अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) ने हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस का नया संगठन खड़ा करने के लिए 2 राष्ट्रीय सचिव व प्रदेश प्रभारी शिमला भेज रखे हैं। दोनों सचिव विदित चौधरी और चेतन चौहान 2 दिन से प्रदेश कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व और फ्रंटल ऑर्गेनाइजेशन के पदाधिकारियों से राजीव भवन शिमला में वन टू वन बात कर रहे हैं। दोनों राष्ट्रीय सचिव ने आज भी कांग्रेस के सभी फ्रंटल संगठनों के साथ वन टू वन मीटिंग कर रहे हैं। सूत्रों की माने तो आज की मीटिंग फ्रंटल ऑर्गेनाइजेशन के पदाधिकारियों ने संगठन में ऐसे लोगों को तैनाती देने की मांग की जो सरकार में किसी पद पर नहीं है। पार्टी नेताओं ने वन मैन, वन पोस्ट के सिद्धांत का कड़ाई से पालन करने और महिलाओं व युवाओं को संगठन जगह देने की बात रखी। सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस नेताओं ने हिमाचल सरकार के विभिन्न बोर्ड निगमों तैनाती नहीं होने का मुद्दा भी राष्ट्रीय सचिव के समक्ष उठाया है, क्योंकि सुक्खू सरकार 11 दिसंबर को 2 साल पूरा करने जा रही है। मगर अभी भी कई बोर्ड निगमों में तैनाती नहीं की गई। इससे पार्टी वर्कर मायूस है। ब्लॉक और जिला स्तर पर जाएंगे पर्यवेक्षक राष्ट्रीय सचिव विदित चौधरी ने बताया कि नए संगठन में तैनाती के लिए किसी नेता से नजदीकियां नहीं बल्कि उसके द्वारा बीते सालों के दौरान किए गए काम को देखा जाएगा। इसके लिए प्रदेशभर के नेताओं से फीडबैक ली जा रही है। हाईकमान द्वारा तैनात पर्यवेक्षक जिला और ब्लॉक स्तर पर जाकर नेताओं से मुलाकात करेंगे। इनकी सिफारिश पर हाईकमान को रिपोर्ट सौंपी जाएगी। NSUI और युवा कांग्रेस नेताओं ने किया मीटिंग से किनारा AICC ने राष्ट्रीय सचिव व हिमाचल सह प्रभारी के साथ आयोजित मीटिंग से युवा कांग्रेस और NSUI नेताओं ने किनारा किया। आज की मीटिंग में युवा कांग्रेस और NSUI के अध्यक्ष शामिल नहीं हुए। लिहाजा कांग्रेस के फ्रंटल संगठनों के नेताओं का इस मीटिंग से दूरी बनाना राजीव भवन में भी चर्चा का कारण बना रहा। कल पर्यवेक्षक के साथ मीटिंग विदित चौधरी और चेतन चौहान अगले कल लोकसभा, जिला और ब्लाक स्तर पर कार्यकारिणी के चयन को तैनात पर्यवेक्षकों के साथ मीटिंग करेंगे। इस दौरान उन्हें नया संगठन बनाने को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए जाएंगे। प्रदेश में पहली बार इस तरह नई कार्यकारिणी बनाई जा रही। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) ने हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस का नया संगठन खड़ा करने के लिए 2 राष्ट्रीय सचिव व प्रदेश प्रभारी शिमला भेज रखे हैं। दोनों सचिव विदित चौधरी और चेतन चौहान 2 दिन से प्रदेश कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व और फ्रंटल ऑर्गेनाइजेशन के पदाधिकारियों से राजीव भवन शिमला में वन टू वन बात कर रहे हैं। दोनों राष्ट्रीय सचिव ने आज भी कांग्रेस के सभी फ्रंटल संगठनों के साथ वन टू वन मीटिंग कर रहे हैं। सूत्रों की माने तो आज की मीटिंग फ्रंटल ऑर्गेनाइजेशन के पदाधिकारियों ने संगठन में ऐसे लोगों को तैनाती