला विधानसभा क्षेत्र में क्यों हंगामा किया जा किया जा रहा है।पार्षदों के बोलने से किसी को वैध या अवैध नही बोला जा सकता।यह मामला कोर्ट में है और इस पर निर्णय भी वही देगा। नगर निगम ने माना है मस्जिद के कुछ मंजिल अवैध वहीं बीते कल मौके पर पहुंचे नगर निगम आयुक्त ने यह माना कि मस्जिद के ऊपरी कुछ मंजिल अवैध है ।लेकिन इसका मामला कोर्ट में चला हुआ है ।कोर्ट से फैसला आने के बाद बी नगर निगम मामले कार्रवाई की जा सकती है। क्या है मामला…? बता दें कि शिमला के संजौली के शिमला में एक मस्जिद के निर्माण को लेकर काफी समय सवाल उठ रहे थे। जिसको लेकर हिंदू वादी संगठनों के कार्यकर्ताओं में अंदर ही अंदर गुस्सा पनप रहा था। पंरन्तु बीते दिनों शिमला के मल्याणा में दो गुटों में झगड़ा हो गया है। जिसमे कुछ समुदाय विशेष के लोगो ने तेजधार हथियारों से एक युवक को लहूलुहान कर दिया जिसके बाद इस विवाद ने रफ्तार पकड़ी और इसका गुस्सा रविवार को शिमला के संजौली में बनी मस्जिद के बाहर फुट गया । प्रदर्शकारियों ने मल्याणा में हुई मारपीट करने वाले लोगो के खिलाफ कार्रवाही व मस्जिद के अवैध निर्माण को गिराने की मांग की।
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हिमाचल के मैदानी इलाकों में ठंड और कोहरा:1 सप्ताह से नहीं हुई बारिश, न्यूनतम तापमान सामान्य से -1.1 डिग्री गिरा हिमाचल प्रदेश में दिन में गर्मी और रात में ठंड का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। पिछले एक सप्ताह में हिमाचल प्रदेश में सामान्य से 91 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई है। प्रदेश के 7 जिलों में बारिश लगभग शून्य रही है। जिसके चलते प्रदेश के मैदानी इलाकों में ठंड और कोहरा लगातार बढ़ रहा है। पिछले 24 घंटों के दौरान न्यूनतम तापमान में सामान्य से -1.1 डिग्री से ज्यादा की गिरावट आई है। प्रदेश का औसत न्यूनतम तापमान सामान्य से -1.2 डिग्री नीचे चला गया है। 24 घंटों में पांवटा साहिब और जुब्बड़हट्टी के तापमान में सबसे ज्यादा 3 डिग्री की गिरावट आई है। मनाली का न्यूनतम पारा भी 8.4 डिग्री प्रदेश के 5 शहरों का न्यूनतम पारा 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे गिर गया है। केलांग का तापमान 1.1 डिग्री सेल्सियस तक लुढ़क गया है। कल्पा का पारा भी 4.5 डिग्री, केलांग 2.7 , कुकुमसैरी 2.1 डिग्री, समदो 5.6 डिग्री , सराहन में 9 डिग्री और दुनियाभर में मशहूर पर्यटन स्थल मनाली का न्यूनतम पारा भी 8.4 डिग्री रह गया है। इससे इन शहरों में सुबह शाम को ठंड का एहसास होने लगा है। वहीं दिन के समय मे मैदानी क्षेत्रों में गर्मी सर्दियों में भी पसीने छुड़ा रही है। प्रदेश के 9 शहरों का अधिकतम पारा अभी भी 30 डिग्री से ज्यादा चल रहा है। ऊना का तापमान सबसे ज्यादा 34.4 डिग्री सेल्सियस चल रहा है। मौसम विभाग की मानें तो प्रदेश में अगले 5,6 दिन मौसम साफ रहेगा। इससे दिन का तापमान अभी सामान्य से ज्यादा बना रहेगा, लेकिन सुबह शाम के तापमान में गिरावट आएगी। हिमाचल प्रदेश में बीते 24 घण्टो में 0.2% बारिश दर्ज की गई है।
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