देने की मांग की जो सरकार में किसी पद पर नहीं है। पार्टी नेताओं ने वन मैन, वन पोस्ट के सिद्धांत का कड़ाई से पालन करने और महिलाओं व युवाओं को संगठन जगह देने की बात रखी। सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस नेताओं ने हिमाचल सरकार के विभिन्न बोर्ड निगमों तैनाती नहीं होने का मुद्दा भी राष्ट्रीय सचिव के समक्ष उठाया है, क्योंकि सुक्खू सरकार 11 दिसंबर को 2 साल पूरा करने जा रही है। मगर अभी भी कई बोर्ड निगमों में तैनाती नहीं की गई। इससे पार्टी वर्कर मायूस है। ब्लॉक और जिला स्तर पर जाएंगे पर्यवेक्षक राष्ट्रीय सचिव विदित चौधरी ने बताया कि नए संगठन में तैनाती के लिए किसी नेता से नजदीकियां नहीं बल्कि उसके द्वारा बीते सालों के दौरान किए गए काम को देखा जाएगा। इसके लिए प्रदेशभर के नेताओं से फीडबैक ली जा रही है। हाईकमान द्वारा तैनात पर्यवेक्षक जिला और ब्लॉक स्तर पर जाकर नेताओं से मुलाकात करेंगे। इनकी सिफारिश पर हाईकमान को रिपोर्ट सौंपी जाएगी। NSUI और युवा कांग्रेस नेताओं ने किया मीटिंग से किनारा AICC ने राष्ट्रीय सचिव व हिमाचल सह प्रभारी के साथ आयोजित मीटिंग से युवा कांग्रेस और NSUI नेताओं ने किनारा किया। आज की मीटिंग में युवा कांग्रेस और NSUI के अध्यक्ष शामिल नहीं हुए। लिहाजा कांग्रेस के फ्रंटल संगठनों के नेताओं का इस मीटिंग से दूरी बनाना राजीव भवन में भी चर्चा का कारण बना रहा। कल पर्यवेक्षक के साथ मीटिंग विदित चौधरी और चेतन चौहान अगले कल लोकसभा, जिला और ब्लाक स्तर पर कार्यकारिणी के चयन को तैनात पर्यवेक्षकों के साथ मीटिंग करेंगे। इस दौरान उन्हें नया संगठन बनाने को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए जाएंगे। प्रदेश में पहली बार इस तरह नई कार्यकारिणी बनाई जा रही। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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मंडी पहुंचे खेल एवं कानून मंत्री गामा:कर्मचारी संघ के स्थापना दिवस में की शिरकत, यादविंदर बोले- सुक्खू सरकार ने प्रदान की आर्थिक सुरक्षा हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ का 59वां राज्य स्तरीय स्थापना दिवस आज मंडी में आयोजित किया गया, जिसकी अध्यक्षता आयुष, युवा सेवाएं एवं खेल तथा कानून मंत्री यादविंदर गोमा ने की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के विकास में कर्मचारियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। कर्मचारी सरकार की नीतियों एवं कार्यक्रमों को आम लोगों तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहे हैं और प्रदेश सरकार भी कर्मचारी हितैषी होने के साथ-साथ उनके कल्याण के लिए प्राथमिकता प्रदान कर रही हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कर्मचारियों के हितों के साथ-साथ सभी वर्गों का एक समान विकास किया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री प्रदेश के लोगों का दुख-दर्द भली भांति समझते हैं। मुख्यमंत्री ने जहां एक लाख 36 हजार से अधिक एनपीएस कर्मचारियों को ओपीएस देकर उनका भविष्य सुरक्षित किया है, वहीं उनको आर्थिक व सामाजिक सुरक्षा प्रदान की है। 1000 करोड़ की अतिरिक्त राशि जारी की उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा कर्मचारियों को पुरानी पेंशन देने पर इस वर्ष एक हजार करोड़ रुपए की अतिरिक्त राशि जारी की है। उन्होंने कहा कि पूर्व की भाजपा सरकार ने कर्मचारियों की करीब 10 हजार करोड़ रुपए की देनदारियों को लंबित रखा, जिसमें वेतन आयोग का एरियर व लंबित डीए शामिल है। वर्तमान प्रदेश सरकार इन देनदारियों का प्राथमिकता के आधार पर निपटारा कर रही है। दिवाली के अवसर पर कर्मचारियों व पेंशनरों को चार प्रतिशत मंहगाई भत्ता जारी किया गया तथा 75 साल अधिक आयु के पेंशनरों को बकाया एरियर का पूरा भुगतान कर दिया गया है, जबकि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को एरियर का 20 हजार रुपए भी जारी किए गए हैं। पेंशनरों की चिकित्सा प्रतिपूर्ति निपटारे के लिए सभी विभागों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। सीमित संसाधनों के बावजूद प्रदेश सरकार कर्मचारियों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने हिमाचल के प्रति उदासीन रवैया अपना रखा है, बावजूद इसके मुख्यमंत्री समय-समय पर कर्मचारियों के देय लाभ जारी कर रहे हैं। ओपीएस देने वाला हिमाचल पहला राज्य उन्होंने कहा कि हिमाचल देश का पहला राज्य है जो एनपीएस के बाद ओपीएस दे रहा है। यह ओपीएस अब भाजपा सरकार के राज्यों के लिए गले की फांस बन रहा है। पूर्व की भाजपा सरकार ने ओपीएस बहाली के लिए चलाए जा रहे आंदोलन में शामिल कर्मचारी नेताओं को प्रताड़ित किया तथा विधानसभा में शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों पर लाठियों तथा वाटर कैनन का प्रयोग किया। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री अब भी प्रदेश के बाहर जाकर प्रदेश को बदनाम कर रहे हैं तथा ओपीएस बहाली पर टीका टिप्पणी कर रहे हैं, जो कि उनको शोभा नहीं देता।उन्होंने कहा कि सरकार कर्मचारियों की सभी मांगों को चरणबद्ध ढंग से पूरा करेगी तथा जो भी मांगें अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ द्वारा रखी गई हैं उन सभी को मुख्यमंत्री के समक्ष रखा जाएगा। उन्होंने कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए आयोजकों को 51 हजार रुपए देने की घोषणा की।
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शिमला में खेल मैदान की गिरी दीवार:गाड़ी व एक कच्चा घर चपेट में आया, पूर्व पार्षद पर लगाए आरोप हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में 2 दिन हुई भारी बारिश के बाद संजौली में बड़ा लैंड स्लाइड हुआ है। जानकारी के मुताबिक लैंड स्लाइड में शिमला नगर निगम के इंजन घर वार्ड में बने खेल के मैदान की दीवार ढह गई है। जिसके कारण मैदान के बड़े हिस्से में दरार आ गई है। दीवार ढहने से एक गाड़ी और एक ढारा चपेट में आ गया है। घटना शनिवार की बताई जा रही है। ढारा और गाड़ी चपेट में आए जानकारी के मुताबिक यह खेल का मैदान शिमला नगर निगम का है और इंजन घर वार्ड के अंतर्गत आता है। संजौली शिमला का सबसे भीड़ भाड़ वाला क्षेत्र है। इस खेल के मैदान में बच्चे और युवा खेलने पहुंचते है। गनीमत यह रही कि लैंड स्लाइड की घटना रात के अंधेरे में हुई है। उस वक्त वहां पर कोई नहीं था और हादसे में कोई जानी नुकसान नहीं हुआ। परन्तु दीवार ढहने से एक गाड़ी और एक ढारा चपेट में आ गया है। दीवार के अगले हिस्से पर भी गिरने का खतरा बन गया है। जिसके कारण दो अन्य ढारों को भी खाली कराने के निर्देश दे दिए है। स्थानीय पार्षद के पूर्व पार्षद पर आरोप स्थानीय पार्षद अंकुश ने बताया कि पूर्व पार्षद ने भाजपा शासित नगर निगम में नियमों को ताक पर रख कर काम किया है। उन्होंने कहा कि खेल के मैदान में कोई ड्रेनेज सिस्टम नहीं है। सड़क का सारा पानी मैदान में आता है। उन्होंने कहा कि पूर्व पार्षद आरती चौहान ने मामले में लीपा-पोती की है। उन्होंने कहा कि जितना मैदान का पैसा आया, उस हिसाब से काम नहीं हुआ है । अंकुश ने कहा कि पूर्व पार्षद ने हवा में डंगे लगा दिए है। नींव को खाली रख दिया जिसके कारण मैदान का कार्य कच्चा रह गया और बारिश के कारण लैंड स्लाइड हो गया है। जांच कराने की मांग वर्तमान पार्षद अंकुश ने मांग करते हुए कहा कि नगर निगम को मामले में जांच करनी चाहिए कि पूर्व पार्षद ने चहेते ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने के लिए हवा में डंगे लगा दिए और जनता के करोड़ों रुपए बर्बाद किए है। इसकी जांच होनी चाहिए।
हिमाचल के 3 जिलों में फ्लैश-फ्लड की चेतावनी:मानसून में नॉर्मल से 38% कम बारिश; कई क्षेत्रों में सूखे जैसे हालात, चिंता में सेब बागवान
हिमाचल के 3 जिलों में फ्लैश-फ्लड की चेतावनी:मानसून में नॉर्मल से 38% कम बारिश; कई क्षेत्रों में सूखे जैसे हालात, चिंता में सेब बागवान हिमाचल के तीन जिले शिमला, सिरमौर और कांगड़ा में सुबह 11.30 बजे तक फ्लैश फ्लड की चेतावनी दी गई है। इसे देखते हुए लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। वहीं प्रदेश में इस बार मानसून धीमा पड़ा हुआ है। पूरे मानसून सीजन के दौरान अब तक नॉर्मल से 38 प्रतिशत कम बारिश हुई है। प्रदेश का एक भी जिला ऐसा नहीं है जहां सामान्य से ज्यादा बारिश हुई हो। इसकी सबसे ज्यादा मार सेब की फसल पर पड़ रही है। प्रदेश में एक जून से 23 जुलाई तक 285.2 मिलीमीटर नॉर्मल बारिश होती है, लेकिन इस बार 175.6 मिलीमीटर बादल ही बरसे है। लाहौल स्पीति, किन्नौर, सिरमौर और ऊना जिला में तो नॉर्मल की तुलना में 50 प्रतिशत कम बारिश हुई है। मौसम विभाग की बार बार चेतावनी के बावजूद अच्छी बारिश नहीं हो पा रही है। बीते 24 घंटे के दौरान इक्का दुक्का स्थानों पर ही हल्की बारिश हुई है। सेब पर पड़ रही सूखे की मार बारिश नहीं होने से सेब की तैयार फसल पर संकट के बादल मंडराने लगे है। सेब के बगीचों में कई बीमारियां लग गई है। बगीचों में नमी नहीं होने की वजह से सेब का अच्छा साइज नहीं बन पा रहा और कई क्षेत्रों में ड्रॉट की वजह से सेब के दाने फट रहे हैं। इससे बागवानों की चिंताएं बढ़ती जा रही है। सेब के अलावा टमाटर, फूलगोभी, शिमला मिर्च पर भी सूखे की मार पड़नी शुरू हो गई है। 29 जुलाई तक बारिश के आसार मौसम विभाग के अनुसार, 29 जुलाई तक बारिश होने का पूर्वानुमान है। मगर आज और कल मानसून थोड़ा कमजोर रहेगा। परसो यानी 26 जुलाई से 29 जुलाई के बीच प्रदेश के ज्यादातर इलाकों में बारिश का पूर्वानुमान है।